बहकती बहू-8 (Sasur Ka Ling Darshan Samaroh)
Sasur ji ka mota lund – कहानी का पिछला भाग: – बहकती बहू-7 सुबह मदनलाल और शांति चाय पी रहे थे। सुनील ऑफिस के काम से निकल चुका था। चाय पीते-पीते मदनलाल की आँखों में मोरनी बनी काम्या का नंगा बदन घूम रहा था। तभी उसने देखा कि काम्या ढेर सारा गेहूँ लेकर किचन के …