सेक्स विडिओ देखने के बाद दोस्त की बीवी को लंड दिया

मेरा नाम शक्ति है। उम्र 24 साल, कद 5 फीट 11 इंच, और मैं दिखने में काफी हैंडसम और सेक्सी हूँ। मेरा शरीर फिट है, चौड़ी छाती, मजबूत बाजुएँ और एक आकर्षक मुस्कान जो लड़कियों को दीवाना बना देती है। मैं एक अच्छे खानदान से हूँ, और हमारा पारिवारिक बिजनेस कपड़ों का है, जो शहर में काफी मशहूर है। मैं लंबे समय से अपनी जिंदगी की एक सच्ची और रोमांचक घटना आप सबके साथ शेयर करना चाहता था। ये कहानी मेरे साथ करीब एक साल पहले घटी, और आज मैं इसे आप तक पहुँचाने जा रहा हूँ।

ये कहानी मेरे दोस्त राकेश परमार से शुरू होती है। राकेश 27 साल का है, मध्यम कद का, गोरा रंग, और चेहरे पर हमेशा एक चुलबुली हँसी। उसका स्वभाव इतना दोस्ताना है कि कोई भी उससे जल्दी घुलमिल जाता है। हमारी दोस्ती चार साल पहले शुरू हुई थी, जब हम एक बिजनेस डील के दौरान मिले। हम दोनों की आदत थी कि अकेले में बैठकर कामसूत्र की नंगी वीडियो देखते थे। हँसते-हँसते लंड हिलाते, मूठ मारते, और एक-दूसरे की टांग खींचते। वो दिन बेफिक्र थे, बस मस्ती और मजाक।

पिछले साल राकेश की शादी हो गई। उसकी बीवी का नाम गीता है, उम्र 24 साल। गीता भाभी को देखकर कोई भी कह सकता है कि वो किसी अप्सरा से कम नहीं। उनका फिगर एकदम परफेक्ट—पतली कमर, गोरा रंग, लंबे काले बाल, और आँखें जो किसी को भी अपनी ओर खींच लें। उनकी चूचियाँ मध्यम आकार की, लेकिन इतनी टाइट और उभरी हुई कि किसी का भी ध्यान खींच लें। गांड गोल और भारी, जो जींस में और भी सेक्सी लगती थी। उनका व्यवहार इतना प्यारा था कि वो हर किसी को अपना बना लेती थीं। लेकिन उनकी मुस्कान में एक शरारत थी, जो मुझे हमेशा थोड़ा बेचैन कर देती थी।

शादी के छह महीने बाद मैंने नोटिस किया कि गीता भाभी मुझसे कुछ ज्यादा ही खुलकर बात करने लगी थीं। कभी-कभी राकेश के सामने भी वो नॉनवेज जोक मार देती थीं और हँसकर टाल देती थीं। एक बार मैंने राकेश को किसी काम से फोन किया। फोन गीता भाभी ने उठाया। उनकी आवाज में एक अजीब सी मिठास थी। बोलीं, “शक्ति, तुम तो अब आना ही बंद कर दिए? क्या बात है, कोई गर्लफ्रेंड मिल गई क्या?” मैं हक्का-बक्का रह गया। फिर वो हँसने लगीं, “अरे, मजाक कर रही हूँ! लेकिन सच में, तुम अब दिखते ही नहीं।” मैंने हँसकर कहा, “भाभी, बस थोड़ा बिजी हूँ। राकेश से बात करवा दो।” लेकिन उनके लहजे में कुछ ऐसा था कि मैं सोच में पड़ गया।

मैं गीता भाभी से थोड़ी दूरी बनाकर रखने की कोशिश करता था। डर था कि कहीं कुछ गलत न हो जाए। राकेश मेरा दोस्त था, और मैं उसका भरोसा नहीं तोड़ना चाहता था। लेकिन एक दिन राकेश का फोन आया। बोला, “शक्ति, आजकल तू कहाँ गायब है? आज छुट्टी है, घर आ जा। मैं और गीता अकेले हैं, घरवाले बाहर गए हैं।” मैंने ज्यादा सोचा नहीं और कहा, “ठीक है, आता हूँ।” मैं तैयार हुआ, अपनी बाइक निकाली और राकेश के घर पहुँच गया।

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दरवाजा खटखटाया तो सामने गीता भाभी खड़ी थीं। उन्होंने टाइट ब्लू जींस और पिंक टॉप पहना था, जो उनके फिगर को और भी उभार रहा था। उनकी चूचियाँ टॉप में से साफ दिख रही थीं, और जींस में उनकी गांड इतनी सेक्सी लग रही थी कि मैं एक पल को ठगा सा रह गया। वो मुस्कराईं और बोलीं, “आ जाओ, शक्ति! अंदर आओ।” उनकी आवाज में एक अजीब सी गर्मी थी। मैं अंदर गया। हम राकेश के बेडरूम में पहुँचे। वहाँ कोई नहीं था। मैंने पूछा, “भाभी, राकेश कहाँ है?” वो बोलीं, “उसे कुछ जरूरी काम से बाहर जाना पड़ा। थोड़ी देर में आएगा।” फिर वो मेरे लिए पानी ले आईं और बेड पर मेरे सामने बैठ गईं।

मैंने पानी का ग्लास लिया और थोड़ा असहज महसूस करने लगा। गीता भाभी ने फिर वही सवाल दोहराया, “शक्ति, तुम तो अब आते ही नहीं? कोई गर्लफ्रेंड मिल गई क्या?” मैंने हँसकर कहा, “नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं।” तभी वो बोलीं, “राकेश ने मुझे सब बता दिया है। तुम दोनों क्या-क्या करते थे। कामसूत्र वीडियो देखते थे, लंड हिलाते थे, हाँ?” ये सुनकर मेरे होश उड़ गए। मेरा चेहरा लाल हो गया, और मैं हकलाने लगा। भाभी मेरे पास आकर बैठ गईं, इतने करीब कि उनकी साँसें मुझे महसूस हो रही थीं। वो मुस्कराते हुए बोलीं, “अरे, शरमाओ मत! राकेश ने सब कुछ बताया।” मैं सोच में पड़ गया कि राकेश ने ये सब क्यों बताया?

तभी भाभी और करीब आईं और अचानक मेरे सीने से लिपट गईं। मैं डर गया। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। फिर वो बोलीं, “शक्ति, चलो ना, हम दोनों मिलकर कामसूत्र वीडियो देखते हैं।” मैं हैरान था, मुँह खुला का खुला रह गया। मेरा लंड पैंट के अंदर तनने लगा था। भाभी ने मेरी हालत देखी और हँसते हुए बोलीं, “अरे, इतना शरमाते क्यों हो? देखो, तुम्हारा चेहरा कितना लाल हो गया!” वो और करीब आईं, उनकी चूचियाँ मेरे कंधे से टच हो रही थीं। मैं अपने आप को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मुश्किल हो रहा था।

अचानक भाभी मेरी गोद में आकर बैठ गईं। मैंने हड़बड़ाते हुए कहा, “भाभी, ये क्या कर रही हैं?” वो मेरे गाल और गले पर किस करने लगीं। उनकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं। वो बोलीं, “शक्ति, मुझे तुम बहुत पसंद हो।” मैंने हिम्मत करके उन्हें अपनी बाहों में जकड़ लिया और उनके होंठों पर किस कर दिया। उनकी जीभ मेरी जीभ से टकराई, और हम दोनों एक-दूसरे को चूसने लगे। उनका मुँह गर्म था, और वो इतने जुनून से किस कर रही थीं कि मेरा लंड अब पैंट में दर्द करने लगा था।

गीता भाभी ने अपना हाथ मेरी पैंट पर फिराना शुरू किया। मैंने भी हिम्मत जुटाई और उनका टॉप ऊपर उठाकर उनकी चूचियों को दबाने लगा। उनकी चूचियाँ मुलायम लेकिन टाइट थीं, जैसे दो गोरे-गोरे आम। मैंने उनका टॉप उतार दिया। उनकी सफेद ब्रा में उनकी चूचियाँ और भी सेक्सी लग रही थीं। मैंने ब्रा का हुक खोला, और उनकी नंगी चूचियाँ मेरे सामने थीं। वो बड़ी, गोरी और गुलाबी निप्पलों वाली थीं। मैंने एक निप्पल मुँह में लिया और चूसने लगा। भाभी की सिसकारियाँ निकलने लगीं, “आह… शक्ति… और जोर से…” मैं दूसरी चूची को दबाते हुए पहली को चूस रहा था। उनकी साँसें तेज हो रही थीं।

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फिर भाभी ने मेरी पैंट का बटन खोला और उसे नीचे सरका दिया। मैंने अपनी शर्ट उतारी, और अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था। भाभी ने मेरा लंड अंडरवियर के ऊपर से दबाया और बोलीं, “कितना मोटा है तेरा लंड!” फिर उन्होंने मेरा अंडरवियर भी उतार दिया। मेरा 7 इंच का लंड अब उनके सामने था, पूरा तना हुआ, जैसे कोई हथियार। भाभी की आँखों में चमक थी। वो बोलीं, “शक्ति, ये तो बहुत बड़ा है!” उन्होंने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और सहलाने लगीं। उनकी उंगलियाँ मेरे लंड पर धीरे-धीरे फिसल रही थीं, और मैं सिहर उठा। फिर वो नीचे झुकीं और मेरे लंड का सुपारा अपने मुँह में ले लिया। उनकी जीभ मेरे लंड के टॉप पर गोल-गोल घूम रही थी। “आह… भाभी…” मैं सिसकारी लेने लगा। वो मेरे लंड को चूस रही थीं, जैसे कोई लॉलीपॉप हो। उनका मुँह गर्म और गीला था, और वो हर बार लंड को गहराई तक ले रही थीं।

मैंने भाभी की जींस का बटन खोला और उसे नीचे सरकाया। उनकी काली पैंटी में उनकी चूत का उभार साफ दिख रहा था। मैंने उनकी पैंटी उतारी, और उनकी चूत मेरे सामने थी—गोरी, चिकनी, और हल्की सी गीली। भाभी बेड पर लेट गईं और अपनी टाँगें फैलाकर बोलीं, “शक्ति, मेरी चूत चूसो ना!” मैं उनकी चूत के पास गया। उसकी खुशबू मुझे पागल कर रही थी। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर रखी और चाटना शुरू किया। उनकी चूत गीली थी, और उसका स्वाद नमकीन लेकिन नशीला था। मैं उनकी क्लिट को जीभ से सहलाने लगा। भाभी चिल्लाईं, “आह… उफ्फ… शक्ति… और जोर से!” मैं उनकी चूत में जीभ डालकर चूस रहा था, और वो अपनी गांड उठा-उठाकर मेरे मुँह में धक्के दे रही थीं। “आ… आह… उह…” उनकी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं।

तभी अचानक दरवाजा खुला। मैंने देखा—राकेश खड़ा था। मैं डर के मारे ठंडा पड़ गया। लेकिन राकेश ने हँसते हुए अपने कपड़े उतार दिए और नंगा होकर गीता से लिपट गया। मैं हैरान था। गीता भाभी ने मुझे देखा और बोलीं, “शक्ति, ये हम दोनों की प्लानिंग थी।” राकेश हँसते हुए गीता को किस करने लगा। मैं अभी भी सदमे में था। गीता बोलीं, “शक्ति, इधर आओ!” मैं उनके पास गया। गीता ने मेरा लंड फिर से मुँह में लिया और चूसने लगीं। राकेश उनकी चूत को चाट रहा था। भाभी मेरे लंड को जोर-जोर से चूस रही थीं, “म्म… उह… कितना मोटा है…” वो कह रही थीं। राकेश उनकी चूत में जीभ डालकर चूस रहा था, और भाभी की सिसकारियाँ और तेज हो गई थीं, “आह… उफ्फ… राकेश… शक्ति…”

फिर राकेश ने अपना लंड गीता की चूत में डाला और जोर-जोर से पेलने लगा। “चट… चट…” की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। गीता चिल्ला रही थीं, “आह… राकेश… और जोर से…” कुछ ही मिनटों में राकेश झड़ गया। उसका पानी गीता की चूत में ही निकल गया। गीता ने मेरी ओर देखा और बोलीं, “शक्ति, अब तू आजा। अपनी बारी दिखा!” मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा। उनकी चूत गीली और गर्म थी। मैंने धीरे से लंड अंदर डाला। “आह…” गीता की सिसकारी निकली। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। उनकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड पूरा अंदर जाने में थोड़ा वक्त लगा। “उह… शक्ति… कितना बड़ा है…” गीता चिल्ला रही थीं।

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मैंने स्पीड बढ़ाई। “चट… चट… चप…” की आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं। गीता की चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं। मैंने उनकी चूचियों को पकड़ लिया और जोर-जोर से दबाने लगा। “आह… उफ्फ… शक्ति… और जोर से…” गीता चिल्ला रही थीं। मैंने उन्हें अपने ऊपर खींच लिया। अब वो मेरे लंड पर उछल रही थीं। उनकी गांड मेरे जांघों पर टकरा रही थी, और मैं उनकी गांड को दोनों हाथों से पकड़कर नीचे से धक्के मार रहा था। “आ… आह… उह…” गीता की सिसकारियाँ और तेज हो गई थीं। मैंने उनकी चूत में और गहराई तक लंड पेला। उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी।

करीब दस मिनट की चुदाई के बाद गीता की साँसें और तेज हो गईं। वो चिल्लाईं, “शक्ति… मैं झड़ने वाली हूँ… और जोर से!” मैंने स्पीड और बढ़ा दी। उनकी चूत ने मेरे लंड को और जोर से जकड़ लिया, और वो जोर से चिल्लाते हुए झड़ गईं, “आह… उह… उफ्फ…” उनका पूरा शरीर काँप रहा था। मैंने और जोर से धक्के मारे। मेरा भी पानी निकलने वाला था। मैंने लंड बाहर निकाला और गीता के चेहरे पर पिचकारी छोड़ दी। “आह…” गीता ने मेरे लंड को फिर से मुँह में लिया और आखिरी बूँद तक चूस लिया।

मैं हाँफते हुए बोला, “भाभी, ये सब क्या था?” गीता हँसते हुए बोलीं, “शक्ति, हम दोनों एक ही तरह की चुदाई से बोर हो गए थे। हमें कुछ नया चाहिए था। इसलिए हमने ये प्लान बनाया।” राकेश ने हँसते हुए कहा, “शक्ति, तुझे छिपकर सेक्स करते देखना बहुत मजेदार था। मैं बहुत गर्म हो गया था।” फिर हम तीनों ने हँसते हुए एक-दूसरे को देखा। अब जब भी हमें सेक्स का मन होता है, हम बेझिझक मिलकर मजे लेते हैं। लेकिन हर बार हम पहले कामसूत्र वीडियो देखते हैं और नए-नए पोज आजमाते हैं।

क्या आपको लगता है कि ऐसी प्लानिंग सही है? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएँ!

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