Student ka gangbang chudai – मेरा नाम नीलम है, उम्र 19 साल। पिछले कुछ हफ्तों से मेरे दिमाग में बस अरविन्द सर की वो जंगली चुदाई घूम रही थी।
कहानी का पिछला भाग: सेक्स की कहानियाँ पढ़ा कर टीचर ने चोदा – भाग 2
उनकी दी हुई सीडी अब पुरानी हो चुकी थी, अब वो मुझे व्हाट्सएप पर देसी पोर्न वीडियो भेजते थे। रात को जब मम्मी सो जातीं, मैं चुपके से फोन खोलती। लड़कियाँ चीख-चीखकर लंड माँग रही होती थीं, उनकी सिसकारियाँ मेरे कानों में गूँजतीं। मेरी साँसें तेज हो जातीं, और मेरी चूत में हल्की सी गुदगुदी शुरू हो जाती। मैं अपनी जाँघें रगड़ लेती, कभी-कभी उंगली से अपनी चूत को हल्का सा सहलाती, पर ज्यादा नहीं। मैं चाहती थी कि असली मजा सर के साथ मिले। मम्मी अब ज्यादातर घर पर ही रहती थीं, तो सर और मुझे चुदाई का मौका नहीं मिल रहा था। ट्यूशन में सर मेरे पास बैठते, किताब के पीछे से मेरे बूब्स को हल्का सा दबाते, और मेरे कान में फुसफुसाते, “नीलम, तेरी चूत की आग कब बुझाऊँ?” मैं शरम से लाल हो जाती, मेरी धड़कन बढ़ जाती, और धीरे से कहती, “सर, आप ही कोई जुगत लगाइए। मैं तो तड़प रही हूँ।”
4 सितंबर की शाम थी। मैं अपने कमरे में लेटी थी, और सर ट्यूशन के लिए आए। मैंने एक टाइट क्रीम कुर्ता और पतली सलवार पहनी थी, जो मेरे 30 इंच के बूब्स और 34 इंच के हिप्स को उभार रही थी। दुपट्टा मैंने जानबूझकर ढीला रखा था, ताकि सर मेरे क्लीवेज को ताड़ सकें। पढ़ाई के दौरान सर की नजरें मेरी जाँघों पर टिकी थीं। वो पेन से कुछ लिखने के बहाने मेरी जाँघ को हल्का सा छू लेते, और मेरी साँसें तेज हो जातीं। मम्मी ड्रॉइंग रूम में थीं, चाय बनाकर लाईं, तो मैं और सर चुप रहे।
पढ़ाई खत्म होने के बाद सर ने मम्मी से कहा, “मैडम, कल टीचर्स डे है। मेरे घर पर छोटी सी सेलिब्रेशन रखी है। मेरे कुछ स्टूडेंट्स और दो-तीन टीचर्स आएँगे। नीलम को भी बुलाना चाहता हूँ। शाम 5 बजे से शुरू होगा, 8 बजे तक खत्म हो जाएगा। इजाजत हो तो…….” मम्मी ने हँसते हुए कहा, “अरे, अरविन्द जी, जरूर। टीचर्स डे तो खास दिन है। नीलम, तुम जरूर जाना। अपने सर का सम्मान करना।” मैंने सर की ओर देखा। उनकी आँखों में चमक थी, और मेरे दिल में एक अजीब सी बेचैनी शुरू हो गई। मुझे यकीन था कि सर ने कोई गुल खिलाने का प्लान बनाया है।
उस रात मैं अपनी अलमारी के सामने घंटों बैठी रही। सोच रही थी कि कल क्या पहनूँ, जो सर को पागल कर दे। मैंने सारी ड्रेसेज निकालीं और एक-एक करके देखीं। आखिरकार, मैंने एक काली अनारकली चुनी, जो मेरे बदन से चिपककर मेरे बूब्स और हिप्स को उभारती थी। उसका गला थोड़ा गहरा था, ताकि मेरे क्लीवेज का हल्का सा नजारा दिखे। नीचे मैंने लाल रंग की लेस वाली ब्रा और पैंटी चुनी। सर ने एक बार कहा था, “नीलम, तू रेड में कयामत लगती है।” मैंने सोचा, ये देखकर सर बेकाबू हो जाएँगे। मैंने हल्का मेकअप करने का प्लान बनाया—पिंक लिपस्टिक, काजल, और खुले बाल। मैंने अपनी पसंदीदा परफ्यूम की दो-तीन फुहारें मारी। पूरी रात मैं यही सोचती रही कि सर मुझे कैसे चोदेंगे। मेरी साँसें तेज थीं, और मैंने हल्के से अपनी चूत को सहलाया, पर रुक गई।
5 सितंबर, टीचर्स डे। मैं सुबह से बेचैन थी। दोपहर को गर्म पानी से नहाकर तैयार हुई। मैंने अपनी चूत को अच्छे से साफ किया, थोड़ा सा वैक्स करके उसे चिकना कर लिया। काली अनारकली मेरे बदन से चिपक रही थी, और लाल ब्रा का हल्का सा उभार मेरे गहरे गले से झाँक रहा था। मैंने काजल लगाया, पिंक लिपस्टिक लगाई, और बाल खुले छोड़े। आईने में खुद को देखा तो लगा कि मैं सचमुच किसी हूर जैसी लग रही हूँ। मम्मी ने मुझे देखकर कहा, “नीलम, बहुत सुंदर लग रही हो।” मैंने हँसकर कहा, “हाँ, मम्मी। 8 बजे तक आ जाऊँगी।” मैंने अपनी छोटी सी सिल्वर पर्स में फोन, चाबी, और कुछ कैश रखा, और ऑटो लेकर सर के घर के लिए निकल पड़ी।
रास्ते में ऑटो की खुली हवा मेरे चेहरे पर लग रही थी। मेरे दिमाग में सर की वो गंदी बातें और व्हाट्सएप पर भेजी पोर्न वीडियो घूम रही थीं। मेरी चूत में हल्का सा गीलापन महसूस हो रहा था। सर का घर शहर के बाहर एक पॉश कॉलोनी में था। बड़ा सा बंगला, बाहर हरा-भरा गार्डन, और अंदर मॉडर्न डेकोरेशन। मैंने दरवाजा खटखटाया। सर ने दरवाजा खोला। उनकी नजरें मुझे ऊपर से नीचे तक स्कैन कर रही थीं। “नीलम, आज तो तू किसी माल से कम नहीं लग रही,” उन्होंने धीरे से कहा। मैं शरमा गई और बोली, “सर, बस आपकी तारीफ के लिए तैयार हुई हूँ।”
वो मुझे अंदर ले गए। ड्रॉइंग रूम खाली था। न कोई स्टूडेंट, न कोई टीचर। मैंने हैरानी से पूछा, “सर, पार्टी कहाँ है? कोई नहीं दिख रहा।” सर ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा, “नीलम, वो सब तो बहाना था। आज तुझे अकेले में चोदने का मन है।” मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई। मैं समझ गई कि सर ने मम्मी से झूठ बोला था। मेरी चूत में गीलापन और बढ़ गया। सर ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेडरूम की ओर ले गए। उनका बेडरूम शानदार था—बड़ा सा बेड, मंद रोशनी, और दीवार पर एक बड़ी सी खिड़की, जिसके पर्दे बंद थे।
बेडरूम में घुसते ही सर ने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया। “नीलम, तू आज इतनी मस्त लग रही है कि मेरा लंड अभी से तन गया है,” उन्होंने मेरे कान में फुसफुसाया। मैं शरमा गई, पर मेरी साँसें तेज हो गईं। सर ने मेरे होंठ चूम लिए। उनकी जीभ मेरे मुँह में घुस गई, और मैं सिहर उठी। उनकी मर्दाना गंध ने मेरे होश उड़ा दिए। मैंने भी उनके होंठ चूसने शुरू किए। “ऊँह… सर…” मैं सिसकार उठी। सर ने मेरी अनारकली का दुपट्टा खींचकर फेंक दिया। “साली, तेरा ये क्लीवेज तो लंड खड़ा कर देगा,” उन्होंने कहा और मेरे बूब्स को अनारकली के ऊपर से दबाया। मैं सिसकारी, “आहह… सर… धीरे…”
सर ने मेरी अनारकली को धीरे-धीरे खींचकर उतार दिया। मैं सिर्फ लाल लेस वाली ब्रा और पैंटी में थी। मेरे गले और छाती पर पसीना चमक रहा था। सर ने मेरी ब्रा के हुक खोले, और मेरे 30 इंच के बूब्स बाहर आ गए। मेरे निप्पल्स सख्त हो चुके थे। “नीलम, तेरे दूध तो रसीले आम जैसे हैं,” सर ने कहा और मेरे एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगे। “आहह… सर… चूसो…!” मैं सिसकार उठी। उनकी जीभ मेरे निप्पल पर फिसल रही थी, और मैं पागल हो रही थी। सर ने मेरी पैंटी पर हाथ फेरा और बोले, “साली, तेरी चूत तो पहले से ही गीली है।” उन्होंने मेरी पैंटी खींचकर उतार दी। मेरी गुलाबी, गीली चूत उनके सामने थी। “क्या मस्त चूत है, नीलम! आज इसे चोदकर भोसड़ा बना दूँगा,” सर ने कहा।
मैंने सर की शर्ट के बटन खोले और उनकी छाती पर हाथ फेरा। उनकी मर्दाना बॉडी देखकर मेरी चूत और गीली हो गई। मैंने उनकी पैंट उतारी, और उनका लंड मेरे सामने फनफना रहा था। “सर, आपका लंड तो कितना मस्त है,” मैंने शरमाते हुए कहा। सर ने हँसकर कहा, “साली, इसे चूसकर और मस्त कर दे।” मैंने उनका लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। उनकी गोटियाँ सहलाईं और जीभ से लंड के टिप को चाटा। सर सिसकार उठे, “आहह… नीलम… तू तो रंडी नंबर वन है!”
सर ने मुझे बेड पर कुतिया की पोजीशन में लाया। मेरे हिप्स हवा में थे, और मेरी चूत उनकी ओर थी। सर ने मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ा और बोले, “नीलम, तैयार है, रंडी?” मैंने जोश में कहा, “हाँ, सर! पेल दो! मेरी चूत फाड़ दो!” सर ने एक झटके में अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। मैं दर्द से चीखी, “आहह… सर… धीरे…!” लेकिन उनकी गर्मी और उनके धक्कों ने मुझे पागल कर दिया। “फच… फच…” की आवाज बेडरूम में गूँज रही थी। सर ने मेरे हिप्स पकड़े और जोर-जोर से धक्के मारने लगे। मैं सिसकार रही थी, “आहह… सर… और जोर से… मेरी चूत चोद!” मेरी चूत इतनी गीली थी कि उनका लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। मेरे बदन में एक गर्मी सी दौड़ रही थी, और मैंने महसूस किया कि मैं झड़ने वाली हूँ। “आहह… सर… मैं… मैं झड़ रही हूँ!” मैं चीखी, और मेरी चूत से एक गर्म धार निकली, जो मेरी जाँघों से बहने लगी। सर ने हँसकर कहा, “साली, तू तो अभी से झड़ने लगी!”
तभी मुझे अपने हिप्स पर एक बड़ा सा हाथ महसूस हुआ। एक जोरदार थप्पड़ मेरी गान्ड पर पड़ा। मैंने सोचा सर ने मारा, पर वो हाथ ज्यादा भारी और मजबूत था। मैंने पलटकर देखा तो मेरे होश उड़ गए। दो अनजान मर्द वहाँ खड़े थे। एक काला-कलूटा, गठीला आदमी, दूसरा लड़का, मसल्स टाइट ब्लैक टी-शर्ट से बाहर झाँक रहे थे। मैं घबरा गई। “सर, ये कौन हैं?” मैंने काँपते हुए पूछा। सर ने मेरी चूत में धक्के मारते हुए हँसकर कहा, “नीलम, रिलैक्स। ये जॉन है, मेरे साथ स्कूल में टीचर है। और ये रॉकी, जिम ट्रेनर। आज तुझे हम तीनों चोदेंगे।” मैं शर्म और डर से लाल हो गई। “सर, ये क्या… मैं तो सिर्फ आपके साथ…” लेकिन सर के धक्के और मेरी चूत की गर्मी मुझे बेकाबू कर रहे थे।
जॉन ने मेरे बूब्स पकड़े और बोला, “साली, तू तो मस्त माल है। आज तेरी चूत और गान्ड दोनों फाड़ देंगे।” रॉकी ने मेरी गान्ड पर फिर से थप्पड़ मारा और कहा, “हाँ, नीलम। तेरे दूध तो चूसने लायक हैं।” मैं शर्म से मर रही थी, लेकिन मेरी चूत की खुजली मुझे बोल्ड बना रही थी। मैंने जोश में कहा, “हाँ, सर! चोदो मुझे! मेरी चूत और गान्ड तुम तीनों की है!”
सर ने मेरी चूत से लंड निकाला और मुझे बेड पर लिटाया। जॉन ने अपने कपड़े उतारे। उसका 8 इंच का काला, मोटा लंड मेरे सामने था। रॉकी ने भी अपनी टी-शर्ट और पैंट उतार दी। उसका 6 इंच का मोटा लंड तनकर खड़ा था। मैंने तीनों लंड देखकर कहा, “सर… इतने सारे लंड?” सर ने हँसते हुए कहा, “साली, आज तुझे तीनों छेदों में लंड चाहिए। तैयार है?”
जॉन मेरे पास आया और मेरे बूब्स चूसने लगा। उसकी जीभ मेरे निप्पल्स पर फिसल रही थी, और मैं सिसकार रही थी, “आहह… जॉन… चूसो… मेरे दूध चूस लो!” रॉकी मेरी गान्ड की ओर गया। उसने मेरी गान्ड पर थूक लगाया और अपनी जीभ से मेरे गुदा को चाटने लगा। मैं सिहर उठी, “आहह… रॉकी… ये क्या… मेरी गान्ड चाट रहे हो!” उसकी गर्म जीभ मेरे गुदा के चारों ओर घूम रही थी, और मैं पागल हो रही थी। सर मेरे मुँह के पास आए और अपना लंड मेरे होंठों पर रगड़ा। “चूस, रंडी!” मैंने उनका लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। उनकी गोटियाँ सहलाईं और जीभ से टिप चाटा।
जॉन ने मेरी चूत पर अपना काला लंड रगड़ा और धीरे-धीरे अंदर डाला। मैं चीखी, “आहह… जॉन… तेरा लंड तो मेरी चूत फाड़ रहा है!” उसका लंड इतना मोटा था कि मेरी चूत की दीवारें खिंच रही थीं। वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा। “फच… फच…” की आवाज गूँज रही थी। मैं सिसकार रही थी, “आहह… जॉन… और जोर से… मेरी चूत चोद!” मेरी चूत फिर से गर्म होने लगी, और मैंने महसूस किया कि दूसरा ऑर्गेज्म आने वाला है। “आहह… जॉन… मैं फिर झड़ रही हूँ!” मेरी चूत से एक और धार निकली, जो बेड पर फैल गई। जॉन ने हँसकर कहा, “साली, तू तो फव्वारा है!”
रॉकी ने मेरी गान्ड पर फिर से थप्पड़ मारा और बोला, “अब तेरी गान्ड की बारी।” उसने मेरी गान्ड पर थूक लगाया और अपनी उंगली डाल दी। मैं सिसकारी, “आहह… रॉकी… और डालो… मेरी गान्ड तैयार करो!” उसने दो उंगलियाँ डाल दीं और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। मेरी गान्ड टाइट थी, लेकिन उसकी उंगलियों ने उसे ढीला करना शुरू कर दिया। फिर उसने अपना 6 इंच का लंड मेरी गान्ड पर रखा और धीरे-धीरे अंदर डाला। मैं दर्द से चीखी, “आहह… रॉकी… निकालो… बहुत दर्द हो रहा है!” सर ने मेरे मुँह में लंड दबाकर कहा, “बस थोड़ा सा दर्द है। अब तुझे जन्नत दिखाएँगे।”
जॉन ने मुझे अपनी गोद में उठाया, ताकि डबल पेनेट्रेशन के लिए पोजीशन सही हो। मैं उनकी गोद में थी, मेरा चेहरा उनके सामने, और मेरा पिछवाड़ा रॉकी की ओर। जॉन का लंड मेरी चूत में था, और रॉकी ने मेरी गान्ड में अपना लंड डाल दिया। दोनों लंड एक साथ मेरे अंदर थे, और मैं चीख रही थी, “आहह… मेरी चूत और गान्ड दोनों फाड़ दो!” दर्द धीरे-धीरे मजे में बदल रहा था। सर मेरे मुँह में लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मार रहे थे। मैं चिल्ला रही थी, “हाँ… मेरे तीनों छेद भर दो! मुझे अपनी रंडी बना दो!”
तीनों ने मुझे 40-45 मिनट तक चोदा। जॉन मेरी चूत में, रॉकी मेरी गान्ड में, और सर मेरे मुँह में। “फच… फच…” की आवाज बेडरूम में गूँज रही थी। मैं तीसरी बार झड़ी, और मेरी चूत से फिर से धार निकली। “आहह… ” मैं चीखी। जॉन ने मेरे बूब्स काटे और बोला, “साली, तेरी चूत तो लंड चूस रही है!” रॉकी ने मेरी गान्ड पर थप्पड़ मारा और कहा, “तेरी गान्ड तो मेरे लंड की गुलाम है!”
जॉन सबसे पहले झड़ा। उसने मेरी चूत में गर्म रस छोड़ा, जो मेरी जाँघों से बहने लगा। “आहह… नीलम…\” उसने सिसकारते हुए कहा। फिर रॉकी ने मेरी गान्ड में अपना रस छोड़ा। मैं सिहर उठी, “आहह… रॉकी…!” सर ने मेरे मुँह से लंड निकाला और मेरे बूब्स पर अपना रस छोड़ा। मैंने उसे उंगलियों से चाट लिया और बोली, “आहह… सर… कितना टेस्टी है!”
थोड़ी देर बाद सर बोले, “चल, साली। दूसरा राउंड शुरू।” उन्होंने मुझे बेड पर लिटाया। इस बार जॉन मेरे मुँह में, रॉकी मेरी चूत में, और सर मेरी गान्ड में। रॉकी ने मेरी चूत पर थूक लगाया और अपना लंड डाल दिया। मैं चीखी, “आहह… रॉकी… और जोर से… मेरी चूत चोद!” सर ने मेरी गान्ड पर थप्पड़ मारा और अपना लंड डाल दिया। “साली, तेरी गान्ड तो अब मेरे लंड की आदी हो गई है!” मैं सिसकार रही थी, “हाँ, सर! मेरी गान्ड फाड़ दो!” जॉन ने मेरे मुँह में अपना काला लंड डाला और बोला, “चूस, रंडी! मेरे लंड को चाट!” मैंने जोर-जोर से चूसा, और मेरी चूत फिर से गर्म होने लगी।
25 मिनट बाद मैं चौथी बार झड़ी, और मेरी चूत से फिर धार निकली। “आहह… आहहहहहहहह” मैं चीखी। रॉकी ने मेरे चेहरे पर अपना रस छोड़ा, और जॉन ने मेरे बूब्स पर। मैंने दोनों का रस चाट लिया और बोली, “आहह… और दो… मुझे और रस चाहिए!” सर ने मेरी गान्ड में धक्के मारते हुए कहा, “साली, तू तो पूरी रंडी बन गई है!” फिर वो मेरे बूब्स पर झड़े। मैं हाँफ रही थी, मेरा बदन पसीने और रस से गीला था।
जॉन और रॉकी बेड पर मेरे पास बैठ गए। जॉन ने मेरे बालों में उंगलियाँ फेरीं और बोला, “नीलम, तू तो मस्त थी।” रॉकी ने हँसकर कहा, “हाँ, यार। तेरी चूत और गान्ड ने तो मजा दे दिया।” मैं शरमाते हुए बोली, “तुम लोग भी तो कमाल हो।” सर ने हँसकर कहा, “चलो, अब थोड़ा रेस्ट कर लो।” हम चारों थोड़ी देर बेड पर बैठे, हँसी-मजाक किया। जॉन और रॉकी ने फिर अपने कपड़े पहने, मुझसे हाथ मिलाया, और बोले, “नीलम, फिर मिलेंगे।” मैंने शरमाते हुए कहा, “हाँ, जरूर।” वो दोनों हँसते हुए चले गए।
सर ने मुझे एक गोली दी और बोले, “नीलम, ये खा ले। प्रेगनेंसी से बचने के लिए। लेकिन अगली बार कंडोम यूज करेंगे। हर बार गोली खाना ठीक नहीं।” मैंने गोली खाई और सर की बाहों में लिपट गई। “सर, आपने मुझे आज रंडी बना दिया,” मैंने शरमाते हुए कहा। सर ने मेरे होंठ चूमे और बोले, “मेरी प्यारी रंडी। तू मेरी जान है।” हम बेड पर लेट गए। सर मेरे बूब्स सहलाने लगे, और मैं उनकी छाती पर उंगलियाँ फेर रही थी। “नीलम, तू कितनी मस्त है,” सर ने कहा और मेरे निप्पल को हल्का सा चूमा। मैं सिसकारी, “सर, आप भी तो मेरे दिल की धड़कन हो।”
सर ने मेरी चूत और गान्ड चेक की। “नीलम, तेरे छेद तो अब बड़े हो गए हैं,” उन्होंने हँसते हुए कहा। मैंने चलने की कोशिश की, लेकिन मेरी टाँगें काँप रही थीं। मैं लड़खड़ा गई। सर ने मुझे गोद में उठाया और बोले, “चल, मेरी रानी। बाथरूम ले चलता हूँ।” उन्होंने मुझे बाथरूम में ले जाकर टब में बिठाया। मैंने पेशाब किया, और सर मेरे पास बैठकर मेरे बूब्स सहलाने लगे। मैंने उनके लंड को देखा, जो फिर से तन रहा था। मैंने शरारत से कहा, “सर, अभी भी भूख बाकी है?”
मैंने उनका लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। “ऊँह… सर… तेरा लंड कितना टेस्टी है!” सर ने मेरे बाल पकड़े और बोले, “साली, तू तो लंड की पक्की भूखी है।” मैंने जोर-जोर से चूसा, और सर सिसकार उठे। फिर उन्होंने मुझे टब से उठाया और बाथरूम की दीवार से टिकाया। “नीलम, अब तेरी चूत फिर से चोदूँगा,” उन्होंने कहा। मैंने जोश में कहा, “हाँ, सर! मेरी चूत को फिर से फाड़ दो!”
सर ने मेरी चूत में लंड डाला और जोर-जोर से धक्के मारने लगे। “फच… फच…” की आवाज बाथरूम में गूँज रही थी। मैं चिल्ला रही थी, “आहह… सर… और गहरे… मेरी चूत को चीर दो!” सर ने मेरी गान्ड पर थप्पड़ मारा और अपना लंड मेरी गान्ड में डाल दिया। मैं फिर से झड़ी, और मेरी चूत से धार निकली। “आहह… सररररर…” मैं चीखी। सर ने 45 मिनट तक मुझे चोदा, और फिर मेरे बूब्स पर अपना रस छोड़ा। मैंने उसे चाट लिया।”
सर ने मुझे नहलाया। मेरी चूत और गान्ड को साबुन से साफ किया। मेरे बालों को तौलिए से पोंछा और बोले, “नीलम, तू मेरी सबसे खास स्टूडेंट है। अगली बार और मस्त चुदाई करेंगे।” मैंने शरमाते हुए कहा, “सर, आपने मुझे आज जन्नत दिखा दी।”
मैंने अपनी अनारकली पहनी, जो अब थोड़ी फटी थी। सर ने मुझे अपनी ग्रे जैकेट दी और बोले, “इसे पहन ले, ताकि घर पर कोई शक न करे।” मैंने ऑटो लिया और घर लौट आई। मेरी चूत और गान्ड में हल्का दर्द था, लेकिन वो मजा मेरे दिमाग में बस गया था। रात को बिस्तर पर लेटकर मैं सोच रही थी कि सर ने मुझे आज सचमुच उनकी रंडी बना दिया।
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