सहेली ने चुदवा दिया दूसरे लड़के से- 1

Video blackmail sex story: हैलो दोस्तों, मैं अनु हूँ, आपने मेरी पिछली कहानी पढ़ी होगी जिसमें मैंने संजय से अपनी सील तुड़वाई थी। अब मेरी कॉलेज लाइफ में सेक्स का मजा शुरू हो चुका था। पहली चुदाई के बाद चूत में दर्द था, इसलिए मैंने पैंटी भी नहीं पहनी थी। छवि ने मेरी ब्रा गायब होने पर खूब छेड़ा और बोली, “तेरी सील टूट गई न?” मैं शर्मा गई, पर उसे सब बता दिया। वो खुद कई बॉयफ्रेंड्स से चुदाई कर चुकी थी।

कहानी का पिछला भाग: कुंवारी चूत प्यार में पड़ कर चुद गई 

छह दिन बाद संजय ने फिर मैसेज किया कि उसके दोस्त का फ्लैट खाली है। मुझे भी फिर से चुदने का मन हो रहा था, दर्द कम हो चुका था। मैं तैयार हो गई। उसने मुझे हॉस्टल से पिक किया, बाहर कुछ खाया और फ्लैट पर पहुँचे। दरवाजा लॉक करते ही संजय मुझे दीवार से सटाकर किस करने लगा। मैंने टाइट स्लीवलेस चूड़ीदार कुर्ता पहना था, ब्रा नहीं क्योंकि वो पुरानी वाली रख चुका था। उसके हाथ मेरे बूब्स पर थे, जोर-जोर से मसल रहा था, मेरे होंठ चूस रहा था। माथा, गाल, गला सब गीला कर दिया।

फिर उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए, उसका लंड तना हुआ था। मुझे बेड पर बिठाया और लंड हिलाकर बोला, “चूसो अनु।” मैंने मुँह में लिया, ग्ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गीगीगी गोंगों, वो मेरे बाल पकड़ कर अपने हिसाब से मुँह चोदने लगा। आह्ह्ह्ह अनुुु क्या चूसती हो। कुछ देर बाद उसने मेरी कुर्ती ऊपर से निकाल दी और देखकर मुस्कुराया, “आज फिर ब्रा नहीं?” मैंने कहा, “तुम ही तो गिफ्ट देने वाले थे।”

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उसने मुझे खड़ा किया, सलवार खोल दी। अब मैं सिर्फ काली पैंटी में थी। वो किचन से चाकू लाया और पैंटी को चूत वाली जगह से फाड़ दिया, ऊपर कमर पर खिसका दिया। फिर कुर्ती को बीच से फाड़ कर अलग कर दिया। मैं पूरी नंगी हो गई। उसने मेरी टाँगें चौड़ी कीं और चूत चाटने लगा। उसकी जीभ क्लिट पर घूम रही थी, आह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह संजययय मत रोकनाा ऊउइइइ ऊईईई। मैं सिसकारियाँ ले रही थी। फिर वो मेरे मम्मों पर टूट पड़ा, एक को जोर-जोर से चूसता, काटता, लव बाइट दे दी। लाल निशान पड़ गया। बोला, “ये हमारे प्यार की निशानी है।”

मैं उसके ऊपर चढ़ गई, उसे चूमने लगी, उसकी गर्दन, निप्पल चाटे। फिर उसका लंड फिर से चूस कर पूरा गीला कर दिया। वो मुझे बेड के किनारे लिटाया, खुद खड़ा हुआ। कंडोम पहना, मेरे पैर कंधों पर रखे और लंड चूत पर सेट किया। मैंने हाँ में सिर हिलाया। धीरे-धीरे अंदर किया, अब दर्द कम था, बस हल्की जलन। फिर स्पीड बढ़ा दी, चपाचप चपाचप की आवाजें आने लगीं। मेरे मुँह से आह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म संजयय और तेजज्ज।

फिर बोला, “डॉगी बन जा।” मैं घुटनों पर हो गई। पीछे से जबरदस्त ठोकने लगा। मेरे बूब्स हवा में झूल रहे थे। वो गांड पर चाँटे मारता, आह्ह्ह्ह्ह और जोर से। फिर मेरी पीठ पर चढ़ गया, बूब्स मसलते हुए चोदता रहा। मैं थक गई, तो उसी पोजीशन में मुझे लिटाया और पैर चौड़े कर फिर पेलने लगा। मैं बोली, “संजय मैं झड़ने वाली हूँ।” जैसे ही मैं झड़ी, ऊउउइइइईई आआह्ह्ह्ह्ह, वो रुक गया। मेरी चूत चाट कर साफ की और मुझे अपने रस का स्वाद चखाया।

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फिर कंडोम उतारा और बोला, “मुँह में ले लो।” मैंने लिया। उसने कहा, “मुँह में ही झड़ना है।” मुझे अच्छा नहीं लगता था, पर मान गई। मुझे घुटनों पर बिठाया, खुद खड़ा हुआ। मेरे सिर पकड़ कर मुँह चोदने लगा। मैं जीभ से सुपारा चाटती, अंडकोष चूसती। ग्ग्ग्ग्ग गोंगों गीगीगी, वो कराह रहा था, आह्ह्ह्ह अनुुु मेरी जाननन ऐसे हीी। मैंने होंठ कसे हुए थे ताकि चूत जैसा फील हो। आखिर में उसने सिर पकड़ कर गहराई तक पेला और मुँह में ही झड़ गया। गर्म गाढ़ा वीर्य मुँह में भर गया। मैं बाथरूम गई, थूक दिया और कुल्ला किया। वापस आकर उसके लंड को चाट कर साफ कर दिया।

नहाकर जब कपड़े पहनने लगी तो संजय ने बैग से नई ब्रा-पैंटी निकाली। सेक्सी वाली, पुश अप, प्लंज, थॉंग, लो वेस्ट। मैंने उसकी पसंद वाली पहनी। वो मुझे हॉस्टल छोड़ गया।

घर पहुँची ही थी कि अनजान नंबर से कॉल आई। राहुल बोल रहा था, संजय का दोस्त, उसी फ्लैट में रहता है। उसके पास हमारी चुदाई की वीडियो थी। बोला, “तुरंत आओ, वरना वायरल कर दूँगा।” मैं डर गई। छवि को बताया तो वो बोली, “मैं साथ चलूँगी।”

हम फ्लैट पर पहुँचे। राहुल ने वीडियो दिखाई, छुपाकर शूट की थी। मैंने पुलिस की धमकी दी तो वो बोला, “ब्लैकमेल नहीं करना चाहता, बस तुम्हारी चुदाई देखकर मन हुआ। एक बार चोद लूँ तो वीडियो डिलीट। या अभी डिलीट कर देता हूँ।” उसने मेरे सामने डिलीट कर दिया। फिर बोला, “पैसे भी दूँगा।” मैं गुस्सा हो गई, “मैं कॉल गर्ल नहीं।” मैं उठकर बाहर जाने लगी, पर छवि अंदर ही बैठी रही।

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छवि ने राहुल से कहा, “मैं तैयार हूँ।” मैं चौंक गई, “पागल हो गई?” वो बोली, “मेरा बॉयफ्रेंड मुझे ठीक से संतुष्ट नहीं कर पाता, जल्दी झड़ जाता है। वो फाइनल ईयर में है, तीन महीने बाद चला जाएगा।” फिर शर्त रखी, “अगर मुझे खुश कर दोगे तो पैसे नहीं लूँगी, वरना दोगे।” राहुल मान गया।

राहुल ने पूछा, “रात रुक सकती हो?” छवि बोली, “नहीं, हॉस्टल जाना है, 9 बजे तक का टाइम है।” अभी शाम 4:30 थे, चार घंटे थे। मैं हॉस्टल जाना चाहती थी, पर दोनों ने रोका। छवि बोली, “तू यहीं रुक, बाद में साथ छोड़ देंगे।” वे दोनों अंदर कमरे में चले गए। मैं बाहर बैठी उनकी आवाजें सुन रही थी। छवि की सिसकारियाँ, आह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह राहुलल और जोर सेे, चपाचप की तेज आवाजें। मैं खुद गर्म हो रही थी। करीब 45 मिनट बाद वे बाहर आए। राहुल खुश लग रहा था।

हम तीनों रेस्तराँ गए, खाना खाया और 6:30 बजे वापस फ्लैट आए। अब दूसरा राउंड होने वाला था। छवि और राहुल की बॉन्डिंग कमाल की हो गई थी। मैं हैरान थी कि मेरी वजह से आई थी और खुद लंड पर मर मिटी।

दोस्तों, आगे की कहानी में बताऊँगी कि राहुल के साथ हम दोनों सहेलियाँ कैसे चुदीं और क्या-क्या हुआ। आपको कैसी लगी, जरूर बताना।

कहानी का अगला भाग: सहेली ने चुदवा दिया दूसरे लड़के से- 2

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