मेरी बीवी मेरे दोस्त से चुद गयी – Threesome

मेरा नाम अरुण राज है, और मेरी बीवी सोनिया है। सोनिया को देखकर तो बस लंड खड़ा हो जाए। उसका गोरा चिकना बदन, कजरारी आंखें, और रसीले गुलाबी होंठ किसी को भी पागल कर दें। उसके 38 इंच की चूचियां इतनी मस्त हैं कि बस दबाने और चूसने का मन करे। 42 इंच की गांड तो ऐसी भारी और गोल कि हर कदम पर लचकती है, मानो मर्दों को ललकार रही हो। उसकी गहरी नाभि और चिकना पेट देखकर लगता है, जैसे कोई शिल्पकार ने उसे तराशा हो। जब वो हंसती है, गालों पर डिंपल पड़ते हैं, और बस दिल चुरा लेती है।

सोनिया की चुदाई की भूख तो जैसे आग है। किसी भी मर्द के लौड़े के नीचे लेटने को वो हमेशा तैयार। उसे कोई शर्म नहीं, बस मजे चाहिए। मुझे भी उसकी ये आदत कभी खटकी नहीं। मैं खुद मौका मिलते ही कोई माल पटाता और सोनिया के सामने उसकी चूत मारता। हमारा रिश्ता ऐसा ही था—खुला, मस्तीभरा। शादी के पांच साल बाद भी हमारी हवस वैसी ही थी, जैसे पहली रात।

ये बात सर्दी की एक ठंडी रात की है। मेरा कॉलेज का यार रवि, जो दिल्ली में बिजनेस करता है, मेरे घर रुकने आया था। रवि मेरा पक्का दोस्त, कॉलेज में हम साथ लड़कियां फंसाते, दारू पीते, और रातें रंगीन करते। अब वो बड़ा आदमी है, लेकिन उसकी आंखों की हवस और शरारती मुस्कान वही है। मैंने सोनिया को बता दिया था कि रवि आएगा, कुछ मस्त खाना बना ले। सोनिया ने चिकन की कड़क डिश बनाई और घर को सजा लिया।

शाम को रवि पहुंचा। सोनिया ने दरवाजा खोला। उसने काली साड़ी पहनी थी, जो उसके गोरे जिस्म पर चमक रही थी। साड़ी इतनी पतली थी कि उसके हर उभार की शक्ल साफ दिख रही थी। नीचे सिर्फ स्पोर्ट्स ब्रा, जो उसकी चूचियों को और उभार रही थी। उसकी चिकनी बगलें और गहरी नाभि देखकर रवि की आंखें फट गईं। सोनिया ने मुस्कुराकर हैलो बोला और उसे अंदर बुलाया। उसकी चाल में वो ठुमका था, जो किसी का भी लंड तान दे।

मैं बाहर आया और रवि से गले मिला। वो बोला, “यार, सफर से थक गया। बियर और व्हिस्की लाया हूं, भाभी से चखना बोल दे।” मैंने कहा, “सोनिया ने चिकन बनाया है, आज मस्ती करेंगे।” चिकन सुनकर रवि के मुंह में पानी आ गया। हम ड्राइंग रूम में बैठकर पैग बनाने लगे। कमरे में हीटर की लाल रोशनी थी, और बाहर की सर्द हवा खिड़की से आ रही थी। ये माहौल ऐसा था, जैसे कुछ गर्मागर्म होने वाला हो।

सोनिया चिकन की प्लेट लेकर आई। जैसे ही वो झुकी, उसका पल्लू सरक गया। उसकी ब्रा से चूचियां आधी बाहर झांक रही थीं, मानो रवि को बुला रही हों। रवि की नजरें उन पर अटक गईं। उसका मुंह खुला रह गया। मैंने देख लिया, लेकिन मुझे मजा आ रहा था। सोनिया ने जानबूझकर धीरे प्लेट रखी, ताकि रवि उसकी मलाई का दीदार कर ले।

रवि ने ठरकी अंदाज में कहा, “भाभी, खुशबू तो कातिल है!” सोनिया ने आंख मारकर जवाब दिया, “स्वाद का पता तो चखने के बाद चलेगा।” रवि बोला, “मन तो कर रहा है, सब कुछ चूस लूं।” हम तीनों जोर से हंस पड़े। सोनिया अंदर चली गई, लेकिन उसकी गांड का लचकना रवि को और पागल कर गया।

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रवि मुझसे बोला, “यार, तू तो मजे में है। ऐसी माल बीवी, रोज चुदाई करता होगा!” मैंने हंसा, “भाई, ये तो चूत से गांड तक मक्खन है।” तभी सोनिया वापस आई। उसने साड़ी को और ढीला कर लिया था। उसका चिकना पेट और नाभि साफ दिख रही थी। वो बोली, “क्या बात है, तुम दोनों अकेले मजे मार रहे हो? मेरे लिए कुछ नहीं?” रवि ने बियर की बोतल बढ़ाई। सोनिया ने पांच मिनट में पूरी बोतल गटक दी। फिर रवि ने उसे दो पैग व्हिस्की के ठोक दिए।

सोनिया अब नशे में मस्त थी। वो कभी बाल संवारती, तो उसकी चिकनी बगलें दिखतीं। कभी हंसते हुए साड़ी ठीक करती, तो पल्लू और सरक जाता। रवि की आंखें उसकी चूचियों, बगलों, और गांड पर टिकी थीं। उसकी नजरों में खुली हवस थी। मुझे ये देखकर लंड तन रहा था। मैं सोच रहा था, आज रात धमाल होने वाला है।

कुछ देर बाद मैं और रवि छत पर गए। सर्दी की रात थी, तारे चमक रहे थे। मैंने सिगरेट सुलगाई। रवि बोला, “यार, तेरी बीवी की चूत मारने का मन कर रहा है।” मैंने हंसा, “सैट कर ले, वो तैयार है।” वो बोला, “बस मौका दे, फिर देख।” सोनिया की चुदाई की सोचकर मेरा लौड़ा और टाइट हो गया।

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हम नीचे आए। सोनिया तब तक नशे में टुन्न थी। उसने लाल सिल्क की नाइटी पहन ली थी, जो उसके जिस्म से चिपकी थी। उसकी ब्रा और पैंटी की लाइनें साफ दिख रही थीं। वो बोली, “बिस्तर बिछा दिया, सो जाओ।” हम बेडरूम में गए। कमरे में अंधेरा था, लेकिन बाहर की स्ट्रीट लाइट से हल्की रोशनी थी। सोनिया मेरे पास लेट गई।

सोनिया ने मेरे कान में फुसफुसाया, “यार, चूत गीली हो रही है। रवि सो गया होगा, चोद दे।” मैंने कहा, “हां, वो सो गया।” मैंने उसके पैरों पर चूमना शुरू किया। उसकी नाइटी की चिकनाहट और जांघों की गर्मी मुझे पागल कर रही थी। मैंने रवि को इशारा किया। वो चुपके से मेरी जगह ले लिया।

रवि ने सोनिया की नाइटी में सिर घुसाया। उसने उसकी जांघों को चाटना शुरू किया, फिर उसकी चूत पर जीभ फेरने लगा। सोनिया की चूत गीली थी, उसकी खुशबू रवि को जंगली बना रही थी। उसने टांगें फैला दीं और गांड हिलाने लगी। उसकी सिसकारियां निकलने लगीं, “आह… चूसो… और चूसो!” रवि ने उसकी नाइटी उतार दी। हल्की रोशनी में सोनिया की सफेद ब्रा में चूचियां दो पहाड़ों की तरह उभरी थीं।

रवि ने उसकी चूचियों को दोनों हाथों से मसला और उसकी बगलों को चाटने लगा। सोनिया की बगलों की हल्की सी खुशबू उसे और भड़का रही थी। सोनिया की मादक आवाजें तेज हुईं, “उफ्फ… धीरे… जान निकाल लोगे!” रवि ने उसकी ब्रा फाड़ दी। उसकी चूचियां आजाद हो गईं। वो एक चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा, और दूसरी को जोर-जोर से दबाने लगा। सोनिया का बदन अकड़ गया। वो चिल्लाई, “बस, अब लौड़ा डाल दे!”

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रवि ने मुझे इशारा किया। मैंने लंड निकाला और सोनिया की चूत में पेल दिया। उसकी चूत गीली और टाइट थी। मैंने तेज-तेज धक्के मारे। सोनिया की सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं, “आह… पेल दो… चूत फाड़ दो!” दस मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया। फिर हम सब सो गए।

सुबह सोनिया किचन में चाय बनाने गई। उसने टाइट टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने थे। उसकी चूचियां और गांड उभरी हुई थीं। रवि उठा और बोला, “यार, तेरी बीवी की चूत तो मलाई है। बस मेरा लौड़ा उसमें नहीं गया।” मैंने हंसा, “अभी मौका है, आज पेल ले।” रवि ने ट्रेन चेक की, जो कैंसिल थी। वो बोला, “आज भी रुकता हूं।”

सोनिया को कोई परेशानी नहीं थी। उसने चाय दी। रवि ने ठरकी अंदाज में पूछा, “भाभी, आज चूत दोगी?” सोनिया ने हंसकर कहा, “तुम ही पीछे हट गए, मैं तो रंडी की तरह लेटी थी।” रवि उछल पड़ा। हमने दोपहर में दारू और मटन का चखना तैयार किया।

दारू पीते वक्त सोनिया और बिंदास हो गई। उसने रवि से पूछा, “शादी क्यों नहीं की?” रवि बोला, “मेरी टक्कर की चूत नहीं मिली।” मैंने हंसा, “ये लौड़ा भूखा है, लड़कियों को तड़पाता है। तू भी तो रात को तड़पी!” सोनिया बोली, “क्या मतलब?” मैंने कहा, “रात को रवि ने तेरी चूत चाटी थी।”

सोनिया का नशा उतर गया। वो किचन में चली गई। मैं पीछे गया और बोला, “सच बता, मजा आया न?” उसने शरमाकर हां बोला। मैंने कहा, “चुदाई मैंने की, उसने चाटा। चल, मजे करें।” वो हंसकर तैयार हो गई।

चार पैग लगाने के बाद रवि बोला, “भाभी, कल अधूरा छोड़ दिया।” सोनिया ने उसका पजामा खींचा और साढ़े आठ इंच का लौड़ा बाहर निकाला। वो बोली, “इतना मोटा लौड़ा! आज चूत फटेगी।” वो रंडी की तरह लौड़ा चूसने लगी। उसकी जीभ टोपे पर गोल-गोल घूम रही थी। रवि ने उसके बाल पकड़े और लौड़ा गले तक ठूंस दिया। सोनिया की आंखों में पानी आ गया, लेकिन वो चूसती रही।

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रवि ने सोनिया को नंगी किया। उसने उसे घुटनों पर बिठाया और चूचियों के बीच लौड़ा फंसाकर चोदने लगा। लौड़े का टोपा सोनिया के होंठों से टकरा रहा था। सोनिया ने उसे चाट-चाटकर गीला कर दिया। उसकी चूसने की आवाजें और सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं। रवि ने उसे सोफे पर लेटाया, टांगें चौड़ी कीं, और लौड़ा उसकी चूत पर रगड़ने लगा।

सोनिया की चूत टपक रही थी। रवि ने धीरे से लौड़ा अंदर पेला। सोनिया चीखी, “आह… मर गई… धीरे!” रवि बोला, “तेरी चूत तो कच्ची कली है।” उसने एक झटके में पूरा लौड़ा ठूंस दिया और चूचियां मसलने लगा। सोनिया दर्द से चिल्लाई, लेकिन रवि ने रफ्तार बढ़ाई। उसका लौड़ा सोनिया की चूत की गहराई नाप रहा था। थप-थप की आवाज कमरे में गूंज रही थी।

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कुछ देर बाद सोनिया को मजा आने लगा। वो गांड उठाकर लौड़ा लेने लगी। उसकी सिसकारियां मजे में बदल गईं, “आह… और जोर से… चूत फाड़ दो!” रवि ने उसे अपने ऊपर बिठाया। सोनिया की चूचियां उछल रही थीं। रवि ने एक चूची मुंह में ली और चूसने लगा। सोनिया की गांड रवि के लौड़े पर थप-थप की आवाज के साथ उतर रही थी।

रवि ने उसे घोड़ी बनाया। सोनिया की मोटी गांड देखकर उसका लौड़ा और टन गया। उसने सोनिया की गांड में उंगली डाली और चूत में लौड़ा पेल दिया। सोनिया चीखी, “उफ्फ… गांड मत मारो!” रवि ने उसकी गांड पर थप्पड़ मारा और तेज-तेज पेलने लगा। सोनिया की मादक आवाजें गूंज रही थीं, “आह… और पेलो… मजा आ रहा है!” रवि ने उसकी चूत और गांड की गहराई नापी।

25 मिनट की चुदाई के बाद रवि झड़ गया। उसका गर्म माल सोनिया की चूत में भर गया। सोनिया उठी और रवि के मुंह पर चूत रगड़ने लगी। उसकी चूत की गंध रवि को पागल कर रही थी। कुछ मिनट बाद सोनिया रवि के मुंह पर झड़ गई। वो बोली, “मजा आ गया, साले!” रवि ने उसकी चूचियां मसलीं और हंसा।

मैंने कहा, “अब सैंडविच का टाइम है।” सोनिया बोली, “हां, बनाओ। पहले दारू पिलाओ।” हमने अपने लौड़ों से दारू टपकाकर उसे पिलाई। वो टुन्न हो गई। मैंने सोनिया को अपने लौड़े पर बिठाया। उसकी चूत मेरे लौड़े पर सैट हो गई। रवि ने पीछे से उसकी गांड में लौड़ा पेल दिया। सोनिया चीखी, “आह… दो लौड़े… मर जाऊंगी!” लेकिन हम दोनों के बीच फंसकर वो हिल न सकी।

हमने आधा घंटा उसकी चूत और गांड मारी। सोनिया की चीखें, सिसकारियां, और धक्कों की थप-थप कमरे में तूफान ला रही थी। उसका बदन पसीने से तर था। हमारा माल उसकी चूत और गांड में भर गया। सोनिया कांपते हुए बेड पर गिरी। उसकी सांसें तेज थीं।

उस दिन सोनिया ने हम दोनों के साथ चुदाई का भरपूर माल लूटा। रवि बोला, “यार, तेरी बीवी तो रंडी से बढ़कर है।” सोनिया हंसकर बोली, “जब भी आना, चूत तैयार मिलेगी।” अगले दिन रवि चला गया, लेकिन उस रात की आग हम तीनों के दिल में जल रही थी।

दोस्तो, ये कहानी गप्प लगे, लेकिन मेरी जिंदगी का कड़वा सच है। सोनिया और मैं ऐसे ही मजे लूट रहे हैं।

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