पापा ने पनिशमेंट के नाम पर चुदाई कर दिया

हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम अनामिका है, और मैं दिल्ली के एक पॉश इलाके में रहती हूँ। मेरा घर एक बड़ा-सा बंगला है, जहाँ मैं, मेरी मम्मी, पापा और मेरा बड़ा भाई रहते हैं। मैं आपको अपना फिगर बता दूँ, मेरे बूब्स 32 इंच के हैं, कमर 28 इंच की, और गांड 34 इंच की, यानी मेरा फिगर 32-28-34 है। मेरी उम्र 19 साल है, और मैं दिल्ली के एक नामी कॉलेज में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हूँ। मेरा रंग दूध-सा गोरा है, आँखें नैचुरली ब्लूइश ग्रीन हैं, और मेरे घने काले बाल कमर तक लहराते हैं। जो भी लड़का मुझे एक बार देख ले, उसका लंड बिना मुठ मारे चैन नहीं लेता। मेरी स्माइल और कातिलाना अदा किसी का भी दिल चुरा लेती है।

स्कूल में मुझे चार लड़कों ने प्रपोज किया था, जिनमें से एक रोनक था, मेरा बॉयफ्रेंड। रोनक मुझसे दो साल सीनियर है और कॉलेज में थर्ड ईयर में है। कॉलेज में भी छह लड़कों ने मुझे प्रपोज किया, लेकिन मैं रोनक के लिए लॉयल थी। रोनक का स्टाइल, उसकी बातें, और उसका केयरिंग नेचर मुझे बहुत पसंद है।

मेरे पापा की बात करूँ तो उनकी बॉडी वेल-बिल्ट है। चौड़ी छाती, मस्कुलर बाहें, और उनका 9 इंच का लंड, जिसके बारे में मैंने सुना था जब मम्मी और उनकी सहेलियाँ आपस में मस्ती-मजाक में बातें करती थीं। मेरे फीचर्स बिल्कुल पापा पर गए हैं—काले घने बाल, ब्लूइश ग्रीन आँखें, और वही शार्प जॉलाइन। पापा को देखकर कोई भी कह सकता है कि वो जवान दिनों में कितने हैंडसम रहे होंगे।

अब कहानी पर आते हैं। ये बात मेरे 19वें बर्थडे की है। मेरे बंगले में एक ग्रैंड पार्टी रखी गई थी। पूरा हॉल रंग-बिरंगी लाइट्स, फूलों, और बैलून से सजा था। मेरे सारे कॉलेज फ्रेंड्स, स्कूल के दोस्त, और रोनक भी आया था। मम्मी, पापा, और भैया उस दिन घर पर नहीं थे, क्योंकि ये सिर्फ मेरी फ्रेंड्स की पार्टी थी। म्यूजिक तेज था, डांस फ्लोर पर हर कोई थिरक रहा था, और माहौल में एक अजीब-सी मस्ती थी। मैंने एक टाइट रेड ड्रेस पहनी थी, जो मेरे कर्व्स को परफेक्टली हाइलाइट कर रही थी। मेरी गांड उस ड्रेस में इतनी उभरी हुई थी कि लड़के बार-बार मुझे घूर रहे थे।

रात के 2 बज गए, और धीरे-धीरे मेरे सारे फ्रेंड्स चले गए। लेकिन रोनक रुका था। उसने कहा कि वो मुझे अकेले में एक स्पेशल गिफ्ट देना चाहता है। चूंकि पापा, मम्मी, और भैया अगले दिन आने वाले थे, मैंने उसे रुकने की इजाजत दे दी। हम दोनों मेरे रूम में चले गए, जो सेकंड फ्लोर पर है। मेरा रूम बड़ा है, एक किंग-साइज बेड, डिम लाइट्स, और एक बड़ा-सा काउच। मैं काउच पर बैठ गई, मेरे पैर थकान से चूर थे।

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मैं: यार, आज बहुत थक गई हूँ। डांस ने तो कमर तोड़ दी।

रोनक: (हंसते हुए) अरे, तूने तो डांस फ्लोर पर आग लगा दी थी। हर कोई तुझ पर ही फिदा था।

मैं: (मुस्कुराते हुए) अच्छा, अब मेरा गिफ्ट दिखा, कितना इंतजार करवाएगा?

रोनक: (आँख मारते हुए) सब्र कर, मेरी जान। पहले तुझसे एक जरूरी बात करनी है। देख, अब तू 19 की हो गई है, एडल्ट है। हम एक सीरियस रिलेशनशिप में जा सकते हैं। तू मेरे साथ ऐसा रिश्ता चाहेगी?

मैंने उसकी आँखों में देखा, उसका चेहरा इतना सीरियस और प्यारा था। मैंने उसे गाल पर एक हल्का-सा किस किया और कहा: ये भी कोई पूछने वाली बात है? इतने केयरिंग लड़के को कौन छोड़ना चाहेगा?

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रोनक ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया, जैसे मैं कोई हल्की-सी गुड़िया हूँ। उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरे ऊपर झुक गया। हम दोनों की साँसें तेज थीं, और कमरे में एक अजीब-सी गर्मी थी। उसने मेरी ड्रेस के स्ट्रैप्स को धीरे-धीरे खींचा, और मेरे बूब्स को टच करने लगा। हम जस्ट किस और टच में खोए थे कि तभी मेरे रूम का दरवाजा जोर से खुला। पापा ने अंदर आते ही लाइट्स ऑन कर दीं। मैं तो एकदम सन्न रह गई। मुझे याद ही नहीं रहा कि पापा के पास मेरे रूम की डुप्लिकेट की है, और वो कभी भी आ सकते हैं।

रोनक ने मेरी ड्रेस पहले ही उतार दी थी, और मेरे शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। मैं नंगी थी, और मेरी चूत और बूब्स हवा में खुले थे। हम दोनों इतना डर गए कि मेरी साँस अटक गई। मैंने जल्दी से रजाई खींची और खुद को ढक लिया। पापा का चेहरा गुस्से से लाल था। रोनक सर झुकाए बैठा था, क्योंकि वो पापा के बेस्ट फ्रेंड का बेटा है, और उसे पापा का गुस्सा अच्छे से पता था।

पापा ने सख्त आवाज में कहा: बेटा, तुम घर जाओ। मैं कल तुमसे और तुम्हारे डैड से बात करूँगा।

रोनक: (हकलाते हुए) वो… अंकल…

पापा: (गुस्से में चिल्लाए) जाओ!

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रोनक ने एक बार मुझे देखा और चुपचाप चला गया। मेरे दिल की धड़कन इतनी तेज थी कि मुझे लग रहा था कि वो बाहर निकल आएगी। पापा मेरे पास आए और मेरे बेड के किनारे बैठ गए। उन्होंने मेरी रजाई हटाई, और मैं अपनी चूत और बूब्स को हाथों से ढकने लगी। मेरी बॉडी काँप रही थी, और मेरी आँखों में डर साफ दिख रहा था।

पापा: (शांत लेकिन सख्त आवाज में) अपने कपड़े वापस पहन लो, और पहनकर मुझे अंदर बुलाना। तुझसे बात करनी है।

पापा बाहर चले गए। मैंने जल्दी-जल्दी में जो कपड़े मिले, पहन लिए। मैंने एक मिनी स्कर्ट पहनी, जो इतनी छोटी थी कि मेरी आधी गांड बाहर झाँक रही थी। ऊपर से मैंने एक टाइट क्रॉप टॉप पहना, जो मेरे बूब्स को मुश्किल से कवर कर रहा था। जल्दबाजी में मैंने ब्रा और पैंटी पहनना भूल गई। मेरे निपल्स टॉप के ऊपर से उभर रहे थे, और स्कर्ट इतनी टाइट थी कि मेरी चूत की शेप साफ दिख रही थी। मैंने पापा को अंदर बुलाया।

मैं: (रोते हुए) पापा, मैं सॉरी हूँ। प्लीज मम्मी को कुछ मत बताना, प्लीज।

पापा: (अपना ब्लेजर और बेल्ट खोलते हुए) अब गलती की है तो सजा तो मिलेगी न, बेटा।

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मैं: (डरते हुए) पापा, आप मुझे मारोगे? (मेरी आँखों में आँसू थे)

पापा: (मुस्कुराते हुए) हाँ, लेकिन एक दूसरा ऑप्शन भी है। (उन्होंने अपना हाथ मेरी इनर थाइस पर रख दिया, और धीरे-धीरे मेरी स्कर्ट के अंदर ले गए।)

मैं: (घबराते हुए) पापा, आप ये क्या कर रहे हैं?

पापा: (आँखों में एक अजीब-सी चमक के साथ) वही जो तू रोनक के साथ करने वाली थी।

मेरा दिमाग सुन्न हो गया। मैंने कहा: लेकिन ये सब गलत है, पापा। मैं आपकी बेटी हूँ। मम्मी को पता चलेगा तो उनका दिल टूट जाएगा। मैं उन्हें धोखा नहीं दे सकती।

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पापा: (ठंडी आवाज में) ठीक है, तो फिर मार खा ले।

मैं: (रोते हुए) नहीं, प्लीज नहीं। ठीक है… मैं… मैं सेक्स करने को तैयार हूँ।

मेरे मुँह से ये शब्द निकलते ही मुझे खुद पर शर्मिंदगी महसूस हुई, लेकिन डर इतना था कि मैंने हामी भर दी। पापा ने कहा: चल, आजा। घूम के पेट के बल मेरी गोद में लेट जा, और अपनी गांड दिखा।

मैं काँपते हुए उनकी गोद में लेट गई। मेरी स्कर्ट इतनी छोटी थी कि मेरी गोरी, गोल गांड पहले से ही बाहर थी। पापा ने मेरी स्कर्ट को और ऊपर उठाया, और मेरी गांड को सहलाने लगे। उनकी उंगलियाँ मेरी मुलायम स्किन पर फिसल रही थीं, और मेरे शरीर में एक अजीब-सी सिहरन दौड़ रही थी। फिर उन्होंने मेरी गांड को जोर से दबाया, और मैंने एक हल्की-सी सिसकारी भरी।

अचानक पापा खड़े हो गए। मैं समझी कि अब क्या होगा, लेकिन तभी पापा ने अपनी बेल्ट उठाई और मेरी गांड पर जोर से मारी। “चटाक!” आवाज इतनी तेज थी कि मेरा पूरा शरीर सिहर गया। मेरी गांड पर लाल निशान पड़ गया, और मेरी आँखों में आँसू आ गए।

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मैं: (चीखते हुए) पापा! आपने कहा था कि सेक्स करेंगे, मारोगे नहीं!

पापा: (हल्के से हँसते हुए) ओह, सॉरी बेटा। बहुत तेज लगी क्या? (वो मेरी गांड को सहलाने लगे, जैसे दर्द को कम करना चाहते हों।)

फिर उन्होंने मुझे पीठ के बल लिटाया। मेरी साँसें तेज थीं, और मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। पापा ने अपनी उंगली पर थूका और मेरे नुकीले निपल्स पर चिमटी काट ली। “अह्ह… अह्ह…” मैंने कामुक आवाज में चीख मारी। दर्द और एक अजीब-सा मजा दोनों मिल रहे थे। पापा ने मेरे बूब्स को दोनों हाथों से दबाना शुरू किया। उनकी उंगलियाँ मेरे निपल्स को मसल रही थीं, और फिर वो मेरे बूब्स को चाटने और चूसने लगे। “उम्म… अह्ह…” मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मेरे शरीर में गर्मी बढ़ रही थी, और मेरी चूत धीरे-धीरे गीली होने लगी।

15 मिनट तक पापा मेरे बूब्स के साथ खेलते रहे। फिर उन्होंने अपनी उंगलियाँ अपने मुँह में डालीं, उन्हें सलाइवा से गीला किया, और मेरी नन्ही, गोरी, बिना बालों वाली चूत में डालने की कोशिश की। मेरी चूत इतनी टाइट थी कि उनकी उंगली अंदर नहीं जा रही थी। मुझे फिंगरिंग या मास्टरबेशन की आदत नहीं थी, इसलिए मेरी चूत बिल्कुल वर्जिन थी। उनकी उंगली से मुझे दर्द हो रहा था, और मेरी साँसें और तेज हो गईं। “आह… पापा… धीरे…” मैं सिसकारियाँ ले रही थी।

फिर पापा ने अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया। उनकी गर्म जीभ मेरी चूत के छोटे से मोती को चाटने लगी। “उह्ह… अह्ह…” मैं मस्ती में डूबने लगी। मैंने अपने होंठों को दाँतों से काट लिया, और अपने हाथों से पापा का सिर अपनी चूत पर दबाने लगी। जब उनकी जीभ मेरी चूत के अंदर गहरे तक गई, तो मैंने अपनी गांड उठा-उठाकर और गहरा लेने की कोशिश की। “पापा… और… और…” मेरी आवाज में एक अजीब-सी बेचैनी थी। मेरी चूत अब पूरी तरह गीली हो चुकी थी, और कमरे में मेरी सिसकारियों के साथ-साथ “चप-चप” की आवाजें गूँज रही थीं।

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मैं: (हाँफते हुए) पापा, प्लीज अब और मत तड़पाओ। अब चोद दो मुझे, प्लीज।

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पापा: (हँसते हुए) अभी तो बस शुरूआत है, मेरी जान। पहले तुझे और तड़पाऊंगा, फिर तेरी इस टाइट चूत में अपना 9-इंच का लंड डालूंगा।

मेरे शरीर में एक ठंडी सिहरन दौड़ गई। मैंने कहा: पापा, प्लीज, रियल वाला सेक्स नहीं। बहुत दर्द होगा। मैं वर्जिन हूँ। मैं अभी अपनी वर्जिनिटी नहीं खोना चाहती। प्लीज समझो न।

पापा: (गुस्से में) अरे, वो लड़का भी तो यही करने वाला था। उसे तो तूने नहीं रोका। अपने बाप को मना कर रही है, और उस अनजान लड़के को अलाउ कर रही थी?

मैं: (रोते हुए) मैं उसे रोकने वाली थी, पापा। लेकिन आप आ गए।

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पापा: (सख्त आवाज में) अब चाहे कुछ भी हो, आज तो तुझे चोदे बिना नहीं छोड़ूंगा। बड़े दिनों बाद ऐसी टाइट चूत मिली है। तेरी माँ की चूत तो इतनी बार चुद चुकी है कि अब वो ढीली हो गई है। अब उस रंडी को चोदने में कोई मजा नहीं आता।

उनके शब्द मेरे दिल में चाकू की तरह चुभे। मैंने गुस्से में पापा को धक्का दिया और बेड से उठने लगी। लेकिन पापा ने मेरी कमर पकड़ ली और मुझे वापस खींच लिया।

पापा: (गुस्से में) अनु, आगे से ऐसी बदतमीजी मत करना। नहीं तो भूल जाऊंगा कि तू मेरी बेटी है।

मैं: (रोते हुए) आप तो पहले ही भूल चुके हैं, पापा। जब आपने मेरे साथ ऐसा करने का सोचा, तभी आप भूल गए कि मैं आपकी बेटी हूँ।

पापा: (ठंडी आवाज में) अगर मैं भूल गया होता, तो तेरा बदन दर्द से टूट रहा होता। तू इतनी आसानी से मुझे धक्का नहीं मार पाती।

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मैं चुप हो गई। मेरे पास कहने को कुछ नहीं था। पापा मेरे और करीब आए। उन्होंने मेरे फोरहेड पर एक हल्का-सा किस किया और बोले: तू क्यों मुझे इतना परेशान करती है? शांति से मुझे डेढ़ घंटा मेरे मन की करने दे। तू देख, तुझे भी बहुत मजा आएगा।

मेरे दिल में डर, गुस्सा, और एक अजीब-सी उलझन थी। लेकिन मैं चुप रही। मेरी साँसें तेज थीं, और मेरी चूत अभी भी गीली थी। पापा की आँखों में एक ऐसी आग थी, जो मुझे डराने के साथ-साथ कुछ और भी महसूस करा रही थी।

इसके आगे की कहानी अगले पार्ट में आएगी।

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कहानी का अगला भाग: पापा ने दी पनिशमेंट – पार्ट 2

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