मेरी कहानी का पिछला भाग पढ़ें: मेरी प्रेगनेंसी और मायका
पति बहुत सारी मैगज़ीन लाते थे, जिनमें नंगी लड़कियों की तस्वीरें होती थीं। मैं वो सब अपने मायके ले आई थी और मम्मी को भी दिखाई। मैं और मम्मी सारा दिन वही तस्वीरें देखते रहते और आपस में बातें करते। पति मुझे बताते थे कि विदेशों में सब कुछ खुलेआम होता है, लोग कम कपड़ों में रहते हैं। मैं यही सब बातें मम्मी को बताती रहती। उन मैगज़ीन में सेक्स की तस्वीरें भी थीं, जिसमें अलग-अलग पोज़ में बताया गया था कि कैसे करते हैं। उनमें हर तरह की तस्वीरें थीं—दो मर्द आपस में करते हुए, दो औरतें आपस में करती हुईं। कुछ तस्वीरों में बूढ़ा आदमी जवान लड़कियों के साथ कर रहा था, तो कुछ में जवान लड़के बूढ़ी औरतों के साथ। मैं उन मैगज़ीन को कमरे में बेड पर कपड़े से ढककर रख देती थी।
फिर मैंने मम्मी-पापा को भी वो मैगज़ीन दिखाना शुरू किया। पापा बहुत ध्यान से देखते थे। एक दिन मैं और मम्मी बेड पर बैठकर मैगज़ीन देख रहे थे, तभी पापा आ गए। मैं उठकर चारपाई पर बैठ गई, और पापा बेड पर मेरे सामने बैठकर मैगज़ीन देखने लगे। मम्मी उस वक्त नंगी ही बैठी थीं। पापा गर्म हो गए और उन्होंने अपनी लुंगी उतार दी, पूरी तरह नंगे हो गए। मैं दूसरी तरफ मुँह करके लेटी थी, तो उन्हें लगा कि मैं सो गई हूँ। फिर पापा ने मम्मी के साथ चुदाई शुरू कर दी।
कुछ देर मैं लेटी रही, लेकिन मुझे जोर से पेशाब लगी। मैं उठी और पेशाब करने चली गई। जब मैं उठी, तो पापा थोड़ा रुके, लेकिन मेरे बाहर जाते ही वो फिर शुरू हो गए। जब मैं वापस आई, तो देखा कि पापा नंगे ही बेड पर पैर फैलाकर सोए हैं, और मम्मी मैगज़ीन देख रही थीं। मैं चुपचाप जाकर सो गई। मम्मी के देखा-देखी पापा भी अब नंगे ही रहने लगे थे।
एक बार मम्मी नंगी ही मेरे पास आकर लेट गईं और मुझे मैगज़ीन दिखाने लगीं। पापा भी एक मैगज़ीन उठाकर देखने लगे। फिर पापा बाहर के कमरे में चले गए, तो मैं भी नंगी हो गई। हमारे घर में टॉयलेट नहीं था, तो हम घर के पीछे पशुओं के लिए बोए गए हरे चारे में पेशाब करने जाते थे। कई बार पापा वहाँ होते, तो वो मुझे नंगी देख लेते। मैं उनके सामने ही पेशाब करके आ जाती। पापा हरा चारा काटकर लाते थे।
एक शाम पापा आँगन में बैठे थे। मम्मी ने घर का काम खत्म किया, तो पसीने से पूरी भीग गई थीं। मम्मी बोलीं, “आजा, नहा लेते हैं।” मम्मी तो नंगी थीं ही, मैंने भी कपड़े उतार दिए और मम्मी की ओट लेकर नहाने लगी। फिर मम्मी मेरे पीछे आ गईं और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगीं। पापा बैठे-बैठे हमें ही देख रहे थे। मैं नहा चुकी, तो मम्मी बोलीं, “कपड़े मत पहन, गर्मी बहुत है।” मैं नंगी ही कमरे में चली गई, नजरें झुकाए पापा के पास से गुज़रकर। मम्मी भी नहाकर आ गईं और पापा के पास बैठ गईं।
मम्मी ने मुझे खाना खाने के लिए बुलाया। मैं बाहर आई, तो पापा से थोड़ा शरमा रही थी। मैंने पापा को खाना दिया, फिर मैं और मम्मी ने खाया। उस वक्त लाइट नहीं थी, तो अंदर बहुत गर्मी थी। पापा बाहर चौकी पर बैठ गए। मैं और मम्मी कुछ देर अंदर बैठे, फिर हम भी बाहर आ गए। बाहर देखा, तो पापा नंगे लेटे थे, उनके हाथ में मैगज़ीन थी, और वो अपना लंड हिला रहे थे। मम्मी उनके पास बैठकर उनका लंड पकड़ लिया। मैं उनके सामने बैठ गई। लालटेन जल रही थी, तो मैं सब देख पा रही थी।
पापा ने मम्मी को मेरी तरफ सुला दिया और खुद उनके पीछे लेटकर पीछे से चुदाई शुरू कर दी। मैं भी गर्म हो गई थी, तो धीरे-धीरे अपनी चूत सहलाने लगी। पापा ने चुदाई पूरी की, तो सीधे होकर सो गए। मम्मी भी उनके साथ सो गईं। मुझे भी पता नहीं कब नींद आ गई। सुबह उठी, तो मम्मी अंदर चली गई थीं, और पापा सीधे सोए थे। उनका लंड खड़ा था। मैं कुछ देर उसे देखती रही, फिर उनके पास जाकर उनका लंड पकड़कर सहलाने लगी।
पापा जाग गए, तो मैंने हाथ हटाना चाहा, पर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोले, “बेटा, थोड़ा और सहला दे।” मैं थोड़ा घबरा गई, लेकिन फिर आराम से सहलाने लगी। पापा आँखें बंद करके लेटे रहे। तभी मम्मी चाय लेकर आ गईं। मुझे देखकर वो हँसने लगीं और बोलीं, “इनका तो सारा दिन हिलाते रहो।” इतने में पापा झड़ने लगे, उनका पानी उनके पेट पर गिरने लगा। वो आवाज़ करने लगे, “और तेज़ हिलाओ!” मैंने तेज़ी से हिलाया। वो पूरी तरह झड़ गए, तो मैंने उनका लंड छोड़ दिया और मुँह धोने चली गई। फिर चाय पी।
पापा सोए रहे, तो मम्मी ने उन्हें उठाकर चाय पीने को कहा। वो उठे, मुँह धोया और चाय पी। उस दिन के बाद मुझे शर्म कम हो गई। जब मन करता, मैं पापा का लंड हिलाने लग जाती।
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अगले भाग में बताऊँगी कि मैंने पापा से कैसे चुदाई की…
जारी रखें पढ़ना मेरी कहानी: मम्मी के सामने बेटी ने पापा से चुदाई करवाई
2 thoughts on “पापा मम्मी के सामने नंगी हुई और नंगी रही डिलीवरी तक”