पापा के साथ गई अपनी सूजी चूत डॉक्टर को दिखाने

मेरी कहानी का पिछला भाग पढ़ें: मम्मी के सामने बेटी ने पापा से चुदाई करवाई

पापा मुझे तैयार होने का कहकर खेतों की तरफ चले गए। फिर मैंने मम्मी को थोड़ा घर का काम करवाया और फिर मैं नहाने चली गई। नहाकर आई तो मैंने अपनी एक दूसरी नाइटी निकालकर बेड पर रख दी और ऑइल लेकर बाहर आ गई। फिर चारपाई पर बैठकर बालों में ऑइल लगाने लगी।

इतने में पापा आ गए और मेरे पास ही बैठ गए। फिर उन्होंने अपने कपड़े निकालकर साइड में रख दिए और नंगे होकर बैठ गए। इतने में मैंने अपने बाल बना लिए थे। फिर पापा के पता नहीं क्या मन में आया, उन्होंने अपने हाथों में ऑइल लिया और मैं उठकर जाने लगी तो मेरे बूब्स पकड़ लिए और मालिश करने लगे। फिर मैं वापस उनके पास ही बैठ गई।

मैं पहले भी पापा के साथ फ्रैंक थी, पापा से इतना शर्माती नहीं थी और अब तो शर्माना ही क्या। फिर मैं अपनी छाती आगे की तरफ निकालकर बैठ गई तो मेरे दोनों बूब्स और बाहर की ओर आ गए। फिर वो मालिश करने लगे। फिर मैंने भी उनका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। फिर पापा ने अपने लंड पर भी ऑइल डाल दिया और फिर मैं मालिश करने लगी। मालिश करते-करते मैं और पापा पूरे ऑइल में हो गए।

मम्मी चूल्हे के पास थी, फिर वो खड़ी हुई तो हमें देखकर बोली कि जाना नहीं है क्या। फिर मैं खड़ी हुई तो पापा ने मुझे अपनी गोद में बैठा लिया और बूब्स पकड़ लिए। मैंने पापा से छोड़ने के लिए कहा पर पापा कहाँ मानने वाले थे। फिर कुछ देर बाद पापा ने मुझे छोड़ दिया और वो उठकर मम्मी के पास चले गए।

फिर उन्होंने मम्मी को चूल्हे के पास ही लेटा लिया और चुदाई करने लगे। फिर मैं भी वहाँ चली गई और उन्हें देखने लगी। मम्मी पसीने से भीगी हुई थी तो मम्मी नीचे से पूरी मिट्टी से भर गई। फिर पापा ने मम्मी को घोड़ी बना लिया और चुदाई करने लगे। फिर पापा झड़ गए तो वो वहीं बैठ गए और मम्मी काम करने लगी।

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फिर मम्मी बोली कि अब नहा लो और इसे दिखा लाओ। फिर पापा बोले, आजाओ तुम भी नहा लो। फिर मम्मी बोली कि ठीक है। फिर मम्मी ने रोटी बनाई और फिर हम तीनों ही नहाने चले गए। पापा ने पहले मम्मी के ऊपर पानी डाला और उन्हें साफ किया। मैंने भी इतने में साबुन वगैरह लगाकर ऑइल की चिकनाहट कम कर दी।

फिर मैं और मम्मी पापा को साबुन लगाने लगी और उन्हें नहलाया। फिर मम्मी तो चली गई और मैं और पापा नहाने लगे। मैं और पापा पानी से खेलने लगे, कभी वो मेरे ऊपर पानी डालते तो कभी मैं उन पर डाल देती। फिर मैं हँसते हुए वहाँ से आ गई और रूम में चली गई।

खुद को मैंने तौलिये से पोंछा ही था कि इतने में पापा आ गए। फिर पापा मेरे पीछे से लिपट गए और बूब्स दबाने लगे। साथ में पीछे से लंड भी मसल रहे थे। मैं तो गर्म थी पहले से ही और फिर पापा भी हो गए। फिर पापा ने मुझे बेड की किनारे लेटाया और चूत चूसने लगे।

फिर पापा ने दोनों हाथों से मेरे पैर पकड़कर फैला दिए और अपना लंड डालकर चुदाई करने लगे। मैं भी पूरे मजे लेकर चुदाई करने लगी। फिर बाहर से मम्मी ने खाना खाने के लिए आवाज़ दी तो पापा तेज़-तेज़ धक्के लगाने लगे और पूरा पानी मेरी चूत में ही डाल दिया। फिर मैं और पापा साथ ही बाहर आ गए।

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मम्मी ने खाना लगा रखा था तो हमने खाना खाया और फिर कपड़े वगैरह पहने। मैंने नाइटी पहनी और अंदर कुछ नहीं पहना। नाइटी पतली सी थी, फिर भी मैंने अंदर कुछ नहीं पहना। पापा ने पायजामा कुर्ता पहना। तब हमारे पास अपनी जीप थी तो हम जीप में गए। पापा जीप चला रहे थे और मैं उनके पास वाली सीट पर बैठी थी।

फिर कुछ देर में ही हम मार्केट में आ गए और फिर डॉक्टर के यहाँ चले गए। तब 8 बज रहे थे, हम जल्दी ही पहुँच गए थे। उस डॉक्टर का घर और क्लिनिक पास-पास ही थे। फिर पापा ने उनके घर जाकर पता किया तो वो बोले कि अभी टाइम लगेगा। फिर पापा ने मुझे बताया और फिर हम जीप में ही बैठकर उसका इंतज़ार करने लगे।

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उस दिन काफी गर्मी थी और हवा भी नहीं चल रही थी। तो हम पसीने से भीग गए। पसीने के कारण मेरी बॉडी भी नाइटी में से दिखने लगी थी। फिर पापा ने कहा कि ऐसे तो तुम्हारे कपड़े पसीने से भीग जाएँगे। फिर मैं पापा से बोली कि क्या करूँ तो। पापा के पास एक कपड़ा था जिससे पापा अपना पसीना वगैरह पोंछते थे तो पापा बोले कि तुम जीप में पीछे जाकर कपड़े खोल दो और इस कपड़े से पसीना पोंछ लो।

फिर मैंने ऐसा ही किया। मैं जीप से उतरी और पीछे की तरफ जाकर बैठ गई। फिर मैंने अपनी नाइटी खोल दी और जीप की अगली सीट पर फैला के रख दी और खुद को पापा के दिए कपड़े से पोंछने लगी। मैंने खुद को अच्छी तरह से पोंछ लिया और फिर ऐसे ही बैठी रही, नंगी ही।

हम उस डॉक्टर के घर के पास एक खाली जगह में जीप खड़ी करके बैठे थे। सुबह का टाइम था, लोग भी इतने नहीं थे गलियों में। फिर पापा ने जीप का पर्दा पीछे से थोड़ा सा हटा दिया ताकि हवा आ सके। लेकिन तब हवा बिल्कुल भी नहीं चल रही थी।

फिर कुछ देर बाद पापा दोबारा पता करने गए तो वो डॉक्टर आ गई थी। फिर पापा ने मुझे बताया और मैंने अपनी नाइटी पहनी और मैं और पापा डॉक्टर के पास चले गए। फिर उस डॉक्टर को मैंने सब बताया, फिर वो बोली कि चेक कर लेती हूँ।

फिर वो और मैं पर्दे के पीछे गए, वहाँ एक बेड था। मैं उस पर लेट गई। फिर डॉक्टर ने चूत दिखाने को बोला तो मैंने नाइटी ऊपर कर ली। चूत की शेव मैंने एक-दो दिन पहले ही की थी। तो वो मेरी चूत देखकर मेरी तरफ देखने लगी तो मैं मुस्कुरा दी।

फिर वो मेरी चूत दबाकर चेक करने लगी तो जब उसने चूत को दबाया तो पापा का पानी बाहर आ गया। तब मैंने चूत अच्छे से साफ नहीं की थी। मेरी चूत भी सूजी हुई थी तो वो जान गई थी कि मैंने सेक्स किया है। फिर वो बोली कि अब सेक्स मत किया करो। मैंने कहा ठीक है।

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फिर उसने चेक करने के लिए अपनी उंगली चूत में डाल दी तो मेरे मुँह से सिसकारी निकल गई तो वो डॉक्टर और मैं हँसने लगे। फिर डॉक्टर बोली कि बस थोड़ा बहुत इंफेक्शन हुआ है और कुछ नहीं है। फिर डॉक्टर चली तो फिर मैं भी आ गई उसके पीछे-पीछे।

फिर उसने कुछ मेडिसिन और एक क्रीम लिखकर दी। फिर उसने कहा कि ये क्रीम चूत में अंदर तक भर के लगानी है। उसने कहा कि घूमा-फिरा करो थोड़ा ताकि खाना वगैरह अच्छे से पच जाए। सुबह-सुबह घूमना अच्छा होता है। मैंने कहा कि ठीक है।

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पापा बाहर बैठे थे तो मैंने उन्हें बुलाया, फिर उन्होंने डॉक्टर को फीस दी। फिर हम मेडिकल पर गए और मेडिसिन वगैरह ली। पापा ने थोड़ा घर का सामान लिया और फिर हम वापस घर आ गए। मैंने मम्मी-पापा को सब बताया जो डॉक्टर ने कहा था। फिर पापा बोले कि तुम मेरे साथ चला करो सुबह-सुबह खेतों की ओर। मैं बोली कि ठीक है।

अगले भाग में बताऊँगी कि मैंने और पापा ने क्या-क्या किया जब सुबह घूमने गए तब…

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