नींद की गोली खिलाकर चाची को चोदा

मेरा नाम बिकाश है। मैं 28 साल का हूँ, मेरी हाइट 5 फीट 11 इंच है, रंग साफ और बॉडी अच्छी-खासी मस्कुलर है। मेरा वजन 75 किलो है और मैं भिलाई में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ। दोस्तों, मुझे अपनी उम्र की लड़कियों से ज्यादा बड़ी उम्र की औरतें पसंद हैं। उनकी वो मादक अदाएँ, अनुभवी नजाकत और भरा हुआ जिस्म मुझे हमेशा अपनी ओर खींचता है। Chachi ki chudai

ये कहानी मेरी चाची की चुदाई की है। मेरी चाची, जिनका नाम रेखा है, एकदम हॉट और सेक्सी हैं। उनकी उम्र 37 साल के आसपास है, लेकिन वो किसी 25 साल की कुंवारी लड़की को भी मात दे दें। उनकी बड़ी, गोल गांड, पतली कमर, गोरा रंग, गोल चेहरा और बड़े-बड़े रसीले बूब्स किसी का भी लंड खड़ा कर दें। जब वो साड़ी पहनती हैं, तो उनका जिस्म हर एक को अपनी ओर खींच लेता है। और जब कभी सलवार सूट पहनती हैं, तो उनकी कातिलाना कर्व्स हर मर्द की साँसें रोक देती हैं। उनकी दो बेटियाँ हैं, लेकिन उनका फिगर ऐसा है कि कोई नहीं कह सकता कि वो दो बच्चों की माँ हैं। उनकी बेटियाँ भी अपनी माँ की तरह ही हसीन और सेक्सी हैं।

अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ। ये घटना तब की है जब मैं छुट्टियों में अपने गाँव गया था। मैं अपने दादा-दादी के घर रुका था। मेरे चाचा का घर अलग है। चाचा आर्मी में थे, लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने अपनी मर्जी से रिटायरमेंट ले लिया था। अब वो एक प्राइवेट कंपनी में गार्ड की नौकरी करते थे। उनकी शिफ्ट कभी-कभी पूरी रात की होती थी, यानी वो हफ्ते में 3-4 दिन घर से बाहर रहते थे। ऐसे में चाची और मेरी चचेरी बहनें, रिया और सोनिया, रात में घर पर अकेली रहती थीं।

उन दिनों मेरी किस्मत ने मुझ पर मेहरबानी की। जब मैं गाँव पहुँचा, तभी चाची के घर के पास एक चोरी हो गई। इस वजह से चाचा ने मुझसे कहा कि जब वो रात को घर पर न हों, तो मैं उनके घर रुक जाया करूँ। मैंने तुरंत हामी भर दी। मेरे दिमाग में पहले से ही कुछ और ही चल रहा था।

पहले दो दिन तो सब सामान्य रहा। मैं रात को चाची के घर रुकता, उनके साथ खाना खाता, और हॉल में सोफे पर सो जाता। चाची अपने कमरे में और मेरी दोनों बहनें अपने कमरे में सोती थीं। लेकिन हर पल मेरा दिमाग उसी उधेड़बुन में रहता कि कैसे चाची को अपने जाल में फँसाऊँ। तीन हसीन औरतों के बीच रहते हुए मेरा लंड हर वक्त तना रहता था। कभी-कभी तो मन करता था कि तीनों को एक साथ बिस्तर पर लिटाकर चोद डालूँ। लेकिन डर था कि अगर बात घर तक पहुँची, तो मार-पीट और बदनामी दोनों होगी। इसलिए मैं चुपचाप मौके की तलाश में रहता था।

तभी एक दिन मेरे दिमाग में एक शैतानी प्लान आया। मेरी दादी को रात में नींद नहीं आती थी, इसलिए वो हर रात नींद की गोली खाती थीं। उनकी उम्र की वजह से उन्हें ये भी याद नहीं रहता था कि उनकी दवा में कितनी गोलियाँ बची हैं। मैंने मौका देखकर उनकी डिब्बी से 5-6 गोलियाँ चुरा लीं। मेरा इरादा साफ था—इन गोलियों का इस्तेमाल करके चाची को गहरी नींद में सुलाऊँगा और फिर अपनी हवस पूरी करूँगा।

उस रात मैं चाची के घर गया। खाना खाने के बाद मैंने सोचा कि गोलियाँ कैसे दी जाएँ। फिर मुझे मौका मिला। वो लोग खाने के बाद जग से पानी पीते थे। मैंने चुपके से चार गोलियाँ उस जग में डाल दीं। मैंने ध्यान से देखा कि कौन-कौन उस पानी को पीता है। चाची ने सबसे पहले पानी पिया, फिर छोटी बेटी सोनिया ने। लेकिन बड़ी बेटी रिया ने किचन में जाकर अलग से पानी पिया। मैं थोड़ा निराश हुआ, लेकिन सोचा कि अगर तीनों नहीं, तो कम से कम चाची के साथ तो मजा लिया जा सकता है।

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खाना खाने के बाद हम सब हॉल में सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगे। चाची, रिया, और सोनिया मेरे साथ थीं। कुछ ही देर में चाची ने कहा, “बिकाश, मुझे बहुत नींद आ रही है। मैं सोने जा रही हूँ।” वो अपने कमरे में चली गईं। थोड़ी देर बाद सोनिया भी नशीली-सी आँखों के साथ उठी और बोली, “मुझे भी नींद आ रही है।” वो भी अपने कमरे में सोने चली गई। मैं समझ गया कि गोलियों का असर शुरू हो गया है। अब सिर्फ रिया मेरे साथ थी। हमने थोड़ी देर और बातें की, फिर टीवी बंद करके सोने चले गए। मैं हॉल में सोफे पर लेट गया, लेकिन मेरा दिमाग चाची के कमरे की ओर भाग रहा था।

लगभग एक घंटे बाद, जब घर में पूरी तरह सन्नाटा छा गया, मैं धीरे से उठा। मैंने अपना फोन लिया, क्योंकि मैं इस मौके को वीडियो में कैद करना चाहता था। अगर चाची को बाद में कुछ शक हुआ, तो मैं ये वीडियो दिखाकर उन्हें चुप करा सकता था। मैं चुपके से चाची के कमरे में गया। कमरे में हल्की रोशनी थी, और चाची बिस्तर पर गहरी नींद में सो रही थीं। उन्होंने सफेद रंग की मैक्सी पहनी थी, जो उनके जिस्म को और भी आकर्षक बना रही थी।

मैं धीरे से उनके पास गया और उन्हें छुआ। वो बिल्कुल नहीं हिलीं। मैंने उनका नाम पुकारा, “चाची… चाची…” कोई जवाब नहीं। मैंने उनका हाथ पकड़ा और जोर से हिलाया, लेकिन फिर भी कोई हलचल नहीं। मैं समझ गया कि नींद की गोलियाँ ने अपना कमाल कर दिखाया है। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, लेकिन हवस मेरे डर पर भारी पड़ रही थी।

मैंने बिना वक्त गँवाए चाची की मैक्सी के ऊपरी बटन खोलने शुरू किए। उनकी काली जालीदार ब्रा दिखाई दी, जो उनके भारी बूब्स को मुश्किल से समेटे थी। मैंने धीरे से उनकी ब्रा को नीचे सरकाया और उनके बूब्स को बाहर निकाला। उनके भूरे निप्पल एकदम सख्त और आकर्षक थे। मैंने पहली बार किसी औरत के बूब्स को इतने करीब से देखा और छुआ। मेरा लंड मेरे पजामे में तनकर फटने को तैयार था।

मैंने उनके दोनों बूब्स को बारी-बारी से दबाया। वो इतने मुलायम और भारी थे कि मेरे हाथों में समा ही नहीं रहे थे। मुझसे रहा नहीं गया, और मैंने उनके एक निप्पल को मुँह में ले लिया। मैं उसे चूसने लगा, धीरे-धीरे, फिर जोर-जोर से। मुझे लगा कि उनके निप्पल और सख्त हो रहे हैं। एक पल को मैं डर गया कि कहीं चाची जाग तो नहीं गईं? लेकिन वो गहरी नींद में थीं। शायद मेरे चूसने की वजह से उनका जिस्म गर्म हो रहा था।

मैंने सोचा कि मैक्सी अब बीच में आ रही है। मैंने फैसला किया कि पहले चाची को पूरी तरह नंगा करूँगा, फिर आराम से मजा लूँगा। मैंने उनकी मैक्सी को धीरे-धीरे उनकी जाँघों तक ऊपर खींचा। उनकी गोरी, चिकनी जाँघें देखकर मेरा लंड और बेकाबू हो गया। उनके पैरों पर एक भी बाल नहीं था, जैसे अभी-अभी वैक्स किया हो। मैंने मैक्सी को और ऊपर किया, और जो देखा, उसने मेरे होश उड़ा दिए। चाची ने नीचे पैंटी नहीं पहनी थी! उनकी चूत मेरे सामने थी—हल्के भूरे बालों से सजी, गुलाबी और गीली। मैंने पहली बार किसी औरत की चूत को इतने करीब से देखा था।

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मैंने उनकी मैक्सी को पूरी तरह उतार दिया और उन्हें उल्टा करके उनकी ब्रा भी निकाल दी। अब चाची मेरे सामने पूरी तरह नंगी थीं। मैंने अपना फोन लिया, वीडियो मोड ऑन किया, और उसे पास में रख दिया। फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और चाची के पैरों से शुरू करके उन्हें चूमना शुरू किया। उनके चिकने पैरों की नरम त्वचा मेरे होंठों को और भड़का रही थी। मैं धीरे-धीरे ऊपर बढ़ा, उनकी जाँघों को चूमा, और फिर उनकी चूत तक पहुँच गया।

उनकी चूत हल्की गीली थी, और उसकी मादक खुशबू ने मुझे पागल कर दिया। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर रखी और धीरे-धीरे चाटना शुरू किया। उनकी चूत का स्वाद मेरे लिए जन्नत से कम नहीं था। मैंने उनकी चूत की पंखुड़ियों को अपनी जीभ से सहलाया, उनके क्लिट को चूसा, और धीरे-धीरे अपनी जीभ को अंदर-बाहर करने लगा। चाची की साँसें भारी हो रही थीं, और उनकी चूत और गीली हो गई। मुझे शक हुआ कि कहीं वो नींद में भी गर्म हो रही हैं, लेकिन वो अब भी गहरी नींद में थीं।

मैंने उनके पैरों को और चौड़ा किया और उनकी गांड को देखा। उनकी गांड इतनी गोल और भारी थी कि मेरा लंड उसमें समाने को बेताब था। मैंने उनकी गांड को चूमा, फिर अपनी जीभ से उनके गांड के छेद को छुआ। उस समय मुझ पर ऐसा जोश सवार था कि मैं कुछ और सोच ही नहीं पा रहा था। मैंने फिर उनके बूब्स को चूसना शुरू किया, उनके निप्पलों को हल्के से काटा, और उनके पूरे जिस्म को अपने हाथों से सहलाया।

अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैंने अपना लंड लिया, जो अब 7 इंच का सख्त लोहे की तरह तना हुआ था, और उसे चाची की चूत के मुँह पर रखा। मैंने हल्का सा धक्का मारा, लेकिन उनकी चूत इतनी टाइट थी कि लंड फिसल गया। मैंने फिर से कोशिश की, इस बार थोड़ा जोर लगाया, और मेरा लंड का सुपारा उनकी चूत में घुस गया। उनकी चूत इतनी गर्म और गीली थी कि मुझे लगा मैं अभी झड़ जाऊँगा।

मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया। हर धक्के के साथ मेरा लंड उनकी चूत में और गहरा उतर रहा था। उनकी चूत की दीवारें मेरे लंड को जकड़ रही थीं, और हर धक्के के साथ पच-पच की आवाज कमरे में गूँज रही थी। चाची की साँसें और भारी हो गई थीं, और उनकी मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकल रही थीं, “आह… उह…” मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि वो नींद में भी इतना रिस्पॉन्स दे रही थीं। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और अब मैं उन्हें पूरी ताकत से चोद रहा था।

मैंने उनके बूब्स को जोर-जोर से दबाया, उनके निप्पलों को चूसा, और उनकी जाँघों को सहलाते हुए धक्के मारे। उनकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। मैंने उनके पैरों को अपने कंधों पर रख लिया, ताकि मेरा लंड उनकी चूत की गहराई तक पहुँच सके। हर धक्के के साथ उनके बूब्स उछल रहे थे, और उनका चेहरा नींद में भी कामुक लग रहा था। मैंने उनके होंठों को चूमा, उनकी जीभ को चूसा, और उनके पूरे चेहरे को चाट लिया।

लगभग 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी, और आखिरी कुछ धक्कों के साथ मैंने अपना सारा वीर्य उनकी चूत में उड़ेल दिया। मेरे लंड से इतना माल निकला कि उनकी चूत भर गई, और कुछ बाहर टपकने लगा। मैं हाँफते हुए उनके पास लेट गया, लेकिन मेरा मन अभी भरा नहीं था।

10 मिनट बाद मेरा लंड फिर से तन गया। मैंने सोचा कि ये मौका फिर नहीं मिलेगा। मैंने चाची को उल्टा किया और उनकी गांड को देखा। उनकी गांड का छेद छोटा और टाइट था। मैंने पहले अपनी उंगली से उनकी गांड को छुआ, लेकिन लंड अंदर जाने में दिक्कत हो रही थी। मैंने उनकी अलमारी से वैसलीन निकाली, थोड़ा अपनी उंगली पर लगाया, और उनकी गांड के छेद में डालकर उसे ढीला किया। फिर मैंने अपने लंड पर भी वैसलीन लगाई और उसे उनकी गांड पर सेट किया।

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मैंने धीरे से धक्का मारा, और मेरा लंड का सुपारा उनकी गांड में घुस गया। चाची की नींद में भी एक हल्की सी सिसकारी निकली, लेकिन वो नहीं जागीं। मैंने थोड़ा और जोर लगाया, और इस बार मेरा आधा लंड उनकी गांड में समा गया। उनकी गांड इतनी टाइट थी कि मुझे लगा मेरा लंड फट जाएगा। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया, और हर धक्के के साथ मेरा लंड और गहरा उतर रहा था।

मैंने उनकी कमर पकड़ी और उन्हें कुतिया की तरह चोदना शुरू किया। उनकी गांड की गर्मी और टाइटनेस ने मुझे पागल कर दिया। मैंने उनके बूब्स को पीछे से दबाया, उनकी गर्दन को चूमा, और उनकी पीठ को चाटा। उनकी गांड की हर धक्के के साथ थप-थप की आवाज कमरे में गूँज रही थी। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद मैं उनकी गांड में झड़ गया। मेरा वीर्य उनकी गांड से बाहर टपक रहा था।

मैंने अपना लंड बाहर निकाला और हाँफते हुए उनके पास लेट गया। तभी मुझे एक झटका लगा। मैंने देखा कि रिया, मेरी बड़ी चचेरी बहन, दरवाजे के पास खड़ी थी। वो ना जाने कब से ये सब देख रही थी। मेरा दिल धक से रह गया। मुझे लगा कि अब सब खत्म हो गया। घर में हंगामा मच जाएगा, और मेरी बदनामी पक्की है।

मैं घबराते हुए उठा और रिया के पास गया। मैंने उसे समझाया, “रिया, मैंने सब वीडियो बना लिया है। अगर तूने किसी को कुछ बताया, तो मैं चाची का ये वीडियो सबको दिखा दूँगा।” मैंने उसे फोन में वीडियो दिखाया, जिसमें चाची नंगी थीं। रिया चुपचाप मेरी बात सुन रही थी। फिर उसने पूछा, “मम्मी इतनी चुप क्यों हैं? वो जाग क्यों नहीं रही हैं?”

मैंने उसे नींद की गोलियों वाली बात बताई। मैंने कहा, “सबने उस पानी में से गोलियाँ पी लीं, सिवाय तुझे। इसीलिए तू जाग रही है।” रिया ये सुनकर गुस्से में आ गई। उसने कहा, “तूने ये सब गलत किया, बिकाश। लेकिन मैं किसी को नहीं बताऊँगी, क्योंकि मम्मी की इज्जत का सवाल है।” मैंने राहत की साँस ली।

अगले दिन चाची सामान्य थीं। उन्हें कुछ याद नहीं था। लेकिन उनके चलने में हल्की अकड़न थी, शायद मेरी रात वाली करतूत की वजह से। रिया मुझसे सामान्य व्यवहार कर रही थी, लेकिन उसकी आँखों में एक अलग चमक थी। मुझे लग रहा था कि वो कुछ और सोच रही है।

उस रात के बाद मैंने चाची को फिर कभी छुआ नहीं। लेकिन वो अनुभव मेरे दिमाग में हमेशा के लिए बस गया। उनकी चूत की गर्मी, उनकी गांड की टाइटनेस, और वो मादक सिसकारियाँ मुझे आज भी रातों में जगाए रखती हैं।

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