मम्मी को सिड्यूस करके कार में चोदा

हैलो दोस्तों, मैं हितेश कपूर। मैं हरियाणा के एक छोटे से गांव से हूँ। मेरी उम्र 18 साल है और मैं आपको एक सच्ची चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो मेरी मम्मी शिवानी की है। मेरी मम्मी का नाम शिवानी है, उम्र 40 साल, पर देखने में वो 30 की लगती है। उनकी फिगर 36″-34″-36″ की है, बिल्कुल माल जैसी। उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ और भारी गांड देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए। उनकी चूत काली है, अंदर से गुलाबी, और हल्के-हल्के बाल उसकी खूबसूरती को और बढ़ाते हैं। मैंने कई बार मम्मी को नहाते हुए नंगा देखा, और हर बार मेरे दिल में उनकी चुदाई का ख्याल आता। पोर्न वीडियो और सेक्स स्टोरी पढ़कर मैंने उनकी चुदाई के सपने देखे और उनके नाम की मुठ मारी। ये तो आजकल हर लड़का करता है, पर कोई अपनी मम्मी को चोद पाता है, कोई नहीं।

मेरे घर में चार लोग हैं—मैं, मम्मी, पापा, और मेरा छोटा भाई। पापा का छोटा सा बिजनेस है, और वो दिनभर व्यस्त रहते हैं। मेरा भाई स्कूल जाता है, और मेरी कॉलेज की परीक्षा खत्म हो चुकी थी, तो मैं फ्री था। ये कहानी 20 फरवरी 2021 की है। मेरे ननिहाल में एक प्रोग्राम था, और मम्मी वहाँ 10 दिन से थीं। मुझे उन्हें लाने जाना था। मम्मी को कार या बस में सफर करने से उल्टी हो जाती है, और मैंने इस कमजोरी का फायदा उठाने का प्लान बनाया।

रात को मैंने मम्मी की चुदाई की स्टोरी पढ़ी, और मन में ठान लिया कि कल उनकी चुदाई करूँगा। उनके नाम की मुठ मारकर मैं सो गया। सुबह मैं 8 बजे घर से निकला। मेरा दोस्त मेडिकल स्टोर पर काम करता है, तो मैंने उससे नींद की गोलियाँ लीं, जो इंसान को बेहोश कर देती हैं। मेरा ननिहाल 35 किलोमीटर दूर है, और वहाँ दो रास्ते जाते हैं। एक पक्की सड़क, जो हमेशा व्यस्त रहती है, और दूसरी कच्ची, टूटी-फूटी सड़क, जिसके बीच 4-5 किलोमीटर का सुनसान जंगल है। मैंने जानबूझकर कच्चा रास्ता चुना, और जाते वक्त जंगल में एक ऐसी जगह देखी जहाँ कार छुपाई जा सकती थी।

सुबह 9:30 बजे मैं ननिहाल पहुँचा। नाना-नानी से मिला, चाय-नाश्ता किया। मम्मी को मैंने जल्दी तैयार होने को कहा। 30 मिनट में वो तैयार हो गईं। मम्मी ने गुलाबी, टाइट सूट पहना था, जिसमें उनकी चूचियाँ और गांड इतनी सेक्सी लग रही थीं कि मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। उनकी कमर से चिपका सलवार और ऊपर से टाइट कुर्ता उनके कर्व्स को और उभार रहा था। 11 बज चुके थे, और हम कार में निकल पड़े।

मैंने कार कच्चे रास्ते की तरफ मोड़ी, तो मम्मी ने पूछा, “यहाँ से क्यों जा रहा है?”
मैंने कहा, “मम्मी, उस सड़क पर मरम्मत का काम चल रहा है, ट्रैफिक की प्रॉब्लम है।”
मम्मी ने कहा, “ठीक है।”

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वो मेरे पास आगे वाली सीट पर बैठी थीं। मैं कार धीरे-धीरे चला रहा था, ताकि मम्मी को उल्टी का अहसास हो। कुछ देर बाद मम्मी बोलीं, “बेटा, गाड़ी रोक, मैं बैग से गोली ले लेती हूँ।”
मैंने कहा, “मम्मी, मेरे पास उल्टी की गोलियाँ हैं।”

मैंने कार रोकी, उन्हें नींद की गोली और पानी की बोतल दी। मम्मी ने गोली खा ली। मैंने पूछा, “मम्मी, अब कैसा लग रहा है?”
वो बोलीं, “अभी ठीक हूँ।”

5 मिनट बाद गोली का असर शुरू हुआ, और मम्मी को नींद आने लगी। उन्होंने सीट को लंबा किया और लेट गईं। मैं कार धीरे-धीरे चलाता रहा। 20 मिनट बाद हम जंगल के उस सुनसान हिस्से में पहुँच गए, जहाँ मैंने पहले से जगह देख रखी थी। मैंने कार रोकी, मम्मी को हिलाकर चेक किया। वो पूरी तरह बेहोश थीं। मैंने कार को पेड़ों के पीछे छुपाया, ताकि कोई न देखे।

दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। डर भी लग रहा था, पर हवस इतनी थी कि मैं रुक नहीं पाया। मैं कार से उतरा, मम्मी के दरवाजे की तरफ गया, और उनकी सीट को और पीछे किया। उनका दुपट्टा उतारकर पीछे की सीट पर फेंका। मेरे हाथ काँप रहे थे, पर मैंने उनकी चूचियों पर हाथ रखा। वो इतनी मुलायम थीं, जैसे रूई। मैंने धीरे-धीरे उनकी कुर्ती ऊपर की, और उनकी सफेद ब्रा को ऊपर सरकाया। उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ मेरे सामने थीं, गुलाबी निप्पल्स सख्त हो रहे थे। मैंने उन्हें धीरे-धीरे सहलाया, फिर जोर से दबाया। मेरा लंड पैंट में तंबू बना रहा था।

मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोला और नीचे सरकाया। उनकी बैंगनी, फूलों वाली पैंटी दिखी, जो उनकी चूत को ढक रही थी। मैंने पैंटी को सूंघा—उसकी खुशबू ने मुझे पागल कर दिया। मैंने सलवार और पैंटी दोनों उतार दी। उनकी काली चूत, हल्के बालों के साथ, गुलाबी अंदर से चमक रही थी। मैंने उनकी कुर्ती को और ऊपर किया, ताकि उनकी चूचियाँ पूरी तरह नंगी हो जाएँ। अब मेरी मम्मी मेरे सामने पूरी तरह नंगी थी, जैसे मेरे सपनों की रानी।

मेरा लंड पैंट में फटने को तैयार था। मैंने अपनी पैंट और कच्छा उतारा। कार में जगह कम थी, लेकिन मैंने मम्मी के ऊपर चढ़ने की कोशिश की। पहले मैंने उनकी चूचियों को चूसा। उनके निप्पल्स को मुँह में लेकर चबाया, जैसे कोई भूखा शेर। मेरी जीभ उनके निप्पल्स पर गोल-गोल घूम रही थी, और एक हाथ से मैं उनकी दूसरी चूची को मसल रहा था। फिर मैंने उनकी चूत में उंगली डाली। वो पहले से गीली थी, शायद मेरे छूने से। मैंने दो उंगलियाँ अंदर-बाहर की, और उनकी चूत का रस मेरी उंगलियों पर चिपक गया। मैंने वो रस चाटा—उसका स्वाद नमकीन और गर्म था, जैसे कोई नशा।

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मैं कार से नीचे उतरा और मम्मी की टांगें बाहर की तरफ कीं। उनकी चूत मेरे मुँह के सामने थी। मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया। मेरी जीभ उनकी चूत के होंठों पर फिसल रही थी, और मैं उनके क्लिट को चूस रहा था। उनका रस मेरे मुँह में आ रहा था, और मैं पागलों की तरह उसे चाट रहा था। 10 मिनट तक मैंने उनकी चूत को चूसा, और वो बेहोशी में भी हल्की-हल्की सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह… आह…”। उनकी चूत अब पूरी तरह गीली थी, और मेरे लंड को उसमें घुसने का रास्ता तैयार था।

मैं दोबारा उनके ऊपर चढ़ा। मेरा 5 इंच का लंड लोहे की तरह सख्त था। मैंने उसे उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और एक जोरदार झटका मारा। मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया। उनकी चूत गीली होने की वजह से टाइट नहीं थी, लेकिन इतनी गर्म थी कि मुझे जन्नत का अहसास हुआ। मैंने धीरे-धीरे झटके मारने शुरू किए। हर झटके के साथ उनकी चूचियाँ हिल रही थीं, और मैं उनके होंठों को चूम रहा था। उनकी साँसें गर्म थीं, और बेहोशी में भी वो हल्के-हल्के “आह… आह…” कर रही थीं। मैंने उनके निप्पल्स को फिर से चूसा, और एक हाथ से उनकी गांड को सहलाया। उनकी गांड इतनी भारी थी कि मेरा हाथ उसे पूरा पकड़ नहीं पा रहा था।

5-7 मिनट बाद मैं इतना गर्म हो गया कि उनकी चूत में ही झड़ गया। मेरा गर्म माल उनकी चूत में भर गया, और मैं उनके ऊपर पड़ा रहा। लेकिन उनकी नंगी चूत और चूचियाँ देखकर मेरा लंड 5 मिनट बाद फिर खड़ा हो गया। मैंने फिर उनकी चूत को चाटा, इस बार और जोर से। मेरी जीभ उनकी चूत के अंदर तक जा रही थी, और मैं उनके रस को पी रहा था। फिर मैंने उनकी टांगें और चौड़ी कीं और उनके ऊपर चढ़ गया। इस बार मैंने उनका एक पैर कार की सीट पर रखा, ताकि उनकी चूत और खुल जाए। मैंने लंड को उनकी चूत पर रगड़ा, और फिर एक झटके में अंदर डाल दिया। इस बार मैंने तेज-तेज झटके मारे। हर झटके के साथ उनकी चूचियाँ उछल रही थीं, और मैं उनके होंठों को चूस रहा था। उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी, और मैं पागल हो रहा था।

मैंने कभी उनकी चूचियों को मसला, तो कभी उनकी गांड को दबाया। उनकी गांड के गाल इतने मुलायम थे कि मैंने उन्हें जोर-जोर से थपथपाया। 15 मिनट तक मैंने उनकी चुदाई की, और इस बार मैंने उनके पेट पर झड़ दिया। मेरा गर्म माल उनकी नाभि तक गया। मैं थककर उनके ऊपर पड़ा रहा, उनकी चूचियों को सहलाते हुए।

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फिर मैंने उनकी चूत को कपड़े से साफ किया, उनकी ब्रा और कुर्ती को ठीक किया, और पैंटी व सलवार पहनाई। उनकी सीट को वापस सेट किया और कार को रास्ते पर लाया। लगभग 2.5 घंटे वहाँ बीत गए। मम्मी को होश आने लगा था। 15-20 मिनट बाद वो पूरी तरह जाग गईं। उन्होंने समय पूछा, तो मैंने कहा, “3 बज गए हैं।”
मम्मी बोलीं, “इतना समय कैसे लग गया?”
मैंने कहा, “मम्मी, आपकी आँख लग गई थी, और रास्ते में एक ट्रैक्टर फँसा था, तो टाइम लग गया।”
मम्मी ने कहा, “सिर भारी लग रहा है, और आलस सा महसूस हो रहा है।”
मैंने कहा, “मम्मी, उल्टी की वजह से कमजोरी हो गई होगी। घर जाकर आराम कर लेना।”

लेकिन मम्मी मुझे अजीब नजरों से देख रही थीं, जैसे उन्हें कुछ शक हो। घर पहुँचकर वो सो गईं। मैंने शाम का खाना बनाया, और पापा, भाई, और मैंने खा लिया। अगले दिन मम्मी सुबह उठकर घर का काम कर रही थीं, लेकिन वो मुझे अब भी अलग नजरों से देख रही थीं। मुझे लग रहा था कि उन्हें शक है कि मैंने उनके साथ कुछ गलत किया। फिर भी, उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा।

उस दिन के बाद से मम्मी के साथ मेरा रिश्ता थोड़ा बदल गया। वो मेरे सामने अब कम कपड़ों में नहीं आतीं, और मुझे देखकर थोड़ा झिझकती हैं। लेकिन मेरे मन में अब भी उनकी चुदाई का ख्याल आता है। हर रात मैं उस पल को याद करता हूँ, जब उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी, और उनकी चूचियाँ मेरे मुँह में थीं। मुझे नहीं पता कि मम्मी को सच में कुछ पता है या नहीं, लेकिन वो पल मेरे लिए जिंदगी का सबसे गर्म और गलत मज़ा था।

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