मेरे बेटे ने मुझे दमदार तरीके से चोदा

Mom Son Hardcode Sex Story: हैलो दोस्तों, मेरा नाम संध्या है, और मैं 32 साल की हूँ। मेरा फिगर 36-28-36 का है, और मैं अपने आप को बहुत सेक्सी और आकर्षक मानती हूँ। मैं देहरादून में रहती हूँ, और मेरे पति एक बिजनेसमैन हैं। मेरा सौतेला बेटा राजू, जो 20 साल का है, वह भी हमारे साथ रहता है।

आज मैं आपको मेरे और मेरे बेटे राजू के बीच हुए सेक्स की कहानी सुनाने जा रही हूँ। यह बात आज से करीब 6-7 साल पहले की है, जब राजू की उम्र 20 साल थी, और मैं 32 की थी।

राजू की जवानी शुरू हो चुकी थी, और मेरी जवानी के शोले भी अभी तक बुझे नहीं थे। राजू मुझे हमेशा से ही बहुत पसंद करता था, और मैं भी उसकी तरफ आकर्षित थी। वैसे, मैं उसकी असली माँ नहीं हूँ। मैं उसके पापा की सेक्रेटरी थी, और बाद में उन्होंने मुझसे शादी कर ली। राजू पहले मुझे संध्या आंटी कहता था, लेकिन अब मम्मी कहता है।

राजू मुझे जब भी देखता, तो उसकी नज़रें मेरे सेक्सी फिगर पर टिकी रहती थीं। मैंने कई बार उसे मुझे घूरते हुए देखा है। एक-दो बार तो उसने मुझे ऑफिस के चेंजिंग रूम में कपड़े बदलते हुए भी देख लिया था। उसने मेरे चूचे और चड्डी के नीचे के एरिया को छोड़कर मेरा पूरा नंगा बदन देख लिया था।

मेरी बॉडी एकदम संगमरमर की तरह चिकनी है। मेरी जांघें ऐसी लगती हैं जैसे दो केले का जोड़ा हो। मेरे होंठ गुलाब की पंखुड़ियों की तरह हैं, और मेरे गाल कश्मीरी सेब जैसे गुलाबी। मैं हमेशा टाइट फिटिंग के कपड़े पहनती हूँ, और राजू मुझे नज़दीक से देखकर अपनी आँखों को सुकून देता था।

राजू का लंड जब से खड़ा होना शुरू हुआ, वह बस मुझे ही तलाशता था। वह मेरी बॉडी को देखकर अपने मन और आँखों की प्यास बुझाता था। लेकिन पहले जब तक वह मुझे संध्या आंटी कहता था, तब तक मुझसे नफरत करता था। वह सोचता था कि एक दिन मुझे चोदकर अपनी भड़ास निकालेगा। लेकिन धीरे-धीरे उसके पापा के प्यार और मेरे अच्छे व्यवहार ने उसे बदल दिया।

अब हमारा घर दो मंजिला है। मेरे पति और मैं फर्स्ट फ्लोर पर रहते हैं, और राजू ग्राउंड फ्लोर पर। मेरे पति और मेरा बेडरूम फर्स्ट फ्लोर पर है, और एक कॉमन रूम भी है। धीरे-धीरे राजू मेरे और करीब आने लगा। वह शायद मेरा इरादा नहीं समझ पा रहा था। वह मुझे वही बच्चा समझता था, लेकिन अब वह जवान हो गया था।

जब राजू ने कॉलेज में एडमिशन लिया, तो उसके पापा ने उसे ऑफिस का काम सिखाना शुरू कर दिया। राजू भी फ्री टाइम में ऑफिस का काम देखने लगा। वह मोस्टली एसोसिएट्स का काम देखता था, क्योंकि वह कॉलेज का स्टूडेंट था।

कॉलेज में भी राजू को कोई भी लड़की मुझसे ज्यादा सेक्सी नहीं लगती थी। अब वह जब भी मौका मिलता, मुझे टच करने की कोशिश करता। कभी मेरी जांघों पर हाथ फेरता, कभी मेरे चूतड़ पर रब करता, और कभी जानबूझकर मेरे बूब्स छू लेता। मैं पता नहीं जानबूझकर या अनजाने में उसकी हरकतों को अनदेखा कर देती थी।

कभी-कभी मेरे पति रात को राजू को हमारे बेडरूम में बुलाते थे और ऑफिस के बारे में मुझसे और राजू से डिस्कस करते। मैं अक्सर नाइट गाउन में होती थी, और राजू पूरी तसल्ली से मेरे बदन का मुआयना करता था। मेरे बूब्स बिल्कुल पके हुए आम जैसे थे, जो उसे बहुत ललचाते थे। कई बार मुझे भी उसका इरादा पता चल जाता था, लेकिन मैं कुछ नहीं कहती थी।

अब तो राजू की बेचैनी बढ़ती जा रही थी, और उसने मेरी चुदाई का पक्का इरादा कर लिया था। वह मौके की तलाश करने लगा।

एक दिन जब मेरे पति ने राजू को फर्स्ट फ्लोर पर रात को 11 बजे बुलाया, तो राजू ऊपर आया। मेरे पति ने बताया कि उन्हें रात 1 बजे की फ्लाइट से एक सप्ताह के लिए अर्जेंट बाहर जाना है। उन्होंने मुझे और राजू को जरूरी बातें बतानी शुरू कीं।

मैं थोड़ा घबरा रही थी, तो मेरे पति ने कहा- “संध्या डार्लिंग, तुम चिंता मत करो। तुम और राजू सब संभाल लोगे। राजू तुम्हारी मदद करेगा। कोई प्रॉब्लम हो तो मुझे कॉल करना। वैसे तुम मैनेज कर लोगी, कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।”

उसके बाद मेरे पति ने राजू से कहा- “संध्या थोड़ी नर्वस है, तुम जरा बाहर जाओ, मैं उसे समझाता हूँ।”

राजू बाहर चला गया, और मेरे पति ने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया। लेकिन राजू को शक हुआ कि मेरे पति मेरी अनुपस्थिति में मुझे क्या समझा रहे हैं। वह की-होल से चुपके से देखने लगा।

राजू ने जो देखा, उससे वह स्तब्ध रह गया। मेरे पति मुझे बाहों में लेकर किस कर रहे थे, और मैं रो रही थी। फिर मेरे पति ने मेरे होंठों को अपने होंठों पर लेकर डीप किस लिया, और मैं भी जवाब देने लगी। फिर मेरे पति ने मेरा गाउन पीछे से खोल दिया और मेरी पीठ पर रब करने लगे।

मैं और मेरे पति अभी भी एक-दूसरे को किस कर रहे थे, और दोनों लंबी सांसें ले रहे थे। फिर मेरे पति ने मेरा गाउन पीछे से उठाया और मेरी चड्डी भी नीचे करके मेरे चूतड़ पर रब करने लगे।

राजू ने मेरे चूतड़ के दर्शन पहली बार किए। मेरे चूतड़ एकदम संगमरमर से मुलायम और चिकने थे। मैं क्राई भी कर रही थी और मस्ती में लंबी सांसें भी ले रही थी।

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फिर अचानक मेरे पति ने मेरा गाउन आगे से ऊपर किया और मेरी चूत पर उंगलियाँ फिराने लगे। राजू कुछ देख नहीं पाया, क्योंकि वह दूसरी साइड थी। फिर मेरे पति दूसरी तरफ पलटे, तो मेरी चूत वाली साइड राजू की तरफ हो गई। अब राजू मेरी चूत थोड़ी बहुत देख सकता था।

राजू ने देखा कि मेरे पति नीचे झुके और मेरी चूत पर अपने होंठ रख दिए। यह राजू को साफ नहीं दिख रहा था, लेकिन वह गेस कर सकता था कि मैं जोर-जोर से सिसकारियाँ लेकर मजे ले रही थी।

लेकिन अचानक मेरे पति रुक गए और मुझे छोड़ दिया। उन्होंने मेरे होंठों पर किस करते हुए कहा- “डार्लिंग, आई एम सॉरी! आई कांट गो बियॉन्ड। लेट आई कम बिकॉज राजू इज आल्सो आउट, एंड आई एम गेटिंग लेट। आई एम वेरी सॉरी!”

मैं भी तब तक शांत हो चुकी थी, लेकिन मैं असंतुष्ट लग रही थी। मैंने सामान्य होते हुए कहा- “इट्स ओके!” और मैंने अपना गाउन ठीक किया।

उसके बाद मेरे पति ने राजू को आवाज लगाई- “राजू, आर यू देयर बेटा?”

राजू चौकन्ना हो गया और अपने को नॉर्मल करने लगा, क्योंकि उसका लंड एकदम खंभे की तरह खड़ा हो गया था। लेकिन जब तक मेरे पति ने दरवाजा खोला, राजू नॉर्मल हो गया था।

फिर मेरे पति ने दरवाजा खोला और कहा- “ड्राइवर को बुलाओ और मेरे सामान गाड़ी में रखो। रात काफी हो गई है। यू डोंट नीड टू कम एयरपोर्ट, आई विल मेनेज। प्लीज सी द ऑफिस एंड फॉर वन वीक टेक लीव फ्रॉम द कॉलेज एंड असिस्ट संध्या।”

राजू और मैं मेरे पति को ड्रॉप करने जाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने सख्ती से मना कर दिया। हमने उन्हें गुड बाय कहा, और उन्होंने हमें बेस्ट ऑफ लक कहते हुए किस किया।

जब मेरे पति चले गए, तो मैंने राजू से कहा- “राजू, आज तुम ऊपर वाले कमरे में ही सो जाओ। मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा है।”

राजू तो ऐसे मौके की तलाश में ही था। वह थोड़ा झिझकने का नाटक करते हुए हाँ कह दिया।

मैं और राजू फर्स्ट फ्लोर पर आ गए, और मैं बेडरूम में चली गई। मैंने राजू से पूछा- “राजू, आर यू कंफर्टेबल ना?”

राजू ने कहा- “यस!”

मैंने कहा- “एक्चुअली आई एम नॉट फीलिंग वेल, इसलिए तुमको परेशान किया।”

राजू ने कहा- “इट्स ओके, मम्मी।”

फिर मैं अंदर चली गई, और राजू बाहर कॉमन रूम में लाइट ऑफ करके सो गया।

मैं थोड़ा घबरा रही थी, इसलिए मैंने दरवाजा बंद तो किया, लेकिन लॉक नहीं किया। नाइट लैंप भी ऑफ नहीं किया।

अब राजू को नींद कहाँ आनी थी? वह तो मेरे साथ सपनों की दुनिया सजा रहा था, और उसकी नज़र मेरी एक्टिविटीज पर थी।

करीब आधे घंटे बाद मैं राजू के कमरे में आई, और जैसे ही मैंने लाइट ऑन की, तो देखा कि राजू भी लेटा हुआ जग रहा है।

मैंने कहा- “राजू, लगता है तुमको भी नींद नहीं आ रही है। 2:00 बज गए हैं। तुम भी शायद अपने डैड के बारे में और कल ऑफिस के बारे में सोच रहे हो।”

राजू ने कहा- “बात तो आप ठीक कर रही हैं, लेकिन पता नहीं क्यों, मुझे ऐसी कोई चिंता नहीं है। पर नींद नहीं आ रही है। आप सो जाओ, मैं भी सो जाता हूँ। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी।”

मैंने कहा- “ओके, राजू। पर मैं थोड़ा कंफर्टेबल नहीं फील कर रही हूँ। तुम सो जाओ, मैं लाइट ऑफ कर देती हूँ।”

तब राजू ने मुझसे कहा- “मम्मी, अगर आप बुरा ना मानें, तो ऐसा करते हैं कि अंदर ही मैं भी आपके पास बैठता हूँ। बातें करते हुए शायद नींद आ जाए।”

मैंने कहा- “गुड आईडिया! चलो, अंदर आ जाओ।”

और राजू और मैं अंदर बेडरूम में चले गए। राजू चेयर पर बैठ गया, और मैं बेड पर बैठ गई। फिर मैंने कहा- “राजू, ठंड ज्यादा है। तुम भी बेड पर ही बैठ जाओ।”

राजू ने मना करने का बहाना बनाया, लेकिन जब मैंने दोबारा कहा, तो वह मेरे सामने बेड पर बैठ गया और रजाई से आधा ढक लिया।

अब राजू मुझसे तसल्ली से बात कर रहा था, और रजाई के अंदर उसने अपने पायजामे का नाड़ा थोड़ा ढीला कर लिया था। फिर उसने मुझसे कहा- “मम्मी, ऑफिस की बात नहीं करेंगे। कुछ गपशप करते हैं।”

मैंने कहा- “ओके!”

तो राजू ने कहा- “मम्मी, तुम बुरा ना मानो, तो तुमसे एक प्राइवेट बात कहनी थी।”

मैंने कहा- “कम ऑन, डोंट कंफ्यूज। खुलकर कहो।”

राजू ने कहा- “मम्मी, यू आर मोस्ट ब्यूटीफुल लेडी आई एवर मेट! आई रियली मीन इट। मैं गपशप नहीं कर रहा हूँ। मैं आज से नहीं, जब से तुमको देखा है, तुमको अपनी कल्पना, अपना प्यार और सब कुछ मानता हूँ। यू आर रियली ग्रेट, मम्मी। एंड योर फिगर इज मार्वलस। इवन मोस्ट गॉर्जियस गर्ल ऑफ 16 कांट बीट योर ब्यूटी एंड सेंसुअलिटी।”

राजू ये सब एक ही साथ कह गया। कुछ तो उसने कहा, और कुछ वह कहता चला गया। पता नहीं उसे क्या हो गया था।

मैं उसे देखती रही और हंसने लगी। मैंने कहा- “तुम पागल हो। एक बुढ़िया के दीवाने हो गए हो।”

राजू ने कहा- “नो, मम्मी। यू आर मार्वलस। कोई भी जवान लड़की तुम्हारा मुकाबला नहीं कर सकती। मम्मी, प्लीज, अगर तुम मेरी एक बात मान लो, तो मैं तुमसे जिंदगी में कुछ नहीं माँगूंगा।”

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मैंने कहा- “अरे बुद्धू, कुछ बोलो भी। ये शायरों की तरह शायरी मत करो। मैं तुम्हारी क्या हेल्प कर सकती हूँ?”

राजू ने कहा- “मम्मी, प्लीज। बुरा मत मानना। पर मैं तुमको सबसे खूबसूरत मानता हूँ। इसलिए अपनी सबसे खूबसूरत लेडी की खूबसूरती को एक बार पूरी तरह देख लेना चाहता हूँ। मम्मी, प्लीज। मना मत करना। नहीं तो मैं सचमुच मर जाऊँगा। और अगर जिंदा भी रहा, तो मारा जैसा ही समझो।”

मैं एकदम चुप हो गई और सोचने लगी। फिर धीरे से बोली- “राजू, तुम सचमुच दीवाने हो गए हो। वह भी अपनी मम्मी के। अगर तुम्हारी यही इच्छा है, तो ओके। पर प्रॉमिस, मेरे साथ कोई शरारत नहीं करना। नहीं तो तुम्हारे डैड को बोल दूँगी।”

राजू ने कहा- “ओके। पर एक शर्त है कि मैं अपने आप देखूँगा। आप शांत बैठी रहो।”

मैंने कहा- “ओके।”

राजू मेरे नज़दीक आया, और मेरे गाउन के पीछे का बटन खोलकर गाउन को डाउन कर दिया। फिर उसने रजाई हटाई।

अब मैं उसके सामने ऊपर से सेमी न्यूड हो गई थी। मेरे ऊपर केवल ब्रा ही रह गई थी। मैं बिल्कुल बुत की तरह शांत थी। राजू नहीं समझ पा रहा था कि मुझे क्या हुआ है। मुझे लगता है कि मैं बड़े कन्फ्यूजन में थी।

राजू बहुत खुश था, और एक्साइटमेंट में उसकी खुशी और बढ़ गई थी। फिर उसने मेरा गाउन मेरी टाँगों से होते हुए अलग कर दिया।

अब मैं केवल पैंटी और ब्रा में बेड पर लेटी थी। फिर राजू ने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया। मेरी एक चीख सी निकली, लेकिन फिर मैं चुप हो गई। फिर राजू ने मेरी ब्रा को मेरे शरीर से अलग कर दिया।

राजू ने मेरे बूब्स देखकर पागल हो गया, और एक्साइटमेंट में उसने मेरे बूब्स को चूम लिया। मेरी सिसकारी निकल गई, लेकिन अगले ही पल मैंने कहा- “राजू, बिहेव योरसेल्फ। तुमने वादा किया था।”

राजू ने कहा- “मम्मी, तुम इतनी मस्त चीज़ हो कि मैं अपना वादा भूल गया।”

फिर राजू ने मेरी पैंटी को निकालना शुरू किया, और मैंने भी इसमें उसकी मदद की। लेकिन मैं एक बुत सी बनी थी। उसकी इस हरकत से मैं भी थोड़ा नर्वस हो गई, लेकिन मैंने अपना काम नहीं रोका।

जैसे ही पैंटी निकली, राजू की कल्पनाएँ साकार हो गईं।

Bete aur Maa ki Hardcore Sex Story

राजू ने मेरी चूत पहली बार देखी थी। वह एकदम चिकनी और मखमल जैसी थी, और एकदम बंद। ऐसा लगता था जैसे संतरे की दो फांकें हों। राजू ने ब्लू फिल्मों में बहुत सी चूतें देखी थीं, लेकिन मेरी चूत को देखकर उसे लगा कि यह किसी 32 साल की औरत की चूत नहीं है।

सबसे बड़ी बात यह थी कि मेरी चूत एकदम क्लीन शेव्ड थी, और गोरी ऐसी कि ताजमहल का टुकड़ा! अब राजू के सामने एक 32 साल की लड़की नंगी लेटी थी। आप खुद सोचो, ऐसे में एक 20 साल के लड़के का क्या हाल हो रहा होगा?

राजू ने कहा- “मम्मी, प्लीज। मैं एक बार तुम्हारी बॉडी को महसूस करना चाहता हूँ। एक औरत की बॉडी के रियल टच का क्या एहसास होता है?”

मैंने कहा- “तुम अपना वादा याद रखो। सोच लो, वादा खिलाफी नहीं होनी चाहिए।”

राजू मेरा सही मतलब नहीं समझ पाया, लेकिन मेरी नंगी काया देखकर वह पहले ही बेसुध हो चुका था। अगर कोई कमी थी, तो मेरे रेस्पोंस की और उसके पहले एक्सपेक्ट की वजह से झिझकी।

फिर राजू ने मेरे होंठों पर एक डीप किस लिया और मुझे मेरी पीठ से बाहों में ले लिया। उसने मेरी पीठ पर रब करना शुरू कर दिया। मेरा कोई रेस्पोंस नहीं आया, लेकिन मेरे बूब्स का टच उसे पागल कर रहा था। ऐसा टच उसे पहली बार हुआ था।

राजू समझ नहीं पा रहा था कि वे बूब्स थे या मार्बल और वेल्वेट का मिक्स। उसने कहा- “आह!! फ्रेंड्स, इट वाज अ रियली ग्रेट फीलिंग।”

उसके बाद राजू ने मुझे पलटा और अब मेरी पीठ पर किस करने लगा। उसने मेरे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया। उसने कहा- “ऊह!! आई वाज इन सेवंथ स्काई! फ्रेंड्स, आई कैन्ट टेल यू क्या मजा आ रहा था।”

मैं भी अब कोई विरोध नहीं कर रही थी, लेकिन मेरा रेस्पोंस बहुत पॉजिटिव नहीं था। लेकिन राजू को अब इस बात का कोई एहसास नहीं था कि मैं क्या सोच रही हूँ। वह तो सचमुच जन्नत के दरवाजे की तरफ बढ़ रहा था और मेरी बॉडी का टेस्ट ले रहा था।

राजू ने मेरे बूब्स का रस सचमुच बड़ा रसीला पाया। उसने अब मेरे निप्पल्स पर दांतों से काटना शुरू किया, तो मैं पहली बार चीखी। मैंने कहा- “अरे काट डालेगा क्या? आराम से कर हरामी।”

राजू समझ गया कि अब मैं भी मस्त हो चुकी हूँ। उसने अपना पायजामा उतार दिया और बनियान भी उतार दी। अब वह केवल अंडरवियर में था।

कुछ देर मेरे बूब्स चूसने के बाद राजू ने मेरी नाभि पर किस करना शुरू कर दिया। मैं बेड पर उछलने लगी और सिसकारियाँ लेने लगी। राजू हाथों से मेरे बूब्स दबा रहा था और होंठों से मेरी नाभि को चूम रहा था। फिर वह और नीचे गया और मेरे पेट के पास और प्यूबिक एरिया में किस करने लगा।

दोस्तों, मैं बता नहीं सकती कि क्या मजा आ रहा था। आप भी केवल महसूस कर सकते हैं।

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इसके बाद राजू ने मेरी टाँगों पर भी हाथ फिराना शुरू कर दिया। मेरी टाँगें बड़ी मुलायम और स्मूथ थीं। राजू को लगता था कि मैं अपनी बॉडी का बहुत ख्याल रखती हूँ, और मेरे पति भी मेरी इस लाजवाब बॉडी के गुलाम हो गए थे। लेकिन इस समय तो मैं राजू की क्लियोपेट्रा बनी हुई थी।

अब राजू मेरी टाँगों और जाँघों पर अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया। वह कभी मुझे चूमता, कभी दबाता, और कभी रब करता। मैं भी अब तक मस्त हो चुकी थी और उसका पूरा साथ दे रही थी। लेकिन राजू ने अब तक एंट्री गेट पर दस्तक नहीं दी थी।

राजू मुझे पूरा मस्त कर देना चाहता था, और उसने अपने लंड को फुल कंट्रोल में रखा था। वह मेरी बॉडी को अभी भी अपने होंठों, उंगलियों और हाथों से ही रौंद रहा था।

अब तो मैं भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और वादे वाली बात भुलकर मस्ती में पूरे जोर से राजू का साथ दे रही थी। मैं चीखने लगी- “अरे राजू, अब आ भी जा यार प्लीज! मत तड़पा जालिम, जल्दी से मेरे ऊपर आ जा!”

राजू ने कहा- “बस मम्मी, जस्ट वेट। मैं तैयार हो रहा हूँ। बस एक मिनट रुक जाओ, मैं भी आता हूँ।”

तभी मैंने राजू का अंडरवियर नीचे खिसका दिया और बोली- “अबे मादरचोद, अपनी मम्मी की बात नहीं मानेगा?”

इतना कहकर मैंने उसका लंड पकड़कर जोर से दबा दिया। राजू की चीख निकल गई, और अब तक जो उसका लंड तैयार था, बिल्कुल बेताब हो गया।

राजू ने मेरी दोनों टाँगों को दूर करते हुए मेरी राइट थाई पर बैठ गया। उसने मेरे चूतड़ को दोनों हाथों से धकेलते हुए अपना लंड मेरी चूत के पास ले गया और पूरे जोर का धक्का दिया। उसका आधा लंड मेरी चूत में समा गया।

राजू की चीख निकल गई, लेकिन मुझे कुछ तसल्ली हुई। मैं उसके अगले एक्शन का इंतज़ार करने लगी।

राजू ने एक और ज़ोरदार धक्का लगाया, तो उसका पूरा लंड अंदर चला गया। अब उसने धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया, और मेरी दूसरी जाँघ को अपने कंधे की तरफ रख दिया। वह राइट थाई पर बैठकर अपना चुदाई कार्यक्रम शुरू कर दिया।

अब तो मैं पूरे मज़े में आ गई और राजू का पूरा सहयोग करने लगी। पूरे कमरे में हमारे चुदाई प्रोग्राम का म्यूजिक शुरू हो गया।

मैं चिल्लाने लगी- “अंदर तक घुसेड़ दे अपना लंड!”

राजू भी जोर से अंदर-बाहर करने लगा। मैं बोली- “मस्ती आ रही है। तुझे भी मज़ा आ गया! आज बहुत दिन बाद जवानी का मज़ा पाया है। कसम से आज तूने मुझे अपनी जवानी के दिन याद दिला दिए! अयीई ईस्स!”

राजू भी बहुत जोश के साथ चुदाई कर रहा था। उसने कहा- “आज तेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा दूँगा। अब तू डैड से चुदवाना भूल जाएगी। हर वक्त मेरा ही लंड अपनी चूत में डलवाने को तड़पा करेगी।”

मैं चिल्लाई- “आह्ह!! आयीई!! क्या मज़ा आ रहा है। फक मी हार्डर, राजू। कम ऑन।”

राजू बोला- “यस, माई फेयर लेडी। स्योर!”

मैंने कहा- “मुझको संध्या के नाम से बुलाओ। कहो, संध्या मेरी जान!”

राजू ने कहा- “ओके, संध्या डार्लिंग। ये ले, मजा आ रहा है ना? आज मैं भी अपने लंड से तेरी चूत को फाड़ के रख देता हूँ।”

मैं चिल्ला रही थी- “आह गुड। म्मम!! आह!! उह!! म्म!!”

फिर अचानक जब राजू को कुछ दबाव सा महसूस होने लगा, तो मैं बोली- “राजू, अब बस। एक बार अब धीरे-धीरे कर दे। मेरा तो पानी निकाल दिया तूने।”

राजू ने स्पीड थोड़ी कम कर दी, और अब हम दोनों थकने भी लगे थे। अचानक राजू का सारा दबाव उसके लंड के रास्ते मेरी चूत की घाटी में समा गया, और मैं भी शांत हो गई। हम दोनों एक-दूसरे से चिपककर लेट गए।

राजू का लंड मेरी चूत के अंदर ही था। एक-दूसरे से बिना कुछ बोले ही हम दोनों वैसे ही सो गए।

सुबह जब नींद खुली, तो 6:00 बज गए थे, और राजू का लंड अभी भी मेरी चूत के अंदर ही था। मैंने राजू को जगाया, तो वह शरमाने सा लगा। फिर मैंने कहा- “राजू, तुम तो एकदम जवान हो गए हो! तुमने आज इस 38 साल की बुढ़िया को, 18 साल की गुड़िया बना दिया!”

राजू ने कहा- “अब तू मुझे बुलाएगी क्या बोल?”

मैंने उसे अलग करके दूर करते हुए कहा- “जरूर, मेरी जान!”

मैंने राजू को अपने ऊपर लिटाया और उसे किस किया। राजू ने भी फिर से मेरे माथे पर, बूब्स पर, और नाभि पर किस कर बगल में ही लेट गया। हम दोनों सुबह तक एक साथ लिपटकर चिपककर सोए रहे।

7:00 बजे मैंने राजू को उठाया और मुस्कुराते हुए कहा- “याद रखना, इसको राज रखना!”

राजू ने कहा- “ऐसे ही इंटरटेनमेंट करते रहना!”

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