मेरी सेक्सी बीवी – 2

Couple Dirty Group Sex Story: पिछली कहानी(मेरी सेक्सी बीवी – 1) के आगे से:  फिर उमा ने रवि का लण्ड पकड़ लिया और सहलाने लगी। फिर जब उमा के बोबो का दूध खत्म हो गया तो फिर मैं उमा के ऊपर आकर उमा की चुत मारने लगा और उमा साथ मे रवि का लण्ड हिला रही थी। तब वो दोनो आंखें बंद करके लेटे थे और मजे ले रहे थे। फिर थोड़ी देर बाद रवि के लण्ड से पानी निकलने लगा तो सारा पानी कम्बल और उमा के हाथ पर लग गया और उधर मैं झड़ा तो मैंने भी सारा पानी उमा की चुत पर निकाल दिया। फिर उमा ने अपना हाथ और अपनी चुत कम्बल से पोंछ ली और फिर मैंने और रवि ने उमा की गालों पर किस किये और फिर उमा के बोबो को फिर से चुसने लगे।

इस तरह हम तीनों रात रात भर मस्ती करते। इतना ही नहीं एक बार रात को उमा पीने के लिए पानी लाना भूल गई तो फिर हम तीनों नंगे ही नीचे किचन में गए। तब सब सो रहे थे। फिर रवि तो पानी पीने लगा और मैं और उमा वहीं चुदाई करने लगे। फिर उमा हम दोनों के लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। फिर रवि तो तब ही झड़ गया और फिर मैं उमा को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। फिर चुदाई के बाद हम ऊपर हमारे कमरे में आ गए। इसी तरह सुबह भी जब उमा मुझे और रवि को उठाती तो फिर तब भी मैं उमा की चुदाई कर देता। उमा अब पहले से काफी ज्यादा सेक्सी हो गई थीं। फिर कुछ दिनों बाद मैं उमा और रवि को उनके गांव छोड़ आया।

वहां जाने के बाद क्या क्या हुआ ये जानना काफी दिलचस्प है। उमा थोड़ी मोटी हो गई थी तो फिर मैंने उसे टीशर्ट और शॉर्ट्स वगैरह दिलवा दिए थे घर पर पहनने के लिए। उधर अब सोना ने भी अपना वजन घटा लिया था तो अब वो दोनो मां बेटी बहनें लगने लगी थी। उमा के जाने के बाद अब घर पर ससुर, सास और रवि तीनो कपड़े पहनकर रहने लगे थे। लेकिन जब ससुर घर पर नहीं होते तो सास, उमा और रवि नंगे ही रहते और खूब मस्ती करते। उमा को जब अपने बच्चे को दूध पिलाना होता तो फिर वो अपनी टीशर्ट ऊपर करके अपने पापा के सामने ही अपने बोबे को बाहर निकालकर अपने बच्चे को दूध पिलाने लग जाती। अब ससुर बेचारे भी क्या करते वो देखकर रह जाते।

रात को सास तो ससुर के साथ सोने चली जाती और फिर वो दोनो नंगे होकर चुदाई करते और उधर उमा और रवि नंगे होकर आंगन में सो जाते। उमा कई बार रवि को अपने बोबो का दूध पिलाती और फिर अपनी चुत भी चटवा लेती। कई बार जब ससुर ज्यादा शराब पी लेते तो वो जल्दी सो जाते और फिर सास भी उमा और रवि के साथ आंगन में ही सो जाती। फिर वो दोनो घोड़ी बनकर रवि से अपनी चुत चटवाती। बच्चे के दूध पीने के बाद बाकी बचा हुआ दूध कई बार सास भी पी लेती। जिससे कि उमा के बोबो को काफी आराम मिलता। सास को मैं प्यार से सोना कहता था तो अब सास का मेरे बिना मन नहीं लगता था। वो हमेशा मुझे अपने पास बुलाती रहती थी। उमा को भी गए हुए कई दिन हो गए थे तो फिर मैंने सोचा के जाकर दोनो से मिल आता हूँ।

Husband Wife Dirty Group Sex Story

फिर एक दिन शाम के टाइम मैं मेरे ससुराल चला गया। फिर मैं सोना और उमा से मिला और मैंने उन दोनों के बदन को खूब सहलाया। फिर मैं नंगा हो गया तो फिर सोना और उमा रवि के सामने ही मेरा लण्ड सहलाने लगी। फिर तभी ससुर आ गए तो मैं और रवि कमरे में जाकर छुप गए। फिर ससुर आंगन में ही आकर बैठ गए और फिर उमा उनके सामने ही बैठकर बच्चे को दूध पिलाने लगी। तब उमा ने अपना एक बोबा पूरा बाहर निकाल रखा था। तब ससुर उसके बिल्कुल सामने बैठे थे। तब ये देखकर मैं गर्म होने लगा के कैसे उमा ससुर के सामने अपनी छातियाँ नंगी रखकर दूध पिला रही है। मैं ये सब कमरे के अंदर बैठा बैठा देख रहा था। फिर मेरे दिमाग मे एक शरारत सूझी और फिर मैंने किसी तरह उमा को इशारे से अपने दोनो बोबो को बाहर निकालने के लिए कहा।

उमा मेरी बात समझ गई। तभी बच्चा रोने लगा तो फिर उमा अपने बोबे का निप्पल पकड़कर बच्चे के मुंह मे देने लगी लेकिन वो दूध नहीं पी रहा था। तो फिर उमा ने उस बोबे को अंदर डाले बगैर ही दूसरा बोबा बाहर निकाल लिया और फिर बच्चे को दूध पिलाने की कोशिश करने लगी। अब उमा ससुर के सामने अपने दोनो बोबो को बाहर निकालकर बैठी थी। तब उमा काफी सेक्सी लग रही थी। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई। बच्चा अभी भी दूध नहीं पी रहा था और रोये जा रहा था। फिर ससुर ने उमा से बच्चे को उन्हें देने के लिए कहा तो फिर उमा वैसे ही खड़ी हुई और जाकर बच्चा अपने पापा को दे दिया और खुद वहीं खड़ी होकर अपने दोनो बोबो को सहलाने लगी।

उमा को देखकर मैं गर्म हो चुका था और फिर मैं उमा का नाम लेकर अपना लण्ड हिलाने लगा। फिर मैं कमरे की खिड़की से अपना खड़ा लण्ड उमा को दिखाकर हिलाने लगा। ये देखकर उमा मुस्कुराने लगी। फिर मैंने उमा को कमरे के अंदर आने का इशारा किया तो फिर उमा वैसे ही कमरे की तरफ आने लगी। तब सोना यानी सास भी वहीं काम करती हुई घूम रही थी। फिर उन्होंने ये सब देखा तो फिर वो ससुर के पास आई और फिर बच्चे को ससुर से लेकर अपने बोबो को बाहर निकाल लिया और फिर बच्चे को दूध पिलाने लगी। सास के निप्पल काफी बड़े थे तो फिर बच्चे ने जब सास का निप्पल मुँह में लिया तो उनसे दूध तो नही आया पर सास के बड़े निप्पल मुँह में लेकर बच्चा चुप हो गया। फिर मैंने सास की तरफ इशारा किया के वो मजे करें अब।

तभी उन्होंने उमा को कमरे में जाते हुए देखा तो वो सब समझ गई। फिर जब उमा कमरे में आई तो उसने अंदर आकर गेट बंद कर दिया और फिर वो नंगी होकर आकर बेड पर बैठ गई। फिर मैं और रवि उसके बोबो को चुसने लगे। फिर मैंने उमा को रवि के ऊपर घोड़ी बना दिया तो फिर रवि तो नीचे लेटा लेटा उमा के बोबो को चुसने लगा और मैं पीछे से उमा की चुदाई करने लगा। फिर इतने में सास कमरे के अंदर आ गई और फिर वो हम तीनों को देखकर मुस्कुराने लगी और साथ मे अपने कपड़े खोलने लगी। फिर वो नंगी होकर हमारे पास आ गई तो फिर सास को देखकर रवि और उमा भी काफी खुश हुए।

फिर मैं रवि के साइड में लेट गया और फिर सास को अपने ऊपर लेटा लिया। फिर मैं सास के बोबो को चुसने लगा और नीचे से सास की चुत में लण्ड डालकर करने लगा। उधर उमा रवि के लण्ड पर अपनी चुत रखकर बैठी थी और साथ मे आगे पीछे हो रही थी जिस कारण रवि के लण्ड का पानी निकल गया। थोड़ी देर बाद जब मेरे लण्ड से भी पानी निकलने वाला हुआ तो मैंने लण्ड सास की चुत से बाहर निकाल लिया तो फिर सास मेरा लण्ड मुँह में लेकर चुसने लगी और फिर मैं सास के मुँह में ही झड़ गया। फिर झड़ने के बाद उमा और सास दोनो मेरे और रवि की साइड में लेट गई। फिर हमने बाहर देखा तो बाहर ससुर आंगन में बैठे बच्चे के साथ खेल रहे थे और अंदर हम चारों नंगे लेटे थे।

ये देखकर हम चारो हँसने लगे। फिर रवि तो गेम खेलने लगा और फिर मैंने उमा और सास की कमर में हाथ डालकर उनसे रात को मस्ती करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा तो ये सुनकर वो एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी। फिर मैंने बारी बारी से उन दोनों से लिप किस किया। फिर इतने में हमने देखा के ससुर बच्चे को चारपाई पर छोड़कर नहाने चले गए और फिर नहाने के बाद वो सिर्फ लुंगी में बाहर चले गए। तब थोड़ा थोड़ा अंधेरा हो चुका था। फिर उमा बोली के चलो ऐसे ही बाहर चलते है। अब पापा अंदर नहीं आएंगे। फिर मैं, उमा और सास तीनो बेड से उतरकर नंगे खड़े हो गए। फिर हम तीनों तो कमरे से बाहर आ गए और रवि अंदर ही गेम खेलता रहा। फिर उमा खाना बनाने लगी तो फिर सास कपड़े पहनकर ससुर को खाना देने चली गई।

तब मैंने देखा के ससुर अपनी लुंगी खोकर नंगे ही बैठे थे और फिर खाना देने गई सास का ससुर ने हाथ पकड़ लिया तो फिर सास ने ससुर से कह दिया के आज मेरा मूड नहीं है। फिर ससुर ने सास का हाथ छोड़ दिया और फिर ससुर खाना खाकर नंगे ही सो गए। फिर सास ने रवि को भी खाना खिलाकर ससुर के पास सोने भेज दिया। फिर हम तीनों ने भी खाना खाया। फिर खाना खाने के बाद उमा और सोना यानी सास तैयार होने लगी। उन्होंने थोड़ा बहुत मेकअप किया और फिर वो दोनो तैयार होकर मेरे पास आ गई। फिर वो दोनो मेरा लण्ड हिलाने लगी और हम आपस मे लिप किस करने लगे। फिर मैं उन दोनों से बारी बारी से लण्ड चुसवाने लगा। फिर जब मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया तो फिर मैंने सोना और उमा को घोड़ी बनाया और फिर बारी बारी से उनकी चुदाई करने लगा। फिर मैं जब सोना की चुदाई कर रहा था तो फिर सोना ने मुझसे पूछा के कंडोम है क्या तो मैंने कहा के नहीं है।

फिर सोना ने उमा से रवि से कहकर दुकान से कंडोम लाने के लिए कहा तो फिर उमा नंगी ही उठकर बाहर रवि के पास चली गई। फिर उमा ने रवि से कंडोम लाने के लिए कहा तो फिर वो वहीं से कपड़े पहनकर कंडोम लाने चला गया। फिर काफी देर बाद भी जब उमा वापिस नहीं आई तो फिर मैं और सोना ने बाहर जाकर देखा तो उमा चारपाई पर आराम से लेटकर रवि के फोन में गेम खेल रही थी और पास ही ससुर बिल्कुल नंगे लेटे थे। फिर मैं और सोना भी उमा के पास जाकर उसकी चारपाई पर बैठ गए। फिर हमें देखकर उमा ने कहा के रवि कंडोम लेने गया है।

फिर तभी रवि कंडोम लेकर वापिस आ गया तो उसने कंडोम लाकर सोना को दे दिए। फिर सोना चारपाई पर बैठी बैठी ससुर का लण्ड सहलाते हुए रवि और उमा से बोली के अपने पापा का लण्ड देख लो। फिर ये कहकर वो मुस्कुराने लगी तो फिर रवि और उमा भी मुस्कुराने लगे। फिर सोना उठकर खड़ी हो गई और साथ मे मुझे भी अपने साथ खड़ा कर लिया और फिर मेरे साथ चिपक कर खड़ी होकर बोली के हमारी जोड़ी कैसी लग रही है। फिर वो मेरी बाहों में बाहें डालकर खड़ी हो गई और मेरे गाल पर किस करने लगी। फिर वो मेरा लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। तब मेरा लण्ड पूरा खड़ा ससुर के लण्ड के मुकाबले काफी बड़ा दिख रहा था।

मेरी बॉडी भी तब काफी सेक्सी लग रही थी। उधर सोना ने भी अपना वजन कम कर लिया था तो फिर हमारी जोड़ी काफी जच रही थी। हम दोनों को देखकर रवि और उमा तो देखते ही रह गए थे। फिर सोना उनके सामने ही मेरे लण्ड पर कंडोम चढ़ाने लगी तो फिर कंडोम चढ़ाने के बाद मैंने भी सब शर्म छोड़ते हुए सोना को वहीं उमा और रवि के सामने ही चारपाई पर हाथ रखकर झुका कर खड़ा कर लिया और फिर सोना की चुदाई करने लगा। चुदाई के टाइम मैं सास को सोना कह रहा था और सोना भी मुझे अपना पति मानकर और जोर से कीजिये ना ऐसे कह रही थी। फिर कुछ देर की चुदाई के बाद जब हम दोनों झड़ गए तो फिर सोना सीधी खड़ी होकर मेरे गले से लग गई।

फिर सोना ने मेरे लण्ड से कंडोम निकाला और फिर साइड में रखते हुए मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली के हैं ना ये तुम्हारे पापा से अच्छे। इन्हें तुम्हारा नया पापा बना लूं क्या। ये कहकर सोना हँसने लगी और फिर रवि और उमा भी मुस्कुराने लगे। फिर सोना ने रवि से कंडोम को टॉयलेट में फेंक कर आने के लिए कहा और फिर मैं और सोना आंगन में जाने लगे। फिर सोना मुझसे बोली के हम इनके सामने ऐसे चुदाई करेंगे तब ही ये दोनो आपको अपना नया पापा मानेंगे। फिर मैं और सोना तो अंदर जाकर चारपाई पर बैठ गए और फिर उमा भी हमारे पास आकर बैठ गई। फिर सोना ने उमा से पूछा के रवि अपने नए पापा के बारे में कुछ कह रहा था या नहीं। फिर उमा बोली के वो क्या बोलेगा बेचारा जब तुम एकदम उसे उसके नए पापा से मिलवाओगी तो वो क्या ही कहेगा।

फिर मैंने उमा से कहा के वो अब से मुझे पापा कहकर ही बुलाये ताकि उसे देखकर रवि भी मुझे पापा कहने लगे। ये आईडिया सोना को काफी पसंद आया। फिर उमा मुझे तब ही से पापा कहने लगी। उसके मुंह से पापा सुनकर मुझे और सोना को काफी अच्छा लग रहा था। फिर वो दोनो मेरा लण्ड सहलाने लगी तो जब मेरा लण्ड खड़ा हो गया तो फिर मैं उन दोनों को घोड़ी बनाकर चोदने लगा और जब झड़ने लगा तो सारा पानी उमा की गाँड में डाल दिया। फिर हम तीनों चिपक कर लेट गए।

फिर मैंने उमा से कहा के सुबह जब ससुर आंगन में आये तो वो उनके सामने नंगी ही रहे। फिर उमा बोली के मुझे नंगी देखकर कहीं वो मेरे ऊपर ही न चढ़ जाएं। फिर ये सुनकर सोना हँसकर बोली के तू फिक्र ना कर मैं सम्भाल लुंगी उन्हें। फिर उमा बोली के फिर ठीक है। फिर रात ज्यादा हो गई तो फिर हम सो गए।

सुबह मैं और सोना जल्दी उठ गए तो मैं सोना के बदन को सहलाने लगा। फिर हम साथ ही मैं पेशाब करने बाहर गए तो तब देखा के ससुर और रवि नंगे सो रहे थे। फिर पेशाब करने के बाद हम अंदर आये तो तब देखा के उमा बेसुध होकर सो रही थी। तब उसका कम्बल उसके बोबो से नीचे था और उसकी चुत भी साफ दिख रही थी। उसे ऐसे देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और फिर मैं उसकी गालों पर किस करने लगा।

फिर चाय वगैरह पीकर सोना ने मुझे कमरे में भेज दिया। फिर सोना ससुर को उठाकर अंदर आ गई तो फिर जब ससुर उठकर अंदर आये तो फिर वो उमा को नंगी देखकर देखते ही रह गए। फिर तभी उमा करवट लेकर सो गई तो वो पीछे से पूरी नंगी हो गई। फिर तभी सोना ससुर के पास गई और फिर वो दोनो चुदाई करने लगे। तब ससुर जल्दी ही झड़ गए तो फिर सोना ने ससुर को जल्दी से बाहर भेज दिया। फिर ससुर खेत चले गए तो फिर सोना ने उमा और रवि को उठाया। फिर हम चारों आंगन में बैठकर चाय पीने लगे। फिर उमा मुझे पापा कहकर बुला रही थी तो फिर सोना ने रवि से भी मुझे पापा कहने के लिए कहा तो फिर वो भी मुझे पापा कहने लगा।

फिर सोना बोली के अब हम चारो एक परिवार की तरह रहा करेंगे। जिसमें सबको सब कुछ मिलेगा। फिर इतने में रवि बोला के मुझे नया मोबाइल मिलेगा तो फिर सोना हँसकर बोली के हाँ हाँ मिलेगा। ये सुनकर रवि खुश हो गया। फिर उमा तो अपने बच्चे को दूध पिलाने लगी और मैं सोना को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। जब मैं झड़ने वाला हुआ तो फिर सोना मेरा लण्ड मुँह में लेकर चुसने लगी। तब रवि के सामने चुदाई करके मुझे और सोना को काफी मजा आया। फिर सोना रवि और उमा से मेरी तारीफ करने लगी। सोना उनसे कहने लगी के अब कुछ टाइम से तुम्हारे नए पापा ही हमारे घर का खर्च उठा रहे है। हमारे बैंक वगैरह का कर्ज भी इन्होंने ही चुकाया था।

इस तरह सोना की बात सुनकर रवि को लगने लगा था के उसके नए पापा एक दम बेस्ट है। फिर घर का सब काम वगैरह करने के बाद जब सोना नहाकर आई तो फिर मैंने रवि के सामने सोना की मांग में सिंदूर भरा और फिर सोना ने मेरे पैर छुए। फिर उसने रवि और उमा से भी पैर छूने के लिए कहा तो फिर उन्होंने हम दोनों के पैर छुए। फिर हम चारो एक दूसरे की कमर में हाथ डालकर खड़े हो गए और फिर सोना ने उनसे कहा के उन्हें नंगा रहना अच्छा लगता है कपड़ो में अच्छा लगता है तो फिर रवि ने कहा के नंगा रहना ही तो फिर सोना ने कहा के तो अब से हम सब नंगे ही रहा करेंगे।

फिर सोना ने कहा के अब उमा और रवि तो हम दोनों को ही अपने मम्मी पापा मानने लग गए हैं। अब कम से कम इन दोनों के सामने तो हम पति पत्नी की तरह रह सकते है। फिर सोना ने कहा के अब ऐसे ही चलने देते है। फिर मौका देखकर हम मेरे पति और आपके ससुर के सामने भी शादी करके पति पत्नी बन जाएंगे। फिर मैंने कहा के वो कैसे। फिर सोना ने मुस्कुराकर कहा के उन्हें हम कोई भी झूठी कहानी सुनाकर उनके सामने शादी कर सकते है। अब सब अपने हाथ मे ही है। हम जैसा चाहेंगे वैसा ही होगा। सोना की बात सुनकर मैं काफी खुश हुआ।

इस तरह अब हम चारो दिन रात मस्ती करते रहते। फिर मैंने रवि और उमा को वो सब चीजें लाकर दी जो कि उन्होंने मुझसे मांगी। जिस कारण वो काफी खुश हुए। फिर रवि और उमा मुझे अपना पापा मानने लग गए थे और फिर मैं भी उन दोनों से अपने बच्चों जैसा ही प्यार करता। मैं और उमा भी खुलकर चुदाई करते और खूब मजे करते। मैं रवि से अपने लण्ड की मालिश करवाता और फिर एक बार जब मैं मालिश करवा रहा था तो मेरा खड़ा लण्ड देखकर सोना हमारे सामने आकर घोड़ी बन गई। फिर मैं सोना के पीछे खड़ा हो गया और पीछे से सोना की चुत में लण्ड डालने लगा। लेकिन लण्ड फिसल कर इधर उधर जा रहा था। फिर ये देखकर रवि ने अपने हाथ से मेरा लण्ड पकड़कर सोना की चुत में डाल दिया। जब ये सोना ने देखा तो वो काफी खुश हुई।

फिर उस दिन मैंने सोना की काफी अच्छे से चुदाई की। मैंने सोना की गाँड और गालों पर काफी थप्पड़ मार मारकर चुदाई की। अपनी मम्मी की ऐसी चुदाई देखकर रवि देखता ही रह गया। ये देखकर रवि को भी पूरा यकीन हो गया था के सोना को सिर्फ मैं ही खुश रख सकता हूँ। फिर चुदाई के बाद सोना काफी खुश हुई और फिर वो रवि को अपनी छाती से चिपका कर लेट गई। सोना को खुश देखकर रवि भी काफी खुश हुआ।

फिर सोना ने रवि और उमा के सामने ससुर से चुदाई करना बंद कर दिया और वो उनके सामने सिर्फ मुझसे ही चुदाई करवाती। जिस कारण अब हमें भी ऐसे लगने लगा था के जैसे हम दोनों हमेशा से ही एक दूसरे के पति पत्नी रहे है। मैं ससुराल आया तो था एक दो के लिए लेकिन फिर मैं वहीं रहने लगा और ससुर आते तब छिप जाता।

फिर एक दिन हम सब मार्केट गए तो फिर हम चारो ने अपनी एक फैमिली फ़ोटो खिंचवाई। जिसे देखकर सबको यही लगता के हम सब एक ही फैमिली से है। इस तरह हम चारो को ये नई जिंदगी जीने में काफी मजा आ रहा था। सोना अब रवि और उमा के सामने ही मुझसे बच्चा करने के लिए जिद करने लग जाती और फिर उमा ने भी मुझसे और सोना से बच्चा करने के लिए कह दिया। लेकिन फिर मैंने उन्हें समझाया और कहा के वक्त आने पर सब कुछ हो जाएगा। अब रवि और उमा अपना पापा मुझे मान चुके थे तो वो अब दोनो ससुर से बिल्कुल भी नहीं शर्माते थे।

वैसे मेरे ससुर थोड़े भोले भाले आदमी ही है। जिस कारण अब उमा उनके सामने अधनंगी सी रहती और रवि हमेशा मेरी तुलना ससुर से करता रहता। अब मेरे सामने उसे ससुर कुछ नहीं लगते थे। फिर उसने सोना से भी कह दिया के मम्मी ये नए पापा ही आपके लायक है। ये सुनकर सोना हँसने लगी और फिर वो आकर मेरे गले लग गई। तब सोना और मैं नंगे ही थे तो फिर रवि के सामने ही हम चुदाई करने लगे। रवि के सामने मैं सोना को चोदकर खुश कर देता। चुदाई के बाद सोना मेरे पास से मुस्कुराती हुई जाती।

ये देखकर रवि को भी तसल्ली हो जाती के उसकी मम्मी को पूरी खुशी मैं ही दे सकता हूँ। सोना रवि के सामने ही मेरा लण्ड चूमती और चुसने लग जाती। फिर मैं अपना पूरा लण्ड सोना के मुंह मे गले तक डाल देता तो सोना की तो सांस ही बंद हो जाती। इस तरह मैं सोना के मुँह की अच्छे से चुदाई करता और फिर मुँह में ही झड़ जाता।

अब ससुर, उमा और रवि के सामने सोना ऊपर से नंगी रहने लगी और उमा भी अपनी टीशर्ट से अपने बोबो को बाहर निकाल के रखती और नीचे शॉर्ट्स पहनती जिससे कि उसकी नंगी टांगे दिखती रहती। इतना ही नहीं फिर उमा ऊपर ब्रा पहनने लगी और नीचे पैंटी पहनने लगी। जिसमे वो काफी सेक्सी लगती। सुबह सुबह तो वो एक दम नंग धड़ंग ही लेटी रहती। जब सुबह ससुर आते तो फिर वो सोना की चुदाई करके वहीं बैठ जाते और बच्चे से खेलने लग जाते।

जब उमा उठती तो फिर वो अपने बदन को कम्बल वगैरह से ढक लेती और जब बच्चे को दूध पिलाना होता तो वो अपने कम्बल को कमर तक कर लेती और फिर दोनो बोबो को खुले छोड़कर दूध पिलाने लग जाती। फिर जब उमा को पेशाब वगैरह करने जाना होता तो फिर वो कम्बल को सिर्फ अपनी कमर पर लपेट लेती और फिर पेशाब करने चली जाती। जब उमा ससुर के पीठ पीछे घूमती तो तब वो नंगी ही हो जाती और फिर नंगी ही घूमती रहती। इस तरह उमा को देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो जाता और फिर मैं उमा को कमरे में बुलाकर खूब चुदाई करता। एक बार जब उमा, सोना और ससुर आंगन में चारपाई पर बैठकर चाय पी रहे थे तो तब रवि नंगा ही उठकर अंदर आ गया। रवि को नंगा देखकर उमा हंसने लगी। फिर रवि वैसे ही उनके पास आकर बैठ गया और चाय पीने लगा।

फिर चाय पीने के बाद उमा रवि का मजाक उड़ाने लगी तो फिर रवि ने उमा का कम्बल खींच लिया और फिर उमा एकदम नंगी हो गई। फिर रवि उठकर भागने लगा तो फिर उमा भी नंगी ही उठकर उसके पीछे पीछे भागने लगी। वो दोनो नंगे काफी देर तक आंगन में घूमते रहे। फिर उन दोनो को मैंने कमरे में बुला लिया। फिर वो दोनो कमरे में आकर मुझसे लिपट गए और फिर उमा मेरा लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। फिर हम तीनों बेड पर लेट गए तो फिर रवि भी मेरा लण्ड पकड़कर देखने लगा। फिर रवि के सामने मैं उमा की चुत में लण्ड डालकर चुदाई करने लगा।

उधर सोना ने ससुर को खेत भेज दिया और फिर वो भी नंगी होकर कमरे में आ गई तो फिर मैं उन दोनो को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। तब रवि ने ध्यान दिया के मैं सोना की सिर्फ चुत ही मार रहा था। फिर चुदाई के बाद रवि ने सोना से पूछा के मम्मी आप गाँड में भी कर वालो। तो रवि की बात सुनकर सोना हँसने लगी और बोली के जब तेरे पुराने पापा इसकी इजाजत दे देंगे तो वहां भी लण्ड डलवा लुंगी। हालांकि तब रवि को कुछ खास समझ मे नहीं आया लेकिन फिर आगे उसने कुछ नहीं पूछा।

फिर कुछ दिन रहकर जब मैं ससुराल से वापिस आ जाता तो फिर मेरे आने के बाद सोना उदास हो जाती और वो खाना वगैरह भी नहीं खाती थी। फिर मैंने उसे प्यार से समझाया तो फिर वो खाना वगैरह खा लेती। वैसे तो मैं ससुर से छुपकर कई कई दिनों तक ससुराल में रह लेता था लेकीन फिर कई बार मैं ससुर के सामने भी ससुराल चला जाता। ससुर होते तब तो मैं घर मे ज्यादा घूम नहीं पाता था और बस बैठा रहता। लेकिन फिर धीरे धीरे माहौल थोड़ा बदलने लगा। फिर सोना भी ससुर के सामने मुझसे बातें करने लगी और फिर वो मुझे बुलाकर अंदर आंगन में ले जाती। फिर वहां हम खुलकर बातें करते। कई बार तो मैं सोना और उमा की चुदाई भी कर लेता।

पहले मुझे लगा था के ससुर को मेरा ज्यादा ससुराल में रहना अच्छा नहीं लगेगा लेकिन फिर उन्होंने तो मुझे कुछ नहीं कहा और फिर मैं कई कई दिनों तक ससुराल में ही रहता। फिर पहले तो मैं रवि और ससुर के साथ बाहर चारपाई पर सोता था और फिर रात को उठाकर अंदर चला जाता और फिर उमा और सोना के साथ खूब मस्ती करता। लेकिन फिर सोना ने मुझे आंगन में उमा के साथ सोने के लिए कहा और वो खुद बाहर सोने लगी। फिर बाहर सोना, ससुर और रवि के साथ नंगी होकर सोती और अंदर मैं उमा के साथ। फिर हम सब मस्ती करते। ससुर सोना से उम्र में थोड़े बड़े थे और जब ससुर सोना की चुदाई करते तो ससुर जल्दी ही झड़ जाते और ज्यादा देर तक नहीं टिक पाते। ये देखकर रवि थोड़ा उदास हो जाता। फिर ससुर तो सो जाते और फिर रवि सोना की चुत चाटकर सोना का पानी निकाल देता। फिर रवि ससुर के सामने ही सोना की चुत अपने हाथ से सहलाने लगा तो ससुर कुछ नहीं बोले।

फिर ससुर से चुदाई के बाद सोना अपने दोनो पैर ऊपर उठा देती और फिर रवि सोना की चुत चाटकर सोना का पानी निकालने लगा। ये सब देखकर भी ससुर कुछ नहीं कहते। इसी बात का फायदा उठाकर रवि ससुर और सोना के साथ ही सोने लगा और फिर वो अपने पापा के सामने ही अपनी मम्मी के बदन को सहलाने लगता। फिर सोना भी ससुर के सामने ही रवि का लण्ड पकड़कर सहलाने लगती। इस पर भी ससुर ने कुछ नहीं कहा। इस तरह सोना और रवि दोनो ने मिलकर ससुर को यकीन दिला दिया था के अब वो सोना को खुश नहीं कर सकते है।

फिर एक बार ससुर के सोने के बाद रवि सोना को लेकर अंदर आंगन में आ गया। तब उमा ने मेरा लण्ड चूसकर खड़ा कर दिया था तो फिर आते ही सोना मेरा लण्ड चुत में लेकर बैठ गई और मुझसे खूब चुदाई करवाई और फिर चुदाई के बाद सोना मुस्कुराने लगी। फिर सोना को देखकर रवि और उमा भी मुस्कुराने लगे। फिर उस दिन सोना और रवि ने मुझे सारी बात बताई। फिर मैंने रवि से कहा के कल तुम्हारी जगह मैं बाहर सोऊंगा। तो फिर रवि बोला के ठीक है।

फिर अगले दिन जब शाम हुई तो ससुर पीने बैठ गए और रवि वहीं चारपाई पर जाकर लेट गया और अपने खड़े लंड को सहलाने लगा। फिर सोना ससुर को नंगी ही खाना देने गई और फिर वो भी वहीं बैठ गई। मैं और उमा छुपकर ये सब देख रहे थे। फिर सोना रवि से ससुर के सामने ही अपनी चुत और बोबो को सहलवाने लगी। इतना ही नहीं फिर सोना चारपाई पर लेट गई और फिर रवि के लंड को पकड़कर अपनी चुत पर रगड़ने लगी और फिर कुछ देर रगड़ने के बाद सोना ने रवि के लंड को आधा अपनी चुत में डाल लिया।

ये देखकर तो ससुर भी हक्का बक्का रह गए। फिर सोना कभी रवि का लंड अंदर डाल लेती तो कभी बाहर निकाल लेती। ये देखकर ससुर का लंड खड़ा हो चुका था तो ये देखकर फिर सोना खड़ी होकर ससुर के पास चली गई और फिर जाकर ससुर के लंड को हिलाने लगी और काफी हिलाया। फिर वो ससुर की चारपाई पर ही लेट गई और फिर ससुर सोना के सामने आकर खड़े हो गए तो फिर सोना ने ससुर का लंड पकड़ लिया और फिर अपनी चुत पर रगड़ने लगी।

सोना ससुर को पहले ही काफी गरम कर चुकी थी तो फिर जब सोना ससुर का लंड अपनी चुत मे डालने लगी तो ससुर का पानी निकल गया। ये देखकर सोना ससुर से काफी नाराज हुई। फिर ससुर सोना के बदन को सहलाने लगे और फिर से अपना लंड खड़ा करने की कोशिश करने लगे। तब तक अंधेरा हो चुका था और ससुर को नशा भी काफी हो चुका था।

फिर पहले तो मैं उमा को वहीं दीवार के शेयर खड़ी करके चोद रहा था। जिस कारण वो तो कई बार झड़ चुकी थी लेकिन मैं नहीं झड़ा था। फिर मैंने इशारे से रवि को अपने पास बुलाया तो वो जैसे ही मेरे पास आया तो फिर धीरे से जाकर मैं उसकी चारपाई पर सो गया और अपने खड़े लंड को सहलाने लगा। इसका पता सोना को चल चुका था। फिर जब काफी देर बाद ही ससुर का लंड खड़ा नहीं हुआ तो फिर सोना उठकर मेरी वाली चारपाई पर आ गई और फिर मेरे खड़े लंड को चूसने लगी। फिर सोना ने मेरे लंड को हाथ मे लेकर ससुर को दिखा दिखा कर सहलाने लगी। फिर सोना मेरे लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे होकर चुदने लगी।

सोना को ऐसे चुदते देख ससुर अपना लंड हिलाने लगे। तब वहाँ वैसे तो अंधेरा था तो मैंने अपने फोन की टॉर्च लाइट ऑन कर रखी थी जिस कारण मेरा लंड सोना की चुत मे घुसता हुआ साफ दिख रहा था। फिर मैंने सोना को लेटा लिया और फिर मैं सोना के ऊपर आकर सोना की चुत मारने लगा। चुदाई के टाइम सोना काफी सिसकारियाँ ले रही थी। फिर मैंने सोना से ससुर के ऊपर जाकर घोड़ी बनने के लिए कहा तो फिर सोना ने वैसे ही किया। फिर सोना ससुर को अपने बोबो को चुसवाने लगी और मैं पीछे से सोना की चुत मारने लगा। ऐसे दो मर्दों के बीच सोना को भी काफी मजा आ रहा था।

अगर तब सोना की गाँड मारी होती तो फिर मैं नीचे से सोना की चुत मे ससुर का लंड डाल देता और मैं खुद सोना की गाँड मारता। तब ससुर का लंड खड़ा हो चुका था लेकिन सोना की चुत मे मेरा लंड होने के कारण उनका लंड सोना अपने पेट से सहलाती रही और फिर उनका पानी निकल गया। फिर तो ससुर सोना से आँख भी नहीं मिला पाए और फिर मुझसे चुदते हुए सोना ससुर को खरी खोटी भी सुनाने लगी।

फिर मैं झड़ने वाला हुआ तो सोना ससुर पर ही सीधी होकर लेट गई और फिर मैंने फिर से सोना की चुत मे लंड डालकर अंदर बाहर करने लगा। तब ससुर भी ये देख रहे थे। फिर मैंने सारा पानी सोना की चुत मे डाल दिया और फिर पूरा झड़ने के बाद सोना खड़ी हुई और फिर ससुर की चारपाई पर जाकर घोड़ी बन गई और फिर अपनी चुत ससुर को दिखाते हुए बोली के ये देखो ऐसे जाता है अंदर पानी। तब सोना की चुत से मेरा पानी बाहर निकल रहा था। फिर ससुर सोना की गाँड मे अपना मुँह डालकर चुत चाटने लगे तो ये देखकर सोना हंसने लगी। फिर सोना को हँसते देखकर ससुर ने सोना को अपनी गोद मे बैठा लिया और फिर सोना के बदन को सहलाने लगे और सोना को मनाने लगे।

लेकिन फिर सोना नहीं मानी और ससुर को भला भूरा कहते हुए मेरे साथ आकर लेट गई और फिर ससुर को नींद आ गई। लेकिन मैं और सोना बातें करते रहे। फिर रवि आकर हमारे साथ लेट गया और उमा आकर ससुर वाली चारपाई पर बैठ गई। तब ससुर तो चारपाई के एक तरफ होकर लेटे थे तो फिर उमा उन्ही के साथ लेट गई। ये देखकर मैं, रवि और सोना धीरे धीरे हंसने लगे। उधर मैं और रवि भी सोना से एक दम चिपक कर लेटे थे।

तभी ससुर ने एक करवट ली और फिर वो उमा से चिपक कर सो गए। फिर उमा उठने की कोशिश करने लगी लेकिन फिर मेरे और सोना के कहने पर उमा वैसे ही लेटी रही। ससुर तो नींद में थे तो फिर वो भी ससुर से बिना किसी डर के चिपक कर लेटी रही। फिर सोना बोली के अब कल सुबह देखना मेरा कमाल। अब तो वो नशे मे थे लेकिन कल वो जब पूरे होश मे होंगे तो तब मैं उनके सामने रवि से चिपक कर मजे लूँगी और उन्हे खूब सुनाऊँगी। वैसे कहेंगे तो वो कुछ भी नहीं लेकिन फिर मैं किसी से भी चुदवाने के लिए आजाद हो जाऊँगी और वो कुछ नहीं कह पाएंगे। ये सुनकर मैं फिर से गरम होने लगा। फिर सोना ने रवि से भी कल सुबह जल्दी उठने के लिए कहा।

तब उधर उमा ने ससुर का एक हाथ पकड़कर अपनी चुत पर रख लिया और दूसरा हाथ अपने बोबो पर और फिर हंसने लगी। फिर ये देखकर मैं उमा के पास चला गया और फिर मैंने उमा को ससुर को सीधा लेटाकर ससुर के ऊपर घोड़ी बना लिया तो फिर नीचे से उमा ससुर का लंड अपनी चुत से सहलाने लगी और मैं उमा की गाँड मारने लगा।

ये सब सोना और रवि देख रहे थे। फिर ससुर थोड़े जागने लगे तो ये देखकर उमा ने ससुर का मुँह अपने बड़े बोबो मे डाल लिया और फिर ससुर भी उमा की कमर मे हाथ डालकर अपने से चिपका कर सो गए। ये देखकर थोड़ी देर के लिए हम सब घबरा गए लेकिन फिर भी हम चुदाई करते रहे और फिर मैं झड़ गया तो फिर झड़ने के बाद उमा किसी तरफ ससुर के ऊपर से खड़ी हुई। फिर मैं और उमा तो अंदर जाकर लेट गए और सोना रवि के साथ बाहर ही लेट गई। उमा को आज ससुर के साथ ऐसे चुदाई करके काफी मजा आया। फिर उमा ने मुझे ग्रुप मे चुदाई करने की अपनी इच्छा बताई तो फिर मैंने उसे कहा के हम मनाली वगैरह घूमने जाएंगे तब कोई जुगाड़ बैठा लेंगे। फिर ये सुनकर उमा काफी खुश हुई और फिर हम दोनों भी सो गए।

फिर सुबह सोना और रवि उठकर अंदर आ गए और फिर उन्होंने हमें भी जगाया। फिर हम सबने चाय पी। जब थोड़ा दिन चढ़ गया तो फिर उमा उठकर तो अंदर चली गई और मैं कंबल ओढ़कर वहीं आँगन मे ही लेट गया। फिर सोना ने मुझसे कहा के आज के बाद उनसे शर्माने की कोई जरूरत नहीं है तो आप भी अपना लंड बाहर निकाल कर सो जाना ताकि वो देखे तो देखते ही रह जाए। ये सुनकर मैं काफी खुश हुआ। फिर सोना कुछ देर बाद ससुर को उठाकर अंदर ले आई और तब ससुर नंगे ही थे फिर पहले तो सोना ससुर को सुनाने लगी और कहने लगी के अब आपके लंड में वो दम नहीं रहा। अब आप मेरे कोई काम के नहीं हो। अब मुझे कौन खुश रखेगा।

फिर ये सुनकर रवि सोना के पास गया और फिर सोना को अपनी बाहों में लेकर सोना के बदन को सहलाने लगा। तब ससुर कुछ नहीं बोले और सिर्फ देखते रहे। फिर सोना कहने लगी के जब ये बात बाहर किसी को पता चलेगी तो सब अपना लंड खड़ा करके आ जाएंगे और मुझे रंडियों की तरह चोदेंगे। फिर सोना रवि के खड़े लंड को पकड़कर बोली के ये बेचारा बच्चा भी मुझे कब तक खुश रख पाएगा। फिर रवि ने सोना की एक टाँग उठाकर ऊपर कर दी और फिर सोना ने खुद रवि का लंड पकड़कर अपनी चुत मे डाल लिया और फिर वो सोना के बोबो को चूसने लगा। ये सब मैं थोड़ा सा कंबल हटाकर देख रहा था। फिर सोना कहने लगी के अब मेरी जवानी का क्या होगा। मेरी प्यास कौन बुझाएगा। अब तो मुझे कोई और लंड ही ढूँढना पड़ेगा।

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तब सोना ऐसी ऐसी बातें बोल रही थी के सोना की बातें सुनकर तो मेरा लंड खड़ा हो चुका था। फिर सोना वहीं आँगन मे ही घोड़ी बन गई तो फिर रवि सोना की गाँड मे अपना लंड रगड़ने लगा। तब रवि ससुर के सामने ही अपनी मम्मी की मोटी गाँड पकड़कर अपना लंड रगड़ रहा था। फिर जब रवि झड़ने लगा तो तब सोना उसकी तरफ मुँह करके बैठ गई और फिर उसका लंड हाथ में लेकर हिलाने लगी। फिर जब रवि झड़ने लगा तो फिर सोना बोली के लगता है मेरी जवानी तो इस जन्म में बेकार ही चली जाएगी। फिर तभी मैंने अंगड़ाई लेते हुए अपने ऊपर से पूरा कंबल हटा दिया तो फिर मैं पूरा नंगा हो गया पर मैं ऐसे ऐक्टिंग करता रहा के जैसे मैं नींद में हूँ।

फिर ये देखकर सब एकदम चुप हो गए और मुझे देखने लगे। सोना ससुर के सामने ही मेरे लंड को गौर से देखने लगी। ये बात ससुर को भी पता चल गई थी। फिर मैं अपना लंड हाथ मे लेकर सहलाने लगा तो ये देखकर सोना अपनी चुत सहलाने लगी और फिर सोना ने ससुर को आँखें दिखाते हुए कहा के ऐसा होता है लंड। जिस तरह से सोना मेरा लण्ड और मुझे देख रही थी तो उससे ससुर को पता चल चुका था के अब सोना को सिर्फ मेरा लण्ड चाहिए। फिर इतने में उमा बच्चे को दूध पिलाते हुए बाहर आई। तब सोना रवि का लंड पकड़े हुए खड़ी थी और ससुर भी नंगे ही थे। तब उमा ने अपने बोबो को बाहर निकाल रखा था और नीचे बस एक पैंटी पहन रखी थी। फिर वो पूछने लगी के क्या हुआ। फिर ससुर नंगे ही उठकर बाहर जाने लगे और फिर उमा मुझे कम्बल से ढकने लगी।

फिर ससुर के बाहर जाते ही सोना और रवि मेरे पास आकर नंगे ही बैठ गए और हँसने लगे। फिर सोना मुझसे बोली के अब मैं जो चाहे वो कर सकती हूँ। मुझे अब वो कुछ नहीं कहेंगे। फिर उमा ने सोना से कहा के आपने तो उन्हें बहुत कुछ सुनाया आज। फिर सोना हँसकर बोली के इससे उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। फिर उस दिन ससुर घर पर ही रहने वाले थे तो फिर सोना ने कपड़े पहन लिए और रवि ने भी अंडरवियर पहन लिया। फिर मैं बाहर जाकर ससुर के पास बैठ गया और फिर सोना मेरे और ससुर के लिए चाय लेकर आई। तो फिर हम दोनों चाय पीने लगे। तब मुझे सोना ने जानबूझकर एक छोटी अंडरवियर पहनाई ताकि उसमें से मेरा लण्ड साफ दिख सके।

फिर इतना ही नहीं सोना ने ससुर के सामने ही मुझे नहाने के लिए कहा और फिर मैं बाहर ही बैठकर नहाने लगा तो फिर सब सामान मेरे लिए सोना ही लेकर आई। तब सोना ने एक बड़े गले वाला सूट पहन रखा था जिसमें से सोना के बोबे आधे से ज्यादा दिख रहे थे। फिर मेरे नहाने तक सोना वहीं बैठी रही और फिर वो मुझे लेकर अंदर चली गई। तब बेचारे ससुर देखते ही रह गए। फिर अंदर जाते ही मैंने सोना की सलवार खोलकर सोना की चुदाई की। इस तरह फिर ससुर के सामने सोना मेरे साथ ही रहने लगी और मुझसे पहले से भी ज्यादा खुलकर बातें करती। जिससे ससुर को पूरा यकीन हो चुका था के अब सोना उनके हाथ से निकल चुकी है।

फिर मैं भी ससुर के सामने सोना से थोड़ी हंसी मजाक करने लगा। जब ससुर का ध्यान नहीं होता तो मैं सोना को पकड़ लेता और उसके बदन को सहलाने लग जाता। मैं तब पूरे घर मे बस एक छोटी सी अंडरवियर पहनकर घूमता और खुलकर अपनी बॉडी का प्रदर्शन करता। फिर एक बार जब ससुर और मैं लेटे थे तो तब ससुर जाग ही रहे थे तो फिर मैं अपना लण्ड बाहर निकालकर सहलाने लगा। तब ससुर मेरा लण्ड देखकर कुछ नहीं बोले।

तब मैं और ससुर बाहर वाले कमरे में लेटे थे तो तभी सोना आई और मुझे अंदर बुलाकर ले जाने लगी। तब रवि तो कॉलेज जा चुका था। फिर मैं उठकर सोना के साथ अंदर जाने लगा। फिर हम एक कमरे में चले गए और सोना ने कमरा बंद कर दिया। तब उस कमरे में उमा बेड पर नंगी लेटी हुई थी और बच्चे को दूध पिला रही थी। तभी हमने खिड़की से देखा के ससुर भी हमारे पीछे पीछे अंदर आ गए थे। तब शायद ससुर को पूरा शक हो चुका था के आज सोना मुझसे चुदने वाली है। ये देखकर सोना बच्चे को लेकर दूसरे कमरे में चली गई और फिर कमरा अंदर से बंद कर लिया। फिर मैं और उमा चुदाई करने लगे।

उधर ससुर सोना के कमरे का गेट धीरे धीरे खटखटाने लगे। लेकिन सोना ने गेट नहीं खोला तो फिर ससुर वापिस चले गए और जाकर लेट गए। फिर थोड़ी देर बाद सोना बच्चे को लेकर हमारे कमरे में आ गई और फिर नंगी होकर लेट गई। फिर मैं उमा के साथ साथ सोना की भी चुदाई करने लगा। फिर चुदाई के बाद सोना और उमा ऐसे ही नंगी सो गई और मैं बाहर वाले कमरे में चला गया।

जब मैं कमरे में गया तो कमरे में जाने से पहले मैंने देखा के ससुर अपना लण्ड हिला रहे थे। ये देखकर मुझे हंसी आ गई। फिर मैं जब कमरे में गया तो ससुर अपना लण्ड लुंगी में डालकर सो गए और मैं भी सो गया। फिर थोड़ी देर सोने के बाद सोना हमारे लिए चाय लेकर आई और फिर वहीं बैठकर हमसे बातें करने लगी। तब मैं लेटा था और मेरा लण्ड खड़ा था तो सोना ससुर के सामने ही बेशर्म होकर मेरा लण्ड देखे जा रही थी। फिर मैं भी कुछ कम नहीं था। मैं भी थोड़ी थोड़ी देर में अपने अंडरवियर में हाथ डालकर अपने लण्ड को सहला रहा था।

सोना ने तब एक टाइट सूट पहन रखा था जिसमें से सोना के सेक्सी बोबो को देखकर मेरा मन कर रहा था के मैं भी अभी अपना लण्ड हिलाकर सारा पानी सोना के बोबो पर डाल दूँ। पहले तो सोना ससुर के सामने मुझसे घूंघट निकालती थी जैसा गांवों में अक्सर होता है लेकिन अब तो सास यानी सोना बिना घूंघट के ही रहती और ससुर के सामने मुझे अपने बोबो के खूब दर्शन करवाती। फिर सोना मुझसे घर के खर्चों और रुपयों पैसों के बारे में बातें करने लगी और बातों ही बातों में ससुर को जताने लगी अब घर आपकी वजह से नहीं बल्कि दामाद की वजह से चल रहा है। इस तरह सोना अब ससुर के सामने मुझे काफी ज्यादा अहमियत देने लगी थी। अब बस सोना ने अपने मुंह से ये नहीं कहा था के मैं अब दामाद जी के साथ रहना चाहती हूं और बाकी कुछ छोड़ा नहीं था।

इन सबके कारण अब मेरा भी कॉन्फिडेंस काफी बढ़ चुका था तो फिर ससुर के सामने ही मैं किसी बहाने से नंगा हो जाता और तब सोना भी वहीं होती। फिर सोना मेरे लण्ड को देखकर हँसने लग जाती और कुछ देर तक देखती रहती और फिर दूसरी तरफ मुँह करके खड़ी हो जाती। इस तरह ससुर के सामने मैं और सोना बिल्कुल बेशर्म हो चुके थे। अब इसके बारे में ससुर कहते भी किससे। क्योंकि सोना रवि का लण्ड तो खुद ले चुकी थी और उमा से वो इस बारे में कैसे बात करते। अब मेरा और सोना का रास्ता साफ हो चुका था बस अब ससुर के सामने चुदाई करना बाकी था। लेकिन फिर हम ससुर के सामने ऐसे ही खुलकर मस्ती मजाक करते रहे। क्योंकि चुदाई तो हम कभी भी कर सकते थे पर हमें ऐसे काफी मजा आ रहा था।

फिर सोना कभी कभी ससुर से भी चुदवा लेती तो फिर ससुर भी सोना के पूरे वश में रहते। फिर तो सोना ससुर को लेकर मेरे सामने ही चुदवाने चली जाती और फिर कमरे के बाहर या पास वाले दूसरे कमरे में जोर जोर से सिस्कारियाँ लेकर चुदवाती। फिर चुदाई के बाद वो दोनो वापिस मेरे पास आकर बैठ जाते। चुदाई के बाद ससुर तो शांत हो जाते और फिर सोना मेरे और ससुर के सामने ऐसे रहती जैसे कि वो हम दोनों की बीवी हो। वो अब ऊपर दुपट्टा वगैरह कुछ नहीं लेती और खुलकर अपने बोबो को दिखाती। जहां पहले सोना हम दोनों से थोड़ा दूर बैठा करती थी वहीं वो अब हमारे साथ चारपाई पर आकर बैठने लगी। वो तब अपने बाल खुले छोड़ लेती और फिर अपनी छाती आगे की और निकाल कर बैठ जाती और ससुर के सामने ही मुझसे काफी हंस हंस कर बातें करती।

यर देखकर तब मुझे तो बिल्कुल भी यकीन नहीं होता के सोना ऐसे ससुर और मेरे सामने बैठी है। फिर जब ससुर सो जाते तो सोना मेरी चारपाई पर आकर बैठ जाती और फिर मैं सोना के बोबो को सहलाता रहता। फिर एक बार जब सोना मेरी चारपाई पर बैठी थी तो फिर मैं भी बैठा था सोना के बोबो को सहला रहा था। फिर तभी जब ससुर उठकर पेशाब करने जाने लगे तो तब मैं सोना के बोबो को सहलाना छोड़कर थोड़ा पीछे की तरफ होकर बैठ गया। लेकिन तब तक ससुर को एहसास हो चुका था के हम क्या कर रहे थे। लेकिन वो कहते क्या। फिर ससुर के सामने सोना का मेरा हाथ पकड़ना और सोना का मेरे बिल्कुल पास बैठना आदि सब नॉर्मल हो गया था।

फिर एक दिन सोना मेरे फोन में एक डांस की वीडियो देख रही थी। सोना को डांस पसंद था तो फिर उसने मुझसे वैसा डांस करने को कहा तो मैंने फोन में एक गाना लगाया और फिर मैं और सोना ससुर के सामने डांस करने लगे। फिर डांस करने के बहाने मैंने सोना के बदन को ससुर के सामने खुलकर सहलाया। सोना भी मेरे हाथों को पकड़कर कभी अपने बोबो पर रखती तो कभी अपनी गाँड पर। इस तरह कुछ देर के डांस के बाद हम दोनों थक गए तो फिर हम आकर बैठ गए। हमारा डांस देखकर ससुर भी खुश हो रहे थे।

फिर बैठने के बाद सोना एक कपड़े से अपनी गर्दन और अपने बोबो के आसपास से पसीना पोंछने लगी। फिर ये सब मैं और ससुर सोना के बोबो को देखने लगे। फिर हमें इस तरह से अपने बोबो की तरफ देखते हुए सोना भी अपने बोबो को ठीक करने लगी और फिर हँसने लगी। तब सोना ससुर की चारपाई पर ही बैठी थी तो फिर ससुर ने मेरे सामने ही सोना के एक बोबे को पकड़कर सहलाने लगे। फिर ये देखकर सोना ने हंसते हुए ससुर के हाथ को हटा दिया। फिर उस दिन सोना ससुर के साथ ही लेट गई और ससुर सोना के बदन को सहलाने लगे। ये सब मैं वहीं पास बैठा बैठा देख रहा था। फिर ससुर सोना के बोबो में अपना मुंह डालकर सोना के बोबो को चुसने लगे। फिर सोना मेरी तरफ करवट लेकर लेट गई और फिर नीचे से अपनी सलवार खोल दी तो फिर ससुर सोना की नंगी गाँड में अपना लण्ड डालकर रगड़ने लगे और फिर झड़ गए।

ये सब मेरे सामने हुआ था। जिस कारण मेरा लण्ड खड़ा हो गया। फिर सोना पेशाब करने के लिए खड़ी हुई और फिर अपनी सलवार ऊपर करके नाड़ा बांधने लगी और फिर वो पेशाब करने जाने लगी तो फिर उसके पीछे ससुर भी अपनी लुंगी बांधकर जाने लगे और मैं अपने अंडरवियर में खड़े लण्ड को सहलाते हुए चला गया। फिर सोना तो टॉयलेट में घुसकर पेशाब करने लगी और मैं और ससुर बाहर खड़े रहे। ससुर के सामने ही मैं अपने लण्ड को खुजा रहा था। फिर सोना पेशाब करके बाहर आई तो फिर ससुर तो टॉयलेट में पेशाब करने चले गए और मैं टॉयलेट के बाहर ही दूसरी तरफ मुँह करके पेशाब करने लगा। फिर ससुर जब पेशाब करके बाहर आ गए तो तब ससुर और सोना के सामने मैं मुड़कर खड़ा हो गया और फिर अपना लण्ड अपनी अंडरवियर में डाला।

तब उन दोनों ने मेरा लण्ड देख लिया था। फिर हम तीनो वापिस कमरे में चले गए और फिर सोना मेरी चारपाई पर बैठ गई तो फिर मैं भी सोना की कमर में हाथ डालकर सोना से चिपक कर बैठ गया। फिर मैं ससुर के सामने ही सोना के बोबो को सहलाने लगा। फिर मैं सोना की गालों और गर्दन पर किस करने लगा।

फिर हम दोनों एक साथ लेट गए तो तब मैं सोना के ऊपर आ गया और फिर सोना के बदन को चूमने लगा। तब मेरा लण्ड मेरे अंडरवियर में पूरा खड़ा हो चुका था और मेरा अंडरवियर फटने को तैयार था। फिर मैं ऐसे ही अपना लण्ड सोना की चुत पर रगड़ने लगा। फिर थोड़ी देर बाद ससुर तो सो गए और उनके खर्राटे बजने लगे तो फिर ये देखकर सोना अपने कपड़े खोलकर पूरी नंगी हो गई और फिर मैंने भी अंडरवियर खोल दिया।

फिर मैं सोना को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। फिर झड़ने के बाद मैं और सोना नंगे ही लेटे रहे कुछ देर तक। फिर हमने फिर से कपड़े पहन लिए और फिर हम भी एक दूसरे से चिपक कर लेट गए।

फिर जब हम सोकर उठे तो फिर मैं सोना के बदन से मस्ती करने लगा। फिर सोना ने अपने बोबो को बाहर निकाल लिया तो फिर मैं सोना के एक बोबे को मुंह मे लेकर चुसने लगा। ये देखकर ससुर का भी मन हुआ तो फिर वो भी हमारी चारपाई पर आ गए और फिर सोना के दूसरे बोबे को चुसने लगे। ये नजारा देख कर तो मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गया। फिर इतने में किसी ने हमारे कमरे का गेट खोला तो हमने देखा के वो रवि था।

फिर रवि ने जब हम तीनों को ऐसे देखा तो वो कुछ नहीं बोला और फिर रवि ने सोना से चाय बनाने के लिए कहा तो फिर सोना अपने बोबो को अपने सूट में करती हुई हमारे बीच से उठी और फिर चाय बनाने चली गई। फिर रवि वहीं बैठ गया और फिर मैं और ससुर भी उठकर बैठ गए और बातें करने लगे। अब कुछ भी छुपाने जैसा नहीं रहा था तो फिर मैंने अपने लण्ड को बाहर निकाला और फिर लण्ड का टोपा पोंछकर उसे वापिस अंदर डाल लिया। तब रवि तो गेम खेलने में मस्त था और ससुर मेरे लण्ड की तरफ ही देख रहे थे।

फिर कुछ देर बाद जब सोना चाय बनाकर लाई तो फिर वो हम तीनों के बीच बैठ गई और फिर हम सब चाय पीने लगे। सोना हम तीनों मर्दो के लण्ड ले चुकी थी तो शर्माने वाली कोई बात नहीं थी। फिर चाय पीने के बाद सोना मेरी गोद मे आकर बैठ गई और फिर मैं सोना से मस्ती करने लगा। फिर मैं सोना की सलवार में हाथ डालकर सोना की चुत सहलाने लगा तो सोना जोर जोर से सिस्कारियाँ लेने लगी। फिर मैंने सोना की सलवार का नाड़ा खोल दिया तो फिर सोना ने अपनी सलवार पूरी निकाल दी और फिर मैंने सोना के दोनो बोबो को बाहर निकाल लिया। इस तरह फिर मैं सोना से मस्ती करने लगा। सोना भी तब पूरी गर्म हो चुकी थी तो उसकी चुत से पानी निकलने लगा था। फिर सोना में अपना कुर्ता भी निकालकर फेंक दिया तो अब सोना पूरी नंगी मेरी गोद मे बैठी थी।

फिर मैं सोना के बदन को अच्छी तरह से दबा दबा कर सहलाने लगा। हालांकि तब मेरा सोना की चुदाई करने का कोई मूड नहीं था तो फिर हम इसी तरह मस्ती करते रहे। फिर सोना जाकर ससुर और रवि के साथ बैठ गई तो फिर वो दोनो सोना के बोबो को चुसने लगे। इस तरह फिर सोना के बदन को अच्छी तरह सहलाने के बाद जब शाम हो गई तो फिर सोना कपड़े पहनकर अंदर चली गई और काम करने लगी। फिर हम तीनों भी अंदर आंगन में जाकर बैठ गए। तब वहां उमा भी थी तो फिर वो अपने दोनो बोबो को बाहर निकालकर दूध पिला रही थी।

फिर वहां तब मैं सोना को सबके सामने पकड़कर अपनी बाहों में ले लिया और फिर सोना के बोबो को दबाने लगा। ये देखकर उमा और रवि हँसने लगे। ये देखकर ससुर भी काफी हैरान थे। पर उन्हें क्या पता था के उमा और रवि ने मुझे पहले ही अपना पापा मान लिया है। फिर सोना भी मुझसे चिपक गई। फिर मैंने सबके सामने सोना से हर तरह से मजे किये। मतलब बस उसके बदन को सहलाकर और कुछ नहीं। फिर शाम हो गई तो फिर ससुर बाहर बैठकर दारू पीने लगे। फिर हम सब नंगे हो गए। फिर सब ने खाना वगैरह खा लिया तो फिर उमा और रवि तो आंगन में सो गए और मैं बाहर ससुर के पास लेट गया। फिर सोना आई और नंगी होकर आकर मेरे पास लेट गई।

फिर वो मेरा लण्ड पकड़कर सहलाने लगी। लेकिन तब वहां अंधेरा था तो कुछ नहीं दिख रहा था। फिर सोना ने कहा के अंदर कमरे में चलते है। फिर सोना खड़ी होकर अंदर जाने लगी और फिर उसके पीछे पीछे मैं और ससुर भी अंदर जाने लगे। फिर अंदर जाते ही सोना ने कमरे में लाइट जलाई और फिर कमरे के गेट बंद कर दिए। फिर हम तीनों एक साथ लेट गए और बातें करने लगे। फिर ससुर कहने लगे के उनसे अब खेत वगैरह नहीं होती है। फिर मैंने उनसे कहा के नहीं होती है तो हम किसी और से करवा लो। अब आप बूढ़े हो चुके हो तो आप घर पर रहा करो।

बाकी सब काम मैं देख लूंगा। ये सुनकर ससुर खुश हो गए। फिर सोना ने ससुर से कहा के आप मुझे आजाद कर दो फिर आप चाहे जो करना। घर का सब काम हम सम्भाल लेंगे। फिर ससुर बोले के मुझे शाम को दारू चाहिए और कभी कभी तुम चुत दे देना। बस इसके अलावा मुझे और कुछ नहीं चाहिए। ये सुनकर सोना हँसने लगी और फिर बोली के आपको ये सब कुछ मिल जाएगा।

फिर ससुर बोले के सब कुछ मिल जाएगा तो तुम आजाद हो जो चाहे वो करो। ये सुनकर सोना काफी खुश हुई। इस तरह सोना ने बड़ी चालाकी से ससुर से सब कुछ मनवा लिया था। फिर सोना मेरे लण्ड को चुसने लगी और साथ मे ससुर का लण्ड हिलाने लगी। तब मेरा पूरा खड़ा लण्ड ससुर के लण्ड से कहीं बड़ा लग रहा था। फिर सोना मेरा लण्ड अपनी चुत में लेकर बैठ गई और ऊपर नीचे होकर चुदने लगी।

जब ये ससुर ने देखा तो ससुर तो देखते ही रह गए। फिर कुछ देर बाद मैं सोना के ऊपर आकर सोना की चुदाई करने लगा। तब मैंने सोना की गालों पर थप्पड़ भी लगाए पर सोना तब फुल गर्म थी। तब सोना के दोनो पैर हवा में थे और नीचे से वो अपनी चुत हवा में उछाल उछाल कर चुद रही थी। फिर मैंने सोना को घोड़ी बना लिया और चुदाई करने लगा। फिर इसके बाद मैंने सोना को चारपाई से नीचे खड़ी करके दीवार के सहारे चोदने लगा। फिर मैंने सोना को अपनी गोद मे उठा लिया और फिर चुदाई करने लगा। इस तरह ससुर के सामने मैंने सोना को काफी पोज में चोदा। हमारी चुदाई देखकर ही ससुर के लण्ड ने पानी छोड़ दिया।

फिर जब मैं झड़ा तो मैंने सारा पानी सोना की चुत में डाल दिया। सोना को जब अपनी चुत में मेरा पानी महसूस हुआ तो वो काफी ज्यादा खुश हुई। सोना को इतना खुश देखकर ससुर सोना से बोले के इतनी खुश तो तुम मुझसे कभी नहीं हुई। फिर ससुर बोले के अब तो खुश हो ना। वो तो अच्छा हुआ जो तुमने जवाई जी से चुदवा लिया वरना पता नहीं बाहर किस किस से चुदवाती फिरती। फिर ये सुनकर सोना मेरे गले से लग गई और फिर मैं सोना की गाँड सहलाने लगा।

आज मुझसे और सोना से ज्यादा खुश इस दुनिया मे कोई नहीं था। क्योंकि हमने जैसा चाहा था वैसा ही सब कुछ हो रहा था। फिर उस रात मैंने कई बार और ससुर के सामने सोना की चुदाई की। चुदाई करते करते काफी रात हो चुकी थी। उस रात ससुर तो सिर्फ हमारी चुदाई देखकर ही अपना लंड हिलाते रहे और पानी निकालते रहे। फिर हम लगभग आधी रात के बाद कमरे से बाहर आये और फिर ससुर अपनी चारपाई और मैं और सोना मेरी चारपाई पर एक साथ सो गए। उस रात हमें काफी नींद आई तो सुबह हम देरी से उठे।

तब तक ससुर और बाकी सब उठ चुके थे। फिर रवि ने सोना को उठाया और फिर सोना ने मुझे उठाया। जब हम उठे तो देखा के ससुर और रवि सामने चारपाई पर बैठे थे। फिर हम दोनों नंगे ही उठकर टॉइलेट की तरफ जाने लगे। फिर सोना तो टॉइलेट मे चली गई और मैं टॉइलेट के बाहर ही खड़ा होकर पेशाब करने लगा। फिर हम पेशाब करके आने लगे तो फिर सोना मेरा खड़ा लंड देखकर सहलाने लगी। फिर हम वापिस आकर चारपाई पर बैठ गए तो फिर सोना मेरे सीने से लग गई और फिर मेरे लंड को सहलाती रही।

फिर रवि हमारे लिए चाय लेकर आया तो फिर हम सब चाय पीने लगे। चाय पीने के बाद सोना नंगी ही उठकर अंदर जाने लगी। फिर ससुर ने मुझसे पूछा के उमा को पता है क्या इसके बारे में। फिर मैंने कहा के सबसे पहले उमा को ही बताया था।

वो भी बस अपनी मम्मी को खुश देखना चाहती है तो उसने इसके लिए हमें पहले ही इजाजत दे दी थी। ये सुनकर ससुर थोड़ा हैरान हुए पर वो अब कर भी क्या सकते थे। फिर मैं भी नंगा ही उठकर अंदर चला गया। तब सोना उमा को रात के बारे मे बता रही थी और वो साथ मे हंस रही थी। फिर मैं उन दोनों के पास गया और फिर उन दोनों को अपने गले से लगा लिया। फिर रवि अंदर आया और बच्चे को लेकर बाहर चला गया।

फिर ससुर बच्चे के साथ खेलने लगे और रवि गेम मे मस्त हो गया और अंदर हम तीनों मस्ती से बातें कर रहे थे। तब घर मे काफी खुशी का माहौल था। फिर सोना कहने लगी के मैंने भगवान से मन्नत मांगी थी के अगर सब कुछ अच्छे से हो जाए तो मैं अपने कुल देवता के मंदिर पैदल जाऊँगी। उनके कुलदेवता का मंदिर गाँव से करीब 7-8 किलोमीटर दूर था। फिर मैंने सोना से कहा के हम सब साथ ही चलेंगे। फिर ये सुनकर सोना काफी खुश हुई। फिर वो और उमा जल्दी जल्दी घर का काम करने लगी और फिर ससुर से भी चलने के लिए कह दिया और रवि से घर पर ही रहकर बच्चे का ध्यान रखने के लिए कहा।

फिर सब काम करने के बाद सोना और उमा नहाई और नहाने के बाद नए सूट पहने और दुल्हन की तरफ सजकर तैयार हो गई। फिर मैंने ससुर के सामने ही सोना और उमा की मांग मे सिदुर भरा। फिर उन दोनों ने झुक कर मेरे पैर छूए तो फिर मैंने उन्हे अपने गले से लगा लिया।

इस तरफ फिर मैं, ससुर, उमा और सोना मंदिर जाने के लिए पैदल ही घर से निकल पड़े। गर्मी काफी होने के कारण जल्दी ही हम सब पसीने से भीग गए थे। जिस कारण उमा और सोना की सूट के अंदर पहनी हुई ब्रा साफ दिख रही थी। हम चारों सड़क की किनारे किनारे चल रहे थे। तब 11 बजे के आसपास टाइम था तो ज्यादा लोग सड़क पर नहीं थे तो हम चारों मस्ती से बातें करते हुए चल रहे थे।

फिर हम मंदिर पहुँच गए और फिर हमने पूजा वगैरह की। उस मंदिर का पुजारी एक बूढ़ा आदमी था और तब मंदिर में हमारे सिवा कोई नहीं था। फिर मैंने पुजारी के सामने फिर से उमा और सोना की मांग भरी तो ये देखकर वो पुजारी देखता ही रह गया और सब कुछ समझ गया। फिर वो उमा और सोना की तरफ गौर से देखने लगा। फिर हम तीनों ने पुजारी के पैर छूए तो फिर पुजारी ने उन दोनों को सुहागिन रहने और जल्दी ही गोद भरने यानि बच्चा होने का आशीर्वाद दिया।

इस तरह फिर हम वापिस आने लगे तो आते टाइम गर्मी काफी ज्यादा हो चुकी थी। जिस कारण हम कभी चलते तो कभी छाया मे बैठकर आराम करने लग जाते। इस तरह हम दोपहर तक घर पहुचे। फिर घर पहुंचकर ससुर तो बाहर वाले कमरे मे सो गए और फिर मैं, उमा और सोना नहाकर कूलर चलाकर नंगे होकर दूसरे कमरे मे सो गए।

फिर हम शाम को ही उठे। उठने के बाद सोना और उमा दोनों सिर्फ ब्रा पैंटी पहनकर घूमने लगी और मैं अन्डरवियर मे था। फिर उस दिन शाम को ससुर और रवि तो बाहर सो गए और अंदर आँगन में सोना और उमा के साथ मैं सो गया। फिर रात को हम तीनों ने काफी चुदाई की। फिर सुबह जब ससुर अंदर आँगन मे आए तो फिर वो तो सोना के साथ मस्ती करने लगे और तब उमा नंगी सोई थी और कंबल उसकी कमर तक था।

तब ससुर तो सोना के साथ किचन के पास मस्ती कर रहे थे। फिर मैंने इसके बारे मे उमा को धीरे से बता दिया और फिर मैं उमा से चुदाई करने लगा। फिर ससुर मेरी और उमा की चुदाई देखने लगे। फिर मैंने उमा को घोड़ी बनाया और काफी देर तक चुदाई करता रहा। फिर चुदाई के बाद उमा नंगी ही उठकर पेशाब करने चली गई और तब ससुर किचन मे जाकर छुप गए। तब उमा को ससुर के बारे में पता था लेकिन फिर भी वो नंगी ही घूम रही थी।

फिर उमा जब पेशाब करके आ गई तो फिर मैं, उमा और सोना के साथ बैठकर चाय पीने लगा और तब ससुर किचन में छुपे रहे। फिर सोना ने उमा से कहा के चाय पीने के बाद वो अंदर कमरे में चले जाए वरना वो किचन में ही छुपे रहेंगे। ये सुनकर फिर हम तीनों हंसने लगे। फिर उमा सब बिस्तर उठाकर कमरे मे चली गई और फिर चुपके से ससुर बाहर चले गए। फिर ऐसा तो लगभग रोज ही होने लगा था। सुबह सुबह उमा ससुर के सामने नंगी ही घूमती रहती और मैं उसकी खूब चुदाई करता।

फिर कई बार तो मैं सोना और उमा दोनों को एक साथ घोड़ी बनाकर चोदता ससुर के सामने ही। फिर हमारी जिंदगी ऐसे ही चलने लगी। फिर तो उमा ने भी ससुर से शर्माना छोड़ दिया और जो उसके मन में आता वो वैसे ही कपड़े पहन लेती। एक दो बार तो उसने ट्रांसपरेन्ट ड्रेस भी पहन ली थी। पर अब कहने सुनने वाला कौन था।

मैं ससुर के साथ सोना के बारे में गन्दी गन्दी बातें करने लगा था। फिर ससुर भी सोना के लिए कहते ये काफी प्यासी रंडी है इसे जमकर चोदा करो तो फिर मैं ऐसे ही करता। चुदाई के टाइम मैं सोना के गाल और गाँड पर थप्पड़ मार मार कर लाल कर देता। मैं सोना को जितनी बेरहमी से चोदता उतना ही ससुर को मजा आता। फिर ससुर भी कई बार चुदाई के टाइम सोना के निप्पल खूब जोर से मसलते और सोना की गाँड को मुंह मे लेकर काट लेते। फिर एक बार तो मैं बेल्ट से सोना की गाँड पर मारने लगा। जिससे सोना को काफी दर्द हुआ उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे। फिर सोना हम दोनों के पैर पकड़कर गिड़गिड़ाने लगी तब जाकर हमने सोना को छोड़ा।

उस दिन ससुर को काफी मजा आया। फिर जब रवि और उमा ने जब सोना का ये हाल देखा तो वो भी थोड़ा डर गए। फिर उमा ने सोना की गाँड पर क्रीम वगैरह लगाई और तब जाकर कुछ दिनों में सोना की गाँड ठीक हुई। बेल्ट की मार से गाँड सूज गई थी और थोड़ा खून भी आने लगा था। मैंने और ससुर ने सोना के होंठ भी काट खाये थे। उस दिन सोना का हाल ऐसा था जैसे के 10-15 मर्दों ने मिलकर सोना का बलात्कार किया हो। इसके बाद सोना मेरा और ससुर का पूरा ध्यान रखती और वो चुदाई के लिए हरदम तैयार रहती। फिर हम सोना से जैसे चाहे मजे करते। सोना भी इस सबमें हमारा सहयोग करती क्योंकि उसे भी ऐसे बहुत मजा आता था। तभी तो वो सब कुछ बिना कुछ बोले सहती रहती। ससुर को भी अब पूरा विस्वास हो चुका था के सोना जैसी घोड़ी को मैं अच्छे से कंट्रोल कर सकता हूँ।

अक्सर चुदाई के टाइम सोना भी हमसे खुद कहती के मुझे रंडियों की तरह चोदो और मेरे साथ जैसा करना चाहो वैसे करो। ये सुनकर मैं मस्ती करने के नए नए तरीके निकालता। मैं फिर सोना को भूखी प्यासी रखता और उसे कमरे में खड़ा करके बांध कर रखता। फिर जब वो थक जाती तो फिर उसकी जमकर चुदाई करता। फिर तो सोना में खड़े होने की भी ताकत नहीं बचती थी। फिर मैं सोना को कई कई दिनों तक नहाने भी नहीं देता था और उसका लैट्रिन पेशाब भी अंदर ही निकल जाता। फिर उमा जब सोना का ये हाल देखती तो वो भी रोने लग जाती। फिर वो सोना को नहलाती और खिलाती। फिर उमा मुझे कहती के आप तो एक दम जानवर हो। फिर मैं उसके बदन पर हाथ फेरते हुए बोला के तुमने अभी जानवर देखा कहाँ है।

ये सुनकर उमा सिहर गई। पर उसे पता था के सोना को ऐसे चुदाई करना पसंद है तो वो ज्यादा कुछ नहीं कहती थी। ऐसी चुदाई के कुछ दिनों बाद जब सोना थोड़ी ठीक हो जाती तो फिर सोना सज सवँरकर घूमने लग जाती और मेरा और ससुर का लण्ड चूसकर हमे फिर से उत्तेजित करने लग जाती। फिर मैं और ससुर कुछ नया तरीका सोचते सोना की चुदाई करने का। इस सब के कारण ससुर को काफी कॉन्फिडेंस आ चुका था तो फिर वो और मैं घर मे नंगे ही घूमते रहते। उमा के सामने भी ससुर अब बिल्कुल भी शर्म नहीं करते।

फिर मैं बिना शर्म किये उमा को ससुर के सामने ही नंगी करके चोदने लग जाता। फिर उमा को चुदते देख ससुर कहते के ये साली रंडी भी अपनी मां की तरह ही है। फिर तो उमा भी बिना शर्म किये ससुर के सामने ही मेरा लण्ड चुसने लग जाती। फिर मैं उन दोनों माँ बेटियों को एक साथ घोड़ी बनाकर उनकी चुदाई करता। फिर एक बार जब ससुर नशे में थे तो फिर ससुर उमा के सिर को बालों से पकड़ते हुए अपना लण्ड चुसने के लिए कहने लगे।

फिर कुछ देर तो उमा ससुर के लण्ड की तरफ देखती रही और फिर वो ससुर का लण्ड चुसने लगी। फिर इसके बाद ससुर ने एक बार उमा की गाँड पर थप्पड़ मारते हुए बोला के ये घोड़ी एकदम जवान और तन्दरुस्त है। ये सुनकर उमा और सोना हँसने लगी। फिर ससुर ने मुझसे उमा को चोदने के लिए कहा तो फिर मैं उमा को ससुर के सामने ही कसकर चोदने लगा।

तब ससुर ने हमारी चुदाई देखकर पूरा आनंद लिया और फिर तो उमा बेशर्मो की तरह ससुर यानी अपने पापा के सामने नंगी ही रहती और उनसे मस्ती भी करती। ससुर भी उमा के बोबो को दबाते और चूसते और उमा भी ससुर का लण्ड सहलाती। फिर जब ससुर का लण्ड खड़ा हो जाता और वो जब उमा की चुदाई करने के लिए तैयार होते तो फिर उमा जल्दी से ससुर का पानी निकाल देती।

फिर उमा कई बार ससुर के लंड को अपनी चुत से सहलाती और फिर ससुर जब ज्यादा गर्म हो जाते तो फिर वो झड़ जाते। इसी तरह उमा रवि के साथ भी नंगी ही चिपकी रहती और घूमती रहती। उमा अब शर्म करती भी किससे। उमा का भरा हुआ बदन किसी भी मर्द के लण्ड से पानी निकालने के लिए काफी था।

सोना का वजन भी अब काफी हद तक कम हो चुका था। क्योंकि सोना अब खाना कम और फल और ड्राई फ्रूट वगैरह ज्यादा खाती। जिससे उसे भूख कम लगती और वो फिर खाना कम खाती। वहीं दूसरी और मेरा वजन बढ़ गया था क्योंकि मैं खूब दबाकर खाना खाता और खूब चुदाई करता और फिर अच्छे से सोता। इस तरह हम सबकी जिंदगी पूरी बदल चुकी थी पर अभी तो काफी कुछ होना बाकी था।

फिर एक बार जब उमा और सोना हम सबके सामने एक दूसरे से मस्ती करने लगी। वो एक दूसरे के बदन को चूमने और सहलाने लगी और जब वो एक दूसरे की चुत से चुत रगड़ने लगी तो ये देखकर तो ससुर तो देखते ही रह गए। फिर वो ये सब देखकर बोले के इन साली रंडियों को तो किसी मर्द की भी जरूरत नहीं है। ससुर अब सबके सामने ही उमा के बोबो और चुत को सहलाते रहते और कई बार तो साथ मे सोना के भी बदन को सहलाते रहते।

फिर जब वो गर्म हो जाती तो फिर वो मेरे पास आ जाती। फिर वो दोनो मेरे लण्ड को बारी बारी से चूसती और फिर मैं उन दोनों की चुदाई करता। फिर जब ससुर को पता लगा के मैं उमा की गाँड भी मारता हूँ तो फिर वो सोना की गाँड में उँगली करने लगे। जब मुझे ये पता लगा के ससुर सोना की गाँड मारने के फिराक में है तो फिर मैंने ससुर से साफ साफ कह दिया के ये एक छेद तो मेरे लिए छोड़ दो। फिर ससुर बोले के लो कर लो।

फिर मैं बोला के ऐसे नहीं। मैं पहले सोना से शादी करूंगा और फिर सुहागरात पर इसकी गाँड फाडूगा। फिर ससुर बोले के तो अब किसका इंतजार कर रहे हो तो कर लो शादी। फिर सोना बोली के अभी मैं अपने बदन को शादी लायक बना रही हूँ। मैं एक दम पतली हो जाऊंगी तब हम शादी करेंगे।

ससुर भी अब सब शर्म छोड़ चुके थे तो तब मैं सोना को घोड़ी बनाकर सोना की चुदाई करने लगता तो फिर मैं ससुर से कहता के मेरा लण्ड पकड़कर अपनी बीवी की चुत में डाल दो तो फिर ससुर ऐसा ही कर देते। इसी तरह ससुर उमा की गाँड और चुत में भी मेरा लण्ड पकड़कर डाल देते और फिर हम खूब चुदाई करते। चुदाई के टाइम भी ससुर कहते के और चोद साली रंडी को। सोना की उम्र 45 से कम थी तो उसे पीरियड्स आते थे।

उसके पीरियड्स नॉर्मल थे तो हम पीरियड्स में भी चुदाई कर लेते थे। जब हम पीरियड्स में चुदाई करते तो सोना की चुत से काफी खून निकलता और जिससे मेरा लण्ड पूरा खून से भर जाता। तब मानो ऐसे लगता जैसे के मैंने सोना से पहली बार चुदाई की हो और उसकी सील टूट गई हो। फिर मैंने सोना से कहा के हम तुम्हारे पीरियड्स के टाइम ही शादी करेंगे। वहीं जब उमा के पीरियड्स आते तो तब मैं उसकी गाँड मार लेता। पीरियड्स के टाइम वो दोनो मां बेटी ऐसे ही घूमती रहती और उनकी चुत से पानी और खून निकलकर बहता रहता। जिसे वो दिन में कई बार किसी कपड़े से पोंछ लेती या फिर पानी से धो लेती।

फिर जब एक बार मैं और उमा चुदाई कर रहे थे तो फिर रवि हमारी वीडियो बनाने लगा। फिर चुदाई के बाद जब उमा ने वीडियो देखी तो वो काफी खुश हुई। फिर वो रवि से पोज दे देकर अपनी फोटो खिंचवाने लगी। जिनमे की उमा काफी सेक्सी लग रही थी। फिर उमा की तरह सोना भी अपनी फोटो और वीडियो बनवाने लगी।

फिर एक दिन मैंने उमा की फ़ोटो ऑनलाइन एक वेबसाइट पर डाल दिये तो उन्हें देखकर काफी लोगो के कमेंट आये। फिर जब ये मैंने उमा और बाकी सब को बताया तो वो काफी खुश हुए। फिर तो उमा और भी ज्यादा अच्छे से अपनी फोटो खिंचवाती और फिर जब मैं उन्हें ऑनलाइन वेबसाइट पर डालता तो लोग काफी गंदे गंदे कमेंट करते। फिर एक दिन मैंने सोना के साथ चुदाई की तो रवि ने हमारा एक घण्टे की वीडियो बनाई। उस वीडियो में सिर्फ सोना ही दिखाई दे रही थी। फिर वो वीडियो जब मैंने ऑनलाइन डाला तो कुछ ही दिनों में लाखों लोगों ने उसे देख लिया। अभी तक जो फ़ोटो और वीडियो डाले थे उसमें उमा और सोना के चेहरे साफ दिख रहे थे।

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फिर मैंने वो सब फ़ोटो और वीडियो तो डिलीट कर दी और फिर हम सोना और उमा के चेहरे पर मास्क लगाकर वीडियो और फ़ोटो बनाने लगे। लेकिन फिर भी उन फ़ोटो और वीडियो को देखने वाले लोगो की कमी नहीं थी। उन फ़ोटो और वीडियो पर लोग जो कमेंट करते वो जब मैं और रवि सोना और उमा को पढ़कर सुनाते तो वो काफी खुश होती। हालांकि उमा भी पढ़ना जानती थी तो फिर मैंने उसे उस वेबसाइट के बारे में सब कुछ सीखा दिया तो फिर वो अपने आप ही अपनी नंगी फ़ोटो और वीडियो उस वेबसाइट पर डालने लगी।

उमा रवि से काफी सेक्सी पोज दे देकर अपनी फोटो खिंचवाती और फिर वेबसाइट पर अपलोड कर देती। ससुर भी तब वहीं होते तो फिर वो अपनी सेक्सी बेटी को देखकर गर्म हो जाते और फिर अपना लण्ड हिलाने लग जाते और सबके सामने ही लण्ड से पानी निकाल देते। अब शर्म नाम की चीज तो रह ही नहीं गई थी। एक बार जब मैं, ससुर और रवि तीनो एक साथ नहा रहे थे तो और हम तीनों के लण्ड खड़े थे। फिर नहाते नहाते मेरा और ससुर का लण्ड टकरा गया तो फिर मैं ससुर का लण्ड पकड़कर बोला के आपका लण्ड कितनी बार सोना की चुत में जा चुका है।

फिर ससुर बोले के शादी के बाद कई साल तो हमने काफी चुदाई की थी लेकिन फिर मेरा मन चुदाई से हट गया तो वो ही मेरा लण्ड खड़ा करके कर लेती थी। मैंने उसकी बहुत ज्यादा तो चुदाई नहीं कि हैं। फिर ससुर मुझसे बोले के तुम तो अभी जवान हो तो तुम्हे तो उसकी चुदाई करके मजा आ जाता होगा। फिर मैं बोला के हाँ बहुत मजा आता है। फिर मैं और ससुर सोना के बारे में गन्दी गन्दी बातें करने लगते है और पास ही खड़ा रवि ये सब सुन रहा था। फिर मैं और ससुर एक दूसरे के लण्ड को टच करके एक दूसरे के लण्ड को सहलाने लगे। फिर हम एक दूसरे के बदन पर साबुन लगाकर एक दूसरे को नहलाने लगे। तब मैंने रवि से अपने लण्ड को काफी बार धुलवाया।

अब रवि ससुर के सामने भी मुझे पापा कहकर ही बुलाने लगा था। फिर ससुर ने भी कह दिया था के हां तुम्हारी मम्मी को असली मजा तो दामाद जी ही दे रहे है तो अब से ये ही तुम्हारे असली पापा है। फिर जब उमा और रवि ने ससुर से पूछा के आपको क्या कहकर बुलाये अब तो फिर ससुर बोले के कुछ भी कह लो। फिर सोना हँसकर बोली के अब हमारे बीच ज्यादा कुछ होता नहीं है तो आप मेरे भाई ही बन जाइये। ये कहकर वो हँसने लगी और हम सब भी हँसने लगे। अब बेचारे ससुर भी क्या कहते। फिर सोना ने ससुर के हाथ पर राखी बांधकर कर उन्हें अपना भाई बना लिया और फिर रवि और उमा उन्हें मामा कहने लगे। इस तरह सोना ने अपने पहले पति को अपना भाई बना लिया और फिर उनके सामने ही मुझसे जमकर चुदवाती। मुझे भी ससुर के सामने सोना की चुदाई करने में बहुत मजा आता। लेकिन कभी कभी सोना और उमा ससुर का लण्ड हिलाकर शांत कर देती थी।

लेकिन इन सब रिश्तों से क्या फर्क पड़ने वाला था। हम सबकी मस्ती तो पहले जैसी ही चल रही थी। रवि अब मेरा बेटा था तो मैं उसे भी अब काफी प्यार करता था। जब मैं, उमा और सोना साथ लेटे होते तो वो भी तब हमारे साथ आकर लेट जाता। रवि पतला सा ही था। हालांकि अब उस घर मे सबसे ज्यादा बड़ा शरीर मेरा ही था। अब सोना भी पहले से काफी ज्यादा पतली हो चुकी थी। रवि मेरा लण्ड सबके सामने सहला लेता था और कभी जब वो मेरे साथ सोता तो मैं पीछे से उसकी दोनो टांगों के बीच लण्ड डालकर सो जाता था। तो उसे भी काफी मजा आता था।

फिर वो जब भी मौका मिलता मुझसे चिपक कर सो जाता। फिर मैंने जब उसकी तरफ थोड़ा ध्यान देना शुरू किया तो मुझे पता लगा के उसकी रुचि सोना और उमा से ज्यादा मेरे लण्ड में है। फिर मैं उसकी गाँड की दरार में लण्ड डालकर रगड़ने लगता तो उसे मजा आने लगता और फिर उसके लण्ड से पानी भी निकल जाता। फिर एक रात को जब हम दोनों साथ सोए थे तो फिर वो मेरे ऊपर आकर मेरे पूरे शरीर को चूमने लगा। तब सोना और उमा भी पास में सोई थी। फिर वो मेरे शरीर को चूमते चूमते जब मेरे लण्ड तक पहुंचा तो फिर वो मेरे लण्ड को भी चूमने लगा। फिर अचानक से वो मेरे लण्ड को मुंह मे डालकर चुसने लगा।

ये देखकर मुझे थोड़ी हैरानी हुई लेकिन मैं कुछ नहीं बोला। फिर मैं जब झड़ने वाला हुआ तो मुझसे नहीं रहा गया और फिर मैं उसे घोड़ा बनाकर लण्ड उसकी दोनो टांगो के बीच डालकर रगड़ने लगा। फिर हम साथ ही झड़े तो हम दोनों के लण्ड से एक साथ पिचकारी निकली और हम झड़ने लगे। फिर हम साथ ही सो गए और फिर वो मुझसे चिपक कर सो गया।

अगले दिन सुबह जब हम उठे तो फिर मैं रवि को लेकर घर के पीछे की तरफ चला गया और उससे सब कुछ पूछा तो फिर उसने मुझे बताया के वो गांडू है। उसने मुझे ये बताया के वो अपने एक दोस्त से गाँड भी मरवा चुका है। वो भी गांडू है तो रवि ने भी अपने उस दोस्त की गाँड मारी है। ये सब सुनकर मैं गर्म हो गया।

फिर मैंने रवि को वहीं झुकाकर खड़ा कर लिया और फिर उसकी गाँड में उँगली करके देखने लगा तो उसकी गाँड में मेरी उंगली चली गई थी। तब मेरा लण्ड खड़ा था तो फिर अपना लण्ड थूक से चिकना करके उसकी गाँड में डालने लगा तो फिर रवि बोला के आपका लण्ड बड़ा है तो पूरा मत डालना। फिर मैं तब तक लण्ड अंदर डालता गया जब तक के रवि को दर्द ना होने लगा। फिर उसे दर्द होने लगा तो फिर मैं वहीं रुक गया और फिर लण्ड आगे पीछे करके रवि की गाँड मारने लगा।

मैं पहली बार किसी लड़के की गाँड मार रहा था तो मुझे काफी मजा आ रहा था। फिर मैं झड़ने लगा तो मैंने सारा पानी उसकी गाँड में डाल दिया और फिर मैंने जब लण्ड बाहर निकाला तो उसकी गाँड के छेद से मेरा पानी बाहर निकलने लगा। फिर रवि खड़ा होकर मेरे गले लग गया और फिर वो नीचे बैठकर मेरे लण्ड को चाटकर साफ करने लगा। फिर वो मुझसे बोला के आप इसके बारे में अभी किसी को भी मत बताना। फिर मैं बोला के ठीक है।

फिर हम दोनों वापिस अंदर चले गए। फिर सुबह शाम जब भी मौका मिलता तब रवि मुझसे गाँड मरवाने लगा। फिर एक बार तो जब मैं और सोना साथ मे बैठकर लिप किस कर रहे थे तो तब सोना मेरा लण्ड सहला रही थी। तब रवि भी वहीं था तो फिर उससे नहीं रहा गया तो फिर वो आकर मेरा लण्ड चुसने लगा। उसके चुसने से मेरा लण्ड एक दम तनकर तैयार हो गया। तब सोना को भी इसमे कुछ अजीब नहीं लगा तो फिर सोना मेरे लण्ड पर बैठकर चुदवाने लगी। फिर इसके बाद रवि ने उमा के सामने भी मेरा लण्ड चूसा। तो उसने भी कुछ नहीं कहा। फिर तो उमा और सोना की चुदाई से पहले रवि ही मेरा लण्ड चूसकर खड़ा करने लगा। फिर उनकी चुदाई के बाद भी जब मैं नहीं झड़ता तो फिर मैं और रवि पेशाब करने के बहाने चले जाते और फिर मैं वहां रवि की गाँड मारकर झड़ जाता।

कई बार रवि वहीं मुझसे चिपक कर लेट जाता तो फिर मैं पीछे से लण्ड उसकी गाँड में डालकर करने लग जाता। सोना और उमा को इसका जरा भी पता नहीं चलता। ससुर अब घर पर ही रहने लगे थे और खेत वगैरह मे बहुत कम जाते थे। वो बस बाहर वाले कमरे में लेटे रहते और जब उनका मन करता तो अंदर आकर सोना की चुदाई कर लेते। शाम को वो दारू पी लेते और फिर खाना खाकर सो जाते। इस कारण रवि भी अब हमारे साथ आँगन मे ही सोने लगा। फिर रवि के सामने ही मैं सोना और उमा की चुदाई करता।

मैं उमा की गाँड मार चुका था तो फिर रवि उमा की गाँड मे उंगली करने लग जाता। इस पर उमा भी उसे कुछ नहीं कहती। फिर चुदाई के बाद सोना और उमा सो जाती और मैं और रवि उनके बीच सो जाते। तब मैं सोना की तरफ लेट जाता और रवि उमा की तरफ। जब वो दोनों सो जाती तो फिर मैं रवि की गांड चुदाई करता। फिर कई बार रवि सोना के ऊपर लेट जाता और सोना के बोबो को चूसने लगता और सोना भी उसे अपनी छाती से लगा लेती।

फिर तब मैं उनके ऊपर आकर सोना की चुत मारने लग जाता। तब रवि उल्टा होकर सोना के ऊपर लेटा होता तो फिर मैं धीरे से रवि की गाँड भी मार लेता। जिससे रवि भी काफी खुश हो जाता। फिर गाँड मरवाकर जब रवि खुश हो जाता तो फिर सोना के ऊपर से हट जाता और फिर मैं सोना की चुदाई करता। रात को रवि उमा के साथ चिपक कर सोता तो जब उमा उसकी तरफ पीठ करके सोई रहती थी तो फिर के दिन मैंने रवि का लंड पकड़कर पीछे से उमा की गाँड मे डाल दिया। उमा तब बिल्कुल ध्यान नहीं देती के लंड किसने डाला है और वो वैसे ही लेटी रहती। तभी मैं रवि के पीछे से चिपकर सो जाता और फिर रवि की गाँड मे डाल देता। इस तरह फिर हम धीरे धीरे चुदाई करते रहते और फिर रवि उमा की गाँड में और मैं रवि की गाँड मे झड़ जाता। ऐसे करके मुझे और रवि को काफी मजा आता।

इस तरह हम दोनों चोरी छुपे ही मजे कर रहे थे। फिर मैंने रवि से कहा के वो इसके बारे में उमा और सोना को बता दे ताकि वो खुलकर चुदाई करवा सके। लेकिन रवि डरता था। मैंने उससे कहा के वो कुछ नहीं कहेगी। वो तुम्हारे सामने मुझसे खुलकर चुदवा रही है तो वो तुम्हे कुछ नहीं कहेंगी। लेकिन रवि में सच कहने की हिम्मत नहीं थी। फिर रवि मुझसे बोला के आप ही करो कुछ। फिर मैं बोला के ठीक है।

फिर घर ही घर पर रहकर चुदाई कर कर के हम बोर हो चुके थे। फिर मैंने उमा और रवि के साथ पिकनिक पर जाने का प्लान बनाया। बच्चे का ध्यान रखने के लिए घर पर सोना थी तो फिर हम तीनों बेफिक्र होकर खाने पीने का सामान लेकर पिकनिक मनाने निकल पड़े। तब उमा ने एक शॉर्ट ड्रेस पहन रखी थी और मैंने और रवि ने टीशर्ट और हाफ पैंट पहन रखे थे। उमा की ड्रेस पीले रंग की थी और पीठ लगभग पूरी ही नंगी थी। उमा के तब बोबे थोड़े बड़े हो गए थे तो उसके बोबे भी दिख रहे थे। कुल मिलाकर उमा तब काफी सेक्सी लग रही थी।

फिर मैंने मार्केट मे गाड़ी रोकी और फिर हम तीनों जब मार्केट से सामान लेने जाने लगे तो लगभग सभी उमा को ही देख रहे थे। क्योंकि उन्होंने ऐसी लड़की सिर्फ टीवी मे ही देखी थी। हमारा शहर ज्यादा बड़ा नहीं है तो वहाँ लड़कियाँ ऐसी ड्रेस नहीं पहनती है। उमा को देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था। मेरा उमा को वहीं चोदने का मन कर रहा था। लेकिन कोई जगह नहीं मिल रही थी। फिर मुझे एक सब्जी के ठेले वाला दिखा जिसके पीछे एक दुकान थी जो की खाली पड़ी थी। फिर मैंने गाड़ी रोकी और फिर मैं उमा को लेकर उस ठेले वाले के पास गया और फिर उसे मैंने 500 रुपये देते हुए कहा के कुछ देर के लिए तुम्हारी ये दुकान चाहिए तो वो बोला के किसलिए तो फिर मैंने उमा की तरफ इशारा किया तो वो सब समझ गया।

फिर मैं उमा को लेकर दुकान में घुस गया और उसने दुकान के आगे पर्दा कर दिया। फिर अंदर जाकर उमा अपनी ड्रेस निकालकर पूरी नंगी हो गई और फिर मैंने भी अपनी हाफ पैंट खोल दी और फिर उमा को चोदने लगा। उमा की सिसकारियों की आवाजें बाहर तक आ रही थी। तब बाहर सब्जी वाला और रवि खड़े थे। फिर सब्जी वाला भी अंदर देख देखकर अपना लंड हिलाने लगा। फिर मैं उमा को घोड़ी बनाकर चोदने लगा। हम काफी देर तक चुदाई करते रहे और फिर चुदाई के बाद मैं तो बाहर आ गया और उमा नंगी ही अंदर ही लेटी रही।

उस ठेले वाले की दुकान मार्केट से थोड़ी हटकर थी और तब दोपहर का टाइम था तो कम ही लोग सड़कों पर आ जा रहे थे। हमने चुदाई की शायद तब तक उसके पास से कोई सब्जी लेने नहीं आया। फिर मैंने दुकान का थोड़ा पर्दा हटाते हुए उमा से नंगी ही दुकान से बाहर आने का इशारा किया तो फिर उमा ने वैसे ही किया। फिर उमा नंगी ही बाहर आकर खड़ी हो गई। उमा को नंगी देखकर तो उस सब्जी वाले के होश उड़ गए। फिर सब्जी वाला बोला के मेडम तो काफी मस्त माल है। ये सुनकर उमा और हम सब हंसने लगे। तब सड़क पर कोई नहीं आ जा रहा था तो फिर उमा नंगी ही जाकर गाड़ी मे बैठ गई। फिर मैं सब्जी वाले से बोला के हम वापिस आएंगे तो वो बोला के आपकी दुकान है। आप कभी भी आ सकते हो।

फिर अंदर से उमा की ड्रेस लेकर मैं और रवि भी गाड़ी में चले गए और फिर हम शहर के बाहर चले गए। उमा तब रास्ते भर नंगी ही रही। फिर गाड़ी मैंने जंगल से थोड़ा दूर एक ढाबे के बाहर पार्क दी और फिर हम तीनों सब सामान लेकर जंगल की तरफ चले गए। फिर जंगल में जाकर हम तीनों ने एक जगह पर सब सामान रखा और फिर हम तीनों नंगे होकर जंगल में घूमने लगे। फिर उमा वहाँ रवि से अपनी फोटो खिंचवाने लगी।

फोटो खिंचवाते टाइम उमा के सेक्सी पोज देखकर मैं फिर से गरम हो गया तो फिर मैं उमा से लिप किस करने लगा। तभी रवि मेरा लंड चूसने लगा। उमा भी तब काफी गरम हो चुकी थी तो मैंने उसे झुकाकर खड़ा किया और फिर खड़े खड़े ही उसकी चुदाई करने लगा। फिर थोड़ी देर की चुदाई के बाद मैंने उसे साइड में किया और फिर मैंने रवि को वैसे ही खड़ा करके उसकी गाँड मारने लगा। ये देखकर उमा हंसने लगी।

वो पहली बार दो लड़कों की चुदाई देख रही थी। हालांकि उसने ऐसा करते हुए पॉर्न फिल्मों में काफी बार देखा था लेकिन वास्तव मे वो पहली बार देख रही थी। फिर जब मैं झड़ गया तो फिर मैंने उमा को इस बारे मे सब कुछ बताया तो फिर उमा रवि के पास गई और उससे चिपक कर बोली के तुम्हें लड़कियों के साथ चुदाई करने मे मजा नहीं आता। फिर रवि ने ना में सिर हिलाया। फिर उमा ने रवि का एक हाथ अपने बोबे पर रखा और दूसरा हाथ अपनी चुत पर रखा और फिर रवि से लिप किस करने लगी।

फिर रवि उमा से बोला के आप बहुत सेक्सी हो। लेकिन मुझे सिर्फ लड़के ही सेक्सी लगते है। फिर उमा रवि को अपने गले से लगाते हुए बोली के कोई बात नहीं जैसा तुम्हें ठीक लगे वैसा ही करो। ये सुनकर रवि काफी खुश हुआ और फिर उसने उमा के गाल पर किस किया। फिर इसके बाद उमा और रवि दोनों ही मेरे लंड को सहलाने लगे। फिर हम तीनों ने इस बारे में काफी बात की। फिर रवि ने बताया के कॉलेज मे उसका एक दोस्त है उसे भी ये सब पसंद है तो वो दोनों आपस मे चुदाई करते है। फिर हमने उमा को बताया के घर पर भी हम कई दिनों से आपस मे चुदाई कर रहे है। फिर जब उमा को रात को उसकी गांड चुदाई वाली बात बताई तो उमा को सब कुछ समझ में आ गया।

फिर हम तीनों तब करवट लेकर लेट गए और रवि मेरे और उमा के बीच लेट गया। फिर रवि ने उमा की गाँड मे लंड डाल दिया और मैंने रवि की गाँड में। फिर इस तरफ हम तीनों एक साथ मजा लेने लगे। इसमें उमा को भी काफी मजा आया। फिर जब रवि झड़ गया तो मैं उमा के ऊपर आकर उमा की चुत मारने लगा और फिर उमा को घोड़ी बनाकर चोदने लगा और जब झड़ने लगा तो सारा पानी उमा की गाँड मे डाल दिया। उमा की गाँड तब मेरे और रवि के पानी से भर गई। ये देखकर मैं और रवि देखते ही रह गए।

फिर ऐसे ही मजे करते करते रात हो गई तो फिर उमा ने एक जगह आग जलाई और फिर और कुछ तो था नहीं तो उसने फिर मैगी बनाई और फिर वो ही हम तीनों ने खाई। फिर हम तीनों फिर से चुदाई करने लगे। इस बार उमा ने रवि से अपनी चुत मरवाई जिसमें उमा को तो काफी मजा आया पर रवि को मजा तो मुझसे गाँड मरवाकर ही आया। फिर मैंने और रवि ने उमा की एक साथ चुदाई की। चुदाई से पहले रवि मेरी बॉडी को चूमने लगा और सहलाने लगा। ये सब देखकर उमा को थोड़ी हैरानी हुई लेकिन फिर वो भी मेरे बदन को चूमने लगी। फिर मैंने उन दोनों को घोड़ी और घोड़ा बनाकर चोदने लगा। चुदाई के बाद फिर वो दोनों मुझसे चिपक कर लेट गए।

ऐसे जंगल मे चुदाई करके मजा तो बहुत आ रहा था। फिर उमा रवि से अपनी चुत चटवाने लगी और फिर उससे अपने बोबे भी चुसवाए और फिर उसके लंड पर बैठकर कुछ देर उछल कूद भी की। लेकिन फिर रवि बोला के दीदी आपके ऐसे करने से मेरी दिलचस्पी लड़कियों में नहीं जागेगी। ये सुनकर उमा हंसने लगी और फिर वो मेरे लंड पर आकर बैठ गई और फिर हम दोनों चुदाई करने लगे।

इस तरह हम तीनों ने काफी मस्ती की। हम वहां जंगल मे कई दिन रहे और बस नंगे रहकर घूमते रहे और चुदाई करते रहे। फिर मैंने उमा से रवि के बारे में बात की तो वो तो मान गई थी और बोली के इसकी जिंदगी है। ये चाहे कुछ भी करे मुझे क्या। फिर मैंने उमा से कहा के वो ये बात सोना को भी समझा दे। फिर उमा मुझसे बोली के देख लेना वो भी कुछ नहीं कहेगी। रवि को लड़कियों की तरह सजने संवरने और कपड़े पहनने का भी शौक था।

वो छुप छुपकर उमा और सोना के कपड़े पहनता था। फिर ये बात जब उमा को पता चली तो उमा ने खुश होकर अपने भाई को अपनी कुछ ड्रेस दी और अपनी मेकअप किट यूज़ करने को दी। फिर उमा ने रवि से कहा के तू अब से मेरी बहन है। फिर उमा ने अपने हाथों से रवि का मेकअप किया। रवि पतला सा था तो उसने एक ब्रा पैंटी पहनी जिसमे तो वो लड़की ही लग रहा था। बस दो ही चीजों की कमी थी। उसके बाल और बोबो की। अगर उसके बाल और बोबे बड़े हो जाये तो वो लड़की ही बन जाये।

फिर तो रवि ब्रा पैंटी और शार्ट ड्रेस पहनकर ही घूमता रहता। फिर कुछ दिनों के बाद हम वापिस घर गए तो तब रवि ने तो नॉर्मल कपड़े ही पहन लिए पर उमा ने शार्ट ड्रेस ही पहनी। फिर हम जब घर पहुंचे तो सोना मुझसे भागकर गले मिली और फिर हम सब बैठकर बातें करने लगे। फिर मैंने और उमा ने सोना को जब रवि के बारे में बताया तो फिर वो ये सब सुनकर पहले तो थोड़ी हैरान परेशान हो गई।

वो बोली के मेरा सपना था के मैं अपने बेटे को दूल्हा बनाऊं और उसे घोड़ी चढ़ाऊँ। फिर मैंने सोना से कहा के अब तुमने अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर दी है तो फिर इसे भी अपनी जिंदगी जीने दो। फिर सोना मुझसे बोली के ठीक है। मैं समझूँगी के मेरे दो बेटियां ही हुई है। फिर सोना मुझसे बोली के आप दुआ करो के हमारे एक बेटा हो ताकि मैं उसके साथ अपने सब सपने पूरे कर सकूं। फिर मैं बोला के हमारे बेटा ही होगा। फिर सोना ने भी रवि को भी अपनी खुशी से जिंदगी जीने की इजाजत दे दी। फिर लगे हाथों इसके बारे में ससुर को भी बता दिया।

पर उन्हें इस सब की कोई चिंता नहीं था। फिर रवि घर पर ही सोना और उमा के साथ लड़की बनकर रहने लगा और वैसे ही कपड़े पहनने लगा। फिर उसने अपने बाल बढ़ाने शुरू कर दिए। बाल बढ़ने से पहले वो बिग लगाकर रखने लगा। फिर उमा और सोना के साथ मैं उसकी चुदाई भी साथ मे ही करने लगा। अब वो तीनो मेरी बीवियां बनकर रहने लगी। फिर तो सोना ने रवि के लिए लड़कियों के कपड़े भी सिल्वा दिए। फिर वो कपड़े पहनकर रवि तो सोना और उमा के साथ गांव में भी इधर उधर जाने लगा। उसका नाम रवि से बदलकर हमने रवीना रख दिया।

रवि का मुंह लड़कियों के जैसा ही था और उसकी बोली भी नैचुरली ऐसी ही थी तो उसका किसी को पता नहीं चलता। लोग भी उसे नहीं पहचान पाते थे और इसका फायदा उठाकर फिर तो रवि बस दिन रात लड़की बनकर ही रहने लगा। रवि तो जैसे कहीं गायब ही हो गया था। फिर रवि ने मुझसे सर्जरी करवाने के लिए कहा ताकि वो पूरी तरह लड़की बन सके। फिर इसके बारे में जब मैंने सोना से बात की तो फिर वो भी मान गई। फिर मैं रवि को लेकर एक बढ़िया हॉस्पिटल में लेकर गया और वहां पर उन्होंने रवि का लण्ड काट दिया और उसके बोबे भी लगा दिए।

फिर उन्होंने रवि को कुछ दवाएं खाने को दी ताकि उसमें लड़की वाले हार्मोन बढ़ जाये और उसके दाढ़ी मूंछ ना आये। सर्जरी के बाद तो रवि एक दम सेक्सी लड़की बन गया था। वो सब काम कर सकता था बस बच्चे पैदा नहीं कर सकता था। फिर मैं जब रवि को वापिस लेकर आया तो उसे देखकर तो सोना और उमा भी देखती रह गई। फिर मैंने उनके सामने रवि की चुदाई भी की। फिर जब मेरे ससुर यानी रवि के पिता ने उसे देखा तो फिर तो वो उसे देखकर पागल हो गए और उसकी चुदाई करने लगे। उन्हें भी बिल्कुल भी नहीं पता चला।

फिर रवि को हम रवीना कहकर ही बुलाने लगे। मुझे भी वो काफी सेक्सी लगता था। फिर रवीना को उमा अपने साथ हमारे घर ले गई तो मेरे घर वालों को भी कुछ पता नहीं चला। उधर रवीना जब सेक्सी सूट पहनती तो बहुत सेक्सी लगती। फिर मैंने सोना से कहकर रवीना से भी शादी करने को कहा तो इसके लिए सोना भी मान गई। फिर मैं उन दोनों से एक साथ शादी करना चाहता था। लेकिन हिन्दू धर्म मे तो ये सम्भव नहीं था। फिर हम वो गांव छोड़कर शहर में चले गए और फिर वहां हम एक मुस्लिम बस्ती में रहने लगे और हमने मुस्लिम धर्म अपना लिया।

फिर मैंने मस्जिद में उन दोनों से एक साथ शादी कर ली और फिर सबसे छुपकर हम सब वहां रहने लगे। फिर शादी के बाद सोना प्रेग्नेंट हो गई और उधर रवीना भी दिन प्रतिदिन सेक्सी होती जा रही थी। दवाओं से उसकी त्वचा एक दम लड़कियों के जैसे ही हो गई थी। सच कहूं तो रवीना उमा और सोना से ज्यादा सेक्सी लगने लगी थी। चुसने दबाने से उसके बोबो का साइज भी बढ़ गया था और बोबे भी टाइट रहते थे। ससुर तो दिन रात उस पर ही चढ़े रहते और फिर वो बाहर कहीं जाते तो वो उनके साथ ही चली जाती। जब उनको कोई साथ मे देखता तो सब कहते के इतनी सुंदर लड़की इस बूढ़े को कैसे मिल गई। उन्हें साथ देखकर सब जलते।

इस तरह फिर हम खुशी से रहने लगे। उधर मैंने भी एक्सरसाइज वगैरह करके अपने शरीर को और ज्यादा मजबूत बना लिया था क्योंकि अब मेरी तीन बीवियां जो थी। फिर सोना के साथ साथ उमा भी प्रेग्नेंट हो गई। फिर तो बस रवीना ही बची थी तो फिर मैं और ससुर तो उस पर ही चढ़े रहते। रवीना लड़के से लड़की बनी थी तब जाकर वो हमें झेल रही थी। अगर कोई लड़की होती तो शायद वो नहीं झेल पाती। मैंने ये सब अपने घरवालों से भी छुपाकर रखा था। फिर कुछ टाइम बाद सोना ने तो एक लड़के को जन्म दिया। सोना की मनोकामना पूरी हो गई तो फिर वो काफी खुश हुई। उधर उमा ने एक लड़की को जन्म दिया। बस लड़की की ही जरूरत थी और वो हो गई।

फिर उमा ने वो लड़की रवीना को दे दी। ताकि कोई रवीना को ये ना कहे के उसके कोई बच्चा नहीं हुआ। फिर बच्चे होने के बाद सोना और उमा दोबारा से एक्सरसाइज करने लगी। इसके लिए मैंने घर पर ही एक प्राइवेट जिम बनवा दिया था। फिर तो सोना, उमा और रवीना तीनो खूब एक्सरसाइज करती और फिर कुछ टाइम में ही उमा और सोना फिर से स्लिम और सेक्सी हो गई। पर रवीना तो अब भी उन दोनों से काफी सेक्सी लगती थी। फिर दिन रात मैं उन तीनों की खूब चुदाई करता। उधर ससुर तो अपने बेटे यानी रवीना के पूरे दीवाने हो चुके थे।

जब उनके लण्ड ने जवाब दे दिया तो फिर वो बिना हमे किसी को बताए वियाग्रा लेने लगे। जिससे कि उनका लण्ड तनकर खड़ा होता और फिर वो बस रवीना को ही चोदते रहते। फिर मैंने उन्हें काफी समझाया के वो अपनी सेहत का ख्याल रखे। पर वो कहाँ मानने वाले थे। फिर आखिर डर था एक दिन वही हुआ। ससुर ने एक दिन वियाग्रा की ज्यादा गोलियां खा ली थी और वो बस कई दिनों से दिन रात रवीना को पेल रहे थे। फिर आखिरकार उनका बिस्तर में ही दम निकल गया। तब सर्दियों के दिन थे और मैं सोना और उमा के साथ दूसरे कमरे में था। फिर आधी रात को रवीना नंगी ही हमारे कमरे में आई और फिर हम सबको उठाकर ससुर के बारे में बताया।

फिर हम सब उठकर जब ससुर के कमरे में गए तो फिर देखा के ससुर बेसुध पड़े थे। फिर मैंने उनकी नब्ज और दिल की धड़कन देखी तो वो बंद पड़ी थी। फिर मैंने ना में सिर हिलाया तो रवीना रोने लगी। तब रवीना बहुत सेक्सी लग रही थी। फिर उमा और सोना भी ससुर के पास बैठकर रोने लगी। फिर मैं रवीना को वहीं बेड पर लेटाकर चोदने लगा। उसमें एक अलग ही तरह का मजा था। फिर रवीना ने मुझसे कहा के अब आप भी मेरे अंदर खोकर जान मत दे देना। फिर कुछ देर की चुदाई के बाद मैं झड़ गया। फिर अगले दिन सब लोग इकट्ठा हुए। हमने ससुर का किर्याक्रम सब मुसलमानों की रीति से ही किया। तब सब बातें कर रहे थे। जिसकी बीवी इतनी सेक्सी हो उसे तो बिस्तर में ही मरना था। इस तरह की बातें सब तरफ होने लगी। उधर रवीना भी अब अपने पापा को अपना पति मान चुकी थी।

फिर वो तब फुट फुट कर रो रही थी। फिर अंतिम यात्रा के बाद रवीना अंदर कमरे में जाकर रोने लगी और अपने शरीर को कोसने लगी। फिर किसी तरह सोना और उमा ने उसे समझाया के हम औरतों के पास शरीर ही तो होता है। जिसकी वजह से वो हमसे प्यार करते है। इसमें तुम्हारी गलती नहीं है। वो तुमसे बहुत प्यार करते थे। इस तरह फिर रवीना समझ गई और वो फिर पहले से ज्यादा अपने शरीर का ध्यान रखने लगी। फिर कुछ दिनों बाद ही रवीना की दूसरी शादी की बातें होने लगी। सब मर्द उसके पीछे पागल थे। उधर रवीना को भी चुदाई की लत लग चुकी थी तो उसकी हालत भी खराब थी। यहां तक मौलवी भी उसके हुस्न के कायल थे। फिर मैं सोच में पड़ गया के अब क्या किया जाए।

मुझे भी डर था के कहीं मेरी हालत भी ससुर की तरह ना हो जाये। रवीना में एक अलग ही तरह का आकर्षण था। सभी मर्द रवीना को पाने के लिए बेकरार थे। ससुर को पता था के रवीना और कोई नहीं बल्कि उनका बेटा रवि है। लेकिन फिर भी पता नहीं उन पर क्या भूत सवार हो गया और वो रवीना पर ही मर गए। अब सोचो और मर्दो का क्या हॉल होगा। मैं सोना और उमा के सामने पहले खुलकर तारीफ नहीं करता था। मैं सोचता था के इससे वो दोनो नाराज हो जाएंगी। पर इसका उल्टा था। उमा और सोना को रवीना पर गर्व था।

सोना ने रवीना से कहा के तुम लड़की बनना चाहती थी और अब लड़की बनकर तुम सब पर छा गई हो। अब हर कोई तुम्हे अपने साथ बिस्तर में चाहता है। इससे ज्यादा तुम्हारे लिए और क्या गर्व की बात हो सकती है। रवि को रवीना मैंने ही बनाया था तो फिर रवीना मुझसे बोली के मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ और आप चाहो तो मैं जिंदगी भर आपकी गुलाम बनी रहूंगी। फिर मैंने उससे कहा के तुम औरों को गुलाम बनाओ और खूब मजे से अपनी जिंदगी जिओ।

रवीना को चाहे कितनी ही देर और कितना भी रगड़ कर चोद लो। उसके शरीर पर कुछ फर्क नहीं पड़ता। मानो उसका शरीर रबड़ का बना हो। जिसे चाहे जितना भी खींचो आखिर में वो अपने उसी साइज में आ जाता है। रवीना लड़के से लड़की बनी थी तो उसका शरीर मे कुछ मर्दाना गुण भी थे। जिस कारण वो बिस्तर पर ज्यादा नहीं थकती थी।

मैं भी कई बार उसकी घण्टो तक चुदाई करता था लेकिन फिर भी चुदाई के बाद वो बिल्कुल फ्रेश दिखती थी। उसकी चुत भी ढीली नहीं होती थी। उसकी गाँड का छेद जरूर बड़ा हो गया था। फिर मैं सोना और उमा के सामने रवीना की खूब तारीफ करता। जिसे सुनकर वो दोनो बहुत खुश होती। फिर ससुर की मौत के बाद हम पर रवीना को शादी का बहुत दबाव बन गया था। वो सब रवीना के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार बैठे थे।

ससुर की मौत के दिन से ही सबकी नजर रवीना पर ही टिकी हुई थी। उधर रवीना भी अब सब पिछली बातें भुलाकर नए सिरे से अपनी जिंदगी की शुरुआत करना चाहती थी। फिर एक बड़े मौलवी साहब का रिश्ता आया। जो कि एक मस्जिद में मौलवी थे और वो उनका शरीर पहाड़ जितना बड़ा था। उनकी उम्र 40 साल की थी और उनके पहले से 3 बीवियां और उनसे उन्हें 10 बच्चे थे। उनके तीन बेटे थे जिनकी उम्र 20-22 साल की थी और वो तीनो भी शादीशुदा था। उनके बच्चे भी थे। इस प्रकार उनका परिवार काफी भरा पूरा और खूब पैसे वाला भी था।

फिर उनके रिश्ते को हम इंकार नहीं कर पाए और फिर उनके साथ हमने रवीना का रिश्ता कर दिया। इसकी एवज में वो हमें रुपये देना चाहते थे। पहले तो मैंने नहीं लिए लेकिन फिर रवीना के कहने पर मैंने रुपये ले लिए। उन्होंने मुझे 5 करोड़ रुपये दिए थे। फिर वो जल्द से जल्द शादी का कहने लगे। सब इंतजाम उन्होंने खुद ही किया और फिर आखिरकार ससुर यानी रवीना के पहले शौहर के मरने के 30 दिन के भीतर ही उनकी शादी यानी निकाह हो गया। शादी के दिन रवीना ने बहुत सुंदर ड्रेस पहनी थी। जिसमे वो बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।

शादी में काफी लोग आए थे। तब रवीना की उम्र 24 साल की थी पर वो लगती 15-20 साल की ही थी। उधर उस मौलवी की उम्र 40 साल थी और उसकी बॉडी काफी तगड़ी थी। जितनी रवीना की कमर थी उतने बड़े तो उसके बाजू ही थे। शादी के टाइम ही सब रवीना की सुहागरात के सपने ले रहे थे। मुझे भी उन दोनों की सुहागरात देखने की काफी इच्छा हो रही थी। तो फिर मैंने इसके बारे में रवीना से बात की तो फिर रवीना ने कहा के मैं फ़ोटो और वीडियो बनाकर आपको भेज दूंगी। रवीना उसके सामने तो बच्ची लग रही थी।

फिर सुहागरात के टाइम रवीना ने पहले ही एक जगह मोबाइल रखकर मुझे वीडियो कॉल कर दी थी। फिर मुझे उनका कमरा दिखने लगा। फिर मेरे साथ साथ उमा और सोना भी देखने लगी। फिर कमरे में वो मौलवी आया और फिर वो दोनो नंगे होकर जब चुदाई करने लगें। तब वो मौलवी रवीना के ऊपर चढ़ गया और फिर उसकी चुदाई करने लगा। उनकी चुदाई देखकर तो हम सब भी गर्म हो गए थे।

फिर रवीना भी उसके साथ चुदाई के जमकर मजे ले रही थी। मौलवी के धक्कों से तो पूरा बेड ही हिलने लगा था। तब रवीना की जगह और कोई लड़की होती तो शायद वो कब का साथ छोड़ देती। लेकिन रवीना तो उसका पूरा साथ दे रही थी। फिर जब वो मौलवी झड़ गया तो रवीना उसके बड़े लण्ड को चुसने लगी और फिर जब उसका लण्ड खड़ा हो गया तो फिर वो चुदाई करने लगे। फिर वो दोनो रात भर ही चुदाई करते रहे। जब रवीना का फोन स्विच ऑफ गया तो फिर हम तीनों चुदाई करके सो गए। सुबह जब हम उनसे मिलने गए तो मौलवी तो थके थके लग रहे थे पर रवीना हमेशा की तरह बिल्कुल फ्रेश थी। मौलवी तो अब रवीना का पूरा दीवाना हो चुका था।

क्योंकि पूरी रात तो उसे उसकी बीवियां भी नहीं झेल पाती थी। फिर जैसे जैसे दिन निकलने लगे मौलवी ने अपनी तीनो बीवियों को रवीना का ख्याल रखने के लिए कहा तो फिर वो तीनो रवीना का खूब ख्याल रखती। रवीना उनके शौहर की बीवी थी इसमें वो भी अपना सम्मान समझती थी। फिर धीरे धीरे उसकी बीवियां रवीना की दोस्त बन गई तो फिर वो आपस मे चुदाई की ही बातें करती। रवीना मौलवी के साथ अपने नंगे फ़ोटो हमे भेजती रहती थी। फिर रवीना के कहने पर मौलवी साहब बाकी तीन बीवियों की चुदाई भी कर लेते ताकि वो नाराज ना हो।

फिर तो मौलवी साहब का ज्यादा टाइम रवीना के साथ बिस्तर में ही बीतने लगा। पहले एक दिन, फिर दो दिन और फिर तो एक एक हफ्ते तक दोनो कमरे से बाहर ही नहीं निकलते। उनका खाना पीना उनकी बीवियां उन्हें कमरे में ही देकर आ जाती थी। जिसकी ज्यादा बीवियां हो उसका यही हाल था।

मैं भी अपने कुछ मुसलमानों दोस्तो के साथ काफी खुलकर चुदाई की बातें करता था। फिर हम जब एक दूसरे के घर जाते तो हम किसी न किसी की चुदाई कर रहे होते। मेरे कई दोस्तो ने तो उमा और सोना को कई बार मेरे कमरे में नंगी घोड़ी बनी हुई देख चुके है और मैं भी उनकी बीवियों को ऐसे ही देख चुका हूँ। इस तरह देखने का हमारी बीवियां भी बिल्कूल बुरा नहीं मानती है। फिर तो हम उन्हें घर पर बिल्कुल नंगी ही रहते और जब मेरा कोई दोस्त आता या मैं उनके वहाँ जाता तो हम उन्हें ऐसे कपड़े पहनने को देते जिसमे से उनका पूरा बदन दिख रहा होता।

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इस तरह हम कई दोस्त एक दूसरे की सभी बीवियों को नंगी देख चुके है। इतना ही नहीं फिर मैं तो सोना और उमा की चुत में वाइब्रेटर लगाकर रखता हूँ और जब भी मेरे दोस्त आते है तो मैं वो वाइब्रेटर चालू कर देता हूँ और फिर वो तो मेरे दोस्तों के सामने ही ऐसे ऐसे एक्टिंग करती के पूछो मत। उन्हें ऐसे देखकर हम सब मजे करते।

इस तरह हम सब दोस्त मिलकर खूब मजे करते। फिर एक दोस्त ने तो अपनी बीवियों को नंगी भी कर दिया और फिर हम उनके साथ दोस्त के सामने ही गन्दी बातें भी कर लेते और खूब मस्ती मजाक करते। इसी तरह मैंने भी सोना और उमा को नंगी कर दिया था। हम सब दोस्तो की बीवियां भी आपस मे के दूसरे को जानती है तो फिर वो आपस मे ही ऐसी बातें करती है। वो हफ्ते में एक दिन इकट्ठी होती है और वो भी फिर आपस मे खूब मजे करती है।

इस प्रकार फिर उधर रवीना भी मौलवी की बाकी तीनो बीवियों को एक साथ इकट्ठा कर लेती और फिर वो सब नंगी होकर मौलवी के साथ सोती। लेकिन तब भी मौलवी ज्यादा रवीना की ही चुदाई करता। फिर रवीना घर पर मौलवी के बेटे और बेटियों से भी बातें करने लगी। मौलवी के तीनों बेटे भी रवीना पर लट्टू थे और ये बात रवीना अच्छी तरह से जानती थी। फिर रवीना मौलवी और बाकी तीनो बीवियों के साथ नंगी ही अपनी फोटो खिंचवाती और कभी बिकिनी पहनकर तो कभी और कोई ड्रेस। इसमे मौलवी और उनकी तीनो बीवियों को भी बहुत मजा आता।

फिर रवीना ने घर पर शार्ट ड्रेस पहनकर रहने के लिए कहा तो पहले तो इसके लिए मौलवी नहीं माने लेकिन फिर आखिरकार उन्हें मानना ही पड़ा। फिर तो रवीना मनचाही ड्रेस पहनने लगी। घर पर स्विमिंग पूल था तो फिर एक दिन रवीना बिकिनी पहनकर स्विमिंग करने चली गई। तब जब मौलवी ने रवीना को बिकिनी में स्विमिंग करते देखा तो वो उसे रोक नहीं पाए। मौलवी के तीनों बेटे भी रवीना को स्विमिंग करते देखते। पर कोई कहता कुछ नहीं था। रवीना मॉडर्न लड़की थी तो फिर उसने अपने अपने साथ मौलवी की तीनों बीवियों को भी मॉडर्न बनाना शुरू कर दिया। अब अगर मौलवी को किसी बात के लिए मनाना होता था तो वो रवीना ही मनाती थी।

बाकी किसी की हिम्मत नहीं पड़ती थी। अब घर मे सब कुछ रवीना के अनुसार ही होता था। उधर रवीना घर मे चुदाई का माहौल बनाना चाहती थी तो फिर रवीना ने किसी तरह मौलवी के तीनों बेटों को उनकी मां की नंगी फ़ोटो दिखाई और वो भी ऐसी वैसी फ़ोटो नहीं बल्कि अलग अलग पोज बनाती हुई फ़ोटो। जिनमे उनकी मां कभी घोड़ी बनी हुई थी तो कभी अपने पैर फैलाकर लेटी हुई थी।

रवीना अपने फोन में अपनी नंगी फ़ोटो भी रखती थी और फोन को बिना लॉक लगाए रखती थी तो इसका पता जब मौलवी के बेटों को चला तो फिर वो रवीना की फ़ोटो के साथ साथ अपनी मां की फ़ोटो भी देख लेते थे। उधर रवीना मौलवी और बाकी की बीवियों के साथ काफी मस्ती भरे वीडियो बनाती। उधर रवीना मौलवी के साथ घर के कोने कोने में और घर के बाहर गाड़ी में तो कभी किसी और जगह पर चुदवाने लगी। जिससे मौलवी को बहुत मजा आता।

फिर धीरे धीरे रवीना ने मौलवी के दिमाग मे ये भरना शुरू कर दिया के घर मे सब एक दूसरे के साथ चुदाई कर सकते है। उधर मौलवी के तीनों लड़के भी रवीना और अपनी मम्मी की नंगी फ़ोटो को देखकर बहुत गर्म हो जाते थे। फिर रवीना इसमें कामयाब हो गई। रवीना ने मौलवी को उनके तीनो बेटों से चुदवाने के लिए मना लिया।

मौलवी भी रवीना की अकेले अकेले चुदाई करके थक चुके थे। फिर एक दिन मौलवी और रवीना और उनके तीनो बेटों को साथ लेकर उनके ही दूसरे घर मे गए। फिर वहां रवीना मौलवी और उसके तीनो बेटों के सामने बिकिनी पहनकर गई तो वो तो देखते ही रह गए। फिर मौलवी ने उन्हें सब बात बताई तो वो तीनो बहुत खुश हुए। फिर रवीना उन सबके सामने नंगी हो गई तो फिर तो वो तीनो रवीना पर टूट पड़े। फिर उस दिन रवीना ने उन सबसे खूब चुदवाया। फिर तो घर पर भी मौका मिलने पर या रात को रवीना मौलवी के तीनों बेटों से चुदवा लेती।

जब ये बात मौलवी की बीवियों को पता चली तो फिर उन्हें रवीना से कहा के अगर औरत में मर्द को कुछ बात लगती है तभी वो उनकी चुदाई करते है। फिर उन्होंने रवीना से पूछा के वो क्या करे तो रवीना ने उन्हें घर पर छोटे कपड़े पहनने के लिए कहा। फिर मौलवी के घर से बाहर जाने के बाद रवीना तो बिकिनी पहन लेती और बाकी तीन बीवियां ऐसे कपड़े पहनती जिसमे वो काफी सेक्सी लगती। जब मौलवी के तीनों बेटों अपनी मां को ऐसे देखते तो वो गर्म हो जाते। फिर एक दिन रवीना जब मौलवी के तीनों बेटों के साथ नंगी थी तो फिर वहीं उसने बाकी तीन बीवियों को बिकिनी में बुला लिया।

फिर रवीना के इशारे से वो तीनो वहीं अपने बेटों के सामने नंगी हो गई। फिर उन्हें नंगी देखकर फिर वो तो अपनी अपनी मां की वहीं चुदाई करने लगे। रवीना ने इसकी वीडियो बना ली और फ़ोटो भी खींच ली। फिर जब रवीना ने ये सब मौलवी को दिखाया तो फिर वो भी देखते ही रह गए। फिर रवीना ने मौलवी को समझाया के अगर आपकी मां मुझ जैसी सुंदर होती और आप उन्हें बिल्कुल नंगी देखते तो फिर आप क्या करते।

ये सुनकर मौलवी सब समझ गए। फिर रवीना के कहने पर मौलवी ने अपने तीनो बेटों।और बीवियों को अपने कमरे में बुलाया। फिर मौलवी ने अपने बेटों से कहा के घर की हर औरत की जगह उस घर के मर्दो के नीचे होती है। फिर ये सुनकर सब समझ गए। फिर मौलवी रवीना की वही चुदाई करने लगे और फिर वो बाकी सब भी नंगे होकर चुदाई करने लगे

फिर इसके बाद तो मौलवी ने अपने तीनो बेटों की बीवियों की भी चुदाई की। उन तीनों बेटों ने अपनी मां और बीवियों की भी बदल बदल कर चुदाई की। मौलवी के 4 बेटियां थी जो कि 13 से 18 साल की थी और बाकी बच्चे छोटे थे। फिर उन 4 बेटियों की भी चुदाई मौलवी और उसके बेटों ने की। इससे सब काफी खुश थे और फिर घर पर ही सब गुपचुप तरीके से चुदाई के मजे लेते रहे। फिर वो सब लोग दिन में और रात को नंगे ही रहने लगे।

मौलवी अपने घर की सुरक्षा और काम करने के लिए कई नौकर भी रखता था। फिर उनमें से कुछ नौकरों के साथ भी मौलवी की बीवियां चुदवाने लगी। फिर रवीना के कहने पर मौलवी ने अपने तीनो बेटों के साथ भी सबके सामने रवीना की शादी करवा दी। शादी से पहले भी मौलवी और उसके बेटे ज्यादातर रवीना की ही चुदाई करते थे। चुदाई से रवीना का रूप और ज्यादा निखर आया था। शादी के एक साल के भीतर ही मौलवी चुदाई कर करके पतला हो चुका था। सभी मर्दो को बस रवीना की ही चुदाई करनी थी। उधर सोना और उमा को भी रवीना ने मौलवी से चुदवा दिया और फिर मैंने भी मौलवी की तीनों बीवियों और उसकी बेटियों की चुदाई की। मौलवी की तीनों बीवियां तो मौलवी और अपने बेटों के सामने ही बाकी मर्दो से चुदवाती रहती।

मेरे एक दो दोस्तों की बीवियां कुछ ज्यादा ही गर्म थी तो फिर वो हमसे चुदवाने लगी तो फिर मैंने भी उमा और सोना को अपने दोस्तों से चुदवा दिया। हालांकि ये सब हमारे घर की ही बात थी और कोई दूसरे की इज्जत क्यों उछालेगा। इस कारण फिर तो हम अपने दोस्तों की बीवियों की चुदाई करने लगे। फिर तो हमारी सभी बीवियां जब भी किसी के घर इकट्ठी होती तो वो नंगी होकर आपस मे मजे करती। मेरे दोस्तों में किसी के 2 तो किसी के 4 बीवियां थी। फिर जब भी सब औरतें इकट्ठी होती तो हम 5-6 दोस्त थे तो वो सब 20-25 औरतें हो जाती।

फिर मेरे जिन भी दोस्तो के बच्चे बड़े थे तो उन्होंने फिर आपस मे ही एक दूसरे के घर रिश्ते भी कर दिए थे। हम तीन दोस्तो के घर तो बिल्कुल पास में थे। बीच मे मेरा घर था तो हम दिन रात एक दूसरे के घर कभी भी आ जा सकते थे। मेरे एक दोस्त की 4 बीवियां थी तो उसके पास सिर्फ उसकी एक बीवी ही रहती और बाकी तीनो हम दोनों के घर पर रहती। वो उसे अपना ही घर समझकर काम करती।और फिर वहीं पर सो जाती। फिर हम उनके साथ चुदाई भी करते थे। हम तीनों दोस्त तो एक दूसरे की बीवियों को कई बार चोद चुके थे। हालांकि इसका पता हमारे पड़ोसियों को भी नहीं था।

फिर मौलवी की एक बेटी जवान हुई और वो चोदने लायक हुई तो फि रवीना ने उसकी सील मुझसे तुड़वाई। तब वहां उसकी लड़की की मां, उसका भाई और मौलवी खुद भी बैठा था। मैं कई कई दिन तक मौलवी के घर पर रहकर आता था। फिर मैं सोना और उमा को भी अपने साथ ले जाता। मौलवी का घर काफी बड़ा था और उसमें काफी सारे कमरे थे। फिर मैं तो मौलवी की बीवी और बेटी को लेकर किसी भी कमरे में चला जाता और फिर उनकी खूब चुदाई करता। फिर तो मैं उन्हें अपने घर भी ले जाता और सोना और उमा को मौलवी के घर पर ही छोड़ देता।

फिर मैं अपने दोस्तों के साथ मिलकर उनकी खूब चुदाई करता। अब रवीना ही सब कुछ कंट्रोल करने लगी थी। मौलवी और उसके सभी बेटे तो बस अपना लण्ड सहलाते हुए रवीना के पीछे पीछे घूमते रहते थे। इतना ही नहीं जो नौकर रखे हुए थे वो भी रवीना के कायल थे। वो मौलवी से ज्यादा अब रवीना का हुक्म मानते थे। रवीना अब उस घर मे रानी की तरह रहती थी। इतना ही नहीं फिर रवीना मौलवी के साथ मस्जिद में भी जाने लगी और फिर मस्जिद में भी सब रवीना के हिसाब से ही होने लगा। क्योंकि मस्जिद के बाकी मौलवी भी रवीना के हुस्न के दीवाने थे।

वो सब रवीना के इशारे पर ही चलने लगे थे। रवीना मस्जिद में सिर्फ बुरखा पहन कर जाती और नीचे कुछ नहीं पहनती। जिससे की उसके बोबो के निप्पल साफ दिखते रहते। फिर तो रवीना थोड़ा ट्रांसपेरेंट बुरका पहन कर जाने लगी। जिसमें से तो उसके बोबे भी दिखते रहते। रवीना के ऐसे कपड़े पहन कर जाने के बारे में कोई कुछ नहीं कहता था। सब बस मजे लेते थे। फिर मौलवी तो रवीना की मस्जिद में ही चुदाई करने लगा। इसका पता भी सबको था पर कोई कुछ नहीं कहता था।

मौलवी साहब तो फिर सबके बीच बैठकर चुदाई का ज्ञान देते और कहते के ये तो अल्लाह का वरदान है। औरत का ज्यादा से ज्यादा भोग करना चाहिए। इस तरह से वो सबको ज्यादा से ज्यादा चुदाई करने के बारे में कहते रहते। रवीना ने धीरे धीरे मस्जिद की कमेटी के सभी लोगो को जो कि सब मर्द ही थे उनको अपने पक्ष में कर लिया था। वो लगभग 20 लोग थे। उधर घर पर भी रवीना ने 10 नौकर रखे थे जो कि बॉडीबिल्डर थे।

उनके लिए रवीना ने अलग से जिम और खाने पीने की खूब व्यवस्था भी कर रखी थी। रवीना उनमें से ही दो जनों को हमेशा अपने साथ रखती थी बॉडीगार्ड के रूप में जो कि हमेशा उनके साथ ही रहते थे। सुबह सुबह रवीना उन सबके साथ जिम में ही एक्सरसाइज करती और उनके साथ चुदाई भी करती थी। जिस कारण वो सब रवीना के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते थे। हालांकि मौलवी के सामने ही रवीना उनके साथ मजे करती रहती थी।

मौलवी भी फिर उनके साथ मिलकर रवीना की खूब चुदाई करता। रवीना ने अपने कमरे में एक बहुत बड़ा बेड रख रखा है और कमरे को बहुत अच्छे तरीके से सजा रखा है। कई बार तो घर के सभी मर्द रवीना के कमरे में ही होते और रवीना उन सबके बीच नंगी बैठी रहती और बातें करती रहती। फिर रवीना उन सबसे चुदाई भी करवाती। फिर इसी प्रकार मस्जिद में भी रवीना उन सब कमेटी के लोगो के साथ हर हफ्ते मीटिंग करती थी। फिर मीटिंग के टाइम रवीना ट्रांसपेरेंट बुरका पहनकर जाने लगी तो सब बस वहीं बैठे बैठे रवीना के बदन को देखकर ही मजे करते रहते।

लेकिन फिर धीरे धीरे माहौल और खुलने लगा। कमेटी के सभी सदस्य भी रवीना की चुदाई करना चाहते थे तो फिर एक दिन मीटिंग के टाइम जब सदस्य इकट्ठे हुए तो फिर वो सब नंगे हो गए। उस दिन रवीना भी फिर मीटिंग में बिल्कुल नंगी होकर ही गई। फिर रवीना के सामने ही सब लोग अपने लण्ड हिलाने लगे और फिर लण्ड हिलाकर पानी एक कटोरे में निकाल दिया। फिर उनका सबका पानी रवीना ने पी लिया। फिर इसके बाद तो रवीना मीटिंग में ही एक एक करके सबसे चुदवाने लगी। ये मीटिंग एक बड़े से हॉल में होती।

फिर तो सब हॉल में सब नंगे होकर ही मीटिंग करते। तब उस हॉल में 20 कमेटी के मेंबर के अलावा मौलवी और उसके बेटे और दो बॉडीगार्ड होते। इस प्रकार रवीना लगभग 25-30 मर्दो के साथ नंगी रहती और खूब मजे करती। फिर तो घर और मस्जिद दोनो जगह रवीना के मजे थे। फिर तो रवीना घर से नंगी ही कार में बैठकर मस्जिद जाती और फिर मस्जिद में भी नंगी ही रहती।

जब रवीना मस्जिद में कार से उतरकर जाती तो सब रवीना के पैरों के निचे फूल बिछाते और फिर मस्जिद में भी एक कमरे में बड़ा सा बेड लगा दिया और फिर सब उस कमरे में इकट्ठा होकर खूब चुदाई करते। मीटिंग के टाइम रवीना घोड़ी बन जाती तो सब एक एक करके रवीना की चुत और गाँड मारते। इस तरह ये सब बहुत सीक्रेट तरीके से होता और बाहर के लोगो को इसका पता भी नहीं चलता।

मस्जिद में भी सभी कुछ फिर रवीना के इशारे पर ही चलने लगा। रवीना जो भी करने के लिए कहती सब फिर वो ही करते। चाहे वो गलत हो या सही। इतना ही नहीं चुदाई के टाइम जब रवीना पेशाब करती तो सब रवीना के पेशाब को पी जाते। फिर तो रवीना को जब भी पेशाब आता तो फिर वो किसी न किसी को अपना पेशाब पिला देती। इसी तरह रवीना को जब लैट्रिन आती तो उसका मन करता वो वहीं लैट्रिन कर देती। सभी रवीना के इतने दीवाने हो चुके थे उन्हें रवीना का लैट्रिन पेशाब भी काफी अच्छा लगता था।

इस प्रकार रवीना कभी टॉयलेट तो जाती ही नहीं। इसी प्रकार मस्जिद में भी सब रवीना के पेशाब को पवित्र मानते और वो रवीना के पेशाब को इकट्ठा करके उसको फिर पूरी मस्जिद में छिड़कने लगे। इतना ही नहीं फिर मस्जिद में जो भी धार्मिक काम होते वो सब काम रवीना नंगी होकर अपने हाथों से ही करती। मस्जिद में सभी मौलवी रवीना को पाक पवित्र मानते थे। फिर तो कमेटी के लोगो के अलावा मस्जिद में काम करने वाले और रहने वाले लोगो को भी रवीना अपने नंगे दर्शन देने लगी। फिर तो रवीना पूरी मस्जिद में नंगी ही घूमने लगी।

मस्जिद में इतने लोगो से एक साथ चुदवाना रवीना के लिए सम्भव नहीं था। फिर तो ऐसा निर्णय लिया गया जिससे कि मस्जिद का पूरा माहौल ही बदल गया। फिर मस्जिद में औरतों को रखने का निर्णय लिया गया। इसके लिए सब मान भी गए। फिर रवीना के कहने पर कुछ लोगो ने अपनी बीवी, बहन और मां को भी मस्जिद को दान में दे दिया। मौलवी ने भी अपनी एक बीवी और दो बेटियों को मस्जिद में रखने के लिए मान गया।

फिर वो सब 15 औरतें हो गई। फिर उन औरतों को रवीना ने समझाया के वो अपने शरीर का दान करदे और अपने आपको अल्लाह को समर्पित करदे। इस तरह अल्लाह के नाम पर फिर सब औरतें इसके लिए राजी हो गई। फिर एक दिन रात को कमेटी के सब मेंबर और मौलवी के घर के सब नौकर और मैं भी सब वहीं थे। इस तरह सब वहां 35 मर्द थे। फिर रवीना उस हॉल में उन 15 औरतों को नंगी करके लाई। हालांकि सब मर्द तो पहले से ही नंगे थे।

फिर उनमें से कुछ औरतें शर्माने लगी। लेकिन फिर रवीना के कहने पर वो सब औरतें घोड़ी बन गई। फिर सब मर्द एक एक करके उन सबकी चुदाई करने लगे। फिर तो हर रात यही सब होने लगा।

फिर तो उन सब औरतों को भी मजा आने लगा। फिर तो वो औरतें दिन रात नंगी ही रहती और कोई भी कभी भी आकर उनकी कभी भी चुदाई कर सकता था। फिर सब जमकर मजे करते। उधर इसके बारे में बाहर किसी को भी बताने से मना कर दिया था। फिर रवीना के कहने पर कमेटी के सब मेंबर ने अपने घर से अपनी बीवी, बहन और बेटी को मस्जिद में भेजने लगा। जिससे सभी को चुदाई के लिए नई नई लड़कियां मिलती रहती।

फिर कुछ ही दिनों में एक औरत करीब 10 मर्दो से चुदाई करवा लेती थी। सब जने मिलकर एक दूसरे के सामने ही एक दूसरे की बीवी, बहन और बेटी की खूब चुदाई करते। कई बार तो वो अपनी बहन और बेटी की ही चुदाई कर लेते। रवीना को देखकर मर्द क्या औरते भी रवीना की खूबसूरती की दीवानी थी। जिस कारण ही वो सब उसकी सब मानती थी। हर रोज रात को सब हॉल में नंगे ही इकट्ठे होते। सभी मर्दो के बीच औरतें नंगी ही खड़ी होती। फिर पहले तो सभी औरतें अपने दोनो हाथों और मुंह से मर्दो के लण्ड हिलाकर खड़ा करती और फिर वो घोड़ी बन जाती और फिर उन्हें पता नहीं चलता कौन और कितने मर्द उनकी चुदाई कर रहे है। कंडोम लगाकर करना सख्त मना था तो सभी फिर आपस मे ऐसे ही चुदाई करते। लेकिन कभी भी किसी को भी कोई बीमारी नही हुई।

शायद ये भी अल्लाह का कोई वरदान ही था। ये सब कुछ सिर्फ रवीना के कारण ही सम्भव हो रहा था। उस हॉल में रवीना ने अपने बैठने के लिए एक सिंहासन नुमा बेड बनवा रखा था। जिस पर वो नंगी ही बैठी रहती या फिर कई मर्दो के साथ नंगी लेटी रहती और चुदाई करवाती रहती। रवीना को नंगी देखकर तो सब मर्दो के लण्ड वैसे ही खड़े रहते। रवीना ने तो पता नहीं कितने मर्दो से चुदवा लिया था। उसने शायद मस्जिद और घर पर सब मिलाकर 100 मर्दो से तो चुदवा ही लिया था। लेकिन फिर भी उसकी सुंदरता में कोई कमी नहीं आई थी।

फिर जब मौलवी के दो बेटे और दो बेटियां शादी के लायक हुई तो फिर उसके दोनो बेटों से रवीना ने ही शादी कर ली और उसकी दोनो बेटियों की मौलवी ने दो बूढ़े आदमियों के साथ शादी कर दी। मौलवी की बेटियां खूबसूरत थी पर उनकी चुत और गाँड एकदम ढीली हो चुकी थी। हालांकि तब उनकी उम्र 17-18 साल ही थी। वो मस्जिद में रहती थी तो उन्हें पता नहीं कितने ही मर्दो ने चोदा था।

मौलवी और उसके बेटे खुद भी उन दोनों को सबके सामने कई बार चोद चुके थे। फिर शादी के बाद सुहागरात को मैंने सिर्फ मौलवी के उन दोनों बेटों से चुदवाया। फिर उधर मौलवी की दोनो बेटियों के साथ भी उन बूढ़ों ने जमकर सुहागरात मनाई। उन बूढों की नजर रवीना पर भी थी। फिर जब उन्होंने मौलवी से रवीना के साथ सुहागरात मनाने के लिए कहा तो फिर मौलवी भी मान गए।

फिर उस रात को जब वो दोनो रवीना के साथ सुहागरात मनाने गए तो फिर रवीना ने उन दोनों को वियाग्रा की हाई डोज दे दी। जिससे कि उन दोनों के लण्ड पूरे टाइट हो गए। फिर रवीना उनके लण्ड पर चढ़कर उछलने लगी। तो फिर वो दोनो भी मजे लेने लगे। लेकिन फिर तभी एक बूढ़े ने हिलना बंद कर दिया तो फिर रवीना दूसरे बूढ़े के लण्ड पर चढ़ गई। फिर थोड़ी देर बाद उसे भी पता नहीं क्या हुआ।

फिर जब रवीना झड़ गई तो फिर वो उनके साथ ही नंगी ही सो गई। तब तक रवीना को भी कुछ नहीं पता था। फिर अगले दिन जब मौलवी की बीवीयां और बेटियां उसके कमरे में गई तो देखा के वो तीनो नंगे ही सोए हुए थे। उन बूढों के लण्ड तब तक खड़े ही थे। फिर जब ये सब मौलवी की बीवीयों और बेटियों ने देखा तो वो हँसने लगी। फिर रवीना उठकर सबके सामने ही उनके लण्ड हिलाने लगी। फिर जब उन दोनो के शरीर मे कोई हरकत नहीं हुई तो रवीना ने उनकी नब्ज चेक की। फिर रवीना को जो डर था वही हुआ। वो दोनो के दोनो मर चुके थे। जब ये बात रवीना ने मौलवी की बीवियों और बेटियों को बताई तो फिर वो हँसने लगी। रवीना खुद भी हँसने लगी।

फिर जब मौलवी और उनके बेटों ने आकर ये सब देखा तो फिर वो भी हँसने लगे। फिर जब जनाजे की तैयारी होने लगी तो ये बात सबको पता चल चुकी थी। फिर सब रवीना की तरफ देखकर मुस्कुरा रहे थे। उधर फिर अंतिम यात्रा के बाद मौलवी ने अपनी उन दोनों बेटियों को मस्जिद में दान करने का एलान किया। फिर उस दिन रात को मौलवी की उन दोनों बेटियों ने अपने मनचाहे मर्दो से चुदवाया। वो भी यही चाहती थी के वो मस्जिद में रहकर ही मजे करें।

रवीना ने मौलवी और उसके बेटों से शादी कर रखी थी तो फिर रवीना ने कहा के मौलवी की बाकी बीवियां भी उनके बेटों से शादी करें। इसमें मौलवी की बीवियों और उसके बेटों को तो कोई दिक्कत नहीं थी पर ऐसा नहीं हो सकता था मुसलमान समाज मे। लेकिन फिर जब मस्जिद के मौलवियों ने कहा के जब एक लड़की के शौहर बाप बेटे हो सकते है तो फिर ये क्यों नहीं हो सकता। इस प्रकार वो भी रवीना के पक्ष में बोलें और फिर ये शादी तय हो गई।

फिर सबके सामने मौलवी के बेटों ने अपनी अपनी मां से शादी करके उनकी बेगम बन गई। फिर शादी के बाद रात को मस्जिद और घर पर मौलवी के बेटों ने अपनी अपनी मां को घोड़ी बनाकर खूब चोदा। हालांकि सब बिना कंडोम के चुदाई करते तो जिन औरतों को बच्चा नहीं चाहिए होता तो वो तो पानी चुत में नहीं डलवाती और कई डलवा लेती। जिस कारण मौलवी की दोनो बेटियां और मौलवी की एक बीवी प्रेग्नेंट हो गई। इसके अलावा भी कुछ औरतें प्रेग्नेंट हो गई तो फिर इसे रवीना के कहने पर सबने अल्लाह का आशीर्वाद माना।

मौलवी और रवीना की शादी को अभी एक साल भी नही हुआ था के इतना सब हो चुका था। रवीना चुदाई के लिए हरदम तैयार रहती थी और रवीना को नंगी देखकर तो हर किसी के बेजान लण्ड में जान आ जाती थी। जिस कारण रवीना तो सुबह से लेकर शाम तक चुदवाती रहती।

मौलवी की दिन की शुरुआत ही रवीना की चुदाई से होती। ज्यादा चुदाई करने से रवीना का शरीर भी काफी खिल चुका था। सोना और उमा जब रवीना को ऐसे मजे करते देखती तो वो काफी खुश होती। सोना तो भूल ही गई थी के उनके बेटा भी था। उधर उमा भी कहती के मुझे लगता ही नहीं के रवि नाम का कोई लड़का मेरा भाई था। रवीना जैसे जैसे बड़ी हो रही थी वैसे वैसे उसका बदन और ज्यादा सेक्सी होता जा रहा था। उधर हमने सबको पहले ही बता दिया था के रवि दूसरे देश मे पढ़ने गया है।

सोना और उमा दिखने में अब लगभग एक जैसी है और उनकी शक्ल भी ऐसी ही के दोनो में कोई फर्क नहीं बता सकता है। फिर एक बार जब मैं अपने घर गया तो मैं उमा की जगह सोना को अपने साथ ले गया। तो घर पर किसी को भी पता नहीं चला। सोना ने एक्सरसाइज वगैरह करके अपना काफी वजन घटा लिया था। वैसे भी हमारे थोड़ा घूंघट निकालने का रिवाज है तो वो सारा दिन घूंघट ही निकाले रखती। मेरी मम्मी के सामने भी बस सोना थोड़ा सा ही मुंह दिखाती। वो वैसे ही मम्मी के साथ बातें वगैरह भी करती। इस कारण किसी को भी कुछ भी पता नहीं चला। फिर तो सोना मेरे साथ कई बार चली गई और सब उसे उमा ही समझते रहे। सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था। हम सब बहुत मजे कर रहे थे।

रवीना के काफी लोग चाहने वाले थे। मस्जिद में तो लोग आते ही रवीना को देखने के लिए थे। इस कदर रवीना के लोग दीवाने थे। रवीना दिन में कई बार कपड़े पहनकर सबके सामने चली जाती थी तो रवीना का रूप रंग और चाल ढाल देखकर सब उसे बहुत ही पाक पवित्र समझते। पर असलियत इससे कोसो दूर थी। रुपये पैसों की तरह रवीना भी काफी अनमोल थी। रवीना की मौलवी के साथ शादी हो चुकी थी हालांकि तब भी कुछ लोग रवीना से शादी करके उसे अपने परिवार की शान बनाना चाहते थे।

सब मन ही मन यही दुआ कर रहे थे के जैसे तैसे मौलवी को पत्ता कटे तो फिर कोई रवीना से शादी करे। रवीना में एक अलग ही बात थी। जिज़ कारण सब लोग उसकी तरफ खिंचे चले जाते थे। मैं ये बहुत विस्वास के साथ कह सकता हूँ के उस एरिया में रहने वाले लोगो ने एक बार तो रवीना को देखकर अपना लण्ड जरूर हिलाया ही होगा। मैं जब लोगो के बीच जाता तो वो सब बातें करते के कोई लड़की इतनी खूबसूरत कैसे हो सकती है। फिर मेरे पास एक दिन व्हाट्सप्प पर एक फोटो आई जो कि रवीना की नकली नंगी फ़ोटो थी। फिर वो फ़ोटो देखकर मुझे ख्याल आया के इस नकली फ़ोटो के साथ साथ अगर रवीना की असली नंगी फ़ोटो भी आ जाये तो किसे पता चलेगा।

फिर ये बात जब मैंने रवीना को बताई तो रवीना मान गई। मौलवी का घर काफी आलीशान था तो फिर वहीं हमने रवीना की कई नंगी फ़ोटो खींची। फिर वो सब हमने लोगो मे फैला दी। तो फिर वो काफी वायरल हों गई। फिर हमने रवीना का मेकअप वगैरह करके एक बॉडीबिल्डर नौकर के साथ रवीना की चुदाई की वीडियो भी बनाई। फिगे जब वो वीडियो लोगो के बीच मे गई तो सब रवीना के जैसी उस शक्ल वाली लड़की की वीडियो को झूठ बताने लगे। पर साथ मे मजे भी ले रहे थे।

इस प्रकार आधे लोग तो रवीना को बहुत ही पाक पवित्र मान रहे थे और आधे तो बस किसी तरह रवीना की चुदाई करना चाहते थे। एक खास बात और रवीना के साथ हुई। शायद भगवान भी रवीना का साथ दे रहा था। रवीना जो टेबलेट ले रही थी जिससे कि उसके शरीर मे लड़के के लक्षण ना दिख सके। उन टेबलेट का थोड़ा उल्टा रिएक्शन हो गया। जिस कारण रवीना के शरीर के सभी रोम छिद्र बंद हो गए। जिससे उनसे बाल भी नहीं उग पा रहे थे और रवीना का बदन एक दम चिकना हो गया था। रवीना के पसीना भी ज्यादा नहीं आता था।

रवीना की चुत का साइज और आकार भी काफी आकर्षक था। रवीना के बोबो का साइज ज्यादा नहीं पर थोड़ा बहुत जरूर बढ़ गया था। बोबो में मास भरा हुआ था तो रवीना के बोबे हरदम फुटबॉल की तरह फुले हुए और टाइट ही रहते। औरत को तो कई बार रगड़कर चोदने से वो ढीली ढाली हो जाती है पर रवीना का बदन तो हर दम कसा हुआ रहता। रवीना के बारे में तो मैं जितना बताऊं उतना कम ही है।

ज्यादा चुदाई के कारण मौलवी की तीनों बीवियों के तो शरीर एक दम ढीले हो चुके थे और खींच खींच कर उनके बोबे काफी बड़े कर दिए थे। उधर मौलवी की बेटियां और बहुएं भी एकदम ढीली हो चुकी थी। जिस कारण किसी को भी अब उनकी चुदाई करने में ज्यादा मजा नहीं आता था। फिर तो मौलवी के घर की सब औरतों की चुदाई ज्यादातर नौकर वगैरह ही करते थे। मौलवी और उसके बेटे तो बस रवीना की ही चुदाई करते। एक साल बाद ही मौलवी का शरीर मे काफी बदलाव आ चुका था। सबसे ज्यादा बार तो उन्होंने ही रवीना की चुदाई की थी।

उनका शरीर भी अब थोड़ा बेजान सा दिखने लगा था। मौलवी और उसके बेटे रवीना की जमकर चुदाई करते लेकिन फिर भी वो उनका पूरा साथ देती। अब उन सभी को रवीना की आदत लग चुकी थी। फिर रवीना भी कुछ कम नहीं थी। वो भी उन सबको वियाग्रा दे कर उनके साथ लगी रहती। चुदाई के बाद तो बेड की चादर उन सबके पानी से भीग जाती। कोई औरत इतना कैसे चुदवा सकती है। मौलवी के घर की औरतें बस यही सोचती रहती।

पर ये राज कभी किसी को पता चलने वाला नहीं था। कोई ये राज जानकर करता भी क्या। जिनको ये राज पता है वो खुद भी बस रवीना की चुदाई करना ही चाहता है। वैसे ये तो बस मुझे ही पता था। रवीना सोना और उमा के साथ लेस्बियन सेक्स करती और वो तीनो खूब मजे करती। अब मैं, सोना और उमा तो भूल ही चुके थे रवि के बारे में। उधर रवि खुद भी भूल चुका था के वो पहले लड़का था। वो अब खुद को बिल्कुल लड़की ही मानता था। उधर रिश्तेदार वगैरह को हमने कह दिया के रवि कहीं पढ़ने गया था और वहीं वो बीमार हो गया और फिर मर गया। इस तरह रवि की कहानी खत्म हो चुकी थी। अब बस रवीना ही रवीना थी।

रवीना को देखने के लिए हर मर्द तड़पता था। जब मैं मेरे दोस्तों के साथ होता तो वो रवीना के बारे में काफी गन्दी गन्दी बातें करते। उस इलाके में एक दुकान थी। रवीना की नंगी फ़ोटो और वीडियो लेजाकर मैं उसे दे देता और फिर वो लोगो मे बांट देता। फिर वो रवीना की फ़ोटो के पोस्टर वगैरह बनाकर भी बेचने लगा। जिससे वो काफी पैसे भी कमाता था। उधर मस्जिद में तो सरेआम रवीना अपना पेशाब एक कटोरे में डालती और फिर उस कटोरे के पानी को मस्जिद में हर जगह छिड़का जाता। यहां तक खाने की सब चीजों के अंदर भी रवीना का पेशाब और लैट्रिन मिलाने लगे। ऐसी दीवानगी देखकर तो कई बार रवीना खुद भी शर्मा जाती। जब रवीना घर पर होती और रवीना को पेशाब आ रहा होता तो रवीना फिर मौलवी और उनके किसी भी बेटे को लेटाकर उस पर बैठ जाती और फिर उसके मुंह पर मूतने लगती। ऐसे ही रवीना ने कई बार उनके मुंह मे लैट्रिन भी किया है।

फिर इस सबके अलावा भी रवीना के जो मन मे आता वो करती। मौलवी ने रवीना को सोने और चांदी के करोड़ो रूपये के गहने करवा रखे थे। अगर रवीना वो सब पहन लें तो उसका सारा शरीर उन गहनों से ही ढक जाए। उधर दो बॉडीगार्ड के अलावा दो औरतों को भी अपने साथ रखने लगी। वो दो औरतें और कोई नहीं बल्कि मौलवी की दो बेटियां ही थी। फिर मौका मिलने पर वो दोनो बॉडीगार्ड तो उन मौलवी की बेटियों की चुदाई करने लग जाते थे।

फिर रवीना मौलवी के दो बेटों को बॉडीगार्ड रखने लगी। फिर रवीना उन दोनों से जहां मन किया वहीं चुदवाना शुरू कर देती। हालांकि अब तो मौलवी की बेटियां भी कम नहीं थी तो फिर वो भी अपने भाइयों से चुदवा लेती। इस तरह वो सब मिलकर काफी मजे करते। फिर कई बार तो रवीना के कमरे में मौलवी और उसके बेटों के अलावा मौलवी की बेटियां भी आ जाती और वो सब नंगी ही होती। मौलवी के पांच बेटे और पांच ही बेटियां थी। फिर मौलवी तो मेरी चुदाई करता और वो सब भाई बहन आपस मे चुदाई करते। उनमें से कइयों ने अपने भाइयों के बच्चों को भी जन्म दे दिया था। फिर रवीना ने तो उन सब भाई बहनों की भी आपस मे शादी करवा दी।

तब रवीना ने लोगो से कहा के वो सब अलग अलग मां के बच्चों से शादी करेंगे। लेकिन फिर शादी के टाइम सभी भाइयों ने अपनी सगी बहनों से ही शादी कर ली। शादी के बाद सभी ने एक दूसरे के साथ अलग अलग पोज में फ़ोटो खिंचवाई। फिर उन सबने एक साथ एक कमरे में ही सुहागरात मनाई। अब मौलवी के हर बेटे ने अपनी मां और बहन के साथ शादी कर ली थी। फिर रवीना घर और मस्जिद के हर मर्द को खाने में वियाग्रा देने लगी। जिससे उनके लण्ड हमेशा तने रहते। फिर वो सब घर जाकर या मस्जिद में किसी न किसी औरत पर चढ़े ही रहते।

इसके अलावा कुछ मर्दो को सिर्फ मर्द ही पसंद थे तो ऐसे में उसके घर की औरते मस्जिद में आकर बाकी मर्दो से चुदवाने लगी और वो मर्द भी फिर किसी न किसी दूसरे मर्द से अपनी गाँड मरवा लेता। मस्जिद में जो भी सुंदर औरत होती सब उसके पीछे पड़ जाते और फिर दिन रात उसकी चुदाई करके उसकी चुत और गाँड सब ढीली कर देते। हालांकि इस सबमे अब तक 40-50 परिवार ही शामिल थे। बाकी और किसी को इसके बारे में पता भी नहीं था। मर्दो को मस्जिद में नई नई औरतों की चुदाई करने को मिलती तो वो फिर अपने घर की औरतों को किसी न किसी तरह मनाकर मस्जिद में ले आते और फिर जब वो औरतें भी मस्जिद में अन्य मर्दो से चुदाई करवाती तो उन्हें भी अच्छा लगता। इस तरह इसमें सबको मजा आ रहा था।

फिर इसके अलावा मस्जिद में जिसकी मां होती तो फिर रवीना सबके सामने उनके बेटे से उनकी चुदाई करवाती और जिसकी बहन होती तो फिर उन सबकी उनके भाइयों से चुदाई करवाती। फिर सभी मर्दो की बीवियों की भी आपस मे बदलकर चुदाई करवाती। इस तरह जिस औरत के बच्चे नहीं हो रहे थे उसके बच्चे होने लगे। फिर तो रवीना ने मस्जिद के एक कोने में नंगे होकर नमाज पढ़ने का नियम बना दिया। फिर वहां जाकर सब नंगे होकर मर्द और औरत एक साथ नमाज पढ़ते। फिर वो सब वहीं चुदाई भी करते।

जब मस्जिद के कमेटी के मेंबर वगैरह घर पर रवीना और मौलवी से मिलने आते तो तब रवीना उनके सामने नंगी ही बैठकर उनसे बातें करती। फिर मौलवी की बेटियां उनके लिए चाय पानी वगैरह ले जाती तो वो भी नंगी ही होती। फिर इससे सब मर्दो के लण्ड खड़े हो जाते तो फिर मौलवी तो रवीना की और वो कमेटी के मेंबर जो कि 5-6 होते वो मौलवी की बेटियों की चुदाई करते। मौलवी खुद भी उनके सामने अपनी बेटियों की चुदाई करते।

इसी तरह फिर रवीना भी कभी किसी कमेटी मेंबर के घर जाती तो फिर वो सब नंगे हो जाते। फिर रवीना उस घर के सभी मर्दो से चुदवाती और उस घर की औरतें रवीना के बॉडीगार्ड और बाकी जो भी मर्द रवीना के साथ गए होते उनसे चुदवाती। इस तरह फिर रवीना बाकी अन्य कमेटी मेंबर के घर जाकर भी उनसे मजे करती। इस तरह रवीना के कारण सब तरफ का माहौल काफी सेक्सी हो गया था।

फिर सब ऐसे ही चलता रहा। आगे के भाग में बताऊंगा के रवीना ने और हमने कैसे-कैसे मजे लिए।

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