मेरी प्यारी भाभी

मेरा नाम वियान है, उमर 25 साल। यार, ऑनलाइन स्टोरीज पढ़के इतना मजा आया कि सोचा अपनी सच्ची कहानी तुम सबके साथ शेयर करूँ। ये बात दो साल पुरानी है, जब मेरी भाभी के साथ कुछ ऐसा हुआ कि जिंदगी रंगीन हो गई। मैं तो इस वाकये को बताने के लिए बेकरार हूँ। मेरी भाभी, रश्मि, यार क्या बताऊँ, एकदम माल है। उमर 32 की, लेकिन लगती है 18 की कच्ची कली। गोरा रंग, कातिल फिगर, और एक बच्चे की माँ होने के बावजूद ऐसा जलवा कि कोई भी फिदा हो जाए।

अब सीधे कहानी पे आता हूँ। रश्मि भाभी और भैया कानपुर में रहते हैं। भैया की गारमेंट की दुकान है, और इस चक्कर में वो दिल्ली आते-जाते रहते हैं। एक बार भैया, भाभी और मेरी भतीजी दिव्या, जो 4 साल की थी, दिल्ली आए और मेरे घर ठहरे। मैं दिल्ली में जॉब करता हूँ। सुबह-सुबह ट्रेन से वो लोग पहुँचे। मैं अभी बिस्तर से उठा ही था कि दरवाजे की घंटी बजी। दरवाजा खोला तो भैया-भाभी खड़े थे। मैंने वेलकम किया, दिव्या को गोद में उठाया और सबको अंदर ले आया।

भाभी, यार, एकदम कयामत लग रही थी। गुलाबी साड़ी, लाल ब्लाउज, जो थोड़ा डीप था। लाल ब्लाउज में उनके भारी-भारी चूचे कमाल के दिख रहे थे। गोरे बदन पे लाल रंग ऐसा चमक रहा था कि बस देखता ही रह जाऊँ। थोड़ी देर बात की, फिर भाभी चाय बनाने किचन में चली गईं। मैं ऑफिस के लिए तैयार होने लगा। भाभी ने नाश्ता बनाया, मैंने खाया और ऑफिस निकल लिया। भैया को भी कुछ बाहर का काम था, तो वो 11 बजे के आसपास निकल गए। ऑफिस में सारा दिन मैं भाभी के बारे में सोचता रहा। यार, भाभी तो पहले से भी ज्यादा हसीन हो गई थी। चेहरा एकदम गोरा, भरा-भरा, और थोड़ा मोटा हो गई थीं, जो उन्हें और सेक्सी बना रहा था। उनकी हाइट 5 फुट 4 इंच है। मैं सारा दिन उनके बारे में सोचता रहा और मन में उनके साथ प्यार करने के तरीके घुमाने लगा।

शाम को 7 बजे घर लौटा। भाभी ने दरवाजा खोला और एक प्यारी सी स्माइल दी। यार, क्या स्माइल थी! उन्होंने हरी साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज पहना था। रात को डिनर के वक्त भैया ने बताया कि उन्हें एक दिन के लिए जयपुर जाना है, दुकान के लिए कुछ साड़ियाँ खरीदने। मैंने कहा, “कोई टेंशन मत लो, भैया। तुम जाओ, मैं भाभी का ख्याल रख लूँगा।” भैया निश्चिंत हो गए। अगली सुबह वो मेरे साथ 10 बजे जयपुर के लिए निकल गए।

सारा दिन ऑफिस में मैं ख्यालों में खोया रहा। आज रात भाभी के साथ अकेले वक्त बिताने का मौका था, और मैं फुल जोश में था। शाम को 7 बजे घर पहुँचा। भाभी ने मुस्कुराते हुए दरवाजा खोला। मैंने भी स्माइल दी। मैंने कहा, “भाभी, आज बाहर डिनर करने चलें? दिल्ली में एक से एक रेस्टोरेंट हैं।” भाभी ने थोड़ा सोचा, फिर हाँ कह दिया। हम तैयार होने लगे। भाभी ने लाल साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज पहना। ढेर सारा मेकअप किया और एक ऐसा परफ्यूम लगाया कि मेरा तो हाल खराब हो गया। यार, वो किसी दुल्हन से कम नहीं लग रही थीं। उनका गोरा चेहरा चमक रहा था, आँखों में नशा, और चूचे एकदम गोल और भरे-भरे। मैं तो मन ही मन उनके हुस्न में डूब गया। हम कार में बैठे और एक पॉश रेस्टोरेंट में डिनर करने गए।

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रेस्टोरेंट में भाभी मुझसे हँस-हँसकर बात कर रही थीं। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं उनकी नशीली आँखों में देखकर जवाब दे रहा था। पता नहीं क्या हुआ, मैंने अचानक उनका हाथ पकड़ लिया। उनके हाथ को पकड़कर बातें करने लगा। भाभी ने बुरा नहीं माना। मैं उनका हाथ धीरे-धीरे सहलाने लगा, और मेरा लंड खड़ा होने लगा। मन कर रहा था कि अभी उनका हाथ अपने लंड पे रख दूँ। तभी खाना आ गया, और हमने डिनर किया। डिनर के बाद घर जाने लगे, तो रास्ते में एक डिस्को दिखा। भाभी ने पूछा, “ये कौन सी जगह है?” मैंने कहा, “ये लड़के-लड़कियों की मौज-मस्ती की जगह है।” वो थोड़ा शरमा गईं। मैंने कहा, “यहाँ डांस होता है। अंदर चलें?” वो चुप रही।

मैंने कहा, “भाभी, यहाँ बड़ा मजा आता है।” वो मान गई। साड़ी में डिस्को नहीं जा सकते थे, तो हम पहले घर गए। भाभी ने दिव्या को सुलाया, फिर कपड़े बदले। टाइट जीन्स और पिंक टी-शर्ट पहनी। यार, जब वो तैयार होकर बाहर आईं, मैं तो देखता रह गया। क्या फिगर था! जीन्स इतनी टाइट थी कि उनकी जाँघें उसे फाड़ देंगी। जब वो चल रही थी, उनकी मोटी गांड गजब ढा रही थी। जीन्स उनकी गांड पे फिट थी। ये देखकर मेरा लंड तन गया। मैंने मजाक में कहा, “भाभी, आज तो तुम दिल्ली के हर मर्द पे बिजली गिरा दोगी। सब अपनी बीवी को तलाक दे देंगे।” वो शरमा गईं और बोलीं, “छोड़ो, देवरजी, शरम आती है।” हम रात 11 बजे डिस्को पहुँचे। वहाँ का माहौल देखकर भाभी फुल खुश हो गई। डांस फ्लोर पे कदम रखते ही वो थिरकने लगीं। बोलीं, “देवरजी, ये तो कमाल की जगह है!”

हम डांस फ्लोर पे गए और नाचने लगे। भाभी तो डांस में उस्ताद लग रही थी। कमर मटकाकर ऐसा नाच रही थीं कि बस! नाचते-नाचते हम बहुत करीब आ गए। मैंने उनकी कमर पकड़ी और उन्हें अपनी तरफ खींच लिया। वो फुल मस्ती में थीं, कुछ बोली नहीं। मैं उनकी गांड को भी सहलाने लगा। यार, क्या मुलायम गांड थी। उनकी गांड सहलाते हुए मैंने हाथ नीचे किया और जीन्स के ऊपर से उनकी चूत पे रखकर दबाने लगा। फिर मैंने कहा, “भाभी, थोड़ा ड्रिंक करें?” वो बोलीं, “मैं नहीं पीती।” मैंने कहा, “पीकर नाचने में बड़ा मजा आता है।” वो मान गई। मैंने उनके लिए चार पैग मंगवाए। फिर हम दोबारा नाचने लगे। इस बार मैंने उन्हें और करीब खींच लिया। उनकी कमर पकड़कर नाचने लगा। नशे की वजह से वो पूरी मस्त हो गई थीं और खुलकर नाच रही थी। मैंने उनकी कमर जोर से खींची, और वो मेरे सीने से टकरा गईं। उनके चूचे मेरे सीने से चिपक गए। पहली बार मैंने उनके चूचों को अपने सीने पे महसूस किया। मेरे मुँह से “आह” निकल गई। उनके निप्पल सख्त होकर मेरे सीने में चुभ रहे थे। तभी मैंने उनके होंठों पे किस कर लिया। भाभी बोलीं, “ये क्या कर रहे हो? बस, अब बहुत नाच लिया। घर चलें।”

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मैंने उनकी बात मान ली, और हम घर के लिए निकल पड़े। कार में हम दोनों चुप थे। रात 12 बजे घर पहुँचे। भाभी को नशा चढ़ चुका था, वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। मैंने उन्हें पकड़कर फ्लैट में लाया और बेड पे लिटा दिया। नशे की वजह से उनकी आँखें बंद थीं। यार, वो इतनी मदहोश और नशीली लग रही थीं कि क्या बताऊँ। उनका चेहरा नशे से गुलाबी हो गया था। होंठ गुलाब की पंखुड़ियों जैसे, रस से भरे। साँस लेते वक्त उनके चूचे ऊपर-नीचे हो रहे थे, इतने भारी और फुले हुए कि बस। ये सब देखकर मेरा कंट्रोल खत्म होने लगा। मैंने सोचा, आज भाभी को अपनी बना लूँ। मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए, पूरा नंगा हो गया और उनके बगल में बेड पे बैठ गया।

उनकी आँखें बंद थीं, और वो नशे में सो रही थीं। मैंने उनकी जीन्स की बटन खोली, जिप नीचे की। उनकी काली पैंटी दिखने लगी। मैंने उनकी जीन्स कमर से खींचनी शुरू की। तभी उनकी आँख खुल गई। वो बोलीं, “वियान, ये क्या कर रहे हो?” मैंने कहा, “भाभी, तुम बहुत नशे में हो। मैं तुम्हारा ड्रेस चेंज कर देता हूँ, ताकि तुम्हें अच्छी नींद आए।” वो मना करने लगीं, लेकिन मैंने जबरदस्ती उनकी जीन्स खींचकर उतार दी। उन्होंने अपनी जाँघें सटाईं। जीन्स उतरते ही उनकी दूध-सी गोरी जाँघें दिखने लगी। यार, क्या टाँगें थी! उस वक्त वो दुनिया की सबसे हसीन औरत लग रही थी। उनकी जाँघें गोरी, मक्खन-सी चिकनी, और एक भी बाल नहीं। उन्हें देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया, और उससे कुछ चिपचिपा-सा निकलने लगा। भाभी हल्के-हल्के सिसकार रही थीं और जाँघें सटाकर लेटी थीं। वो बोलीं, “वियान, अब रहने दे। मैं आराम से सो जाऊँगी।” मैंने कहा, “भाभी, टॉप भी उतार देता हूँ, वरना खराब हो जाएगा।” मैंने उन्हें थोड़ा उठाया और उनका टॉप उतार दिया। अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं।

तभी भाभी ने आँखें खोलीं, और मेरे नंगे लंड को उनकी आँखों के सामने देख लिया। वो चीख पड़ीं, “वियान, तुम मेरे सामने नंगे क्यों हो?” और नजर हटा ली। मैंने कहा, “रश्मि भाभी, मैं भी अपना ड्रेस चेंज कर रहा हूँ।” मैंने उन्हें सोने को कहा और उनके बगल में नंगा ही लेट गया। मैंने अपनी टाँग उनकी टाँगों पे रख दी। मेरा लंड उनकी नाभि को छू रहा था, और मेरे टट्टे उनकी चूत के ऊपर थे। भाभी बोलीं, “वियान, प्लीज अपने रूम में सो जाओ।” मैंने कहा, “नहीं भाभी, आज मैं आपके साथ ही सोऊँगा।” मैंने उनके होंठों पे अपने होंठ रखे और जोर से चूमने लगा। उनके होंठ चूसने में इतने मीठे और नाजुक लग रहे थे। भाभी ने मुँह हटाया, लेकिन मैंने अपना लंड उनकी जाँघों पे रगड़ना शुरू कर दिया। वो बोलीं, “वियान, ये सब गलत है। मैं तेरी भाभी हूँ।”

मैंने कहा, “भाभी, बस एक बार तुम्हें प्यार कर लूँ।” मैं उनके ऊपर लेट गया और उनके होंठ फिर से चूमने लगा। चूमते-चूमते मैंने उनके होंठ खूब चूसे, फिर उनकी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और उन्हें अपना थूक पिलाया। भाभी कुछ रिएक्ट नहीं कर रही थी, उनकी आँखें बंद थीं। तभी मैंने उनके चूचे दबाने शुरू किए। उनकी ब्रा नीचे खिसकाकर एक चूचा मुँह में लिया और चूसने लगा। भाभी सिसकारने लगी। मेरा खड़ा लंड उनकी चूत पे रगड़ रहा था। फिर मैंने अचानक उनकी पैंटी उतार दी, उन्हें पता भी नहीं चला। मैंने अपनी लौड़ा उनकी नंगी चूत पे रगड़ना शुरू किया। भाभी बहुत उत्तेजित हो गईं। वो मेरी पीठ पे नाखून चुभाने लगीं और अपनी टाँगें मेरी कमर के चारों ओर लपेट दी। मैं उनके चूचों को जोर-जोर से चूस रहा था। मैंने उनकी ब्रा फाड़ दी। अब भाभी पूरी नंगी थीं।

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भाभी बोलीं, “वियान, बस मुझे चूस लो, मेरे चूचे दबा लो, लेकिन प्लीज अंदर मत डालना। मैंने अपने पति के अलावा किसी से नहीं चुदवाया।” मैंने कहा, “ठीक है भाभी, लेकिन मैं तुम्हारी चूत भी चूसना चाहता हूँ।” वो मान गईं। मैं उनकी जाँघों के बीच गया और उनकी टाँगें फैलाईं। उनकी चूत का मुँह खुल गया। यार, क्या चूत थी! उनकी तरह ही सुंदर, अंदर से गुलाबी। मुझे उनकी चूत बर्गर जैसी लग रही थी। मैंने उनकी चूत को जोर-जोर से चूसना शुरू किया। उनकी चूत गोरी थी, एक भी बाल नहीं। मैंने उनकी चूत चाटी, उनके दाने को जीभ से सहलाया। भाभी जोर-जोर से झटके लेने लगी। उनकी चूत बहुत गीली हो गई थी। वो अपनी गांड उछाल रही थी। मौका देखकर मैंने अपने लंड का सुपारा उनकी चूत के मुँह पे रखा और एक जोरदार धक्का मारा। भाभी की चीख निकल गई, और उनकी आँखों से आँसू बहने लगे। उन्हें अंदाजा नहीं था कि मैं उनकी चूत में लंड डाल दूँगा। मेरे धक्के से मेरा पूरा लंड उनकी चूत में फनफनाता हुआ घुस गया। मैं अंदर-बाहर करने लगा।

भाभी की आँखों से आँसू बह रहे थे, लेकिन उन्हें मजा भी आने लगा था। वो अपनी गांड हिलाने लगीं और मुझे अपनी बाँहों में भर लिया। बोलीं, “वियान, मुझे जोर से चोद। आज से मैं तेरी हो गई। जैसे मन करे, वैसे चोद मुझे।” ये सुनकर मेरा जोश दोगुना हो गया। मैंने चोदने की रफ्तार बढ़ा दी। भाभी जोर-जोर से चीख रही थी। तभी मैंने एक उंगली उनकी गांड में डाल दी और उन्हें और जोर से चोदने लगा। मैंने भाभी को गालियाँ दीं, “साली, तुझे रंडी बनाकर चोदूँगा। तुझे अपने बच्चे की माँ बनाऊँगा। तेरा गोरा रंग लाल कर दूँगा और जी भरके चोदूँगा।” उनकी गोरी, नंगी जवानी की सवारी करने में बड़ा मजा आ रहा था। तभी भाभी का बदन अकड़ गया, और वो झड़ गईं। मैं धक्के लगाता रहा, और फिर मेरा भी निकलने वाला था। मैंने उनकी चूत में ही अपना माल छोड़ दिया। फिर मैं नंगा ही उनके ऊपर सो गया।

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