मेरी बीवी की स्कूल में पहली चुदाई

Meri Biwi ki school me chudai ki kahani: हमारी शादी को अभी एक हफ्ता ही बीता था। सुहागरात की गर्मी अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि मेरी बीवी नीना ने मुझसे अपने दिल की बात खोल दी। वो चाहती थी कि हम दोनों के बीच कोई पर्दा न रहे, ताकि जिंदगी भर चुदाई का मस्त मज़ा लिया जाए। मैंने भी हंसी-मजाक में उससे उसकी पहली चुदाई की कहानी पूछ ली। नीना ने मासूमियत भरे अंदाज में अपनी वो कहानी सुनानी शुरू की, जो आज तक मेरे दिमाग में ताज़ा है। उसकी बातें सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए, और मैं चाहता था कि वो हर छोटी-बड़ी बात मुझे बताए।

नीना तब 18 साल की थी, बारहवीं कक्षा में पढ़ती थी। एकदम कमसिन, गोरी-चिट्टी, नाजुक सी कली, जिसके उभार देखकर कोई भी मर्द बेकाबू हो जाए। वो अपनी भाभी और भैया के साथ एक पावर-प्लांट की कॉलोनी में रहती थी। पढ़ाई में नीना तेज थी, लेकिन अंग्रेजी में थोड़ा कमजोर थी। भाभी चाहती थीं कि नीना के अच्छे नंबर आएं, इसलिए उन्होंने पड़ोस में रहने वाले विनोद से नीना की ट्यूशन की बात पक्की कर दी।

विनोद हरियाणा का जाट छोरा था, 22 साल का, लंबा-चौड़ा, मस्त अंदाज वाला। बैंक में नौकरी करता था और अकेला रहता था। उसकी शादी नहीं हुई थी, और उसका मकान कॉलोनी के एक कोने में था, जहां ज्यादा लोग आते-जाते नहीं थे। पहले दिन भाभी नीना को लेकर विनोद के घर गईं। वहां औपचारिक बातें हुईं, नीना और विनोद का परिचय हुआ। विनोद ने नीना को ऊपर से नीचे तक देखा, और उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक थी। नीना को थोड़ा अटपटा लगा, लेकिन भाभी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और थोड़ी देर बाद वापस चली गईं।

अगले दिन नीना अकेले ट्यूशन के लिए गई। उसने एक टाइट स्कर्ट और टॉप पहना था, जो उसके नाजुक जिस्म को और भी उभर रहा था। उसकी चूचियां टॉप के ऊपर से साफ दिख रही थीं, और स्कर्ट उसकी गोरी जांघों को मुश्किल से ढक पा रही थी। विनोद ने उसे देखते ही मुस्कुराया, और नीना को लगा कि आज उसका मूड कुछ अलग है। विनोद ने उसे वर्ड-मीनिंग रटने को कहा और खुद एक पत्रिका में खो गया। नीना मन ही मन घबराई हुई थी, लेकिन पढ़ाई में ध्यान लगाने की कोशिश कर रही थी।

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आधे घंटे बाद विनोद ने अचानक किताब बंद की और नीना से वर्ड-मीनिंग पूछने लगा। नीना तो अभी किताब खोलकर देख ही रही थी, भला इतनी जल्दी कैसे याद होता? विनोद ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा, “क्या नीना, तुझे कुछ नहीं आता? इतना टाइम दे दिया, फिर भी कुछ नहीं सीखा!” उसने गुस्से में नीना की तरफ हाथ बढ़ाया, जैसे थप्पड़ मारने वाला हो। नीना ने डर के मारे चेहरा पीछे खींच लिया, और विनोद का हाथ गलती से उसकी चूचियों पर जा लगा।

नीना का चेहरा शर्म से लाल हो गया। विनोद ने तुरंत अफसोस जताना शुरू किया, “अरे, सॉरी नीना! गलती से लग गया। ओह, ये तो तेरा बेशकीमती खजाना है! इसे चोट लग गई तो तेरा होने वाला पति क्या सोचेगा? और फिर बच्चों को दूध कैसे पिलाएगी?” उसकी बातें सुनकर नीना और शरमा गई, लेकिन विनोद का मस्ती भरा लहजा उसे अंदर ही अंदर गुदगुदा रहा था। विनोद ने मौके का फायदा उठाया और सहलाने के बहाने नीना की चूचियों को हल्के-हल्के दबाने लगा। उसका हाथ नीना के टॉप के ऊपर से उसकी नरम, गोल चूचियों को सहला रहा था, और नीना को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे।

पहले तो नीना ने विरोध करने की सोची, लेकिन विनोद की उंगलियां इतनी नरमी से उसकी चूचियों को दबा रही थीं कि उसका जिस्म गर्म होने लगा। उसकी सांसें तेज हो गईं, और वो धीरे-धीरे मस्ती में डूबने लगी। विनोद ने नीना की हालत भांप ली और उसकी स्कर्ट के नीचे हाथ डाल दिया। उसने नीना की गोरी जांघों को सहलाना शुरू किया, और धीरे-धीरे उसका हाथ नीना की पैंटी के पास पहुंच गया। नीना की चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी। उसने विनोद की आंखों में देखा, और उसकी आंखों में वासना की चमक साफ दिख रही थी।

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विनोद ने नीना को अपनी गोद में खींच लिया और उसका टॉप उतार दिया। नीना की गोल, नरम चूचियां अब खुली थीं, और उनके गुलाबी निप्पल सख्त हो चुके थे। विनोद ने बिना देर किए अपनी जीभ से नीना की चूचियों को चाटना शुरू किया। वो कभी एक निप्पल को मुंह में लेकर चूसता, तो कभी दूसरे को हल्के से काटता। नीना की सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं। उसने विनोद के बाल पकड़ लिए और उसे और जोर से अपनी चूचियों पर दबाने लगी।

विनोद ने नीना की स्कर्ट और पैंटी भी उतार दी। अब नीना पूरी तरह नंगी थी, और उसकी गोरी, चिकनी चूत विनोद के सामने थी। विनोद ने नीना को सोफे पर लिटाया और उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी जीभ नीना की चूत के होंठों पर फिसल रही थी, और नीना मस्ती में पागल हो रही थी। “आह… विनोद… और करो… आह…” नीना की सिसकारियां और तेज हो गईं। विनोद ने अपनी एक उंगली नीना की चूत में डाल दी और उसे अंदर-बाहर करने लगा। नीना का जिस्म कांप रहा था, और वो बार-बार विनोद का नाम पुकार रही थी।

विनोद ने अब अपने कपड़े उतारे। जब उसका लंड नीना के सामने आया, तो नीना की आंखें फटी की फटी रह गईं। विनोद का लंड कम से कम नौ इंच लंबा और मोटा था, जैसे किसी जाट छोरे का होना चाहिए। नीना को डर भी लगा, लेकिन उसकी चूत में गर्मी इतनी थी कि वो खुद को रोक नहीं पाई। विनोद ने नीना की टांगें चौड़ी कीं और अपने लंड को उसकी चूत के मुंह पर रगड़ने लगा। नीना की चूत इतनी गीली थी कि लंड आसानी से फिसल रहा था।

विनोद ने धीरे से अपने लंड का सुपारा नीना की चूत में डाला। नीना को हल्का सा दर्द हुआ, लेकिन मज़ा उससे कहीं ज्यादा था। विनोद ने धीरे-धीरे अपने लंड को और अंदर डाला, और नीना की सिसकारियां और तेज हो गईं। “आह… विनोद… धीरे… ओह…” नीना की आवाज में मस्ती और दर्द दोनों थे। विनोद ने अपनी रफ्तार बढ़ाई और नीना की चूत को जोर-जोर से पेलना शुरू किया। उसका मोटा लंड नीना की चूत को चीरता हुआ अंदर-बाहर हो रहा था, और कमरे में नीना की सिसकारियां और विनोद की हल्की-हल्की गुर्राहट गूंज रही थी।

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लेकिन विनोद को गर्भवती होने का डर था। उसने नीना की चूत में पूरा लंड डालने से परहेज किया। वो बार-बार लंड को बाहर निकाल लेता और नीना की चूत के ऊपर रगड़ता। नीना को ये अधूरी चुदाई पसंद नहीं थी, लेकिन वो विनोद की बात मान लेती थी। फिर भी, हर बार ट्यूशन के बहाने नीना और विनोद की चुदाई का सिलसिला चलता रहा। विनोद कभी नीना की चूचियों को चूसता, कभी उसकी चूत को चाटता, और कभी अपने लंड को नीना के मुंह में देता। नीना भी अब खुल चुकी थी और विनोद के साथ हर बार नई-नई मस्ती करती।

ये सिलसिला तीन साल तक चला। नीना ने मुझे बताया कि विनोद का लंड इतना तगड़ा था कि वो आज भी उसे भूल नहीं पाती। वो कहती है, “जाट का लंड अगर चूत में जाए, तो चुदाई का असली मज़ा वही दे सकता है।” मैं सुनकर हंस पड़ता हूं, लेकिन मन ही मन सोचता हूं कि क्या विनोद ने सचमुच नीना की चूत को पूरा नहीं चोदा? या नीना मुझसे कुछ छुपा रही है?

खैर, ये थी मेरी बीवी नीना की पहली चुदाई की कहानी। उसकी बातें सुनकर मेरे जिस्म में भी आग लग जाती है, और मैं नीना को उसी रात और जोर से पेलता हूं। तुम्हें ये कहानी कैसी लगी, ये तो तुम ही बताओ!

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