मामी बनी मेरी गुरु

Mami ne Bhani ko nokar se chudwaya – हेलो दोस्तों, मेरा नाम सुप्रिया है। मैं 24 साल की हूँ और हरियाणा में अपने मम्मी-पापा के साथ रहती हूँ। मैं एक बहुत ही अमीर बाप की इकलौती बेटी हूँ। मेरे पास न पैसों की कमी है, न ही किसी बात का डर। मेरी खूबसूरती ऐसी है कि लोग देखते ही रह जाते हैं। मेरा गोरा रंग, 36-24-38 की फिगर, और वो कातिलाना अंदाज़—सबके दिलों की धड़कन रुक सी जाती है। मेरे बाल लंबे, रेशमी, और कमर तक लहराते हैं। मेरी आँखें बड़ी-बड़ी, जैसे काजल से सजी हों, और होंठ इतने गुलाबी कि हर कोई बस देखता रह जाए।

ये कहानी तब की है जब मैं 19 साल की थी और कॉलेज में पढ़ रही थी। कॉलेज में मुझे कई लड़कों से ऑफर आए। मन तो बहुत करता था कि हाँ कह दूँ, लेकिन दिल में डर भी था। मैंने कभी हिम्मत नहीं जुटाई। एक दिन मैंने मम्मी-पापा की बातें सुन लीं। पापा मम्मी से कह रहे थे, “सुप्रिया अब जवान हो गई है। इसे थोड़ा मॉडर्न बनाओ। ये तो चर्च की नन जैसी बनकर रहती है।”

पापा की ये बात सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं सोचने लगी कि मेरे पापा मेरे लिए इतना सोचते हैं। तभी मम्मी बोलीं, “तुम ठीक कह रहे हो। मैं इसे 15 दिन के लिए मुंबई ले जाऊँगी। वहाँ इसके मामा-मामी रहते हैं। वो लोग इसे सब सिखा देंगे। और तुम इसे थोड़ा डाँटते रहना ताकि ये मॉडर्न कपड़े पहनने से मना न करे।”

मम्मी की बात सुनकर मैं खुशी से फूलों सी खिल गई। मैं अपने कमरे में चली गई और सोने की कोशिश करने लगी। सुबह उठकर नहा-धोकर मैं डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करने बैठी। तभी मम्मी ने पापा से कहा, “हम 15 दिन के लिए मुंबई जा रहे हैं।” मैंने कहा, “मम्मी, छुट्टियों में चलेंगे ना?” लेकिन मम्मी कहाँ मानने वाली थीं। अगले दिन सुबह हम मुंबई की फ्लाइट से वहाँ पहुँच गए।

मेरी मामी बहुत ही मॉडर्न ख्यालों वाली हैं। वो मामा जी की मर्जी से साड़ी को कमर के नीचे बाँधती हैं और छोटे-छोटे ब्लाउज़ पहनती हैं, जो उनकी फिगर को और निखारते हैं। उनकी उम्र करीब 35 साल होगी, लेकिन वो 25 की लगती हैं। उनका फिगर 34-26-36 है, और उनकी चाल में एक अजीब सा नशा है। मुझे मेरे मामा-मामी बहुत पसंद हैं। जब हम उनके घर पहुँचे, तो मामी ने मुझे गले से लगा लिया और मेरे गाल पर चूम लिया। उनकी खुशबू और गर्मजोशी ने मुझे तुरंत सहज कर दिया।

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हम सब बैठकर ढेर सारी बातें करने लगे। दोपहर में मैंने सोने का नाटक किया क्योंकि मैं थोड़ा रेस्ट करना चाहती थी। नींद तो आ नहीं रही थी। तभी मैंने मम्मी और मामी की बातें सुन लीं। मम्मी बता रही थीं कि मुझे मुंबई क्यों लाए हैं। मामी ने हँसते हुए कहा, “तू फिक्र मत कर। मैं इसे नंगी कर दूँगी, लेकिन तू बीच में कुछ मत बोलना।”

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उनकी बात सुनकर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे। मैंने सोच लिया कि अब तो जवानी का असली मज़ा आएगा। शाम को जब मैं उठी, तो मामी ने कहा, “चलो, मैं तुम्हें बाज़ार घुमाने ले चलती हूँ।” मैं तुरंत तैयार हो गई।

मामी मुझे एक बड़े मॉल में ले गईं। वहाँ उन्होंने मेरे लिए लो-वेस्ट जीन्स, शॉर्ट टॉप, स्कर्ट, और हाई हील सैंडल खरीदे। मामी ने कहा, “चल, ये जीन्स और टॉप ट्राई कर।” मैंने थोड़ा नखरा करते हुए कहा, “ये तो लूज़ है।” और एक नंबर छोटा साइज़ ले लिया। जीन्स इतनी टाइट थी कि मेरी गांड और बूब्स जैसे बाहर निकल रहे हों। टॉप भी इतना छोटा था कि मेरी नाभि साफ दिख रही थी। हाई हील सैंडल पहनकर मेरी चाल में एक अलग ही ठुमक आ गया।

मामी ने मुझे उसी तरह पूरे मॉल में घुमाया। हर किसी की नज़र मुझ पर टिकी थी। मुझे अच्छा तो लग रहा था, लेकिन मैंने नाटक करते हुए कहा, “मामी, ये तो बहुत शॉर्ट है। सब कुछ दिख रहा है।”

मामी ने हँसकर कहा, “अरे, यही तो मज़ा है। आदत डाल ले।” घर लौटते वक्त ड्राइवर भी मुझे घूर रहा था। घर पहुँचते ही मम्मी ने मुझे देखा और बोलीं, “ये क्या है?”

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मैंने तपाक से जवाब दिया, “हाँ हाँ, एक तो आप खुद मॉडर्न कपड़े पहनवाना चाहते हो, और अब नाटक कर रहे हो।” मन ही मन मैं सोच रही थी कि अगर मुझे जीन्स पहनने की खुली छूट मिल गई है, तो अब तो मैं सेक्स का मज़ा लूँगी। देखती हूँ, मेरे अंदर कितना दम है और मैं कितनों को पटा सकती हूँ।

शाम को जब मामा आए, तो मैंने स्कर्ट और टॉप पहनकर उन्हें दिखाया। उनकी आँखों में एक चमक सी आई, और मैंने गौर किया कि उनका लंड खड़ा हो गया था। मैं मामी के पास गई, तो उन्होंने कहा, “वाह, जान, एकदम परफेक्ट साइज़ लिया है।”

मैंने कहा, “हाँ मामी, आप तो मेरे दिल की बात समझ गईं। बस, मम्मी को मत बताना।”

मामी ने हँसते हुए कहा, “तू फिक्र मत कर। अब मैं तुझे सब सिखा दूँगी। कैसे फ्लर्ट करना है, कैसे अपनी खूबसूरती का फायदा उठाकर लोगों को पागल करना है। ये ऐसी खूबसूरती है, जिसे देखकर तो बाप भी दीवाना हो जाए।”

फिर वो बोलीं, “और सुन, मर्द को भगवान ने चोदने के लिए बनाया है, और औरत को चुदवाने के लिए। जितना मज़ा ले सकती है, ले ले। एक मर्द लंड डालेगा, चूत मारेगा, बूब्स दबाएगा, और फिर ढीला पड़ जाएगा। लेकिन एक औरत एक साथ आठ लंड ले सकती है और अपनी प्यास बुझा सकती है।”

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मैं उनकी बात सुनकर हैरान थी। मैंने कहा, “क्या मामी, आप भी?”

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मामी ने जवाब दिया, “देख, अगर मर्दों से पैसे निकलवाने हों, तो घर में छोटे कपड़े पहनकर नौकर के सामने आया कर। हर मर्द चाहता है कि उसकी बीवी का नंगा बदन कोई और न देखे। फिर वो खुद ही तुझ पर पैसे लुटा देगा। वैसे भी, मैंने तेरे मामा जी से बात की है। जब तक तू यहाँ है, तुझे छोटे कपड़ों में ही रखना है। और हाँ, 4-5 लंडों का स्वाद भी चखवा दूँगी।”

मैं उनकी बात सुनकर खुश हो गई। मैंने सोच लिया कि घर पर रहते हुए मैं एक नौकर को पटा लूँगी। अगले दिन सुबह सभी कहीं बाहर चले गए, लेकिन मैं घर पर ही रुक गई। मैंने नहाकर एक छोटी सी स्कर्ट और खुला सा शॉर्ट टॉप पहन लिया। स्कर्ट इतनी छोटी थी कि मेरी जाँघें पूरी तरह नज़र आ रही थीं। टॉप में मेरे बूब्स जैसे बाहर निकलने को बेताब थे। मैंने जानबूझकर नौकर रामू को अपना गोरा-चिकना बदन दिखाना शुरू किया।

मैं किचन में गई और जानबूझकर सामान उठाने के लिए झुकी, ताकि मेरी स्कर्ट ऊपर उठे और मेरी चिकनी जाँघें और गांड का कुछ हिस्सा दिखे। रामू किचन में आया और मुझे देखकर रुक गया। उसकी आँखें मेरे बदन पर टिकी थीं। करीब तीन घंटे बाद, जब मैं किचन में थी, रामू ने पीछे से मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया। उसने मेरे बूब्स ज़ोर से दबाए और मेरे गाल पर चूमते हुए कहा, “साली हरामखोर, कितने दिन से मेरे लंड को तड़पा रही है। इधर-उधर अपना नंगा जिस्म दिखाकर। अब तो रात में कुतिया की तरह चुदेगी। माली और वॉचमैन के लंड भी दूँगा तुझे। तेरी चूत, गांड, और मुँह सब पानी से भर देंगे।”

मैंने हँसते हुए कहा, “बस गोलियाँ ही मारता रहेगा, या कुछ करेगा भी? मेरी जवानी का फायदा तो उठा, ताकि मुझे भी मज़ा आए।”

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मेरी बात सुनकर रामू हैरान रह गया। उसे समझ नहीं आया कि उसने मुझे शिकार बनाया या मैंने उसे। शाम तक रामू ने मेरे बूब्स चार बार दबा दिए थे। मेरे बदन में आग सी लग रही थी। उसने मुझे रात की बात याद दिलाई, तो मैं हँस पड़ी और बोली, “देखते हैं, रात में तू मुझे हराता है या मैं तुझे।”

शाम को मामी घर आईं। मुझे सुबह वाले कपड़ों में देखकर वो खुश हो गईं। उन्होंने कहा, “वाह, समझदार हो गई है। आज रात तेरी मम्मी देर से आएगी। हमें डिस्को जाना है। और हाँ, मुझसे एक बात भी करनी है। चल, मेरे साथ।”

मामी ने रामू से चाय मँगवाई और मुझे बालकनी में ले गईं। उन्होंने एक काली शॉर्ट ड्रेस पहनी, जिसमें वो इतनी सेक्सी लग रही थीं कि रामू चाय लाने के बाद उन्हें घूरने लगा। मामी ने कहा, “क्या, पहले नंगा जिस्म नहीं देखा जो अब घूर रहा है?”

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रामू ने जवाब दिया, “मालकिन, आप बहुत मस्त लग रही हो। ऐसी ड्रेस छोटी मालकिन को भी दिला दो।”

मामी ने मेरी ओर देखते हुए कहा, “मतलब तूने सुप्रिया पर हाथ डाल ही दिया। ठीक है, 10 दिन तक वो यहाँ है। फिर तू इसे बाहर घुमा लेना और ड्रेस दिला देना।”

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मैं उनकी बात सुनकर हैरान थी। फिर मामी ने मुझसे कहा, “सुप्रिया, आज डिस्को में देखना, कितने मर्द मेरे बूब्स और चूतड़ दबाते हैं। मैं कितनों को दीवाना बनाती हूँ। और रामू की बात रही, उसका लंड मैं मुँह में लेकर चूस लेती हूँ। महीने में दो बार चुदवा भी लेती हूँ। ये बात तेरे मामा जी भी जानते हैं।”

फिर उन्होंने रामू से कहा, “रामू, इसे ऐसे ही आधे नंगे कपड़ों में बाज़ार ले जाना, ताकि इसका डर ख़त्म हो जाए। अगर कोई इसके बूब्स पर हाथ लगाए, तो रोकना मत। बस इसे संभाल लेना।”

मुझे मामी की बात अजीब लगी, लेकिन वो मुझे मॉडर्न बनाना चाहती थीं, इसलिए मैं चुप रही। मैंने उन्हें रामू के साथ रात वाली बात बता दी। मामी ने मुझे रात को उसके पास जाने की इजाज़त दे दी और कहा, “सुबह जल्दी अपने कमरे में आ जाना। और रामू, रात भर सिर्फ़ इसका मुँह ही चोदना। चूत को सिर्फ़ एक बार चोदना।”

रामू ने कहा, “मेरा तो इसे सारी रात चोदने का प्लान था, लेकिन आपने सब बिगाड़ दिया।”

मामी ने हँसकर कहा, “तू टेंशन मत ले। मुझे बुला लेना। मेरी गांड भी मार लेना। लेकिन हाँ, इसे तूने ही ट्रेन करना है, ताकि ये कुल्लू को भी दे सके और असली औरत का मज़ा ले सके।”

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मैं उनकी बात समझ नहीं पाई कि ये कुल्लू कौन है। मामी ने कहा, “चल, तैयार हो जा। इसके बारे में कल बताएँगे।”

मैंने एक छोटी सी स्कर्ट और टॉप पहना। मैंने नीचे कुछ नहीं पहना। स्कर्ट मुझे थोड़ी बड़ी लगी, तो मामी ने अपनी अलमारी से एक और छोटी स्कर्ट दी, जो उनकी भी कमर से नीचे थी। मैंने हाई हील सैंडल पहने और रामू के लंड को एक बार दबाकर बाहर आ गई। जब मैं कार के पास पहुँची, तो सबकी आँखें फटी की फटी रह गईं।

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