Cuckold Husband ne Biwi ko Nigro se chudwaya: मैं, अशोक, उम्र 48 साल, एक मध्यमवर्गीय आदमी हूँ, जो अपनी जिंदगी में सुख-चैन की तलाश में रहता है। मेरी बीवी, रेखा, 35 साल की है, गोरी, भरे हुए बदन वाली, और उसकी आँखों में हमेशा एक चंचल सी चमक रहती है। उसका फिगर 36-28-38 है, और जब वो चलती है तो उसकी गांड का उछाल किसी का भी ध्यान खींच लेता है। हमारी शादी को 10 साल हो चुके हैं, लेकिन उम्र के इस फासले ने हमारी जिंदगी में एक अजीब सा तनाव पैदा कर दिया था। खासकर बिस्तर पर। मैं उसकी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा था। हर बार जब मैं चुदाई की बात करता, रेखा मुँह फुलाकर मना कर देती।
वो कहती, “अरे, जब तुम्हारा लंड खड़ा ही नहीं होता, तो क्यों मेरी चूत में आग लगाते हो? चुपचाप सो जाओ!” उसकी ये बातें मेरे दिल में चुभती थीं, लेकिन मैं चुप रहता। दिन बीतते गए, और मेरी बीवी की खामोश नाराजगी बढ़ती गई। मैं जानता था कि उसे औरत की तरह प्यार चाहिए, वो आग चाहिए जो मैं अब बुझा नहीं पा रहा था।
एक दिन मेरी कंपनी में साउथ अफ्रीका से एक क्लाइंट आने वाला था। उसका नाम था जॉन, लेकिन मैं उसे प्यार से कालू बुलाता था। वो 22 साल का जवान, लंबा-चौड़ा, काला-कलूटा, करीब 6 फीट का नौजवान था। उसकी मांसपेशियाँ तनी हुई थीं, और चेहरा ऐसा कि देखकर लगता था जैसे वो जंगल का कोई शेर हो। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जो मुझे लगा कि रेखा को जरूर पसंद आएगी। मेरे दिमाग में एक शैतानी आइडिया आया। अगर मैं रेखा को इस कालू से चुदवा दूँ, तो शायद उसकी चूत की प्यास बुझ जाए, और मुझे भी लाइव चुदाई का मजा देखने को मिले।
उस दिन दोपहर 12 बजे जॉन हमारी फैक्ट्री में आया। हमने उसका गर्मजोशी से स्वागत किया। मालिक ने उसे मेरे साथ काम पर लगा दिया। हम देर रात तक काम करते रहे, और रात के 10 बज गए। मेरी पुरानी बाइक स्टार्ट नहीं हो रही थी। जॉन ने देखा और पूछा, “क्या प्रॉब्लम है, अशोक?” मैंने हँसकर कहा, “कुछ नहीं, बस बाइक जरा नखरे कर रही है।” उसने अपने होटल का रास्ता पूछा, लेकिन इतनी रात को उसे समझ नहीं आ रहा था। मैंने मौके का फायदा उठाया और कहा, “अरे जॉन, इतनी रात को कहाँ जाओगे? आज रात मेरे घर चलो, आराम से रहना।”
वो थोड़ा सोच में पड़ गया, फिर बोला, “ठीक है, चलो।” मैंने उसे उसकी कार में बिठाया और घर की ओर चल पड़ा। रास्ते में मैंने रेखा को मैसेज किया, “आज मेरा एक खास मेहमान घर आ रहा है। उसकी खातिरदारी में कोई कसर मत छोड़ना।” रेखा का जवाब आया, “ओके, तुम टेंशन मत लो।” मैं जानता था कि रेखा मेहमाननवाजी में कोई कमी नहीं छोड़ती। रास्ते में एक शराब की दुकान दिखी। मैंने जॉन से उसकी पसंद पूछी। उसने एक विदेशी ब्रांड का नाम लिया। मैंने वो बोतल खरीदी और घर की ओर बढ़ गया।
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घर पहुँचते ही रेखा ने दरवाजा खोला। उसने एक जालीदार गाउन पहना हुआ था, जो इतना पतला था कि उसकी काली ब्रा और पैंटी साफ दिख रही थी। उसका भरा हुआ बदन उस गाउन में और भी सेक्सी लग रहा था। जॉन ने उसे एकटक देखा, और उसकी आँखों में वासना की चमक साफ दिखी। रेखा ने भी उसे निहारा, और मुझे लगा कि उसका दिल कालू पर आ गया है।
हम अंदर आए। मैंने और जॉन ने शराब पीना शुरू किया। रेखा को भी शराब से कोई परहेज नहीं था। वो हमारे लिए गर्मागर्म पकौड़े लेकर आई। जॉन ने उसे एक पैग ऑफर किया, और उसने बिना हिचक के ले लिया। मैंने कनखियों से देखा कि जॉन रेखा की चूचियों को घूर रहा था, और रेखा भी जानबूझकर झुक-झुककर अपने दूध दिखा रही थी। मेरे दिमाग में शैतानी चल रही थी। मैंने सोचा, “साली, मुझे तो चूत नहीं देती, आज कालू के लंड से इसकी चुदाई हो जाए, तो कम से कम मुझे लाइव ब्लू फिल्म तो देखने को मिलेगी।”
मैंने ज्यादा शराब पीने का नाटक किया। कुछ देर बाद मैंने रेखा से कहा, “यार, मुझे नशा हो गया है। मुझे बिस्तर पर लिटा दे।” रेखा ने नशीली आवाज में कहा, “अरे, जरा सी दारू में टुन्न हो गए? चलो, उठो।” उसने मुझे उठाने की कोशिश की, और मैंने जानबूझकर उसका गाउन इस तरह पकड़ा कि उसकी चूचियाँ आधी से ज्यादा बाहर आ गईं। जॉन की आँखें चमक उठीं। रेखा को इस बात से जरा भी फर्क नहीं पड़ा। उसने जॉन को आवाज दी, “प्लीज, हेल्प मी!”
जॉन फटाक से उठा और मुझे पकड़ने के बहाने रेखा की गांड पर हाथ रखकर दबा दिया। रेखा ने सिर्फ “उंहुं” कहा और मुस्कुरा दी। उन दोनों ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। मैं नशे का नाटक करता रहा, लेकिन अपनी आँखें हल्की सी खोलकर सब देख रहा था।
जॉन ने अपनी जेब से सिगरेट निकाली और सुलगाकर रेखा की ओर धुआँ छोड़ा। रेखा हँस पड़ी। दोनों एक-दूसरे को ताड़ रहे थे, लेकिन हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। जॉन ने पूछा, “मैं कहाँ सोऊँगा?” रेखा ने आँख मटकाते हुए कहा, “यहीं, इनके बगल में लेट जाओ।” जॉन ने पूछा, “और तुम कहाँ सोओगी?” रेखा बोली, “मैं भी यहीं बगल में लेट जाऊँगी।”
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वो बिस्तर पर लेट गई। जॉन ने अपनी पैंट उतारी, और उसकी चड्डी में उसका लंड साफ उभर रहा था। रेखा की नजर उस पर पड़ी, और उसकी साँसें तेज हो गईं। जॉन ने अपनी शर्ट भी उतार दी। उसकी चौड़ी, मांसल छाती देखकर रेखा की आह निकल गई। वो बोली, “यू लुक माचो मैन!” मैंने मन में सोचा, “माचो नहीं, रंडी, ये मादरचोद है। आज तेरी चूत का भोसड़ा बना देगा।”
जॉन रेखा के बगल में सिर्फ कच्छे में लेट गया। दोनों में बातें शुरू हो गईं। रेखा को उससे बात करने में मजा आ रहा था। मैं भी उनकी चुदाई देखने को बेताब था। दोनों ने आँखें मूँदकर सोने का नाटक शुरू किया। रेखा ने अपने घुटने मोड़े और गाउन को जांघों तक चढ़ा लिया। उसकी गोरी, चिकनी जांघें चमक रही थीं।
कुछ देर बाद जॉन ने आँखें खोलीं और रेखा की जांघों को देखा। उसे हरी झंडी मिल गई। उसने धीरे से अपना हाथ रेखा की जांघ पर रखा और सहलाने लगा। रेखा ने कोई विरोध नहीं किया। उसने अपनी टांगें और फैला दीं। जॉन का हाथ अब सीधे उसकी चूत पर चला गया। रेखा की चूत पहले से ही गीली थी। उसकी साँसें तेज हो रही थीं। जॉन ने अपनी उंगली से रेखा की चूत के दाने को सहलाना शुरू किया, फिर धीरे-धीरे उंगली अंदर-बाहर करने लगा।
मैंने देखा कि रेखा ने कब अपनी डोरी वाली पैंटी ढीली कर ली थी। उसकी चूत पूरी तरह नंगी थी। जॉन की उंगली अब उसकी चूत को चोद रही थी। रेखा की सिसकारियाँ शुरू हो गईं, “आह… उह… और करो…” वो जॉन का हाथ पकड़कर और जोर से अपनी चूत पर दबाने लगी।
रेखा ने जॉन को इशारा किया कि वो उसकी चूत चाटे। जॉन तुरंत उठा और 69 की पोजीशन में आ गया। उसने अपना मुँह रेखा की चूत पर रखा और कुत्ते की तरह चाटने लगा। उसकी लंबी, खुरदरी जीभ रेखा की चूत के हर कोने को चाट रही थी। रेखा की सिसकारियाँ अब चीखों में बदल गईं, “आह… उई… मम्मी… और चाटो… आह…” वो अपने हाथ से जॉन का लंड उसकी चड्डी से निकालकर सहलाने लगी।
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मैंने जॉन का लंड देखा तो मेरी आँखें फटी रह गईं। साला, 11 इंच का मूसल जैसा लंड था, मोटा, काला, और नसों से भरा हुआ। मैं समझ गया कि आज रेखा की चूत के परखच्चे उड़ने वाले हैं। जॉन ने अपनी चड्डी उतार दी और रेखा से बोला, “इसे चूसो।” रेखा ने उसका लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। जॉन ने शराब की बोतल उठाई और अपने लंड पर डालने लगा। रेखा शराब के साथ उसका लंड चूस रही थी। उसने सिगरेट का कश लिया और फिर लंड चूसने में लग गई।
करीब 10 मिनट तक लंड चूसने के बाद रेखा पूरी तरह टल्ली हो चुकी थी। जॉन ने भी एक बड़ा घूँट पिया और रेखा के मुँह से मुँह लगाकर उसे और शराब पिलाई। अब रेखा पूरी तरह नशे में थी। उसने जॉन से कहा, “अब चोदो मुझे… मेरी चूत को फाड़ दो…”
जॉन ने रेखा की दोनों टांगें फैलाईं और 69 की पोजीशन में उसकी चूत पर अपना लंड रखा। उसने एक जोरदार धक्का मारा। उसका मूसल लंड रेखा की चूत को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया। रेखा की चीख निकलने वाली थी, लेकिन जॉन ने उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया। रेखा ने अपने दाँत भींच लिए और दर्द सहने लगी। कुछ देर बाद उसने अपनी गांड उठाई और दूसरा धक्का मारने का इशारा किया।
जॉन ने और जोर से धक्का मारा। इस बार उसका लंड चूत की जड़ तक घुस गया। रेखा की आँखों में आँसू आ गए, लेकिन वो दर्द को बर्दाश्त कर रही थी। “आह… उई… मर गई…” वो बड़बड़ाने लगी। जॉन ने अब ताबड़तोड़ धक्के शुरू कर दिए। उसका लंड रेखा की चूत में सटासट अंदर-बाहर हो रहा था। “चप… चप… चप…” की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। रेखा की चूत अब गीली हो चुकी थी, और चिकनाई की वजह से लंड आसानी से अंदर-बाहर होने लगा।
रेखा को अब मजा आने लगा। वो चिल्लाने लगी, “आह… और जोर से… फाड़ दो मेरी चूत को… आह… क्या लंड है तेरा…!” जॉन सांड की तरह रेखा पर चढ़ा हुआ था। उसका हर धक्का रेखा की चूत को भोसड़ा बनाने की कोशिश कर रहा था। रेखा भी अपनी गांड उछाल-उछालकर लंड ले रही थी। “आह… उह… और चोद… मादरचोद… मेरी चूत को भोसड़ा बना दे…” वो गालियाँ दे रही थी, और जॉन को उसकी बातें समझ नहीं आ रही थीं। वो बस और जोर से पिल पड़ा।
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करीब 40 मिनट तक लगातार चुदाई के बाद रेखा निढाल हो गई। उसने जॉन से लंड बाहर निकालने को कहा। जॉन ने लंड निकाला तो वो रेखा के चूत के रस से चमक रहा था। जॉन ने रेखा से घोड़ी बनने को कहा। रेखा घोड़ी बनी, और जॉन ने उसकी गांड के छेद पर अपना लंड रखकर धक्का मारा। रेखा की चीख निकलने वाली थी, लेकिन जॉन ने उसका मुँह दबा रखा था। उसने लगातार धक्के मारे, और रेखा की गांड फटने लगी। “आह… मादरचोद… आराम से… मेरी गांड फट गई…” रेखा चीख रही थी, लेकिन जॉन पर कोई असर नहीं था।
आधे घंटे तक गांड चोदने के बाद जॉन रेखा की गांड में ही झड़ गया। वो हाँफते हुए बगल में लेट गया। रेखा की हालत खराब थी। वो दर्द से कराह रही थी। आधे घंटे बाद दोनों फिर उठे और चुदाई का खेल दोबारा शुरू हो गया। सुबह तक दोनों ने कई बार चुदाई की और थककर नंगे ही सो गए।
सुबह मैं उठा तो रेखा की चूत को देखा। उसकी चूत अब भोसड़ा बन चुकी थी। मैं हँस पड़ा और फिर सो गया। नौ बजे रेखा और जॉन उठे। रेखा ने जॉन को बाथरूम में बुलाया, और दोनों नंगे नहाने लगे। नहाकर रेखा ने दूसरा गाउन पहना और चाय बनाने लगी। चाय पीते-पीते दोनों फिर भिड़ गए। जॉन ने रेखा को गोद में बिठाया और उसकी चूचियाँ मसलने लगा। रेखा ने अंग्रेजी में पूछा, “आज रुक जाओ ना?” जॉन बोला, “नहीं, मेरी फ्लाइट है।” रेखा ने कहा, “जाने से पहले मेरी चूत एक बार और फाड़ दे।”
जॉन ने अपना लंड रेखा के हाथ में दिया। रेखा उसे सहलाने लगी। दोनों फिर 69 में आ गए। रेखा जॉन का लंड चूस रही थी, और जॉन उसकी चूत चाट रहा था। एक घंटे की चुदाई के बाद दोनों थक गए। रेखा पूरी तरह संतुष्ट थी।
जॉन के जाने के बाद मैंने रेखा से कहा, “मैंने ही जॉन को तुम्हारे लिए लाया था, ताकि तुम्हारी प्यास बुझ जाए।” रेखा मुझसे लिपट गई और बोली, “तुम बहुत अच्छे हो।”
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तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी ये चुदाई की कहानी? जरूर बताइए।
Agar kisi pati ko apni patni ko sex santushti deni hai aur ussey ik badey aur motey lund se chudwana hai toh msg karo … haryana ka desi saand … pura maja dega …
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