मैडम के घर जाके चोदा

हाय, मेरा नाम संदीप है। मैं अभी बेंगलुरु में रहता हूँ और ये मेरा पहला संदेश है आप लोगों के पास। इसका मतलब ये नहीं कि ये मेरा पहला सेक्स अनुभव है। इससे पहले मैंने बहुत सेक्स किया है लड़कियों और आंटियों से भी। पहले मैं अपना परिचय देता हूँ। रंग गोरा, ५.६ इंच लंबा, २४ साल का, ग्रेजुएट। और एक बात जो आप लोगों को शायद बुरी भी लगे कि मैं अपनी तारीफ ज्यादा करता हूँ मगर ये सच है कि मैं अपने हाई स्कूल से लेकर स्नातक होने तक हैंडसम नाम से ज्यादा फेमस था भुवनेश्वर में। और जो लड़कियाँ मेरे साथ सेक्स एनकाउंटर में रात गुजारती थीं वो मेरे साथ टाउन में घूमने के लिए भी ख्वाहिश रखती थीं। खैर मैं अपने बारे में कुछ ज्यादा ही बोल रहा हूँ ये तो आपको मुझसे मिलने के बाद ही पता चलेगा कि मैं कितनी अच्छी तरह से स्थिति संभाल लेता हूँ।

ये स्टोरी तीन साल पुरानी है तब मेरे परिवार के साथ मैं मेडिकल कॉलोनी में रहता था और मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। तभी मेरे पड़ोस में एक परिवार का आगमन हुआ। फैमिली में पति, पत्नी और एक तीन साल का बच्चा। वैसे भी कॉलोनी में और भी कई भाभियाँ थीं पर नई भाभी के सामने सब फीका पड़ने जैसा लगता क्योंकि वो नए थे तो मैं कभी-कभी उनका मार्केटिंग भी कर लेता। मुझे घूमने का मौका मिल जाता और आंटी को देखने का और कभी-कभी थोड़ा-थोड़ा छूने का भी। इसी बीच एक महीना बीत गया और भाभी हमारे घर के साथ भी घुल-मिल गईं। उनके पति और पापा में भी गहरी दोस्ती हो गई। एक दिन एक शादी में हमें और भाभी को भी न्योता मिला था पर मम्मी को कुछ काम था सो भाभी भी जाने के लिए मना कर दिया। सो पापा और भैया (भाभी के पति) चले गए। पार्टी कॉलोनी से तीस किलोमीटर की दूरी पर थी और आते वक्त जोर की बारिश के वजह से पापा ने रात के करीब नौ बजे मम्मी को फोन में कहा कि मुझे आंटी के घर जाकर सोने के लिए।

फिर क्या मैं खाना खाकर दस बजे भाभी के घर चला गया। घंटी बजाई और भाभी ने झट से दरवाजा खोल दिया। तभी मैं भाभी को देखकर दंग रह गया। अरे बातों-बातों में मैं तो भाभी का फिगर आउट भी नहीं कर पाया। गोरी-चिट्टी, लंबे घने बाल, ब्रेस्ट आगे जितना, गांड उतना पीछे, शॉर्ट कट बोले तो ३६-३०-३६, ५.३ इंच लंबी, इतने सारे फिगर के साथ-साथ काली नाइटी, जैसे लगा कि आसमान की कोई परी नीचे घूमने आई हो। फिर हम दोनों अंदर आ गए भाभी ने कहा तुम बैठो मैं दूध लाती हूँ, मैं वहीं सोफे पर बैठ गया। थोड़ी देर में भाभी दूध लेकर आ गई एक गिलास मुझे दिया और एक गिलास खुद लेकर मेरे पास सोफे पर बैठ गई। और एक अंग्रेजी फिल्म देखने लगे जिसमें सिर्फ दो-तीन किसिंग सीन ही थे, उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या संदीप तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं।

मैं घबरा गया कि भाभी क्या पूछ रही हैं क्योंकि इससे पहले कभी ऐसी बात हमारे उनके बीच में नहीं हुई थी। मैंने इंकार में सर हिला दिया तो कहने लगी कि तुम तो लड़कियों की तरह शरमा रहे हो, मैंने कहा नहीं भाभी ऐसी कोई बात नहीं है। तो उन्होंने कहा कि एक बात बताओ तुमने आज तक कभी किसी लड़की या औरत को नंगा देखा है तो मैंने जानबूझकर कहा नहीं भाभी आज तक नहीं देखा है, वो मेरे बगल में बैठी थी और जब बातें कर रही थी तो मैं बार-बार उनके मम्मों की तरफ देख रहा था, भाभी ने मुझे देखते हुए देख लिया था, वो बोली अगर देखना है तो मुझसे कहो मैं तुम्हें ऐसे ही दिखा दूँगी। मैं घबरा गया कि भाभी क्या बोल रही है, उसके बाद भाभी ने मेरे चेहरे पर हाथ रखते हुए बोला कभी किसी के साथ कुछ किया है या नहीं।

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तभी मेरे अंदर का जानवर जाग गया तो मैंने भाभी से कहा कि मैं आपको किस करना चाहता हूँ और कहते हुए उनके चेहरे को अपनी तरफ खींचकर उनके होंठों पर किस करने लगा, उनके होंठ बहुत ही नशीले थे, मैं उनके होंठों को चूसने लगा और भाभी मेरे होंठों को चूसने लगी, दोनों करीब पंद्रह मिनट तक ऐसे ही किस करते रहे उसके बाद भाभी बोली कि तुम तो कह रहे थे कि तुमने कभी कुछ नहीं किया है लेकिन तुम्हें देखकर लगता नहीं है कि तुमने कभी कुछ नहीं किया है। मैं कुछ नहीं बोला और भाभी की ब्रा एक बटन को खोलकर उनके मम्मे को हल्का-हल्का दबाने लगा, उनको भी अच्छा लग रहा था इसलिए कुछ नहीं बोली।

फिर मैंने उनकी ब्रा को पूरा खोल दिया तो भाभी कहने लगी तुम तो बहुत तेज हो, पहले तो तुमने किस करने को कहा और अब मेरे मम्मे दबाने लगे, मैंने कहा भाभी आप बहुत खूबसूरत हो और मैं आपको चोदना चाहता हूँ, कहके भाभी की एक मम्मी पर अपना मुँह लगाकर चूसने लगा और दूसरे मम्मे को अपने हाथ से दबाने लगा, भाभी भी मस्ती में आकर ऊऊउह्हहाआआ और जोर से चूसो संदीप बहुत अच्छा लग रहा है चूसते रहो ऊऊऊह्हाआआआ मजा आ रहा है संदीप जोर से चूसो और जोर से। मैं अपने पूरे स्पीड से भाभी के मम्मों को चूसने लगा, तभी वो सिर्फ पैंटी में ही थी, मम्मे चूसते हुए मैंने अपने हाथ भाभी के पैंटी के अंदर डालकर उनकी जांघों को सहलाने लगा तब तक भाभी मस्त हो चुकी थी, भाभी की जांघों को सहलाते हुए मैंने उनकी चूत को भी हल्के-हल्के सहलाने लगा, भाभी मस्ती में आअह्हह्हह्हह ह्हह्हह्हह्ह ऊऊऊउफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ आवाज निकाल रही थी।

एक तरफ उनके निप्पल से दूध निकल रहा था और दूसरी तरफ उनके निप्पल को मसल रहा था। मैंने धीरे-धीरे अपनी उंगली उनकी चूत में डालनी शुरू की, पहले तो सिर्फ ऊपर से सहला रहा था लेकिन अब अंदर की गर्मी महसूस कर रहा था। भाभी की चूत पहले से ही गीली हो रही थी, जैसे-जैसे मैं उंगली अंदर-बाहर करता, उनकी साँसें तेज होती जातीं। “ओह संदीप, ऐसे मत करो… आह्ह… ये क्या कर रहे हो?” वो हल्के से विरोध करतीं लेकिन उनके शरीर की हरकत बता रही थी कि उन्हें मजा आ रहा है। मैंने अपनी उंगली की स्पीड बढ़ाई, अब दो उंगलियाँ डालकर घुमाने लगा, उनकी चूत की दीवारें मेरी उंगलियों को जकड़ रही थीं। भाभी की आँखें बंद हो गईं और वो कमर ऊपर उठाकर मेरी उंगलियों का साथ देने लगीं। करीब एक घंटे तक मैं उनके निप्पलों को चूसता रहा और चूत में उंगली करता रहा, उनकी चूत पूरी तरह गीली हो गई थी, जैसे कोई झरना बह रहा हो।

फिर मैंने उनके पेट पर किस करना शुरू किया, धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ता गया। उनकी नाभि पर जीभ फेरते हुए मैंने उन्हें और उत्तेजित किया। भाभी की साँसें तेज हो रही थीं, “संदीप… नीचे मत जाओ… आह्ह… उफ्फ…” लेकिन मैं नहीं रुका। मैंने उनकी पैंटी को धीरे से नीचे सरका दिया और उनकी चूत के पास पहुँच गया। उनकी चूत गुलाबी और गीली थी, मैंने पहले हल्के से जीभ से छुआ, भाभी का शरीर झनझना उठा। फिर मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत के होंठों पर फेरना शुरू किया, ऊपर से नीचे, बाएँ से दाएँ। भाभी की कमर हिलने लगी, “आआह्ह… संदीप… ये क्या कर रहे हो… ओह्ह… मजा आ रहा है…” मैंने जीभ को अंदर डाला और चूत को अच्छी तरह चाटने लगा, उनकी क्लिट को चूसते हुए मैंने उन्हें और पागल किया। करीब पच्चीस मिनट तक मैंने उनकी चूत को चाटा, चूसा और जीभ से चोदा, भाभी की आवाजें अब जोरदार हो गईं, “उफ्फ… आह्ह… चाटो संदीप… जोर से… ओह्ह माई गॉड…”

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और भाभी मुझे किस करके कहने लगीं कि तुमने तो अपना काम कर दिया अब देखो मैं क्या करती हूँ। फिर भाभी ने मेरे लंड की टोपी पर जुबान फेरनी शुरू की, पहले हल्के से चाटा, फिर धीरे-धीरे पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। भाभी बहुत अच्छा लंड चूस रही थीं। मैं तो उस वक्त मजे और आनंद की ऊँचाई पर था। भाभी ने पहले आहिस्ता और फिर तेजी से लंड चूसना शुरू कर दिया, उनकी जीभ मेरे लंड के चारों तरफ घूम रही थी, टोपी को चूसते हुए वो मुझे देखकर मुस्कुरा रही थीं। “कैसा लग रहा है संदीप? तेरा लंड कितना टेस्टी है…” वो गंदी बातें करते हुए चूस रही थीं, मैं उनके बाल पकड़कर अपना लंड उनके मुँह में और गहरा धकेल रहा था। करीब दस मिनट तक वो ऐसे ही चूसती रहीं, मेरे लंड से प्रीकम निकलने लगा जो वो चाटकर साफ कर देतीं।

फिर भाभी ने मेरा लंड अपनी चूत पर रखा मैंने एक स्लो पुश के साथ अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया। उनकी चूत पहले ही गीली हो रही थी इसलिए पूरा लंड बड़ी आसानी से उनकी चूत में चला गया। पहले तो मैं भाभी को आहिस्ता-आहिस्ता चोदता रहा, हर धक्के के साथ उनकी चूत की गर्मी महसूस करता। भाभी की आँखें बंद थीं और वो होंठ काट रही थीं, “आह्ह… संदीप… धीरे… उफ्फ… कितना मोटा है तेरा…” फिर मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और भाभी को शक्ति से चोदने लगा। भाभी चुदाई का पूरा मजा ले रही थीं और आआअह्ह ऊओह्हह्ह ऊउफ़्फ़फ़्फ़ ह्हहयययययीए और तेज प्लीज तेज उफ़्फ़फ़्फ़ ऊऊह्हह्ह की आवाजें निकाल रही थीं। उनके ब्रेस्ट्स हर झटके के साथ हिल रहे थे। जो एक हसीन और दिलकश नजारा था। मैंने उनके ब्रेस्ट्स को पकड़ लिया और दबाते हुए चोदता रहा, हर धक्के के साथ फच-फच की आवाज आ रही थी, उनकी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही थी।

मैं चोदने के बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनाया तो उनकी खूबसूरत और चौड़ी गांड ऊपर को उठ आई और उनके ब्रेस्ट्स किसी आम की तरह लटकने लगे। मैंने भाभी की गांड पर हाथ फेरते हुए लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनके ब्रेस्ट्स पकड़कर जोर-जोर से झटके लगाने लगा मैं भाभी को जी जान से चोद रहा था और भाभी भी चुदाई में भरपूर साथ दे रही थी। “ओह्ह संदीप… गांड हिला… चोद मुझे कुत्ते की तरह… आह्ह… फाड़ दे मेरी चूत…” वो गंदी बातें कर रही थीं, मैं उनकी गांड पर थप्पड़ मारता और चोदता। काफी देर चुदने के बाद भाभी ठंडी पड़ गईं, मैं भी अपने क्लाइमेक्स पर था। मैंने भाभी को कहा कि मैं छूटने वाला हूँ तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं तुम मेरे अंदर ही निकालो। मेरे लंड से वीर्य का फव्वारा निकला और भाभी की चूत वीर्य से भर गई मैं भी थककर भाभी के ऊपर लेट गया। थोड़ी देर बाद मैंने लंड भाभी की चूत से निकाला जो वीर्य और भाभी के जूस से भरा हुआ था, भाभी ने फिर मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया और इसे बिल्कुल साफ कर दिया।

अब भाभी ने कहा संदीप तुम तो बहुत एक्सपर्ट लगते हो, मुझसे पहले कितनों के साथ चुदाई कर चुके हो, मैंने कहा भाभी चुदाई तो चौदह-पंद्रह के साथ किया है लेकिन जैसे मम्मे आपके हैं वैसे मम्मे मैंने आजतक नहीं चूसे हैं, आपके मम्मे बहुत टेस्टी हैं। ये कहते हुए मैंने अपनी उंगली फिर से उनकी चूत में डाल दी और भाभी ने स्ससस्सस्ससाआआआ करती रही, बहुत अच्छा लग रहा है। और फिर मैंने झटके से भाभी की तारीफ की कि सच में आप बहुत खूबसूरत हो तो भाभी ने मुझसे कहा कि ये क्या भाभी भाभी लगा रखा है, पहले ये बताओ तुम मुझे रात भर चोदोगे या नहीं। ये सुनकर तो मुझे और भी खुशी महसूस हुई। इसका मतलब ये नहीं कि मैं और किसी के साथ रात नहीं गुजारी है। मैंने तो पिछले चार सालों से कितनी अपनी क्लासमेट के साथ रात गुजारी है पर भाभी के जैसा पेशेंस और किसी में मैंने नहीं देखा था इसलिए मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही थी।

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तब मैंने उनसे कहा कि मैंने आपको दूसरे एंगल से चोदना चाहता हूँ तो बोली कौन से एंगल से चोदोगे अब मुझे, मैंने कहा कि आप जमीन पर लेट जाइए और अपने पैर को उठाकर बेड पर रख दीजिए और उन्होंने ऐसे ही किया मैं उनके पैरों के बीच में गया और उसको फैलाकर अपने दोनों कंधों पर रखकर उनकी फुद्दी के छेद पर अपना लंड रखकर धक्के मारने लगा, इस तरीके से उन्हें भी अच्छा लगने लगा और बोली बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा, जैसे चोदना हो चोदो मुझे, मैं करीब उस एंगल से दस मिनट तक चोदने के बाद चूत से लंड को निकालकर वापस गांड में डाल दिया और चोदने लगा। मैंने इसी तरह हर पाँच मिनट के बाद चूत और गांड की चुदाई करता रहा। लगभग पच्चीस-तीस मिनट तक इसी तरह चोदने के बाद मैं बोला, “मैं अब झड़ने वाला हूँ। तुम बताओ कि मेरे लंड का पानी कहाँ लेना चाहती हो, अपनी चूत में या गांड में।” उन्होंने कहा, “तुम मेरी गांड में ही पानी निकाल दो, चूत में तो तुम पहले भी निकाल चुके हो।” फिर मैंने अपना सारा अनमोल रत्न उनकी गांड में डाल दिया और मैं बेड पर आकर लेट गया, तभी उनकी नजर घड़ी पर गई तो देखा कि पाँच बजने वाले हैं तभी उन्होंने मेरे होंठों पर जोर से किस किया और कहने लगी जो मजा तुम्हारे साथ आता है वो मुझे उनके साथ नहीं आता है।

फिर भाभी के मना करने के बाद भी मैंने घोड़ी बनाकर फिर से उनकी चुदाई शुरू कर दी। इस बार मैंने केवल चूत की ही चुदाई की। इस बार लगभग आधा घंटे तक चोदा तब कहीं जाकर मेरे लंड से पानी निकला। अब तक सुबह हो चुकी थी। भाभी ने कहा कि उनकी चूत और गांड में दर्द बहुत हो रहा है लेकिन इस चुदाई से जो मजा मिला उसके आगे ये दर्द कुछ भी नहीं। फिर मैं अपने घर आ गया और जब भी मुझे ये मौका मिलता मैं उन्हें चोदता रहा।

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