माँ को धीरे धीरे पटा कर चोदा

Mummy Bete ki sex story: समीर की उम्र अभी 21 साल थी, और वह अपनी माँ की ओर आकर्षित था। उसके पिता दुबई में काम करते थे, और उसकी माँ, जिनकी उम्र लगभग 42 साल थी, देखने में 35 साल से अधिक की नहीं लगती थीं। उनका फिगर 34-30-36 का था और उनकी आकर्षक शारीरिक बनावट अक्सर दूसरों का ध्यान खींच लेती थी। उनकी साड़ी पहनने का अंदाज और उसमें से दिखने वाली नाभि और चूचियों की दरार हर किसी के दिल में एक चाह पैदा कर देती थी।

समीर अक्सर अपनी माँ को चोरी-छिपे देखता रहता था। एक दिन, जब उसकी माँ कपड़े बदल रही थीं, वह दरवाजे की झिरी से उन्हें नंगी होते हुए देख रहा था। माँ ने पहले अपनी साड़ी और पेटीकोट उतारी, फिर ब्रा और पैंटी हटाकर पूरी तरह से नग्न हो गईं। वह आईने के सामने खड़ी होकर अपने शरीर पर तेल मलने लगीं, अपनी चूचियों और चूत पर धीरे-धीरे तेल लगाने के बाद उन्होंने नई ब्रा और पैंटी पहनी और खुद को आईने में निहारने लगीं।

समीर यह सब देखकर उत्तेजित हो गया। उसने अपने लंड को हिलाते हुए खुद को शांत किया और तुरंत बाथरूम में जाकर हस्तमैथुन किया। उसके बाद वह वापस आकर टीवी देखने लगा।

उस दिन समीर ने महसूस किया कि उसकी माँ में जो आकर्षण है, वह उसे नियंत्रित नहीं कर सकता। शाम को जब उसकी माँ बाजार जाने की तैयारी कर रही थीं, उन्होंने समीर से पूछा, “तुझे कुछ चाहिए हो तो बोल, मैं ज़रा बाजार जा रही हूँ।” समीर ने जवाब दिया, “नहीं, मुझे अभी कुछ नहीं चाहिए। आप कितनी देर में वापस आओगी?” माँ ने कहा, “एक घंटे में आ जाऊंगी।” इसके बाद वह अपनी गांड मटकाते हुए बाहर चली गईं।

समीर के मन में अपनी माँ के प्रति भावनाएँ और तीव्र हो रही थीं। जब भी उसे मौका मिलता, वह उनकी कल्पना में खो जाता और हस्तमैथुन करता। एक दिन, वह अपनी माँ की पैंटी लेकर उसे सूंघते हुए मुठ मार रहा था। तभी अचानक उसकी माँ कमरे में आ गईं। उन्होंने गुस्से में पूछा, “ये क्या कर रहे हो?”

समीर एकदम डर गया और कुछ भी जवाब नहीं दे पाया। माँ ने उसके हाथ से अपनी पैंटी छीन ली और गुस्से में कमरे से बाहर चली गईं। यह घटना समीर के लिए बहुत शर्मिंदगी भरी थी।

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दो दिन बाद, समीर ने माँ से बात करने की कोशिश की। उसने झिझकते हुए कहा, “मॉम, मुझसे गलती हो गई। आगे से ऐसा नहीं होगा।” माँ ने गहरी सांस लेते हुए जवाब दिया, “बेटे, ऐसा नहीं करते। ये सब गलत है।” समीर ने धीरे से कहा, “मॉम, मेरा बहुत मन कर रहा था, इसलिए किया था।”

माँ ने थोड़ी देर सोचते हुए कहा, “हम्म … ये सब कभी-कभी किया जाता है। रोजाना ऐसा करना गलत है।” समीर उनकी बात सुनकर थोड़ा हैरान हुआ, लेकिन उसने ज्यादा कुछ पूछने की हिम्मत नहीं की।

इस घटना के बाद समीर ने फिर से अपनी माँ के सामने मुठ मारने की हिम्मत की। माँ ने उसे ऐसा करते हुए देखा और बोलीं, “इतना जल्दी-जल्दी करेगा, तो तेरी सारी ताकत निकल जाएगी।” इस बार समीर के लंड को माँ ने अपने हाथ में ले लिया और उसे धीरे-धीरे हिलाने लगीं।

समीर अवाक रह गया। वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे। उसकी माँ ने बिना कुछ कहे उसके लंड को ऊपर-नीचे करना जारी रखा। कुछ ही देर में समीर ने कहा, “मॉम, छूटने वाला है।” यह सुनकर माँ ने हाथ रोक लिया।

समीर ने साहस जुटाकर धीरे से उनके मम्मों पर हाथ रखा। उसने डरते-डरते उनके एक दूध को हल्के से दबा दिया। माँ ने उसकी ओर वासना भरी नजरों से देखा।

समीर ने अपनी माँ की प्रतिक्रिया देखकर दोनों हाथों से उनके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया। उसे अपनी माँ के नरम और भरे हुए मम्मों को छूने में बहुत आनंद आ रहा था। माँ की आँखों में वासना झलक रही थी, और वह धीरे-धीरे समीर का लंड हिलाने लगीं।

समीर ने धीरे-धीरे उनकी ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए। माँ ने कोई विरोध नहीं किया। ब्लाउज हटाने के बाद उनकी चूचियां एक लाल रंग की ब्रा में ढकी हुई थीं। समीर ने ब्रा के ऊपर से उनके मम्मों को मसलना जारी रखा। माँ ने धीरे-धीरे समीर के लंड को और तेजी से हिलाना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में समीर का लंड फूट पड़ा, और उसका सारा वीर्य माँ के हाथों में आ गया।

माँ ने उसके लंड को देखते हुए मुस्कुराते हुए कहा, “आज के लिए बस इतना ही।” फिर उन्होंने अपना ब्लाउज ठीक किया और कमरे से बाहर चली गईं।

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इस घटना के बाद, समीर और उसकी माँ के बीच की सीमा टूट चुकी थी। एक दिन, जब घर में केवल वे दोनों थे, समीर ने माँ के पास जाकर कहा, “मम्मी, आज फिर से आप कर दो ना।” माँ ने पूछा, “क्या कर दूँ?” समीर ने इशारे से कहा, “वही।” माँ ने पहले तो मना कर दिया, लेकिन समीर के बार-बार रिक्वेस्ट करने पर वह मान गईं।

समीर ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरी तरह नग्न हो गया। माँ ने उसे देखा और बोलीं, “पूरे कपड़े उतारने की क्या जरूरत थी?” समीर ने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे अच्छा लगता है।”

माँ ने समीर का लंड अपने हाथों में लिया और हिलाना शुरू किया। इस बार, समीर ने हिम्मत जुटाकर उनके गालों पर एक किस कर दिया। माँ ने कुछ नहीं कहा। समीर ने धीरे-धीरे उनका ब्लाउज उतारना शुरू कर दिया। फिर उनकी ब्रा का हुक खोल दिया।

माँ की नंगी चूचियां अब समीर के सामने थीं। उसने उनके मम्मों को अपने हाथों में लेकर मसलना शुरू कर दिया। माँ के मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगीं। वह बोलीं, “अहह… आराम से बेटा…”

समीर ने माँ को बेड पर लेटा दिया और उनके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया। वह उनके हर हिस्से को चूम रहा था—गाल, होंठ, पेट और चूचियां। माँ का शरीर उत्तेजना से कांप रहा था।

फिर समीर ने उनकी साड़ी उठाई और उनकी पिंक रंग की पैंटी को देखा। उसने पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया। माँ केवल “अहह… आहह…” करती रहीं।

समीर ने धीरे-धीरे माँ की पैंटी उतार दी। उनकी गीली चूत देखकर वह और उत्तेजित हो गया। उसने चूत के ऊपर एक हल्का किस किया, तो माँ ने तुरंत अपनी टांगें खोल दीं। समीर ने उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी। माँ के मुँह से लगातार सिसकारियां निकल रही थीं—“अहह… आहह… और चाटो बेटा…”

माँ ने समीर का सिर अपनी चूत पर दबा दिया, मानो उसे रोकना ही नहीं चाहती थीं। समीर ने लगभग पाँच मिनट तक उनकी चूत चाटी, फिर उसने कहा, “मम्मी, अब मैं आपको चोदने वाला हूँ।”

माँ ने उसकी ओर वासना भरी नजरों से देखा और कहा, “हाँ बेटा, चोद दे। आज अपनी मम्मी की आग को ठंडा कर दे।”

समीर ने अपने लंड को उनकी चूत पर सेट किया और धीरे-धीरे अंदर डालने लगा। माँ की चूत गीली थी, तो लंड आराम से अंदर चला गया। माँ के मुँह से एक जोरदार “आहह…” निकली।

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“उम्म्ह… आह… और करो…” माँ ने कहा। समीर ने धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ाई और पूरी तरह से माँ के ऊपर झुककर उन्हें चोदने लगा।

कुछ देर बाद समीर ने अपना लंड निकाल लिया और माँ को घोड़ी बनने का इशारा किया। माँ तुरंत घोड़ी बन गईं। समीर ने फिर से उनका लंड उनकी चूत में डाला और तेज-तेज झटके मारने लगा। माँ मजे से चुदाई का आनंद ले रही थीं और बोल रही थीं, “हाँ बेटा, और तेज चोदो… पूरा लंड अंदर डालो…”

माँ लगभग 17-18 मिनट में झड़ गईं। समीर भी झड़ने वाला था। उसने माँ से पोजीशन बदलने की बात की। माँ ने हामी भर दी।

अब समीर ने माँ को बेड के कोने पर लिटाया और खड़े होकर उनकी चुदाई शुरू कर दी। माँ के मुँह से लगातार सिसकारियां निकल रही थीं। कुछ देर बाद समीर ने अपना लंड माँ की चूत में ही खाली कर दिया।

थोड़ी देर बाद, समीर उठा और देखा कि माँ की चूत से रस बह रहा था। वह उनके पास गया और उनकी चूत को चाट-चाटकर साफ कर दिया।

माँ बोलीं, “बस कर बेटा… कितना करेगा…” लेकिन समीर रुका नहीं। उसने उनकी चूत का सारा रस पी लिया।

समीर ने माँ से कहा, “मम्मी, एक बार और करना है।” माँ ने पहले तो मना किया, लेकिन समीर के कहने पर मान गईं। उन्होंने फिर से चुदाई शुरू की और 35 मिनट तक एक-दूसरे को चोदा।

उसके बाद, दोनों ने बाथरूम जाकर खुद को साफ किया और कपड़े पहन लिए। माँ ने कहा, “बेटा, तूने आज बहुत मजा दिया… थैंक्स।”

समीर ने मुस्कुराते हुए कहा, “मम्मी, आपने भी मुझे खुश कर दिया।”

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