बारी बारी से चुदाई करके उन दोनों को खुश किया

2 kuwari chut ki chudai – हेलो दोस्तों, आज मैं आप सभी सेक्सी कहानियों के दीवानों के लिए अपनी एक मस्त, मज़ेदार और चुदाई से भरी सच्ची घटना लेकर आया हूँ। ये कहानी इतनी हॉट और कामुक है कि आप इसे पढ़ते वक्त खुद को रोक नहीं पाएंगे। मैं आपको बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने दो कुंवारी, चुदाई के लिए तड़प रही लड़कियों की एक साथ, एक ही बिस्तर पर बारी-बारी से चुदाई की और उनकी चूत को अपने लंड से शांत करके उन्हें खुश किया। तो चलिए, बिना ज़्यादा वक्त बर्बाद किए, मैं आपको पूरी कहानी विस्तार से सुनाता हूँ।

ये बात आज से करीब आठ महीने पहले की है। हमारी सोसाइटी में कई सारी हॉट और सेक्सी लड़कियाँ रहती हैं। ये सारी लड़कियाँ जवान, सुंदर और इतनी कामुक हैं कि उन्हें देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था। मैं बचपन से ही चूत का दीवाना हूँ, और हर बार इन लड़कियों को देखकर मेरा मन डोल जाता था। मैं उन्हें घूर-घूरकर देखता, उनकी चाल, उनके जिस्म की बनावट, उनके उभरे हुए बूब्स और टाइट गांड को निहारता। लेकिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया और मुझे एक बार दो ऐसी कामुक लड़कियों को चोदने का मौका मिला।

हमारी सोसाइटी में दो लड़कियाँ, रीना और पल्लवी, ट्यूशन पढ़ने आया करती थीं। दोनों 20-21 साल की थीं, गोरी, लंबी, और उनके जिस्म का हर हिस्सा ऐसा था मानो भगवान ने फुर्सत में बनाया हो। रीना के बूब्स बड़े, गोल और टाइट थे, और उसकी गांड इतनी उभरी हुई थी कि जी करता था बस उसे पकड़कर दबा दूँ। पल्लवी थोड़ी पतली थी, लेकिन उसकी चूत की बनावट और उसके होंठों की गुलाबी रंगत देखकर मेरा लंड तन जाता था। ये दोनों अक्सर सोसाइटी की छत पर चली जाती थीं और वहाँ एक-दूसरे को चूमतीं, सहलातीं और प्यार करती थीं। उनकी ये हरकतें मेरे एक दोस्त ने देख ली थी और उसने मुझे सारी बात बता दी।

उस दिन से मैंने मन में ठान लिया था कि मैं इन दोनों को चोदकर रहूँगा, वो भी एक साथ, एक ही बिस्तर पर। मैंने अपने दिमाग में पूरा प्लान बना लिया। अगली बार जब वो ट्यूशन के लिए आईं, मैंने उन्हें लाइन देना शुरू किया। लेकिन शुरू में मुझे उनकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। मैं हार नहीं माना और एक हफ्ते तक उनके पीछे पड़ा रहा। आखिरकार, एक दिन मैंने हिम्मत करके उनसे बात करने की कोशिश की। मैं उनके पास गया और बोला, “हाय, क्या हाल है?” लेकिन दोनों ने मुझसे साफ कह दिया, “हम तुमसे बात नहीं करना चाहते।”

मैंने हार नहीं मानी और उनसे बोला, “अरे, ये तुम्हारे फायदे की बात है, सुन तो लो।” फिर मैंने उनसे उनका नाम पूछा। तब मुझे पता चला कि एक का नाम रीना और दूसरी का नाम पल्लवी है। मैंने उनसे साफ-साफ कह दिया, “मुझे पता है कि तुम दोनों छत पर जाकर क्या-क्या गंदी हरकतें करती हो। और हाँ, मुझे तुम्हारे घर का पता भी मालूम है।” ये सुनकर वो दोनों थोड़ा घबरा गईं और बोलीं, “तुम्हारा मतलब क्या है?”

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मैंने हिम्मत करके खुलकर कहा, “देखो, ज़्यादा भोली मत बनो। मैं सब समझता हूँ। तुम दोनों जब एक-दूसरे के साथ मज़े लेती हो, तो क्या तुम्हें कभी लंड की ज़रूरत महसूस नहीं होती?” मेरी ये बात सुनकर दोनों चुप हो गईं। ऐसा लगा जैसे उन्हें साँप सूँघ गया हो। फिर मैंने उन्हें दिलासा देते हुए कहा, “घबराओ मत, मैं तुम्हारी बात समझता हूँ। तुम दोनों जवान हो, इस उम्र में हर किसी को ऐसी इच्छाएँ होती हैं। और मेरे पास इन चीज़ों का अच्छा खासा अनुभव है।”

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रीना ने पूछा, “तुम हमसे चाहते क्या हो?” मैंने तपाक से जवाब दिया, “मैं तुम दोनों के साथ मिलकर मज़े करना चाहता हूँ।” ये सुनकर वो दोनों थोड़ा दूर गईं और आपस में धीरे-धीरे बात करने लगीं। फिर मेरे पास आकर बोलीं, “ठीक है, लेकिन कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं होनी चाहिए।”

मैंने खुश होकर कहा, “अरे, तुम एक बार मुझे आज़माकर तो देखो। तुम्हें मुझसे कभी शिकायत नहीं होगी। तुम दोनों मेरे साथ बहुत मज़े करोगी।” फिर मैंने उनका फोन नंबर ले लिया और वहाँ से चला गया। अब मैं उन्हें हर दिन फोन करने लगा। रात को वो भी मुझे कॉल करतीं। हमारी बातें धीरे-धीरे सेक्सी होने लगीं। हम फोन पर गंदी-गंदी बातें करते, जिससे हम तीनों बहुत गरम हो जाते थे। मेरे अंदर की आग बढ़ती जा रही थी, और मैंने उनका भी यही हाल कर दिया था।

कुछ दिनों बाद, रीना और पल्लवी ने मुझे अपने घर बुलाया। उस दिन उनके घर में कोई नहीं था। मैं उनके घर पहुँचा तो देखा कि उनका घर बहुत शानदार था। बड़ा सा हॉल, महँगा फर्नीचर, और एकदम साफ-सुथरा। दोनों ने मेरा गर्मजोशी से स्वागत किया। मुझे सोफे पर बिठाया, चाय और नाश्ता दिया। थोड़ी देर बाद रीना ने कहा, “आज हम दोनों तुझे आज़माना चाहती हैं। इसलिए तुझे यहाँ बुलाया है।”

मैंने मज़ाक में कहा, “अरे मेडम, फिर देर किस बात की? लो मेरा इम्तिहान। मैं तो कब से तैयार हूँ।” दोनों हँस पड़ीं और बोलीं, “ठीक है, आज तू हमें अपना अनुभव दिखा। लेकिन तुम यहीं बैठे रहो, उठने की कोशिश मत करना।”

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फिर दोनों मेरे सामने एक-दूसरे को चूमने लगीं। रीना ने पल्लवी के गालों को सहलाया, फिर धीरे-धीरे उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। दोनों एक-दूसरे के जिस्म को सहलाने लगीं। मैं ये सब देखकर पागल हो रहा था। मेरा लंड पैंट में तनकर सलामी देने लगा। लेकिन मैंने खुद को रोका और चुपचाप उनकी हरकतें देखता रहा।

रीना ने पल्लवी की टी-शर्ट उतारी, फिर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए। पल्लवी के गोल, टाइट बूब्स मेरे सामने थे। उनके निप्पल गुलाबी और तने हुए थे। रीना ने पल्लवी के बूब्स को अपने हाथों से दबाना शुरू किया, और पल्लवी सिसकियाँ लेने लगी, “आह… रीना… धीरे…” फिर पल्लवी ने भी रीना की टॉप उतारी और उसकी ब्रा खोल दी। रीना के बूब्स बड़े और भरे हुए थे, जैसे दो पके हुए आम। दोनों एक-दूसरे के बूब्स को दबाने, चूसने और सहलाने लगीं।

मैं ये सब देखकर बेकाबू हो रहा था। मेरा लंड पैंट में तड़प रहा था। मैंने अपनी शर्ट उतार दी और सोफे पर ही बैठा रहा। दोनों अब पूरी तरह नंगी हो चुकी थीं। उनकी गोरी, चिकनी चूत मेरे सामने थी। रीना ने पल्लवी की चूत पर अपनी उंगलियाँ फिरानी शुरू कीं, और पल्लवी सिसकियाँ लेने लगी, “उम्म… आह… रीना… और ज़ोर से…” फिर दोनों बेडरूम की तरफ चली गईं। मैं थोड़ी देर बाद उनके पीछे गया।

बेडरूम में पहुँचकर मैंने देखा कि रीना पल्लवी की चूत को अपनी जीभ से चाट रही थी। पल्लवी बेड पर लेटी हुई थी, उसकी टाँगें फैली हुई थीं, और वो सिसक रही थी, “आह… रीना… ओह… और चाट…” रीना की गोरी, रसीली गांड मेरे सामने थी। मैं और बर्दाश्त नहीं कर सका। मैंने अपनी पैंट और अंडरवियर उतार दिया। मेरा 7 इंच का लंड तनकर लोहे की तरह सख्त हो चुका था।

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मैं धीरे से रीना के पीछे गया और उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी। मेरी जीभ का स्पर्श पाते ही रीना मछली की तरह तड़प उठी, “आह… ये क्या… ओह…” मैंने उसके दोनों कूल्हों को पकड़ लिया और उसकी गीली, नमकीन चूत को चाटने लगा। उसकी चूत का स्वाद ऐसा था कि मैं पागल हो गया। मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर तक डाला, और रीना सिसकियाँ लेने लगी, “उम्म… आह… और चाट… हाय…”

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उधर रीना पल्लवी की चूत को चूस रही थी। पल्लवी की सिसकियाँ तेज़ हो रही थीं, “आह… रीना… मैं… मैं झड़ने वाली हूँ…” और कुछ ही पलों में पल्लवी झड़ गई। उसकी चूत से गर्म रस निकलने लगा, जिसे रीना ने चाट लिया। इधर मैं रीना की चूत को चूस रहा था। रीना की सिसकियाँ भी तेज़ हो गईं, “आह… ओह… मैं… मैं नहीं रुक सकती…” और वो भी झड़ गई। मैंने उसका सारा रस चाट लिया।

अब मेरा लंड तड़प रहा था। मैंने दोनों को बेड पर लेटने को कहा। दोनों मेरे सामने लेट गईं, उनकी चूत गीली और गर्म थी। रीना ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मुझे चूमने लगी। उसकी जीभ मेरी जीभ से खेल रही थी। उधर पल्लवी मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। वो मेरे लंड के टोपे को अपनी जीभ से चाट रही थी, फिर उसे पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी, “उम्म… कितना मोटा है तेरा लंड…”

मैं रीना के होंठ चूस रहा था और पल्लवी मेरे लंड को चूस रही थी। मैं पागल हो रहा था। कुछ देर बाद रीना बोली, “अब मैं भी तेरा लंड चूसना चाहती हूँ।” फिर पल्लवी ने अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी और रीना मेरे लंड को चूसने लगी। मैं पल्लवी की चूत को चाट रहा था, और रीना मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे कोई प्यासी रंडी। कुछ देर बाद पल्लवी फिर से झड़ गई, “आह… हाय… मैं गई…” और मैं भी झड़ने वाला था। मैंने रीना के मुँह में अपना सारा वीर्य छोड़ दिया। दोनों ने मेरे लंड को चाटकर साफ कर दिया।

हम तीनों बेड पर लेट गए। कमरे में एसी चल रहा था, लेकिन मुझे फिर भी गर्मी लग रही थी। कुछ देर बाद मैं शांत हुआ। फिर पल्लवी ने मेरे लंड को फिर से सहलाना शुरू किया। रीना मेरे जिस्म को चूम रही थी, मेरे सीने को, मेरे निप्पलों को चाट रही थी। मैंने रीना को अपनी तरफ खींचा और उसके बूब्स को चूसने लगा। उसके निप्पल सख्त और तने हुए थे। मैं एक बूब्स को चूस रहा था और दूसरे को दबा रहा था। रीना सिसक रही थी, “आह… और चूस… मेरे बूब्स को और ज़ोर से दबा…”

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। रीना ने मेरे लंड को देखा और उसे अपने मुँह में ले लिया। वो उसे इतने मज़े से चूस रही थी कि मेरा लंड फिर से लोहे की तरह सख्त हो गया। मैंने रीना से कहा, “अब मैं तुम्हारी चूत मारना चाहता हूँ।” रीना बोली, “हाँ, ठीक है। लेकिन तुम्हें हम दोनों की चूत बराबर मारनी होगी।”

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मैंने दोनों को बेड पर लेटाया और पहले रीना के ऊपर चढ़ गया। मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा और हल्का सा धक्का दिया। मेरा लंड उसकी टाइट चूत में आधा अंदर गया। शायद उसकी चूत कुंवारी थी, इसलिए बहुत कसी हुई थी। मैंने ज़ोर का धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। रीना दर्द से चिल्लाई, “आह… हाय… धीरे…” मैंने पल्लवी से कहा, “इसका मुँह बंद कर।” पल्लवी ने रीना को चूमना शुरू किया, और उसकी चीखें दब गईं।

मैं धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। रीना की चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के में मज़े ले रहा था। “फच… फच…” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। रीना सिसक रही थी, “आह… और ज़ोर से… चोद मुझे…” मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी। पल्लवी अपनी चूत में उंगली कर रही थी और मेरे बूब्स दबा रही थी। कुछ देर बाद रीना का जिस्म ढीला पड़ गया, और उसकी चूत से गर्म रस निकलने लगा। वो झड़ चुकी थी।

मैं अब भी नहीं झड़ा था। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और एक सिगरेट जला ली। सिगरेट पीते हुए मैंने पल्लवी की चूत में अपना लंड डाल दिया। एक ही धक्के में मेरा लंड उसकी चूत में समा गया। मैं धक्के मारने लगा, “फच… फच…” की आवाज़ फिर से गूँजने लगी। पल्लवी सिसक रही थी, “आह… और ज़ोर से… चोद मुझे… फाड़ दे मेरी चूत…” मैं सिगरेट पीते हुए उसकी चुदाई कर रहा था। सिगरेट खत्म होने से पहले मैंने लंड बाहर निकाला और पल्लवी की गांड पर रगड़ा। मेरा लंड चरम पर था।

मैंने फिर से लंड उसकी चूत में डाला और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। पल्लवी अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर मेरा साथ दे रही थी, “आह… ओह… चोद… और ज़ोर से…” मैंने उसके बूब्स को ज़ोर से दबाना शुरू किया। कुछ ही देर में पल्लवी झड़ गई, “आह… मैं गई…” उसकी चूत से गर्म रस बहने लगा।

मैंने अपना लंड बाहर निकाला और पल्लवी के मुँह के पास ले गया। मैंने अपने हाथ से मुठ मारना शुरू किया और 10 सेकेंड बाद अपना सारा वीर्य उसके मुँह में डाल दिया। रीना और पल्लवी दोनों मेरे वीर्य को चाटने लगीं। उन्होंने मेरे लंड को चमका दिया।

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उन दोनों की कुंवारी चूत को चोदने के बाद मुझे बहुत सुकून मिला। मैंने बारी-बारी से दोनों के साथ जमकर मज़े लिए। उनके चेहरों से साफ पता चल रहा था कि वो भी मेरी चुदाई से बहुत खुश थीं। मैं उनके साथ बेड पर लेट गया, उनके गोरे जिस्म से खेलता रहा। वो दोनों मेरे लंड को खिलौने की तरह सहला रही थीं।

दोस्तों, ये थी मेरी उन दो कामुक लड़कियों की चुदाई की कहानी। मुझे उम्मीद है कि आपको ये कहानी पसंद आई होगी। आपकी राय क्या है? नीचे कमेंट करके ज़रूर बताएँ।

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