गोआ बीच पर अपनी मौसी को चोदा

नमस्कार, मेरा नाम सैम है, मेरी उम्र 22 साल है और मैं भरूच में रहता हूँ। ये देसी सेक्सी कहानी मेरी मौसी दक्षा की है, जो बरडोली में रहती हैं। दक्षा मौसी की उम्र 39 साल है, लेकिन वो दिखने में मस्त माल हैं। गोरी-चिट्टी, थोड़ी मोटी, लेकिन उनकी मोटापा उनकी खूबसूरती को और बढ़ाता है। उनकी हाइट 5 फीट है और फिगर करीब 36-34-38 होगा। उनके बड़े-बड़े बूब्स थोड़े नीचे की ओर झुके हुए हैं, पेट बाहर निकला हुआ, और जांघें मोटी-मोटी, गदराई हुई। उनकी गांड भी बड़ी और ढीली हो चुकी है, जो चलते वक्त मटकती है। वो दो बच्चों की माँ हैं, उनके दो लड़के हैं, एक 14 साल का और दूसरा 10 साल का।

ये बात तब की है जब मौसी, मौसा और उनके दोनों बच्चे गोआ घूमने जा रहे थे। मौसा को शराब पीने की बुरी लत थी, और इसीलिए उन्होंने मुझे साथ चलने के लिए जोर दिया, ताकि बच्चों और मौसी की सुरक्षा का ख्याल रख सकूँ। मैं भी तैयार हो गया। हमने 6 दिन का टूर प्लान किया था। जून का पहला हफ्ता था, गर्मी की छुट्टियाँ खत्म होने वाली थीं, इसलिए गोआ में ज्यादा भीड़ नहीं थी। हम पहले दिन मुंबई तक सड़क मार्ग से गए और फिर वहाँ से फ्लाइट लेकर गोआ पहुँचे।

पहले दिन बारिश की वजह से हम ज्यादा घूम नहीं पाए। अगले पाँच दिन हमने खूब मजे किए, गोआ के बीच, मार्केट और नाइटलाइफ का लुत्फ उठाया। लेकिन आखिरी दिन, रात करीब 9 बजे, मौसी और मौसा का झगड़ा हो गया। मौसा ने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी, और वो नशे में धुत होकर सो गए। हमने डिनर कर लिया था, और दोनों बच्चे भी सो गए। लेकिन मौसी को गुस्सा इतना ज्यादा था कि वो कमरे से निकलकर चली गईं।

मौसी ने पीले रंग की टाइट शॉर्ट्स और सफेद टी-शर्ट पहनी थी। उनके छोटे-छोटे बाल स्टाइल में सेट किए हुए थे। उनकी मोटी-मोटी गोरी जांघें शॉर्ट्स में साफ दिख रही थीं, और चलते वक्त उनके बूब्स हवा में उछल रहे थे। शायद उन्होंने ढीली ब्रा पहनी थी, जिससे उनके बूब्स और भी ज्यादा हिल रहे थे। उनकी गांड टाइट शॉर्ट्स की वजह से हर कदम पर ऊपर-नीचे हो रही थी, जो देखकर किसी का भी मन डोल जाए। मैं उनके पीछे-पीछे चला गया, ये देखने के लिए कि वो कहाँ जा रही हैं।

वो चलते-चलते बीच पर पहुँच गईं। बीच पर बहुत कम लोग थे, क्योंकि रात हो चुकी थी और हल्की-हल्की बारिश शुरू हो गई थी। मौसी गुस्से में तेजी से चल रही थीं, और मैं उनके पीछे-पीछे। थोड़ा आगे जाने पर एक गोरा आदमी दिखा, जो बीच पर बैठकर बीयर पी रहा था। उसने सिर्फ शॉर्ट्स पहनी थी, टी-शर्ट नहीं। उसकी उम्र शायद 40-50 साल के बीच होगी। उसकी नजर मौसी पर पड़ी, और वो मौसी से बात करने लगा। उसने मौसी को बीयर की बोतल ऑफर की, और मेरी हैरानी की बात, मौसी ने वो बोतल ले ली और उसके साथ बैठ गईं। मैं दूर से ये सब देख रहा था, और मेरे होश उड़ गए।

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बीच बिल्कुल सुनसान था, सिर्फ मौसी और वो गोरा बातें कर रहे थे। मौसी ने एक बीयर की बोतल खत्म कर दी, और शायद उन्हें हल्का नशा हो गया था। तभी बारिश और तेज हो गई। मौसी और वो गोरा उठकर पास ही एक झोपड़ी जैसे ढाँचे में चले गए, जो बीच पर बना हुआ था। मैं बारिश में भीगता हुआ उनके पीछे गया और झोपड़ी के पास छिपकर देखने लगा।

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मौसी की टी-शर्ट बारिश में भीग चुकी थी, और उनकी ब्रा साफ दिख रही थी। उनके बूब्स और निप्पल्स टी-शर्ट के ऊपर से उभर रहे थे। वो गोरा अब मौसी पर चांस मार रहा था। वो अपने लंड को शॉर्ट्स के ऊपर से सहलाने लगा। मौसी ने एक बोतल बीयर पी ली थी, तो शायद वो थोड़ा बिंदास हो गई थीं। गोरा धीरे-धीरे मौसी को टच करने लगा, पहले उनके हाथों को, फिर उनकी जांघों को। मौसी ने कोई विरोध नहीं किया। फिर गोरे ने मौसी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया। पहले तो मौसी ने हाथ हटा लिया, लेकिन गोरे ने अपना लंड शॉर्ट्स से बाहर निकाला और मौसी के हाथ में थमा दिया।

उसका लंड गोरा था, लाल टोपा बाहर निकला हुआ, करीब 6 इंच लंबा और पूरी तरह साफ-शेव्ड। मौसी ने लंड को मुठ्ठी में पकड़ लिया और ऊपर-नीचे करने लगीं। गोरा अब मौसी के होंठों पर अपने होंठ रखकर उन्हें चूमने लगा। दोनों गर्मजोशी से किस कर रहे थे। ये सब देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया। मैं बारिश में भीग रहा था, लेकिन मेरी नजरें उनसे हट नहीं रही थीं।

गोरा अब मौसी को नीचे बिठाने लगा और अपना लंड उनके मुँह के पास ले गया। मौसी ने बिना विरोध किए लंड को मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। वो लंड पर थूक रही थीं, उसे गीला कर रही थीं, और फिर ज़ोर-ज़ोर से चूस रही थीं। गोरा मौसी का सिर पकड़कर खड़ा था, उसकी आँखें बंद थीं, जैसे वो सातवें आसमान पर हो। मौसी का चूसना किसी पॉर्नस्टार जैसा था, जो पॉर्न फिल्मों में देखने को मिलता है।

करीब 5 मिनट बाद मौसी खड़ी हुईं। गोरे ने मौसी की शॉर्ट्स का बटन खोला और उसे उतारने की कोशिश की। शॉर्ट्स बहुत टाइट थी, तो मौसी ने खुद ही उसे उतार दिया। उतारते वक्त वो नीचे बैठ गईं, और उनकी पूरी गांड पर बीच की रेत लग गई। फिर वो खड़ी हुईं, और गोरे ने उनकी पैंटी भी उतार दी। मौसी ने अपनी पैंटी और शॉर्ट्स को साइड में रख दिया। गोरे ने भी अपनी शॉर्ट्स उतारी और उसे नीचे बिछा दिया। उसने मौसी को उस पर बिठा दिया।

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गोरे ने मौसी के दोनों पैर फैलाए और अपना मुँह उनकी चूत पर लगा दिया। वो मौसी की चूत को चाटने लगा, अपनी जीभ को अंदर-बाहर करते हुए। मौसी की आँखें बंद थीं, और उनके चेहरे से साफ पता चल रहा था कि उन्हें मज़ा आ रहा था। गोरा एक हाथ से मौसी के बूब्स दबा रहा था। उसने मौसी की टी-शर्ट में हाथ डाला और उनकी ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को मसलने लगा। मौसी की सिसकारियाँ निकल रही थीं, “आह्ह… ऊह्ह…” उनकी आवाज़ बारिश की आवाज़ में दब रही थी।

फिर गोरा खड़ा हुआ और मौसी को भी खड़ा किया। उसने खुद नीचे लेट गया और अपने लंड पर थूक लगाया। मौसी को अपने लंड पर बिठाने लगा। मौसी धीरे-धीरे उसके लंड पर बैठ गईं और ऊपर-नीचे उछलने लगीं। उनकी गांड और बूब्स हर धक्के के साथ उछल रहे थे। गोरे ने मौसी की टी-शर्ट को ऊपर उठा दिया, जिससे उनके बूब्स ब्रा के ऊपर से साफ दिखने लगे। वो ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स को मसलने लगा। मौसी की सिसकारियाँ और तेज हो गईं, “आह्ह… हाँ… और ज़ोर से…” वो मजे में थीं।

थोड़ी देर बाद गोरे ने मौसी को खड़ा किया और खुद भी खड़ा हो गया। उसने मौसी को घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत में लंड डाल दिया। वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। उसका मुँह मेरी तरफ था, और मौसी का मुँह भी मेरी तरफ, लेकिन वो नीचे देख रही थीं। गोरे ने मुझे देख लिया। उसने मुझे इशारा किया कि मैं पास आऊँ। मैं डर गया, लेकिन वो मुझे बुलाता रहा। मैं धीरे-धीरे उसके पास गया। वो मौसी को चोदता रहा, और उसने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया। मैं घबरा गया, लेकिन उसने मुझे इशारे से मौसी को चोदने को कहा।

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मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था। गोरा ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था, और थप-थप की आवाज़ गूँज रही थी। मौसी की गांड धक्कों से लाल हो गई थी। मौसी सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह्ह… ऊह्ह… हाँ… और ज़ोर से…” गोरे ने अपना लंड मौसी की चूत से निकाला और मेरे लंड को पकड़कर मौसी की चूत की तरफ इशारा किया। मेरे पास कोई चारा नहीं था। मैं घुटनों के बल बैठ गया, अपना लंड निकाला और मौसी की चूत में डाल दिया। उनकी चूत इतनी गीली थी कि लंड आसानी से अंदर चला गया।

मैं धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। मुझे डर भी लग रहा था और मज़ा भी आ रहा था। आखिरकार ये मेरी मौसी की चूत थी, लेकिन जब लंड चूत में होता है, तो रिश्ते मायने नहीं रखते। लंड और चूत का बस चुदाई का रिश्ता होता है। मैं धक्के मारने लगा, और गोरा मुझे इशारा करके कहीं चला गया। बारिश और तेज हो गई थी, और झोपड़ी की छत टपक रही थी। लेकिन मुझे जैसे जन्नत मिल गई थी। मैं मौसी को चोदे जा रहा था। मैंने उनके शरीर को छूने से डरते हुए सिर्फ धक्के मारे।

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तभी गोरा वापस आया, उसके हाथ में एक रुमाल था। उसने मौसी की आँखों पर रुमाल बाँध दिया। मौसी ने थोड़ा विरोध किया, लेकिन गोरे ने उनके कान में कुछ कहा, और वो चुप हो गईं। मैंने अपना लंड निकाल लिया। गोरे ने मेरी टी-शर्ट उतारने को कहा। मैंने टी-शर्ट उतारी, और उसने उसे नीचे बिछा दिया। फिर मौसी को उस पर लिटा दिया। मौसी ने अपने पैर फैला दिए। गोरे ने मुझे मौसी के पास बिठाया और उनका सिर मेरी गोद में रख दिया। मैं चुपचाप बैठा रहा।

गोरा फिर से मौसी की चूत में लंड डालकर धक्के मारने लगा। मौसी की मोटी जांघें और उनका पेट हर धक्के के साथ हिल रहा था। उनकी नाभि गहरी और सेक्सी लग रही थी। गोरा उनकी जांघों को पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था। अचानक मौसी ने रुमाल खोल दिया और उनकी नजर मुझ पर पड़ी। मैं डर गया, और मौसी भी चौंक गईं। उन्होंने उठने की कोशिश की, लेकिन गोरे ने उनके बूब्स ज़ोर से दबाकर उन्हें लिटा दिया। मौसी का सिर फिर से मेरी गोद में था।

गोरा मौसी के ऊपर लेट गया और उनके होंठों को चूमने लगा। मौसी भी अब साथ दे रही थीं। तभी गोरा झड़ने वाला था। उसने अपना लंड बाहर निकाला और मौसी की छाती पर आ गया। उसने ज़ोर-ज़ोर से मुठ मारना शुरू किया और सारा वीर्य मौसी के मुँह और छाती पर गिरा दिया। फिर वो मौसी के बगल में बैठ गया। मौसी झट से उठीं, लेकिन गोरे ने उनके हाथ पकड़कर फिर से लिटा दिया।

मौसी की पूरी बॉडी पर रेत लगी थी। गोरे ने मुझे इशारा किया। मैंने मौसी से कहा, “सॉरी, मौसी…” और उनके पैरों के बीच आ गया। मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाला और धक्के मारने लगा। मौसी ने थोड़ा विरोध किया, लेकिन फिर वो शांत हो गईं। मैं मजे से चोदने लगा। मैंने एक हाथ उनके बूब्स पर और एक हाथ उनके पेट पर रखा। मौसी हर धक्के पर सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह्ह… ह्म्म… और ज़ोर से…”

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तभी गोरा उठकर चला गया। अब सिर्फ मैं और मौसी झोपड़ी में थे। मैं धक्के पे धक्के दे रहा था, और मौसी मजे से चुदवा रही थीं। करीब 5 मिनट बाद गोरा वापस आया, वो अभी भी नंगा और पूरी तरह भीगा हुआ था। उसने मुझे हटने को कहा। मैं हट गया, तो उसने मौसी को खड़ा किया और मुझे नीचे लेटने को कहा। मैं लेट गया, और उसने मौसी को मेरे ऊपर बिठा दिया। मौसी का मुँह मेरी तरफ था, और वो मेरे लंड पर उछलने लगीं। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। वो “आह्ह… ऊह्ह… येस्स… ऊईई…” की आवाज़ें निकाल रही थीं। मैंने उनकी कमर पकड़ रखी थी।

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तभी गोरा मौसी के मुँह के सामने आया और अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया। मौसी उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। चूसने की आवाज़ “चप-चप” गूँज रही थी। बारिश अभी भी हो रही थी, और ठंड बढ़ रही थी। मौसी मेरे ऊपर उछल रही थीं और साथ में गोरे का लंड चूस रही थीं। मैं झड़ने वाला था। मैंने मौसी को धक्के देना जारी रखा, और फिर मैं झड़ गया। मेरा सारा वीर्य मौसी की चूत में चला गया। मौसी को शायद अंदर वीर्य का अहसास हुआ, वो रुक गईं, लेकिन गोरे का लंड चूसती रहीं।

करीब 10 मिनट चूसने के बाद गोरा भी झड़ गया। उसने अपना लंड मौसी के मुँह में इतना दबाया कि सारा वीर्य उनके गले में चला गया। फिर वो वहाँ से चला गया। मौसी मेरे ऊपर से उठीं। मेरा लंड सिकुड़ चुका था। ये पहली बार था जब मैंने बिना कंडोम के किसी औरत को चोदा था। मौसी की चूत से मेरा वीर्य टपक रहा था। वो मेरे बगल में 10-15 मिनट बैठी रहीं। बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी।

फिर मौसी ने अपने कपड़े पहने, जो पूरी तरह रेत से सने हुए थे। उनकी पूरी बॉडी पर भी रेत लगी थी। मैं भी पूरा रेत से भरा था। मैंने भी कपड़े पहने और सोचने लगा कि अब होटल कैसे जाएँ। मौसी कुछ बोल नहीं रही थीं, और मुझे भी शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। करीब एक घंटे बाद बारिश कम हुई, तब हम वहाँ से निकले। रात के 1 बजे हम होटल पहुँचे। रास्ते में मैं और मौसी एक शब्द भी नहीं बोले। लेकिन मेरे मन में एक इच्छा अधूरी रह गई थी—मुझे मौसी की चूत चाटनी थी।

होटल पहुँचकर हम नहाए और चुपचाप सो गए। अगले दिन हम घर के लिए रवाना हो गए। इस घटना ने एक बात तो पक्की कर दी कि मेरी दोनों मौसी और मेरी माँ, तीनों चुदक्कड़ हैं। इस तरह मैंने एक गोरे के साथ मिलकर अपनी मौसी को चोदा।

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