Desi Pregnant Sex Story – Saali Jiija Chudai: मेरा नाम विशाल है। मैं 25 साल का हूँ, महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर में रहता हूँ, और एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ। मेरी शादी तीन महीने पहले रीमा से हुई थी। रीमा, मेरी बीवी, 24 साल की है, और उसका फिगर 34-28-36 का है। उसकी गोरी चमड़ी, भरे हुए बूब्स, और गोल-मटोल गांड किसी को भी दीवाना बना दे। उसकी चाल में एक अजीब सी मादकता है, जैसे वो हर कदम पर अपनी हवस को बिखेरती हो। हमारी सगाई के बाद से ही हम चुदाई का मज़ा लेते आ रहे थे। मेरे घर में मेरी माँ, पापा, रीमा और मैं रहते हैं। मेरी एक बड़ी बहन है, जो शादीशुदा है और गुजरात में रहती है। मेरे ससुराल में रीमा की बड़ी बहन मालती, मेरी सास, और ससुर रहते हैं।
मालती, मेरी साली, 30 साल की है। उसका फिगर 36-30-36 का है, लंबाई 5 फीट 7 इंच, और उसकी गोरी चमड़ी पर गुलाबी रंग की हल्की चमक है। उसके भरे हुए बूब्स, गोल गांड, और कामुक चेहरा उसे एकदम चुदक्कड़ औरत बनाता है। वो आठ महीने की गर्भवती थी और इस वजह से अपने मायके आ गई थी। मालती को देखकर मेरे मन में हमेशा हवस की आग भड़कती थी। जब भी मैं रीमा की चूत मारता, मेरे दिमाग में मालती की मोटी गांड और बड़े बूब्स ही घूमते। उसका नाम लेते ही मेरा 8 इंच का लंड पानी छोड़ देता था।
एक गर्म जुलाई की दोपहर, मैं रीमा से मिलने ससुराल गया। ससुराल एक पुराने स्टाइल का घर था, जिसमें लकड़ी की चौखटें और रंग-बिरंगे परदे थे। मैंने दरवाजा खटखटाया, और मालती ने दरवाजा खोला। उसने हल्के गुलाबी रंग का ढीला-ढाला सिल्क का पजामा पहना था, जिसके साथ एक सफेद टी-शर्ट थी। टी-शर्ट इतनी ढीली थी कि उसके बूब्स की उभरी हुई शेप साफ दिख रही थी। पजामा उसकी मोटी जांघों और गांड को ढक रहा था, लेकिन उसकी कामुकता को छुपा नहीं पा रहा था। उसने अपने बालों को ढीले से बांध रखा था, और उसकी गोरी गर्दन पर पसीने की कुछ बूंदें चमक रही थीं।
“आओ विशाल, अंदर आओ,” मालती ने मुस्कुराते हुए कहा। उसकी आवाज में एक अजीब सी मिठास थी, जो मेरे लंड को हल्का सा हिलोर दे गई। मैं अंदर गया और ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठ गया। मालती पानी और चाय लेकर आई। उसने चाय का कप मेरे सामने रखते हुए हल्के से झुकी, और उसकी टी-शर्ट के गले से उसके बूब्स की गहरी दरार दिखी। मैंने जानबूझकर उसके हाथ को छुआ, उसकी मुलायम उंगलियों को महसूस करते हुए मेरे मन में हवस की लहर दौड़ गई। “रीमा कहाँ है?” मैंने पूछा। मालती ने जवाब दिया, “वो शाम को आएगी। मम्मी बाजार गई हैं, और पापा अपने दोस्त के यहाँ हैं।”
ये सुनकर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे। घर में सिर्फ मैं और मालती! आज कुछ तो मज़ा आएगा, मैंने सोचा। मैंने मालती से पूछा, “दीदी, तुम्हारी तबीयत कैसी है? प्रेगनेंसी में कोई दिक्कत तो नहीं?” मालती ने एक गहरी सांस ली और कहा, “विशाल, सब तो ठीक है, बस पेट पर बहुत खुजली हो रही है। डॉक्टर ने एक क्रीम दी है, लेकिन तुम्हारे जीजू दो दिन से आए नहीं, तो मैंने लगाई नहीं। आज तो खुजली से बुरा हाल है।” उसकी बात सुनकर मेरे दिमाग में शैतानी चाल चलने लगी। मैंने तुरंत कहा, “अरे दीदी, इतनी सी बात? लाओ मैं क्रीम लगा देता हूँ।”
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मालती ने हल्की सी हंसी के साथ कहा, “अच्छा ठीक है, मैं ट्यूब ले आती हूँ।” वो बेडरूम की ओर चली गई। मैं उसके पीछे-पीछे गया। बेडरूम में एक बड़ा सा पलंग था, जिस पर नीली चादर बिछी थी। खिड़की से हल्की धूप आ रही थी, और कमरे में एक हल्की सी गर्माहट थी। मालती ने ट्यूब लाकर मुझे दी और कहा, “लो, ये रही।” मैंने कहा, “दीदी, यहीं लेट जाओ। मैं क्रीम लगाकर मसाज कर देता हूँ। तुम्हारी सारी खुजली और गर्मी आज दूर हो जाएगी।” मैंने ये बात एकदम सेक्सी अंदाज में कही, और मेरी नजर उसके बूब्स पर टिक गई।
मालती ने उसी अंदाज में जवाब दिया, “हाँ विशाल, मेरे पति को तो मेरी गर्मी और खुजली दूर करने का वक्त ही नहीं मिलता। चलो, तुम ही उनके बदले कर दो।” वो तिरछी होकर पलंग पर लेट गई। उसकी टी-शर्ट उसके बूब्स के ऊपर हल्की सी चढ़ गई थी, और उसका फूला हुआ पेट साफ दिख रहा था। मैंने कहा, “मालती, थोड़ा अपनी टी-शर्ट ऊपर करो।” उसने हल्के से गुस्से में कहा, “अरे, तुम मुझे मेरे पति की तरह क्यों बुला रहे हो? तुझे पता है मैं तेरी बीवी की दीदी हूँ!” मैंने हंसते हुए जवाब दिया, “दीदी, मैं तो बस तुम्हारी सेवा पति की तरह कर रहा हूँ। वैसे तुम इतनी सुंदर हो कि मैं खुद को रोक ही नहीं पाया। मैं तो खुशनसीब हूँ कि तुम मुझे साली के रूप में मिली। और वैसे भी, साली तो आधी घरवाली ही होती है ना?”
मैंने उसके गालों को धीरे से छुआ, और उसकी गोरी चमड़ी पर मेरी उंगलियां फिसल गईं। मालती ने मेरे गालों को प्यार से सहलाते हुए कहा, “हाँ, आधी घरवाली तो होती है, लेकिन पूरी नहीं।” मैंने तुरंत जवाब दिया, “बस आज आधी ही मिल जाए, मैं तो धन्य हो जाऊंगा।” उसने मुस्कुराते हुए कहा, “चल विशाल, अब जल्दी मसाज शुरू कर, कहीं मम्मी या रीमा न आ जाए।”
मैंने उसकी सफेद टी-शर्ट को धीरे-धीरे उसके बूब्स तक उठाया। जैसे ही मेरा हाथ उसके बूब्स को छूआ, उसने हल्की सी सिसकारी भरी, “आह्ह…” उसकी गुलाबी ब्रा साफ दिख रही थी, जिसमें उसके 36 साइज के बूब्स कसकर भरे हुए थे। मेरा लंड मेरी नीली जीन्स में तन गया, और उसमें एक तंबू बन गया। मैंने उसका पेट, जो गर्भवती होने की वजह से फूला हुआ था, सहलाना शुरू किया। उसकी चमड़ी इतनी मुलायम थी कि मेरे हाथ खुद-ब-खुद रुक नहीं रहे थे। मैंने क्रीम की ट्यूब खोली, उसमें से थोड़ी सी सफेद क्रीम निकाली, और उसके पेट पर मलना शुरू किया। मालती मचल रही थी, उसकी सांसें तेज हो रही थीं।
मैंने पूछा, “क्या हुआ मेरी प्यारी मालती को?” उसने कहा, “विशाल, ऐसा लगा जैसे करंट सा लग गया। तेरे हाथों में जादू है।” मैंने क्रीम मलते हुए धीरे-धीरे उसके बूब्स के निचले हिस्से को छुआ। उसकी गुलाबी ब्रा के नीचे से उसके बूब्स की गर्मी मेरे हाथों में महसूस हो रही थी। मालती एकदम सिहर उठी और मेरी जीन्स में बने तंबू को देखकर बोली, “ये क्या, विशाल? तेरी पैंट में क्या फंस गया है? इतना फूला हुआ क्यों लग रहा है?” मैंने उसके पेट पर हल्का सा किस करते हुए कहा, “इसमें मेरा प्यार छुपा है, जो तेरे प्यार में समा जाने को बेताब है।”
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मालती ने आँहे भरते हुए कहा, “विशाल, ऊपर तक मसाज कर, और आज मुझे बहुत प्यार दे।” उसकी आवाज में हवस साफ झलक रही थी। मैं समझ गया कि वो अब पूरी तरह गरम हो चुकी है। उसकी चूत मेरे लंड के लिए मचल रही थी। मैंने उसकी टी-शर्ट को और ऊपर किया और उसकी गुलाबी ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को हल्के से दबाया। मालती ने एक लंबी सिसकारी भरी, “आह्ह… विशाल, और जोर से…” मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। उसके मोटे-मोटे बूब्स आजाद हो गए। उसकी गुलाबी निप्पल कड़क हो चुकी थीं, और उनके चारों ओर हल्का भूरा घेरा था। मैंने एक निप्पल को उंगलियों से सहलाया, और मालती की सिसकारी और तेज हो गई, “आह्ह… ओह्ह…”
मैंने धीरे-धीरे उसके बूब्स को दबाना शुरू किया, पहले हल्के से, फिर थोड़ा जोर से। उसके बूब्स इतने मुलायम और भरे हुए थे कि मेरे हाथों में समा ही नहीं रहे थे। मैंने एक बूब्स को मुंह में लिया और उसकी निप्पल को जीभ से चाटने लगा। मालती चिल्ला उठी, “आह्ह… विशाल, चूस ले… मेरे बूब्स को मसल डाल… बहनचोद, और जोर से!” उसकी गंदी बातें सुनकर मैं और जोश में आ गया। मैंने उसके बूब्स को काटना शुरू किया, और उसकी निप्पल को दांतों से हल्का सा खींचा। मालती उछल-उछलकर सिसकारियां ले रही थी, “ओह्ह… मेरे राजा, तेरा मुंह जन्नत का दरवाजा है। चूस ले, मुझे अपनी रंडी बना ले… आह्ह… मैं तेरी रखैल हूँ!”
मैंने जवाब दिया, “साली रंडी, तुझे देखते ही मैं तेरे बूब्स चूसना चाहता था। आज मौका मिला, भोसड़ी की!” मैंने उसकी टी-शर्ट और ब्रा को पूरी तरह उतार दिया। अब वो सिर्फ अपने गुलाबी पजामे में थी। मैंने उसका पजामा खींचकर उतारा। उसने काली रंग की पैंटी पहनी थी, जो उसकी गीली चूत को ढक रही थी। मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाया। मालती की सिसकारियां और तेज हो गईं, “आह्ह… विशाल, और कर… मेरी चूत को छू…”
मैंने उसकी पैंटी को धीरे-धीरे नीचे खींचा। उसकी चूत साफ दिख रही थी। उसकी चूत गुलाबी थी, और हल्के से गीली। उसकी क्लिट छोटी सी थी, लेकिन उभरी हुई थी। मैंने उसकी चूत पर उंगली फेरी, और मालती ने जोर से सिसकारी भरी, “आह्ह… विशाल, तू मुझे मार डालेगा!” मैंने उसकी चूत में मुंह घुसा दिया। उसकी चूत की खुशबू मुझे पागल कर रही थी। मैंने उसकी क्लिट को जीभ से चाटना शुरू किया, पहले हल्के से, फिर जोर-जोर से। मालती चिल्ला रही थी, “हाँ… और जोर से चाट मेरी चूत को, मेरे कुत्ते! अपनी साली की चूत को कच्चा चबा जा… आह्ह… तू मेरा मालिक है, मेरी चूत का स्वामी… आह्ह!”
मैंने उसकी चूत में जीभ डालकर चूसना शुरू किया। उसकी चूत का रस मेरे मुंह में आ रहा था, और उसका स्वाद मुझे और पागल कर रहा था। मालती ने मेरे सिर को पकड़कर अपनी चूत पर दबा लिया और चिल्लाई, “आह्ह… विशाल, चाट ले… मेरे जीजा ने कभी ऐसा नहीं किया, वो मदारचोद नामर्द है। तू ही मेरा असली मर्द है!” इतने में उसने मेरे मुंह में अपना पानी छोड़ दिया। मैंने सारा रस पी लिया, और उसका स्वाद मेरे होश उड़ा रहा था।
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मैंने मालती को बेड पर बैठाया और अपनी नीली जीन्स और काले अंडरवियर को उतार दिया। मेरा 8 इंच का लंड तनकर बाहर आ गया। उसका सुपाड़ा गुलाबी था, और उस पर हल्की सी नमी थी। मालती ने मेरे लंड को देखकर कहा, “साले विशाल, ये लंड है या लंड की सेना? इतना लंबा, मोटा और कड़क लंड! मेरी माँ भी इससे चुदने को मना नहीं करेगी।” वो मेरे लंड को चाटने लगी, पहले सुपाड़े को, फिर पूरे लंड को मुंह में ले लिया। वो “हम्म… आह्ह…” की आवाजें निकाल रही थी। मैंने उसका सिर पकड़कर धीरे-धीरे धक्के देने शुरू किए। मालती का मुंह मेरे लंड को चूस रहा था, और मैं जन्नत में था।
मैंने कहा, “साली रंडी, अब सीधी लेट जा, अब मैं तेरी चूत फाड़ूंगा।” मालती ने कहा, “विशाल, जरा आराम से, मैं प्रेग्नेंट हूँ। प्यार से चोद, लेकिन जी भरकर चोद। मैं तेरी रखैल बनने को तैयार हूँ।” मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत पर अपना लंड सेट किया। पहले सुपाड़ा अंदर डाला, मालती सिसकारी, “आह्ह…” फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। “पच… पच…” की आवाज कमरे में गूंज रही थी। मालती चिल्ला रही थी, “हाँ… चोद मुझे… आह्ह… तेरी रंडी हूँ मैं… और जोर से… फाड़ दे मेरी चूत को!”
मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। मालती की चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे और जोर से चोदा। मालती की सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं, “आह्ह… ऊह्ह… विशाल, तेरा लंड मेरे गर्भ तक जा रहा है… चोद दे मुझे… बन जा मेरा मालिक!” मैंने उसे कसकर पकड़ा और जोर-जोर से चोदा। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मालती का पानी निकल गया। उसने कहा, “विशाल, अब मेरी गांड मार… मुझे गांड मरवाने का बहुत शौक है। मेरे जीजा का 5 इंच का लंड मुझे संतुष्ट नहीं करता।”
मैंने मालती को डॉगी स्टाइल में बिठाया। उसकी मोटी गांड देखकर मेरा लंड और तन गया। मैंने उसकी गांड पर लंड सेट किया और धीरे से आधा लंड अंदर डाला। मालती दर्द से चिल्लाई, “आह्ह… धीरे…” मैंने कहा, “साली रंडी, चुप रह, नहीं तो तेरी मम्मी जाग जाएगी।” मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी गांड में समा गया। “पट… पट…” की आवाजें कमरे में गूंजने लगीं। मालती चिल्ला रही थी, “आह्ह… मार डाला रे… मेरी गांड फाड़ दी… और जोर से चोद, बहनचोद!”
मैंने उसकी गांड को जोर-जोर से चोदा। उसकी मोटी गांड मेरे धक्कों से हिल रही थी। मालती गालियां दे रही थी, “हाँ… चोद मेरी गांड… फाड़ दे इसे… आह्ह… तू मेरा असली मर्द है!” तभी मेरी नजर दरवाजे पर गई। मैंने देखा कि मेरी सास, जो 50 साल की थीं, वहां खड़ी थीं। उन्होंने एक लाल साड़ी पहनी थी, और वो हमारी चुदाई को देखकर अपनी चूत में उंगली कर रही थीं। मैंने उन्हें देख लिया, और उन्होंने भी मुझे देख लिया, लेकिन मैंने चुदाई जारी रखी।
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करीब 15 मिनट तक मालती की गांड मारने के बाद मैं उसकी गांड में ही झड़ गया। हम दोनों थककर बेड पर लेट गए। मालती ने मेरे गाल पर किस करते हुए कहा, “विशाल, तूने आज मुझे जन्नत दिखा दी। अब मैं तेरी रंडी हूँ।” मैंने जवाब दिया, “साली, तू मेरी रखैल बन गई है। अब जब मन करेगा, तुझे चोदूंगा।”
तब से मैं हफ्ते में एक-दो बार मालती की चुदाई करता हूँ। अब वो एक बच्ची की माँ बन चुकी है, और उसकी चूत पहले से भी ज्यादा रसीली हो गई है। मैं बिना डर के उसकी चूत और गांड मारता हूँ। मेरी सास बाहर नजर रखती है, ताकि कोई हमें डिस्टर्ब न करे। मालती मेरे हर धक्के से खुश रहती है, और मैं भी उसकी चुदाई का पूरा मज़ा लेता हूँ।
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