परीक्षा में पास होने पर भाभी ने पेलने दिया

यह कहानी मेरे जीवन की उस सुनहरी घटना की है, जब मैं 12वीं कक्षा में था और मेरी जिंदगी ने एक ऐसा मोड़ लिया, जिसने मुझे हमेशा के लिए बदल दिया। मेरा नाम राहुल है, मैं 20 साल का एक औसत दिखने वाला लड़का हूँ, लेकिन मेरा 8 इंच लंबा और मोटा लंड किसी भी औरत को दीवाना बना सकता है। यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है, जब मैं वर्जिन था और मेरे सामने मेरी सपनों की माल, पूनम भाभी, ने मुझे वो सुख दिया, जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था। Devar Bhabhi Sex Story

मेरे घर के ठीक सामने पूनम भाभी का घर था। पूनम भाभी, जिनका नाम सुनते ही मेरे दिल की धड़कन तेज हो जाती थी, एक 30 साल की हसीन औरत थीं। उनकी तीन साल की एक प्यारी सी बेटी थी, और उनके पति, संजय भैया, एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे। भाभी का फिगर 36-34-38 का था, और उनका हर अंग मानो सेक्स की मूरत हो। उनके बड़े-बड़े बूब्स, जो उनकी टाइट ब्लाउज में कैद रहते थे, हर बार मुझे पागल कर देते। उनकी चौड़ी गांड जब चलते वक्त हिलती थी, तो मेरा लंड अपने आप खड़ा हो जाता। मैं रात-दिन उनके बारे में सोचता और उनके नाम की मुठ मारता।

यह सब तब शुरू हुआ, जब मैं 12वीं की पढ़ाई के लिए भाभी से गणित की ट्यूशन लेने लगा। भाभी पहले स्कूल में टीचर थीं, लेकिन अब वो घर पर ही बच्चों को पढ़ाती थीं। मैं हर दिन दोपहर 2 बजे उनके घर जाता। लेकिन मेरा ध्यान पढ़ाई में कहाँ था? मैं तो बस भाभी के बूब्स की दरार और उनकी हिलती गांड को घूरता रहता। जब वो मुझे कोई सवाल समझाने के लिए झुकतीं, तो उनकी ब्लाउज से उनके बूब्स का उभार साफ दिखता। मैं घर जाकर उनके बारे में सोचते हुए मुठ मारता और सपने देखता कि कब वो मेरी बाहों में होंगी।

लेकिन मेरी ये हरकतें मेरे लिए मुसीबत बन गईं। मेरे प्री-बोर्ड एग्जाम में बहुत कम नंबर आए। घर पर पापा ने मुझे खूब डांटा और भाभी से मेरी शिकायत कर दी। पापा ने कहा, “राहुल, अगर तू ऐसे ही लापरवाही करेगा, तो फेल हो जाएगा। पूनम, तुम इसे समझाओ!” उस दिन जब मैं ट्यूशन गया, तो भाभी ने मुझे जमकर डांटा। उनकी आँखों में गुस्सा था, और वो बोलीं, “राहुल, तू कभी नहीं सुधरेगा! पढ़ाई पर ध्यान दे, वरना जिंदगी में कुछ नहीं कर पाएगा।” लेकिन मैं तो उनके हिलते बूब्स को ही देख रहा था। तभी भाभी ने गुस्से में मुझे एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। मैं गुस्से और शर्मिंदगी में वहाँ से भाग गया।

अगले तीन दिन मैं ट्यूशन नहीं गया। भाभी मुझे कॉल करती रहीं, लेकिन मैंने उनका फोन नहीं उठाया। मैं सोच रहा था कि अब भाभी से कभी बात नहीं करूँगा। लेकिन चौथे दिन दोपहर को उनका मैसेज आया, “राहुल, अभी मेरे घर आ। बात करनी है।” मैं थोड़ा डरते हुए उनके घर गया। भाभी ने मुझे सोफे पर बिठाया और कोल्ड ड्रिंक लाकर दी। फिर वो प्यार से बोलीं, “राहुल, अगर तू पढ़ाई नहीं करेगा, तो जिंदगी में क्या करेगा? बता, क्या परेशानी है?”

मैंने हिम्मत करके कहा, “भाभी, मैं पढ़ना चाहता हूँ, लेकिन मेरा ध्यान नहीं लगता। और मैं आपको कुछ बता भी नहीं सकता।” भाभी ने कहा, “बता ना, मैं समझूँगी।” मैंने डरते-डरते कहा, “भाभी, मैं आपसे प्यार करता हूँ। आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो। आप इतनी हॉट और सेक्सी हो कि मैं हर वक्त आपके बारे में ही सोचता रहता हूँ।”

मेरी बात सुनकर भाभी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। वो चिल्लाईं, “राहुल, मैं तुझसे कितनी बड़ी हूँ! तू मेरे बारे में ऐसा सोचता है?” मैं डर गया, लेकिन हिम्मत करके बोला, “भाभी, इसमें मेरी क्या गलती? प्यार तो उम्र देखकर नहीं होता।” भाभी ने कहा, “यह गलत है। तू पढ़ाई पर ध्यान दे और चला जा।” मैंने कहा, “अगर आप मुझे नहीं मिलीं, तो मैं कभी एग्जाम पास नहीं कर पाऊँगा।” और मैं वहाँ से चला गया।

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दो दिन बाद शाम को भाभी का कॉल आया। वो बोलीं, “राहुल, मुझे भूल जा। पढ़ाई पर ध्यान दे।” मैंने कहा, “नहीं, भाभी, मैं आपको बिना पाए कुछ नहीं कर सकता।” भाभी ने फिर समझाने की कोशिश की, लेकिन मैं नहीं माना। आखिरकार, भाभी ने मैसेज किया, “ठीक है, मैं सोचकर जवाब दूँगी।” दो दिन बाद भाभी ने मुझे घर बुलाया और बोलीं, “राहुल, मैं सिर्फ तुम्हारी पढ़ाई के लिए हाँ कर रही हूँ। लेकिन मेरी शर्त है—तू पहले 70% नंबर लाकर दिखा।”

मैंने उदास होकर कहा, “यह गलत है, भाभी।” तब भाभी ने हँसते हुए कहा, “अच्छा, उदास मत हो। हर रविवार को तू 10 मिनट मेरे बूब्स दबा सकता है और एक किस कर सकता है। लेकिन वादा कर, तू 70% लाएगा।” मैं खुशी से झूम उठा और बोला, “पक्का, भाभी!”

पहला रविवार आया। मैं सुबह 9 बजे भाभी को कॉल करके बोला, “मैं आ रहा हूँ।” भाभी ने कहा, “अभी नहीं, 12 बजे आ। घर पर सब हैं।” मैं 12 बजे उनके घर पहुँचा। भाभी ने मुझे देखकर मुस्कुराते हुए कहा, “क्या, बिल्कुल सब्र नहीं है?” मैंने कहा, “भाभी, इतने दिन से सब्र ही तो किया है।” भाभी ने दरवाजा बंद किया। मैंने उन्हें अपनी बाहों में खींच लिया और दीवार से सटा दिया। मेरे हाथ उनके बड़े-बड़े बूब्स पर चले गए। वाह, क्या मुलायम और भरे हुए बूब्स थे! मेरे हाथों में नहीं समा रहे थे। मैं जोर-जोर से दबाने लगा। भाभी की आँखें बंद हो गईं, और वो बोलीं, “धीरे, मेरे शेर, धीरे।”

उनके मुँह से “शेर” सुनकर मैं और जोश में आ गया। मैंने उनके बूब्स को और जोर से मसला। भाभी सिसकारियाँ लेने लगीं, “आह्ह्ह… उह्ह्ह… थोड़ा आराम से, मेरे शेर… उफ्फ्फ…” 10 मिनट खत्म होने पर भाभी ने मुझे धक्का देकर हटाया और बोलीं, “बस, टाइम ख़त्म।” मैंने कहा, “किस तो बाकी है।” भाभी ने हँसकर कहा, “तूने ही नहीं की।” मैं उदास हो गया। भाभी ने मुझे पास बुलाया और बोलीं, “आजा, किस कर ले।” मैंने उनके रसीले होंठों को चूसा, लेकिन भाभी ने जल्दी हटा दिया। वो बोलीं, “बस, अब जा। और ज्यादा मुठ मत मार, ये ठीक नहीं।”

इसके बाद मैंने पढ़ाई में जी-जान लगा दी। हर रविवार भाभी के बूब्स दबाने और किस करने का मौका मुझे और मेहनत करने की हिम्मत देता। एक रविवार को भाभी ने मजाक में कहा, “आ गया, मेरा शेर शिकार करने?” मैंने उन्हें बाहों में भरा और उनके होंठ चूसने लगा। उनके बूब्स को दबाते वक्त मेरा लंड इतना टाइट हो गया कि पैंट में दर्द करने लगा। भाभी ने हँसकर कहा, “थोड़ा आराम से, मैं कहीं नहीं भाग रही।”

एग्जाम आ गए। रिजल्ट से एक दिन पहले मैं भाभी के पास गया। वो बोलीं, “क्या बात है, आज इतना उदास क्यों?” मैंने कहा, “कल रिजल्ट है। डर लग रहा है कि कहीं मेरा सपना टूट न जाए।” भाभी ने पूछा, “कौन सा सपना?” मैंने हँसते हुए कहा, “आपके साथ सेक्स करने का।” हम दोनों हँस पड़े। मैंने भाभी को एक गिफ्ट दिया—एक लाल रंग की ब्रा और पैंटी। भाभी ने पूछा, “ये किसके लिए?” मैंने कहा, “आपके लिए। अगर मैं पास हुआ, तो आप ये पहनकर मेरे साथ सेक्स करेंगी। और अगर फेल हुआ, तो मुझे अपनी एक ब्रा-पैंटी दे देना, ताकि मैं आपकी खुशबू सूँघ सकूँ।”

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भाभी ने हँसकर कहा, “चल, चिंता मत कर। जो होगा, देखा जाएगा।” फिर उन्होंने मेरा हाथ अपने बूब्स पर रखा और बोलीं, “आज मजे ले ले, मेरे शेर।” मैंने उनके बूब्स को जोर-जोर से दबाया और उनके होंठ चूसे। भाभी हाँफते हुए बोलीं, “धीरे, कल भी मौका मिलेगा।”

अगले दिन रिजल्ट आया। मैं 72% से पास हो गया। मैं खुशी से उछल पड़ा और भाभी के घर भागा। भाभी किचन में आटा गूँथ रही थीं। मैंने कहा, “भाभी, मैं 70% नहीं, 72% लाया हूँ!” और उनके पीछे जाकर उनकी गांड सहलाने लगा। भाभी ने कहा, “अरे, कोई देख लेगा। हट!” मैंने कहा, “भाभी, ये सब आपकी मेहरबानी है। अब कब शुरू करें?” भाभी ने हँसकर कहा, “सब्र कर, मेरे शेर। सब्र का फल मीठा होता है। कल मेरी बेटी स्कूल जाएगी और संजय ऑफिस। तू सुबह 10 बजे आ जाना। लेकिन सिर्फ 1 बजे तक का टाइम है। और हाँ, मैं तेरे गिफ्ट वाली ब्रा-पैंटी पहनूँगी।”

मैं रात भर सो नहीं पाया। सुबह 9 बजे ही मैं भाभी के घर पहुँच गया। भाभी ने दरवाजा खोला और बोलीं, “क्या, तुझे तो बिल्कुल सब्र नहीं?” मैंने कहा, “भाभी, अब कंट्रोल नहीं होता।” भाभी ने कहा, “थोड़ा इंतजार कर, मुझे कुछ काम है।” लेकिन मुझसे रहा नहीं गया। मैं किचन में गया और भाभी के गले पर किस करने लगा। भाभी बोलीं, “अरे, धीरे!” लेकिन मैंने उन्हें अपनी तरफ घुमाया और उनके रसीले होंठों को चूसने लगा। मेरे हाथ उनके बूब्स पर चले गए। मैंने उनके सूट को उतारने की कोशिश की, लेकिन नहीं उतर रहा था। भाभी ने हँसकर कहा, “रुक, मैं उतारती हूँ। बेडरूम चल।”

बेडरूम में भाभी ने अपना सूट उतारा। वो लाल ब्रा और पैंटी में थीं, जो मैंने गिफ्ट की थी। मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए। मेरा 8 इंच का लंड देखकर भाभी बोलीं, “वाह, मेरे शेर का तो बहुत बड़ा और मोटा है!” मैंने भाभी को बेड पर लिटाया और उनकी ब्रा के अंदर हाथ डालकर उनके बूब्स दबाने लगा। उनके गुलाबी निप्पल को मैंने जोर-जोर से मसला। भाभी सिसकारियाँ लेने लगीं, “उफ्फ्फ… आह्ह्ह… धीरे, मेरे शेर… उह्ह्ह…”

मैंने उनकी ब्रा उतार दी। उनके गोरे, भरे हुए बूब्स और गुलाबी निप्पल देखकर मेरा लंड और टाइट हो गया। मैंने उनके एक बूब को मुँह में लिया और चूसने लगा, दूसरे को जोर-जोर से दबाने लगा। मैंने उनके निप्पल को हल्के से काटा, तो भाभी चीख पड़ीं, “उई माँ… मर गई!” उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह्ह्ह… चूस मेरे शेर… और जोर से…”

मैं उनकी नाभि पर किस करने लगा और उनकी पैंटी के ऊपर से उनकी चूत को रगड़ने लगा। उनकी चूत की मादक खुशबू ने मुझे पागल कर दिया। मैंने उनकी पैंटी उतार दी। उनकी गुलाबी, साफ चूत देखकर मेरी आँखें फटी रह गईं। भाभी बोलीं, “क्या हुआ, मेरे शेर? रुक क्यों गया?” मैंने उनकी चूत पर किस किया और जीभ डालकर चूसने लगा। भाभी जोर-जोर से सिसकारियाँ लेने लगीं, “आह्ह्ह… उई माँ… मजा आ गया… और चूस… मेरे शेर…” वो मेरा सिर अपनी चूत में दबा रही थीं। उनकी चूत का रस इतना स्वादिष्ट था कि मैं उसे पूरा पी गया। भाभी बोलीं, “राहुल, तूने मेरी चूत चूसकर मुझे पागल कर दिया। मेरे पति ने कभी ऐसा नहीं किया।”

मैंने अपना लंड उनके मुँह के पास ले जाकर कहा, “भाभी, इसे चूसो।” भाभी ने मेरा लंड मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगीं। उनकी गर्म जीभ मेरे लंड पर जादू कर रही थी। कुछ देर बाद मैं उनके मुँह में ही झड़ गया। भाभी ने सारा माल निगल लिया और बोलीं, “वाह, मेरे शेर का माल भी गजब है।”

हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उनकी चूत चूस रहा था, और वो मेरा लंड। तभी मैंने पूछा, “भाभी, आपके यहाँ आइसक्रीम है?” भाभी बोलीं, “आइसक्रीम का क्या करेगा?” मैंने कहा, “बस देखो।” मैं किचन से वनीला आइसक्रीम ले आया। मैंने आइसक्रीम उनकी नाभि पर लगाई और चूसने लगा। भाभी सिसकारियाँ लेने लगीं, “आह्ह्ह… वाह, मेरे शेर… क्या स्टाइल है… उह्ह्ह…” फिर मैंने आइसक्रीम उनकी चूत पर लगाई। भाभी काँप उठीं, “अहहह्ह्ह… उई माँ… ठंडा है!” मैंने उनकी चूत को चूसा, आइसक्रीम और उनके रस का स्वाद मिलकर मुझे जन्नत में ले गया। भाभी चीख रही थीं, “खा जा, मेरे शेर… मेरी चूत खा जा… आह्ह्ह… फाड़ दे आज…”

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मैंने भाभी को लिप किस किया। हमारी जीभ एक-दूसरे से लिपट रही थी। फिर मैंने उनका एक पैर उठाया और उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा। भाभी बोलीं, “कंडोम पहन ले।” मैंने कहा, “नहीं, भाभी, ये मेरी पहली चुदाई है। मैं ऐसे ही करूँगा।” भाभी बोलीं, “जो करना है, कर।, लेकिन अब रुक मत।” मैंने लंड उनकी चूत के छेद पर सेट किया और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड का टोपा अंदर गया। भाभी चीख पड़ीं, “अहहह्ह्ह… धीरे, मेरे शेर…” मैंने एक और धक्का मारा। मेरा आधा लंड अंदर चला गया। भाभी की आँखों में आँसू आ गए, “उई माँ… मर गई…”

मैंने तीसरा धक्का मारा, और मेरा पूरा 8 इंच का लंड उनकी चूत में जड़ तक उतर गया। भाभी चीखीं, “हाय… तेरा शेर तो सच में जंगली है… आह्ह्ह…” मैं उनके ऊपर लेट गया और उनके होंठ चूसने लगा। उनके बूब्स को जोर-जोर से दबाने लगा। जब भाभी का दर्द कम हुआ, मैंने धक्के लगाने शुरू किए। भाभी सिसकारियाँ ले रही थीं, “आह्ह्ह… चोद मेरे शेर… और जोर से… फाड़ दे मेरी चूत… उह्ह्ह… ऊएऊए…” मैंने स्पीड बढ़ा दी। कमरा उनकी सिसकारियों और बेड की चरमराहट से गूँज रहा था।

10 मिनट की चुदाई के बाद भाभी झड़ गईं। उनकी चूत ने मेरे लंड को जकड़ लिया। मैंने और जोर से धक्के मारे और उनकी चूत में ही झड़ गया। मैंने भाभी को एक लंबा किस किया और उनके बगल में लेट गया। हम दोनों हाँफ रहे थे। भाभी ने मुझे गले लगाया और बोलीं, “राहुल, तूने मुझे जन्नत दिखा दी। मेरे पति ने कभी ऐसा नहीं किया।”

12:30 बजे भाभी ने मुझे उठाया। मैंने उन्हें बाहों में भरा और पूछा, “कैसा लगा?” भाभी बोलीं, “मेरे शेर, तूने मुझे पागल कर दिया।” मैंने उनके बूब्स दबाते हुए कहा, “भाभी, अब मैं आपको कभी भी चोद सकता हूँ?” भाभी ने हँसकर कहा, “हाँ, लेकिन जब हम अकेले हों। और पढ़ाई भी करनी पड़ेगी।” मैंने उन्हें एक स्वीट लिप किस दिया और चला गया।

इस चुदाई के बाद मैंने पढ़ाई के साथ-साथ भाभी को भी जमकर चोदा। हर अच्छे नंबर पर भाभी मुझे अपनी चूत का गिफ्ट देतीं। कभी बेडरूम में, कभी किचन में, कभी बाथरूम में, तो कभी छत पर। एक बार मैंने उन्हें अपने घर बुलाकर सोफे पर चोदा। भाभी भी मुझसे खुलकर चुदवातीं। हमारी चुदाई की आग कभी ठंडी नहीं हुई।

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