दीदी ने चुदाई करना सिखाया

Didi Ki Xxx Chut Ki Kahani पढ़े। पड़ोस की एक लड़की ने मुझे सेक्स के बारे में बताया, जैसा कि आप इस चूत की कहानी में पढ़ सकते हैं। मैं जवान था लेकिन चूत और गांड चुदाई के बारे में बहुत कुछ पता नहीं था।

दोस्तो, मैं यश हूँ। मैं गांव में रहता हूँ। इस घटना से पहले मैं एक बहुत सीधा-सादा लड़का था। इस घटना से पहले मैंने अपने लण्ड को सिर्फ मूतने में प्रयोग किया था।

वैसे आजकल सबको कच्ची उम्र में ही सेक्स के बारे में पता चलता है। लेकिन मैं आपको बता रहा हूँ कि उस समय सेक्स के बारे में बहुत कम बातें होती थीं। सब कुछ चोरी छिपे हुए था। न तो कोई खुलकर बात करता था और न ही ऐसे साधन थे जो सेक्स के बारे में अधिक जानकारी दे सकते थे। इसलिए मैं अभी तक सेक्स नहीं कर पाया था। मैंने कभी सेक्स नहीं किया था।

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आज जो घटना मैं आपको बता रहा हूँ, उसके बाद मुझे सिर्फ सेक्स की इच्छा हुई। इससे पहले मैंने चूत चुदाई के बारे में सिर्फ सुना था। मैंने कभी चूत नहीं देखी थी और न ही कभी कोशिश की थी कि कोई चूत मिल जाए।

यह Didi Ki Xxx Chut Ki Kahani मेरी पहली घटना के बारे में है जिसके बाद मैंने यौन संबंध बनाना सीखा।

यह कहानी एक ऐसी लड़की के बारे में है जिसे मैं दीदी कहता हूँ। वह मेरी सगी दीदी नहीं थी, लेकिन उसका घर हमारे घर के बिल्कुल पास था और पास के गांव की लड़कियों को लड़के दीदी कहकर बुलाया जाता था।
शहरों में युवा लड़के किसी को दीदी नहीं कहते, लेकिन गांवों में रिश्ता न होते हुए भी लड़कियों को दीदी कहते थे।

मित्रों, मैं कहानी शुरू करता हूँ। यहाँ मैं जिस लड़की की बात कर रहा हूँ उसका नाम पिंकी था। मैं 20 वर्ष का था जबकि उसकी लगभग 21 साल की उम्र थी। मेरी पिंकी दीदी पांच फिट चार इंच की थी। जबकि मैं उससे अधिक लंबा था। मैं लगभग सात इंच और पांच फीट का था। मैं भी देखने में ठीक-ठाक था। हम तीन लोग मेरे घर पर रहते थे। मैं और मेरी माँ-पापा।

यह उस दिन की बात है जब मैं घर पर अकेला था। उस दिन मेरे मां और पापा दूसरे गांव में किसी काम से गए हुए थे और अगले दिन वापस आने वाले थे। उस रात मेरे घर पर खाना बनाने के लिए कोई नहीं था, इसलिए मेरी माँ ने पिंकी की मां से कहा कि वह मेरा ख्याल रखे।

मैं घर पर अकेला बैठा हुआ बोर हो रहा था। मैं दिन में क्रिकेट खेलने चला गया था। किसी भी तरह शाम हो गई। मैं खाने का विचार करने लगा।

फिर मैं पिंकी के घर गया और आंटी से पूछा की खाना कितने बजे बनेगा?
आंटी ने कहा कि वह अपने घर पर खाना बनाकर तुम्हारे घर पर आ जाएगी।

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लेकिन पिंकी तुरंत बाहर निकल गई। और कहा की वहाँ पर खाना बनाने की क्या जरूरत है। जब हमारे घर पर ही खाना बनाया जाएगा, तो यह भी साथ में खा लेगा।
पिंकी की मां भी इससे सहमत थी।

उसकी मां ने फिर कहा, “तुम शाम को लगभग सात बजे हमारे घर आ जाओ और यहीं खाओ।”
मैंने उत्तर दिया: ठीक है।

मैं फिर अपने घर गया और टीवी देखकर समय बिताने लगा।

मैं शाम को सात बजे पिंकी दीदी के घर खाना खाने गया।

खाना खाते हुए आंटी ने कहा कि पिंकी आज रात तुम्हारे घर ही सो जाएगी क्योंकि तुम्हारी मां ने कहा कि तुम अकेले नहीं सोते हो।

फिर खाना खत्म होने पर मैं वापस घर आ गया।

पिंकी एक घंटे बाद हमारे घर आई। घर में चार कमरे हैं। घर बहुत बड़ा है। इसलिए मैं घर में भयभीत था। पिंकी के आने के बाद हमने टीवी देखा और फिर सोने लगे। जब पिंकी दूसरे कमरे में चली गई, मैंने उससे कहा कि तुम मेरे साथ मेरे कमरे में सो जाओ।
पिंकी दीदी ने कहा ठीक है।

मेरे मन में सेक्स का कोई विचार नहीं था। डर से बचने के लिए मैं सिर्फ पिंकी दीदी को अपने पास सुला रहा था।

9 बजे रात हो चुकी थी, और गांव में सब लोग 9 बजे तक सो जाते हैं। मैं सो गया था। मेरी चारपाई पर पिंकी दीदी सो रही थी।

लेकिन मैं रात को अचानक नींद से उठ गया जब मुझे कुछ हिलता हुआ महसूस हुआ। नींद से जागकर मैंने देखा कि पिंकी मेरी तरफ पीठ करके लेटी हुई थी और हाथ हिला रही थी। जब मैंने अधिक ध्यान दिया, तो मैंने देखा कि वह अपनी चूत में उंगली डाल रही थी।

मैं फिर से लेट गया और पिंकी को कुछ नहीं बोला कि वह अपने चूत में उंगली क्यों डाल रही हैं।

मैं चुपचाप लेटा हुआ था। लेकिन मेरे मन में एक हलचल थी। मैं बेचैन हो गया। जब एक युवा लड़की अपनी चूत में उंगली डाल रही थी, भला किसे चैन आने वाला था?

फिर शायद कुछ देर के बाद पिंकी ने अपनी मुद्रा बदली। पिंकी दीदी ने मेरा हाथ पकड़कर उसे अपनी चड्डी में डालने की कोशिश की। मैं नींद में होने की कोशिश कर रहा था।

लेकिन नाटक कब तक चलता? उंगलियां उसकी चूत पर लगी। मैं पहली बार चूत का स्पर्श किया। इसलिए मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया।

मैंने अब नाटक करना बेकार समझा। मैंने अपनी उंगलियों को दीदी की चूत में चलाना शुरू किया।

वह जानती थी कि मैं भी मजे ले रहा हूँ। उसने अपने हाथ से मेरा लिंग पकड़ लिया और उसे दबाने लगी। पिंकी मेरी लोअर में मेरा लंड सहला रही थी।

तब पिंकी दीदी मेरे कपड़े उतारने लगी। अब मैं भी अपनी आंखें खोल चुका था। हम दोनों में यौन इच्छा थी। मैं ऊपर से नंगा हो गया। यहाँ भी पिंकी अपने कपड़े उतारने लगी। मैंने अपनी लोअर भी निकाल दी और अपनी चड्डी में आ गया। पिंकी ने अपनी ब्रा और कमीज भी उतार दी।
जब मैंने उसके चूचों को देखा, मैं उन्हें छेड़ने लगा।
मैं नहीं जानता था कि क्या करूँ। यह पहली बार था जब मैंने किसी लड़की के चूचे अपनी आंखों के सामने नंगे देखा था।

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तब पिंकी दीदी ने मेरे हाथों को अपने चूचों पर रखकर मुझे अपने पास खींच लिया। मैं बहुत खुश था। मैं भी जानता था कि चूचे दबाने का ही हिस्सा होता है, लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं किया था।
जोर से दबाना, पिंकी ने कहा..।

दीदी के चूचों को मैं दबाने लगा। उसने मेरे कच्छे के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी। मैं अब अधिक सेक्सी हो गया। मैंने पिंकी के चूचों को पीना शुरू किया।

बाद में पिंकी ने अपनी पैंटी और पजामी भी निकाल दी। मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाली जब मैंने देखा। मैंने पिंकी की चूत में उंगली डालने की कोशिश की। तो वह तेजी से रोने लगी।

मैं इससे पहले कभी किसी लड़की को बिल्कुल बिना कपड़े के नहीं देखा था। मैंने पिंकी को चूसने लगा। वह भी सिसकारियां लेते हुए मेरे पूरे शरीर को किस करने लगी।

मैंने भी कच्छा निकाल दी जब पिंकी दीदी ने कहा। मैं भी अब पूरी तरह से नंगा था। मुझे एक तरफ साइड में लेटाकर पिंकी दीदी मेरा लंड चूसने लगी।

बाद में मुझे दीदी के मुंह में लंड डालकर बहुत मज़ा आया। वह तेजी से मेरे लिंग को चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपोप। मैं नहीं जानता था कि किसी के मुंह में लंड डालकर चुसवाने में इतना मजा आता है। पहली बार अपना लंड चुसवाने पर मैं पागल हो गया था।

तब पिंकी ने मुझे अपनी टांगों के बीच में आकर चूत पर लंड लगाने के लिए कहा। मैंने समझा कि अब उनकी चूत को चोदने का समय आ गया था।

मेरा भी मन चूत चोदने का था। मैं इसे नहीं जानता था, लेकिन प्रकृति ने जन्म से कुछ ऐसा बनाया है। उनके बारे में अधिक जानने की जरूरत नहीं है। चुदाई भी उनमें से एक है। लंड जानता है कि उसकी मंजिल कहां पर है जब सामने नंगी चूत होती हो।

मैंने दीदी की टांगों को दोनों तरफ करते हुए अपना छह इंच का लंड चूत पर रखा। फिर मैं दीदी की चूत के छेद पर अपना लंड डालने लगा। मैं अनुभवहीन था, इसलिए लंड फिसल गया।
फिर दीदी ने अपनी चूत पर मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया। जब मैंने जोर लगाया, दीदी की चूत में मेरा लंड घुस गया।

मैं दीदी के ऊपर लेट गया और उसकी चूत को चोदने लगा। मैंने पहली बार किसी लड़की की चूत चुदाई की। मैं बता नहीं सकता कि मैं क्या कर रहा था।

मैं बहुत देर नहीं टिक पाया और पांच मिनट में ही दीदी की चूत में अपना वीर्य उगल दिया। तब हम दोनों नंगे लेट गए। दीदी के चूचों को मैं खेलता रहा। दीदी का नंगा बदन देखकर मुझे उसके साथ खेलने की अजीब सी इच्छा हुई। मैं दीदी को चूमता रहा, भले ही मेरा वीर्य निकल चुका था। मैं पिंकी दीदी के चूचों के निप्पल को चूसता रहा। दीदी भी मुझे किस करती रही।

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दस मिनट की चूमा-चाटी के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हुआ। मैंने लड़कियों की गांड चुदाई भी सुनी थी। मैंने दीदी को बताया कि मैं आपकी गांड चोदना चाहता हूँ।

पिंकी दीदी मना करने लगी। फिर मैं उसके चूचों को गर्म करने लगा। मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और जब वह लंड लेने के लिए तड़पने लगी तो कहा कि एक बार मुझे अपनी गांड में लंड डालने दो।

गर्म होने पर वह मान गई। मैंने दीदी को झुकाकर उसकी गांड में अपना लंड फंसाया। पिंकी दीदी दर्द से चीखने लगी। हम दोनों घर में अकेले थे, इसलिए हमारी आवाज भी बाहर नहीं जा रही थी। मैं उसके चूचों को पकड़कर उसकी गांड को चोदने लगा।

तीन-चार मिनट के भीतर, उसकी गांड चुदाई करने में मुझे मज़ा आने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी। अबकी बार इतनी जल्दी मेरा वीर्य गांड में नहीं निकलने वाला था क्योंकि पहले भी चूत में निकल चुका था।
दस मिनट तक मैंने पिंकी दीदी की गांड चुदाई की। उसकी गांड को पूरी तरह से पेला।

उसकी गांड से टट्टी मेरे लंड पर लगी हुई थी जब मैंने अपना वीर्य निकाला। मैंने बाथरूम में जाकर अपना लंड धोया। दीदी ने अपनी चूत और गांड भी साफ की। तब हम दोनों नंगे सो गए।

दोनों की आंखें सुबह खुली तो हम नंगे थे। एक बार फिर चुदाई की भावना आई। मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। मैंने उसकी चूत की पिच पर कई छक्के लगाए। फिर मैं आखिरी बॉल पर गिर गया।

तब से दीदी और उसकी चूत दोनों मेरे थे। हम दोनों ने तीन साल तक चुदाई के अनगिनत मैच खेले, फिर दीदी की शादी हुई।

लेकिन फिर भी, जब हम दोनों मिलते हैं, तो वह मेरे लंड लेने के लिए उत्सुक होती है। मैंने भी चुदाई का अनुभव किया था। इसलिए मैं भी चुदाई का मास्टर खिलाड़ी बन गया और हम दोनों चुदाई करते हैं जब भी मौका मिलता है।

आप मेरी Didi Ki Xxx Chut Ki Kahani पसंद करते हैं तो मुझे बताइएगा। मैं आपके मैसेज की प्रतीक्षा करूँगा।
didisex009@gmail.com

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