चूत में भूत-2

Village Desi Bhabhi sex कहानी का पिछला भाग: चूत में भूत – 1

रात की चुदाई के बाद रोमा और मैं खुलकर बातें करने लगे थे। बाथरूम में हुई उस मस्त चुदाई ने रोमा को इतना खोल दिया कि अब वो मेरे सामने बिंदास होकर अपनी चूत और गांड की बातें करने लगी थी। चाय की चुस्कियों के बीच मैंने मौका देखकर सोना का जिक्र छेड़ दिया। मैंने पूछा, “रोमा, ये सोना कैसी औरत है? कुछ बताओ ना!”

रोमा ने हंसते हुए कहा, “सोना साली गजब की सुंदर है। चेहरा ऐसा कि मर्दों के लंड अपने आप खड़े हो जाएँ। लेकिन साली को अपनी खूबसूरती पर बड़ा घमंड है। लगता है जैसे वो गाँव की रानी हो!” उसने एक शरारती मुस्कान दी और बोली, “क्यों, भाईसाहब, उसकी चूत मारने का इरादा है क्या?”

मैंने हंसकर जवाब दिया, “हाँ भाभी, अगर तुम उसकी चूत मेरे लंड के नीचे ला दो, तो मैं उसका भूत भी भगा दूँगा!” रोमा ने ठहाका लगाया और बोली, “साली की चूत में तो बड़ी खुजली हो रही होगी। उसका पति दो महीने से गाँव नहीं आया। लेकिन वो इतनी आसानी से चुदने वाली नहीं। साली की चूत के पास एक दाना हो गया है, मुझसे कहती रहती है कि कोई लेप बताओ। मुझे दिखाया भी था। पूरी चिकनी चूत रखती है, चोदने में मजा देगी, लेकिन पक्की कुतिया है।”

मैंने रोमा को टटोला, “भाभी, तुम उसे ये जरूर बताना कि मैं चूत का भूत भगाने में उस्ताद हूँ। बाकी उसकी चूत बजाना मुझ पर छोड़ दो!” रोमा ने आँख मारते हुए कहा, “ठीक है, अगर तुमने उसकी चूत चोद दी, तो मुझे बड़ा मजा आएगा। साली को सबक सिखाना जरूरी है।”

थोड़ी देर बाद, करीब चार बजे, रमेश खेत से लौट आया। उसकी शक्ल देखकर लग रहा था कि उसने बसंती की चूत को अच्छे से रगड़ा होगा। हमने चाय पी और आराम करने लगे। रमेश ने फुसफुसाते हुए बताया, “भाई, मैंने बसंती की चूत दो बार चोदी और एक बार उसके मुँह में लंड डालकर रस पिलाया। साली लपलपाकर चूसती है!” मैंने हंसकर कहा, “अबे, अब सोना की बारी है। आज हम उसकी चूत तेरे घर में ही मारेंगे। तू बस रोमा के सामने मेरी तारीफ करना और कहना कि मैं भूत भगाने में मास्टर हूँ।”

रमेश अंदर गया और रोमा के पास बैठकर सोना से मेरी तारीफें करने लगा। थोड़ी देर बाद रोमा मुस्कुराती हुई मेरे पास आई और बोली, “चलो भाईसाहब, सोना तुमसे मिलने को बेचैन है।” मैं, रमेश, रोमा और सोना अब रोमा के कमरे में बैठे थे। सोना को देखते ही मेरा लंड टनक कर खड़ा हो गया। उसकी गोल-गोल चूचियाँ साड़ी के ब्लाउज में कैद थीं, लेकिन बाहर निकलने को बेताब। उसका चेहरा इतना हसीन था कि बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाए। उसकी देहाती साड़ी में से उसकी गोल नाभि झाँक रही थी, जैसे मुझे उसे सहलाने के लिए उकसा रही हो। मैं मन ही मन सोच रहा था कि साली को अभी नंगा करके चोद दूँ, लेकिन खेल बिगाड़ना नहीं चाहता था।

रोमा ने सोना से मेरा परिचय करवाया, “सोना, ये राकेश भाईसाहब हैं। इनको भूत-प्रेत भगाने का बड़ा ज्ञान है। जब से इन्होंने मेरे घर का भूत भगाया, रमेश की तनख्वाह बढ़ रही है, और वो खुश भी रहता है।” मैंने रमेश को इशारा किया, और वो बोला, “रोमा, मैं बच्चों को देखकर आता हूँ।” वो बाहर निकल गया।

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रोमा ने सोना से कहा, “सोना, मैंने तुझे बताया था ना, रात को मुझे जो भूत तंग करता था, वो भाईसाहब ने आज भगा दिया। बस, इन्होंने रमेश के सामने मुझे नंगा करके बदन सहलाया और कुछ मंत्र पढ़े। तू भी अपनी परेशानी बता दे!” सोना थोड़ी शरमाई, लेकिन रोमा ने उसे उकसाया, “सोना, साली, तुझे पूरे दिन चूत में खुजली होती है। तेरा पति तो शहर में गार्ड की नौकरी करता है, दो महीने में एक बार आता है। भाईसाहब को बता, शायद तेरे बदन में भी कोई भूत हो!”

रोमा ने हंसते हुए कहा, “सोना शर्मीली है, मेरी तरह नंगी तो नहीं होगी, लेकिन भाईसाहब, तुम देखकर ही बता दो कि इसके बदन में कोई भूत है या नहीं।” मैं चुप रहा, फिर धीरे से बोला, “सोना जी, अगर आप मुझे अपनी नाभि छूने देंगी, तो मैं बता सकता हूँ।” रोमा ने सोना की तरफ देखा और हल्के से मुस्कुराई। सोना ने सर झुकाकर कहा, “ठीक है।”

रोमा ने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और बोली, “सोना, अपना पल्लू हटा ले।” सोना ने धीरे से पल्लू हटाया। उसकी तनी हुई चूचियाँ ब्लाउज में साफ दिख रही थीं, और उसका पेट इतना सेक्सी था कि मेरा लंड चड्डी में उछलने लगा। मैंने उसकी नाभि पर हाथ रखा और धीरे-धीरे सहलाने लगा। फिर एक उंगली उसकी नाभि में डालकर गोल-गोल घुमाई। सोना के मुँह से “उह… आह…” की हल्की सिसकारी निकली। मैं समझ गया कि तीर निशाने पर लग रहा है।

मैंने कहा, “भाभी, इसके बदन में भूत है, लेकिन इसे चेक करने के लिए बड़ा शीशा चाहिए।” रोमा ने तुरंत कहा, “शीशा तो बाथरूम में है।” हम तीनों बाथरूम में चले गए। मैंने सोना को शीशे के सामने खड़ा किया और पीछे से उसकी कमर पर हाथ रखा। मैंने पूछा, “सोना जी, अगर कोई दिक्कत हो तो बता देना।” सोना अब गर्म हो रही थी। उसने कहा, “नहीं भाईसाहब, आप भूत भगाइए, मुझे अच्छा लग रहा है।”

शीशे में उसकी चूचियाँ ब्लाउज में कैद थीं, लेकिन इतनी सेक्सी लग रही थीं कि मेरा लंड लोहे की रॉड बन गया। मैंने पीछे से उसकी गांड पर अपना तना हुआ लंड सटाया और उसके पेट को चारों तरफ से सहलाने लगा। सोना की साँसें तेज हो गईं, और उसकी आँखें कामवासना से चमक रही थीं। मैंने धीरे से अपनी एक उंगली उसकी साड़ी की गांठ के पास डाली और उसकी चूत के पास रगड़ने लगा। सोना अब पूरी गर्म हो चुकी थी, और उसकी सिसकारियाँ “आह… उह…” तेज हो रही थीं।

रोमा ने मुझे आँख मारी और सोना से बोली, “सोना, तेरी साड़ी पानी में खराब हो जाएगी। उतार दे!” सोना ने शरमाते हुए साड़ी उतार दी। अब वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थी। मैंने कहा, “सोना जी, मेरी पैंट और शर्ट भी खराब हो रही है। अगर आपको बुरा न लगे, तो मैं भी उतार दूँ?” सोना ने सर झुकाकर कहा, “उतार दीजिए।”

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मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी। अब मैं सिर्फ चड्डी और बनियान में था। मेरा 8 इंच का लंड चड्डी में साफ दिख रहा था। मैंने सोना की नाभि पर मुँह लगाया और उसका पेट चाटने लगा। उसकी नाभि में जीभ डालकर मैंने 5 मिनट तक चूमा-चाटी की। सोना “आह… उह…” की आवाजें निकाल रही थी। रोमा ने हंसते हुए कहा, “भाईसाहब, भूत का पता चला?”

मैंने गंभीर लहजे में कहा, “रोमा भाभी, सोना को दो भूतों ने पकड़ रखा है। एक पुराना भूत उसकी चूत का रस पी रहा है, जिसने उसकी चूत में दाना कर दिया। दूसरा नया भूत उसकी चूचियों का रस पी रहा है। अगर इसे नहीं भगाया, तो चूचियों पर भी दाना उग आएगा। और फिर ये भूत और जगह चूसेगा। अगर जल्दी नहीं भगाया, तो 3-4 महीने में सोना के पूरे बदन पर दाने हो जाएँगे।”

सोना दाने की बात सुनकर डर गई और बोली, “भाईसाहब, जल्दी भूत भगाइए!” रोमा ने कहा, “सोना, भाईसाहब भूत भगा देंगे, लेकिन तुझे नंगी होना पड़ेगा।” सोना ने शरमाते हुए कहा, “मुझे बड़ी शर्म आती है। बिना कपड़े उतारे नहीं हो सकता?” मैंने कहा, “ठीक है, कोशिश करते हैं, लेकिन ब्लाउज तो उतार दो। बाथरूम में तो सब नंगे नहाते हैं।”

सोना ने शरमाते हुए कहा, “आप ही उतार दीजिए।” मैंने ब्लाउज के ऊपर से उसकी चूचियाँ कसकर दबाईं, फिर उसका ब्लाउज और ब्रा उतार दी। उसकी गोल, तनी हुई चूचियाँ फुदककर बाहर आ गईं। इतनी मस्त चूचियाँ देखकर मेरा लंड चड्डी में उछलने लगा। मैंने उसकी चूचियों को तीन-चार बार जोर से मसला। मेरा लंड इतना गर्म हो चुका था कि थोड़ा-सा वीर्य निकल गया।

मैंने रोमा को आँख मारी और कहा, “भाभी, तुम कमरे में जाओ। मैं इसकी चूत का भूत उतारता हूँ।” रोमा मुस्कुराते हुए बाहर चली गई। अब मैं और सोना बाथरूम में अकेले थे। सोना सिर्फ पेटीकोट में थी, और उसकी चूचियाँ चोदने का न्योता दे रही थीं। मैंने अपनी बनियान उतार दी और सोना के पीछे खड़ा हो गया। मैंने उसकी चूचियों को दोनों हाथों से पकड़ा और मसलने लगा। उसके निप्पल्स को उमेठते हुए मैंने उसकी गांड पर अपना तना हुआ लंड कसकर सटाया। सोना “आह… उह… आह…” की सिसकारियाँ ले रही थी।

मैंने पेटीकोट के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ा। शीशे में उसका नंगा बदन और भी सेक्सी लग रहा था। सोना पूरी गर्म थी। वो बोली, “भाईसाहब, आप चाहें तो मुझे नंगा कर दो, लेकिन रोमा भाभी को मत बताना।” मैंने मुस्कुराकर उसका पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट नीचे सरक गया, और उसकी चिकनी, गीली चूत मेरे सामने थी। मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चूत को सहलाया। उसका चूत-रस बह रहा था। मैंने अपनी चड्डी उतार दी। मेरा 8 इंच का लंड अब उसकी गांड पर रगड़ रहा था। सोना “आह… उह…” की सिसकारियाँ ले रही थी।

वो बोली, “भूत कब तक भागेगा? साले ने मेरी चूत में आग लगा रखी है। जल्दी मारो इसे!” मैंने कहा, “साला चूची वाला भूत तो भाग गया, लेकिन चूत वाला और अंदर घुस गया है। इसे लंड से पिटाई करनी पड़ेगी।” सोना चौंकी और बोली, “क्या? यानी आप मुझे चोदेंगे? नहीं-नहीं, मैं नहीं चुदूँगी! अगर गाँव वालों को पता चल गया, तो मुझे गाँव से निकाल देंगे। मैं रंडी बन जाऊँगी।”

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मैंने उसे शांत किया और कहा, “सोना, डर मत। ये भूत बिना चुदाई के नहीं भागेगा। और तेरा राज मेरे पास रहेगा।” वो थोड़ी देर चुप रही, फिर धीरे से बोली, “ठीक है, लेकिन जल्दी करो, और किसी को मत बताना।” मैंने उसे शीशे के सामने घोड़ी बनाया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा। उसकी चूत इतनी गीली थी कि “लप… लप…” की आवाजें आने लगीं। मैंने उसकी चूचियों को फिर से मसला और निप्पल्स को उमेठा। सोना “आह… उह… भाईसाहब, चोद दो!” चिल्ला रही थी।

मैंने धीरे से अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह पर सेट किया और एक हल्का झटका मारा। मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। सोना “उई… मर गई!” चिल्लाई। मैंने एक और झटका मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। “फच… फच…” की आवाजें बाथरूम में गूँजने लगीं। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। सोना की चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के में और जोश में आ रहा था। वो “आह… उह… चोदो… फाड़ दो!” चिल्ला रही थी।

मैंने उसकी जाँघें पकड़कर ऊपर उठाईं और गहरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूचियाँ जोर-जोर से हिल रही थीं। मैंने एक हाथ से उसकी चूची पकड़ी और दूसरा हाथ उसकी चूत के दाने पर रगड़ने लगा। सोना “उई… आह… मर गई… चोदो!” चिल्ला रही थी। करीब 15 मिनट तक मैंने उसे उसी पोजीशन में चोदा, फिर उसे दीवार के सहारे खड़ा किया और पीछे से उसकी चूत में लंड पेल दिया। “फच… फच…” की आवाजें और तेज हो गईं।

मैंने उसकी चूचियों को कसकर मसला और निप्पल्स को उमेठा। सोना “आह… उह… भाईसाहब, और जोर से!” चिल्ला रही थी। मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और गहरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूत का रस मेरे लंड को चिकना कर रहा था। करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया। सोना भी झड़ गई, और उसकी चूत से रस टपक रहा था। हम दोनों हाँफते हुए फर्श पर बैठ गए।

सोना ने मुझे बाँहों में भरा और बोली, “भाईसाहब, आपने तो मेरी चूत का भूत भगा दिया। बड़ा मजा आया!” हमने कपड़े पहने और बाहर आ गए। रोमा हमें देखकर मुस्कुराई और बोली, “क्या, भूत भाग गया?” मैंने हंसकर कहा, “हाँ भाभी, साला भाग गया।”

क्या आपको लगता है कि सोना का भूत पूरी तरह भाग गया, या वो फिर से चुदवाने आएगी? अपनी राय कमेंट में बताएँ!

आगे की कहानी पढ़ें: चूत में भूत-3

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