दोस्त की माँ की सोलह साल की भूखी चूत को आठ इंच का लंड मारा (चालीस साल की आंटी की टाइट चूत फिर से खुली)
दिल्ली का जून महीना था, लू चल रही थी, पंखा भी हाँफ रहा था। रोहिणी की उस पुरानी बिल्डिंग में मैं अकेला कमरे में पड़ा-पड़ा बोर हो रहा था। नौकरी का नामोनिशान नहीं, जेब खाली, मन उदास। कबीर मेरा बचपन का दोस्त था, उसी बिल्डिंग में अपनी माँ संतोष के साथ रहता था। कबीर की …