Car me threesome chudai – कहानी का पिछला भाग: टिंडर से ढूंढा एक बड़ा लौड़ा
हाय, मैं नेहा, फिर से हाजिर हूं एक नई स्टोरी लेकर। आपने मेरी पिछली स्टोरीज को इतना प्यार दिया, इसके लिए दिल से शुक्रिया। हमेशा की तरह सपोर्ट करते रहना और मेरी स्टोरीज पढ़ते रहना।
कहानी से पहले थोड़ा अपने बारे में बता देती हूं। मेरा नाम नेहा है और मैं पंजाब से हूं। मेरा रंग सांवला है, हाइट 5.5 फीट है और मेरा फिगर 34-28-32 है। लंबे काले सिल्की बाल हैं जो रिबॉन्ड किए हुए हैं। पतले सॉफ्ट गुलाबी होंठ हमेशा रस से भरे हुए, जो कोई भी देखे, चूसने को बेताब हो जाए। मेरे शरीर का सबसे सेक्सी पार्ट मेरे बूब्स हैं, जो एकदम नैचुरल, सॉफ्ट और गोल-मटोल हैं। इसके बाद मेरी गांड, जो थोड़ी बाहर निकली हुई है और मेरी चाल को और मस्त बनाती है। चाहे कोई मुझे आगे से देखे या पीछे से, लड़कों के लंड में हर तरफ से आग लगा देती हूं।
अब कहानी शुरू करते हैं। एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ कैसिनो घूमने गई। हम चार दोस्त थे। हमने थोड़ी जुआ खेला और बाद में ड्रिंक्स भी की। उस दिन मैंने कुछ ज्यादा ही ड्रिंक्स ले ली थीं, तो कुछ ही घंटों में मैं तल्ली हो गई।
मुझे तल्ली देखकर लड़के मेरे आसपास मंडराने लगे, लेकिन मुझे कोई पसंद नहीं आ रहा था। मैं तल्ली तो थी, लेकिन और पीने का मन था। मैं बार पर ड्रिंक लेने गई, तो बारटेंडर ने मना कर दिया और सिक्योरिटी गार्ड को बुलाकर मुझे घर जाने को कहा। मैंने अपने दोस्तों से कहा कि घर चलो, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें अभी नहीं जाना।
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मैं वहां रुक नहीं सकती थी, तो उनसे गुस्सा होकर कैसिनो से बाहर आ गई। बाहर आकर मैं सीढ़ियों से नीचे उतरने वाली थी कि मुझे दो लड़के सीढ़ियों से ऊपर आते दिखे। दोनों बहुत हैंडसम थे। मेरी एक लड़के से नजरें मिलीं और उसने स्माइल दी। मैंने भी उसे देखकर स्माइल दी। जब वो ऊपर आए, तो उनमें से एक मेरे पास आया और बोला, “हाय गॉर्जियस।”
मैंने भी “हाय” कहा। वो बोला, “वॉट्सअप?” मैं चुप रही। मुझे ठीक से खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा था। उसने पूछा, “आर यू ऑलराइट?” मैंने हां में सिर हिलाया। मैं उसे छोड़कर सीढ़ियां उतरने लगी, तभी मैं गिर गई। वो भागकर आया और बोला, “मैं ड्रॉप कर दूं कहीं, अगर तुम चाहो?” मैंने उसे मेरे घर ड्रॉप करने को कहा।
उसने मेरी कमर में हाथ डाला और हम उसकी कार की तरफ चलने लगे। उसने अपना नाम राहुल बताया और मेरा नाम पूछा। दो मिनट में हम उसकी कार के पास पहुंच गए। मैंने दरवाजा खोला और पीछली सीट पर बैठ गई। वो भी मेरे साथ बैठ गया।
मैंने सिर्फ स्कर्ट और टॉप पहना था। मुझे बहुत ठंड लग रही थी। मैंने उससे हीटर ऑन करने को कहा। वो बोला, “मुझे गाड़ी चलाना नहीं आता।” मैंने कहा, “फिर मुझे घर कैसे ड्रॉप करोगे?” उसने अपने दोस्त को कॉल किया और गाड़ी के पास आने को कहा।
मैं कांप रही थी। उसने मेरे हाथ पकड़कर रगड़ना शुरू किया। मैंने उसके कंधे पर सिर रखकर सो गई। थोड़ी देर बाद अचानक उसके दोस्त ने एक जोरदार लेफ्ट टर्न लिया। मैं सीट पर लेट गई और राहुल मेरे ऊपर गिर पड़ा। उसका चेहरा मेरे राइट बूब पर जा लगा और उसने मेरे बूब्स को पूरा दबा दिया।
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राहुल ने कहा, “विजय (जो गाड़ी चला रहा था), क्या कर रहा है यार?” विजय बोला, “कुत्ता आ गया था।” राहुल ने सॉरी बोला और मेरे ऊपर से हट गया। मैं भी सीधे होकर बैठ गई। हम ऐसे ही बातें कर रहे थे कि उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और सहलाने लगा।
मैंने उसे बिलकुल नहीं रोका। शायद उसे ग्रीन सिग्नल मिल गया। जांघ सहलाते-सहलाते वो मेरी पैंटी को हल्का-हल्का टच करने लगा। मुझे भी इसमें मजा आने लगा। वो बोला, “तू बहुत ज्यादा सॉफ्ट है।” मैंने कहा, “थैंक्स,” और शरमा दी। वो बोला, “तेरा बीएफ तो तुझे लाल कर देता होगा।” मैंने कहा, “मेरा बीएफ नहीं है।”
उनकी तो जैसे लॉटरी लग गई। उसने कहा, “तेरे गाल पर कुछ लगा है।” मैंने कहा, “क्या?” और हाथ से साफ किया। वो बोला, “अभी भी नहीं हुआ।” फिर वो आगे बढ़ा और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। वो जोर-जोर से मेरे होंठ चूसने लगा।
मैं पहले से ही गरम थी और शराब के नशे की वजह से रोक भी नहीं पाई। मैंने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया। हम जोर-जोर से एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे, जैसे भूल गए थे कि हम कहां हैं और कोई हमें देख भी रहा है।
होंठ चूसते हुए उसने मेरे हाथ को उठाकर अपनी पैंट के ऊपर अपने लंड पर रख दिया। मैं पैंट के ऊपर से ही उसका लंड मसलने लगी। मैं समझ गई कि आगे क्या होगा। मैं नीचे झुकी और उसकी पैंट से उसका लंड बाहर निकालकर मुंह में ले लिया। उसका लंड काफी बड़ा और मोटा था। मैं मन ही मन बोली, “ये जननत की सैर कराएगा।”
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राहुल मेरे बालों में हाथ फेर रहा था। मैं जोर-जोर से उसका लंड चूसने लगी। वो मेरे सिर को अपने लौड़े पर दबाने लगा। उसका लंड सीधा मेरे गले में लग रहा था। उसका लंड बहुत टेस्टी था। मैं और जोर से चूसने लगी। उसकी सिसकियां बढ़ने लगीं, “आह्ह… चूस साली… और जोर से…”
थोड़ी देर और लंड चूसाई के बाद उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा। मैं नंगी होकर आगे वाली दोनों सीटों के बीच घोड़ी बन गई। जहां गियर बॉक्स था, वहां मेरे बूब्स लटक रहे थे। राहुल भी नंगा होकर मेरे पीछे आ गया। उसने अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया और अंदर पेलने लगा। मेरी आंखें बंद होने लगीं। मैं अपने होंठ काटने लगी। धीरे-धीरे उसने पूरा लंड अंदर डाल दिया। मुझे राहत मिली।
वो धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा और मैं भी उसका साथ देने लगी। थोड़ी देर बाद उसके धीरे धक्के जोर-जोर के फटकों में बदल गए। अब हम दोनों की सिसकियों से गाड़ी गूंज रही थी, “आह्ह… उफ्फ… और जोर से…” राहुल के जोरदार धक्कों की वजह से मेरे बूब्स हवा में कूद रहे थे और गियर बॉक्स से बार-बार टकरा रहे थे।
जब विजय ने गियर चेंज किया, तो मेरे बूब्स उसके हाथ से लग गए। उसने मेरी तरफ देखकर स्माइल की। मैं तो चुदने में व्यस्त थी, कुछ नहीं बोली। विजय ने वहां से हाथ नहीं हटाया और मेरे बूब्स उसके हाथ से टकराते रहे। थोड़ी देर बाद उसने मेरा एक बूब पकड़ा और जोर-जोर से दबाने लगा। मेरी सिसकियां निकलने लगीं, “आह्ह… ओह्ह…” तभी उसने अपना लंड निकाला और सहलाने लगा। मैंने उसकी तरफ देखा।
विजय ने मेरा एक हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया। मैं भी उसका लंड सहलाने लगी। मेरी बहुत तमन्ना थी दो लंडों से एक साथ चुदने की। विजय ने गाड़ी सड़क किनारे एक सुनसान जगह पर पार्क की और राहुल से बोला, “मैंने तुझसे कहा था ना, ये साली दोनों को खुश करेगी आज रात।”
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ऐसा बोलकर वो मेरे सामने आया और अपना लंड मेरे होंठों पर लगाने लगा। मैंने एक सेकंड में उसका पूरा लंड मुंह में ले लिया। मेरे बाल पकड़कर वो बोला, “साली रंडी, इतनी लड़कियां चोदी हैं मैंने और इतनों को चुसवाया, आज तक किसी ने मेरा लौड़ा पूरा मुंह में नहीं लिया।”
मैंने उसका लंड मुंह से निकाला और बोली, “सब मेरे जितनी एक्सपर्ट नहीं होती लंड चूसने में।” इतना बोलते ही उसने फिर अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया और गले तक उतार दिया।
आज मेरा सपना सच हो रहा था। राहुल जोर-जोर के धक्कों के साथ मेरी चूत चोद रहा था और विजय अपने बड़े लौड़े से मेरा मुंह चोद रहा था। राहुल पूरी मस्ती में मुझे घोड़ी बनाकर चोद रहा था, लेकिन विजय का लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा था। मैं उसे बाहर निकालना ही नहीं चाहती थी। उसका लौड़ा बहुत टेस्टी था। “उम्म… आह्ह…” मैं सिसक रही थी।
थोड़ी और चूसाई के बाद विजय बोला, “मुझे चोदना है तुझे।” राहुल बोला, “आजा मेरी जगह।” उन्होंने साइड स्वैप की। राहुल ने अपना लंड मेरे मुंह में दे दिया। जब विजय ने लंड मेरी चूत में लगाने की कोशिश की, मैंने उसे रोक दिया। मैंने उसका लंड पकड़कर अपनी गांड के छेद पर सेट किया और बोली, “यहां डालो।”
दोनों हैरान हो गए। विजय बोला, “तू सच में टॉप क्लास रंडी है।” कुछ धक्कों में उसने अपना लंड मेरी गांड में पूरा उतार दिया। दोनों बेरहमी से मेरी गांड और मुंह चोदने लगे। मुझे सच में रंडी वाली फीलिंग आ रही थी।
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फिर मैंने उन्हें स्टैच्यू बनने को कहा। वो बोले, “क्यों?” मैंने कहा, “बस बनो।” उन्होंने वैसा ही किया। मैंने खुद अपनी गांड को आगे-पीछे करना शुरू किया और मुंह को भी। मैंने दोनों को एक परफेक्ट पोजीशन में सेट किया। मैं अब सिर्फ सिर या गांड नहीं, पूरी बॉडी को हिला रही थी। जब मैं मुंह से लंड बाहर निकालती, तो गांड में लंड पूरा अंदर जाता। जब गांड से लंड थोड़ा बाहर निकालती, तो मुंह में पूरा जाता।
दोनों देखकर बोले, “तू पॉर्नस्टार है क्या?” ऐसे ही कुछ देर चुदाई चलने के बाद मेरी तूफानी चुदाई होने लगी। मुझे लग रहा था कि वो अब झड़ने वाले हैं। थोड़ी देर बाद विजय ने अपना पूरा माल मेरी गांड में निकाल दिया और राहुल ने मेरे मुंह में, जिसे मैंने पूरा चाट लिया।
मैं तो कई बार झड़ चुकी थी। मैं बहुत थक चुकी थी, लेकिन फिर भी मन कर रहा था कि उन दोनों से और चुदूं। राहुल ने पूछा, “बेबी, अपने घर जाना है या हमारे फ्लैट पर चलेगी?” मैं कुछ नहीं बोली और सीधा झुककर विजय का लंड मुंह में ले लिया।
वो दोनों समझ गए और बोले, “रंडी, आज तू सारी रात चुदेगी।” फिर राहुल ड्राइव करने लगा और मैं सारे रास्ते नंगी पड़ी रही, बैक सीट पर विजय का लंड चूसती रही। जब हम उनके घर पहुंचे, तो मैं नंगी ही गाड़ी से उतरकर सड़क क्रॉस कर उनके घर में एंटर हुई। फिर उन्होंने मुझे दो बार और चोदा, सारी रात मिलकर।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी स्टोरी? अगली स्टोरी में मैं बताऊंगी कि कैसे उन्होंने मुझे मिलकर एक लंड मेरी गांड में और दूसरा चूत में डालकर दोनों छेदों में एक साथ चोदा। प्लीज मुझे बताइए कि स्टोरी कैसी लगी। अगर कोई गलती हुई हो, तो माफ करना।
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