हैलो दोस्तों, मैं अनु हूँ, आपने पिछले भागों में पढ़ा कि राहुल ने छवि की मदद से मुझे भी चोद लिया था। अब एग्जाम खत्म हो चुके थे। एग्जाम के दौरान संजय और मैं फोन पर सेक्सी चैट करते, वो अपनी नंगी फोटो भेजता, मैं अपनी भेजती। वो रोल प्ले करवाता कि मुझे कैसे चोदेगा। पेपर खत्म हुए तो घर जाना था, पर संजय चाहता था कि मैं रुकूँ ताकि घर जाने से पहले मुझे अच्छे से चोद सके। मैंने घर वालों से दो दिन एक्स्ट्रा का बहाना कर लिया। हॉस्टल खाली करना था, इसलिए संजय ने राहुल से बात की। राहुल ने हाँ कर दी कि हम दोनों सहेलियाँ उसके फ्लैट पर रुक सकती हैं। संजय को अभी तक छवि, राहुल और मेरे सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था।
कहानी का पिछला भाग: सहेली ने चुदवा दिया दूसरे लड़के से- 2
संजय ने कैब बुक की, हमने सामान पैक किया और राहुल के फ्लैट पहुँच गए। वहाँ संजय इंतजार कर रहा था, तभी राहुल भी आ गया। मैंने कहा, “संजय हमारे पास पूरा आज और कल है, कल शाम घर पहुँचना है।” उसने कहा, “बहुत टाइम है, पहले खाना खाते हैं।” खाना ऑर्डर किया। हम चारों बातें करने लगे, हँसी-मजाक चल रहा था। खाना आया तो संजय और राहुल बोले, “तुम लोग खाओ, हम अभी आते हैं।” वे बीयर लेने चले गए। हमें ऑफर किया पर हमने मना कर दिया। वे बीयर पीकर आए, खाना खाया।
खाने के बाद संजय ने मुझे इशारा किया। हम अंदर कमरे में चले गए। मैंने जींस और स्लीवलेस टॉप पहना था, नेट की ब्रा और छोटी जॉकी पैंटी जिसमें आधी गांड बाहर रहती थी। संजय ने मुझे चूमा, होंठ चूसने लगा। दोनों हाथ मेरे बूब्स पर, जोर-जोर से मसलने लगा। मेरे बाल खोल दिए। हम जीभ से एक-दूसरे को चाटने लगे। उसके हाथ कमर पर, चुटकियाँ लेता रहा। फिर टॉप के अंदर हाथ डालकर ब्रा के ऊपर बूब्स दबाने लगा। मुझे डर लगा कि टॉप फाड़ न दे, मैंने हाथ ऊपर किए तो उसने टॉप उतार फेंका। खुद नंगा हो गया, लंड अभी ढीला था। मैंने हाथों से पकड़कर सहलाया। वो मेरी गर्दन, गाल चाटने लगा। क्लीवेज में जीभ घुमाने लगा, मेरा तापमान बढ़ता गया।
लंड खड़ा हुआ तो उसने बाल पकड़कर नीचे झुकाया। मैं समझ गई, घुटनों पर बैठी और लंड मुँह में लिया। ग्ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गीगीगी गोंगों, जैसे लॉलीपॉप चूस रही हूँ। सुपारा चाटा, बॉल्स मुँह में लिए, थूक से पूरा गीला कर दिया। जितना मुँह में आया उतना अंदर लेकर जीभ घुमाई। संजय पागल हो गया, आह्ह्ह्ह अनुुु क्या चूस रही होो, और मुँह में ही झड़ गया। मैं बाथरूम गई, मुँह धोकर आई। वो लेटा रहा, बोला, “तू तो उस्ताद हो गई।” मैं हँसी, “तेरी सोहबत का कमाल।” फिर बोला, “बाहर चलें।”
बाहर गए तो राहुल और छवि चुम्माचाटी कर रहे थे। संजय दंग रह गया। मुझे अंदर से बाहर खींच लाया, मैं सिर्फ ब्रा-जींस में थी। राहुल बोला, “साले तू भी तो मजे ले रहा था, मैं क्या हाथ से करूँ? छवि को सेट कर लिया।” छवि भी हँसी। वे अंदर चले गए। संजय को अजीब लगा, मैंने समझाया कि कोई प्रॉब्लम नहीं। अंदर से छवि की सिसकारियाँ आने लगीं। 25 मिनट बाद राहुल अंडरवियर में बाहर आया, फिर छवि कपड़े पहनकर। माहौल नॉर्मल करने लगे।
राहुल का फोन आया, काम से जाना पड़ा। छवि को साथ ले गया। संजय बोला, “अब तैयार हो जाओ।” मैं बोली, “कब से हूँ।” वो नंगा होकर कुर्सी पर बैठ गया। मैं घुटनों पर बैठी, लंड चूसने लगी। ग्ग्ग्ग्ग गोंगों, धीरे-धीरे खड़ा किया। वो बाल पकड़कर ऊपर खींचा, किस करने लगा। गर्दन चाटी, ब्रा के ऊपर बूब्स मसले। पीछे आकर चूत जींस के ऊपर सहलाई। जींस उतार दी, गांड चाटने लगा, पैंटी के ऊपर चूत मसली। मैं गीली हो चुकी थी। जींस फेंक दी, अब ब्रा-पैंटी में थी।
बोला, “आज नया तरीका।” मुझे सोफे पर झुकाया, टाँगें फैलाने को कहा। पैंटी साइड की, दो उंगलियाँ पेल दीं। आह्ह्ह्ह्ह संजययय, मैं तड़पने लगी। पैंटी फाड़कर ऊपर खिसका दी। मैंने कहा, “कंडोम पहन लो।” मैंने हाथ से पहनाया। मुझे सोफे पर इस तरह झुकाया कि कमर सोफे पर, चूत बाहर लटक रही थी। चूत चाटी, जीभ से चोदा। फिर लंड रगड़ा, कमर पकड़ी। मैंने गांड फैला ली, बोली, “अब डालो ना।” एक झटके में पेल दिया। आह्ह्ह्ह्ह, धपाधप धपाधप शुरू हो गया। रुक-रुक कर तेज धक्के। मेरे हाथ पकड़ लिए, बूब्स हवा में झूलने लगे।
तभी दरवाजा खुला, राहुल-छवि आ गए। मैं शर्मा गई, पर संजय नहीं रुका। वे देखने लगे। राहुल सामने बैठकर बोला, “वाह क्या चूचियाँ हैं, पीने में मजा आएगा।” छवि मुस्कुरा रही थी। संजय धपाधप पेलता रहा। राहुल पास आया, मेरी चूचियाँ दबाने लगा, किस किया। संजय बोला, “राहुल!” वो बोला, “क्या यार, दबा लूँ तो क्या होगा? ले तो तू ही रहा है।” फिर अलग हो गया। संजय चोदता रहा। मैं बोली, “होने वाला है।” झड़ गई, आआह्ह्ह्ह्ह ऊउइइइईई संजययय, जांघें तक रस बह गया।
संजय बोला, “मैं भी आने वाला हूँ, कहाँ निकालूँ?” मैंने कंडोम उतारा, “बूब्स पर।” उसने सारा माल मेरे बूब्स पर उड़ेल दिया। हम नंगे ही सोफे पर बैठ गए। अब शर्म नहीं रही, राहुल तो पहले चोद ही चुका था। मैंने फटी पैंटी उतारी, नहाकर नई ब्रा-पैंटी पहनी, कपड़े पहने। संजय-राहुल का गुस्सा शांत हो गया, सुलह हो गई। हम चारों बातें करने लगे। फिर मूवी देखने गए।
दोस्तों, आगे क्या हुआ अगली कहानी में बताऊँगी। आपको कैसी लगी, जरूर बताना।
कहानी का अगला भाग: बॉयफ्रेंड के सामने उसके दोस्त से चुद गई मैं