कंपनी की मालकिन को गर्भवती किया प्रोमोशन के लालच में

मेरा नाम अनुजा है। मैं 25 साल की हूँ, दिल्ली में रहती हूँ, और एक हाउसवाइफ हूँ। मेरा फिगर 34-26-36 है, और मैं हमेशा ऐसी साड़ियाँ या टाइट ड्रेसेस पहनती हूँ, जो मेरी चूचियों और गाँड को उभारकर दिखाएँ। मेरी त्वचा गोरी है, और मेरे लंबे काले बाल मेरी कमर तक लहराते हैं। मेरा पति, अर्जुन, 28 साल का है। वो 6 फीट लंबा, गोरा, और मस्कुलर बॉडी वाला हैंडसम मर्द है। उसका 8 इंच का मोटा लंड मेरी चूत को रातों-रात रंडी बना देता है। वो एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी में मैनेजर है, लेकिन उसकी नजर हमेशा प्रोमोशन और बड़ी सैलरी पर रहती थी। उसकी कंपनी की मालकिन, राधिका, 38 साल की एक विधवा औरत है। वो गोरी, 5 फीट 5 इंच लंबी, और 36-28-38 के फिगर वाली माल है। उसकी चूचियाँ और गाँड इतनी मस्त हैं कि किसी का भी लंड खड़ा हो जाए। विधवा होने के बावजूद वो टाइट और ट्रांसपेरेंट ड्रेसेस पहनती थी, जिससे उसकी ब्रा और पैंटी साफ झलकती थी। उसकी आँखों में हवस की चमक थी, जो हर मर्द को ललचाती थी।

एक रात अर्जुन घर लौटा, उसका चेहरा थोड़ा गंभीर था। मैंने पूछा, “क्या हुआ, अर्जुन? कोई टेंशन है?” वो सोफे पर बैठा और बोला, “अनुजा, राधिका मैडम ने मुझे प्रोमोशन का ऑफर दिया है।” मैं खुशी से उछल पड़ी, “वाह! सच में? कितना बढ़िया!” लेकिन उसकी आँखों में हिचकिचाहट थी। मैंने पूछा, “बताओ, शर्त क्या है?” वो थोड़ा रुका, फिर बोला, “वो चाहती है कि मैं उसे चोदकर गर्भवती करूँ। बदले में प्रोमोशन और 50 लाख रुपये मिलेंगे।” मैं गुस्से से भड़क गई, “भोसड़ीके, तू अपनी बीवी को छोड़कर उस रंडी को चोदेगा? ये क्या बकवास है!” अर्जुन ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और बोला, “अनुजा, सोच, ये हमारी जिंदगी बदल देगा। पैसे, प्रोमोशन, सब मिलेगा।” मैंने मना किया, “नहीं, ये गलत है!” लेकिन वो बार-बार समझाने लगा। पैसे का लालच और अर्जुन की बातों ने मेरे मन को डगमगा दिया। मैंने शर्त रखी, “ठीक है, लेकिन मैं हर बार तुम दोनों की चुदाई देखूँगी। मुझे कोई राज नहीं चाहिए।” अर्जुन ने हँसकर मेरे गाल पर चुम्मा लिया, “पक्का, तू साथ रहेगी।”

अगले शनिवार को अर्जुन मुझे राधिका के वसंत कुंज वाले पॉश बंगले में ले गया। मैंने लाल रंग की टाइट साड़ी पहनी थी, जो मेरी चूचियों को और उभारे। मेरे ब्लाउज का गला इतना गहरा था कि मेरी क्लीवेज साफ दिख रही थी। अर्जुन ने फॉर्मल शर्ट और पैंट पहनी थी, लेकिन उसकी मस्कुलर बॉडी शर्ट से झलक रही थी। राधिका ने दरवाजा खोला। उसने काली ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनी थी, जिसके नीचे लाल ब्रा और पैंटी साफ दिख रही थी। उसकी चूचियाँ नाइटी के बाहर झाँक रही थीं, और उसकी गाँड का उभार देखकर मेरे मन में जलन हुई। वो बोली, “अर्जुन, आओ! अनुजा, तुम भी!” उसकी आवाज में मादकता थी। मैं शरमाते हुए अंदर गई, लेकिन मेरे मन में गुस्सा और उत्तेजना दोनों थे।

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राधिका हमें अपने बेडरूम में ले गई। कमरा बड़ा था, जिसमें एक किंग-साइज बेड और लेदर का सोफा था। दीवारों पर मॉडर्न पेंटिंग्स थीं, और लाइट्स मद्धम थीं। उसने हमें सोफे पर बिठाया। मैं एक कोने में बैठ गई, मेरे हाथ मेरी साड़ी के पल्लू से खेल रहे थे। राधिका अर्जुन के पास बैठी और उसकी जाँघ पर हाथ रखकर बोली, “अर्जुन, आज से तू मेरा मालिक है। चोद मुझे, गर्भवती कर दे!” मैंने गुस्से से उसकी तरफ देखा, लेकिन चुप रही। अर्जुन ने उसकी नाइटी के किनारे पकड़े और एक झटके में फाड़ दी। राधिका की 36 इंच की चूचियाँ लाल ब्रा में कैद थीं। उसने ब्रा खोली, और उसकी चूचियाँ बाहर लटक पड़ीं। मैंने मन ही मन सोचा, “साली, क्या माल है ये!” उसकी चूचियाँ गोल, भारी, और निप्पल्स गुलाबी थे।

अर्जुन ने राधिका को बेड पर लिटाया और उसकी पैंटी उतारी। उसकी चूत गुलाबी, चिकनी, और पहले से गीली थी। अर्जुन ने हँसकर कहा, “राधिका मैडम, आपकी चूत तो रसीली माल लग रही है!” वो सिसकारी, “चाट, अर्जुन! मेरी चूत चाट, कुत्ते की तरह! तू मेरी जरूरत पूरी कर, मैं तुझे मालामाल कर दूँगी!” अर्जुन ने उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी और धीरे-धीरे चाटने लगा। उसकी जीभ राधिका की चूत की दरारों में घूम रही थी। राधिका की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह… और चाट… भोसड़ीके!” मैं देख रही थी, और मेरी साड़ी के नीचे मेरी चूत गीली होने लगी। मैंने अपने पल्लू से अपने चेहरे को ढकने की कोशिश की, लेकिन मेरी आँखें राधिका की चूत पर थीं। अर्जुन ने अपनी जीभ को और गहराई तक डाला, और राधिका की चूत से पानी टपकने लगा। वो चिल्लाई, “आह… फक… और चूस!” मैंने सोचा, “साली, कितनी बेशर्म है!”

अर्जुन ने अपनी पैंट उतारी। उसका 8 इंच का लंड पत्थर की तरह सख्त था। राधिका ने उसे देखा और बोली, “वाह, अर्जुन, तेरा लंड तो मेरे लिए जन्नत है!” वो बेड पर घुटनों के बल बैठ गई और अर्जुन के लंड को मुँह में लिया। “स्लर्प… स्लर्प…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। राधिका का मुँह अर्जुन के लंड पर ऊपर-नीचे हो रहा था। उसने लंड को गले तक लिया, और उसकी आँखों में पानी आ गया। वो बोली, “तेरा लंड मेरे गले में अटक रहा है!” मैं देख रही थी, और मेरी उंगलियाँ मेरी साड़ी के ऊपर से मेरी चूत को सहलाने लगीं। राधिका ने 10 मिनट तक अर्जुन का लंड चूसा, कभी उसकी टट्टियों को चाटा, कभी लंड के टोपे को जीभ से चिढ़ाया। अर्जुन सिसकार रहा था, “आह… राधिका… और चूस!”

फिर अर्जुन ने राधिका को डॉगी स्टाइल में बिठाया। उसने राधिका की गाँड को थपथपाया, और उसकी चूत में लंड डाला। राधिका चीखी, “आह… फाड़ दे मेरी चूत!” अर्जुन ने धीरे-धीरे धक्के शुरू किए, फिर उसकी रफ्तार बढ़ गई। “थप… थप… थप…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। राधिका की चूचियाँ हिल रही थीं, और वो सिसकार रही थी, “आह… और जोर से… भोसड़ीके, चोद!” मैं अपनी चूत को और तेजी से सहलाने लगी। अर्जुन ने राधिका की कमर पकड़ी और जोर-जोर से धक्के मारे। राधिका की चूत से पानी टपक रहा था, और बेडशीट गीली हो रही थी। वो चिल्लाई, “आह… मैं झड़ रही हूँ!” उसका शरीर काँपने लगा, और वो बेड पर गिर पड़ी।

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अगले एक महीने तक अर्जुन हर हफ्ते राधिका को चोदने जाता था। मैं हर बार साथ थी, क्योंकि मैंने शर्त रखी थी। राधिका ने बीडीएसएम का सामान मँगवाया था—रस्सियाँ, चाबुक, हथकड़ियाँ। एक दिन उसने अर्जुन से कहा, “मुझे बाँधकर चोद!” अर्जुन ने उसकी चूचियों को रस्सी से बाँधा, जिससे वो और उभर आईं। उसने चाबुक से उसकी गाँड पर मारा। “चटाक!” की आवाज आई, और राधिका चीखी, “आह… और मार, हरामी!” मैं देखकर डर रही थी, लेकिन मेरी चूत टपक रही थी। अर्जुन ने राधिका को हथकड़ियों से बेड के पाये से बाँधा और उसकी चूत में लंड डाला। वो जोर-जोर से धक्के मार रहा था, और राधिका चिल्ला रही थी, “आह… फक… मेरी चूत फाड़ दे!”

अर्जुन ने कामसूत्र की हर पोजीशन आजमाई ताकि राधिका जल्दी गर्भवती हो। मिशनरी में उसने राधिका की चूत को इतनी जोर से चोदा कि बेड हिलने लगा। “थप… थप…” की आवाज के साथ राधिका की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह… अर्जुन… और गहरा!” काउगर्ल में राधिका अर्जुन के लंड पर उछल रही थी। उसकी चूचियाँ हवा में लटक रही थीं, और वो चिल्ला रही थी, “आह… ये लंड मेरी चूत का राजा है!” स्पूनिंग में अर्जुन ने उसकी गाँड में उंगली डाली और चूत चोदी। राधिका की सिसकारियाँ और गंदी बातें मुझे पागल कर रही थीं। एक बार उसने राधिका को दीवार से सटाकर चोदा। राधिका के पैर हवा में थे, और वो चिल्ला रही थी, “अर्जुन, मेरी चूत में तेरा बच्चा डाल दे!”

राधिका हर बार गंदी बातें करती। एक दिन बोली, “साले, मेरी गाँड भी मार!” अर्जुन ने उसकी गाँड में लंड डाला। राधिका दर्द से चीखी, “भोसड़ीके, फट गई!” लेकिन वो मजे ले रही थी। उसकी गाँड टाइट थी, और अर्जुन धीरे-धीरे धक्के मार रहा था। “थप… थप…” की आवाज के साथ राधिका सिसकार रही थी, “आह… और जोर से!” मैं देखकर हैरान थी कि ये औरत कितनी हवसी है। अर्जुन का माल हर बार राधिका की चूत में जाता, ताकि वो गर्भवती हो। मैं चुपके से अपनी चूत सहलाती, और कई बार झड़ जाती।

एक महीने बाद राधिका ने कहा, “अनुजा, आज तू भी शामिल हो। थ्रीसम करेंगे!” मैं हिचकिचाई, लेकिन अर्जुन ने कहा, “अनुजा, ये प्रोमोशन के लिए जरूरी है।” मैं मान गई। राधिका के बेडरूम में हम तीनों नंगे थे। राधिका ने मेरी साड़ी को एक झटके में फाड़ दिया। मेरी चूचियाँ देखकर वो बोली, “वाह, अनुजा, तेरे बूब्स तो मस्त हैं!” मैं शरमाई, लेकिन मेरी चूत गीली थी। अर्जुन ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी चूत चाटने लगा। उसकी जीभ मेरी चूत की दरारों में घूम रही थी। मैं सिसकार रही थी, “आह… अर्जुन… और चाट!” राधिका मेरी चूचियाँ चूस रही थी। उसने मेरे निप्पल्स को हल्के से काटा। मैं चीखी, “साली, धीरे!” वो हँसी, “रंडी, मजा ले!”

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अर्जुन ने राधिका को मेरे बगल में लिटाया और उसकी चूत में लंड डाला। वो चिल्लाई, “आह… चोद, साले!” फिर अर्जुन ने मुझे डॉगी स्टाइल में बिठाया। उसने मेरी चूत में लंड डाला और धक्के मारे। “थप… थप…” की आवाज के साथ मेरी चूचियाँ हिल रही थीं। मैं चिल्लाई, “आह… अर्जुन… और जोर से!” राधिका मेरे सामने थी, और मैं उसकी चूत चाट रही थी। उसका नमकीन स्वाद मुझे पागल कर रहा था। मैंने उसकी चूत में जीभ डाली, और वो झड़ गई। उसका पानी मेरे मुँह पर था। मैंने चिल्लाया, “साली, तेरी चूत का रस तो मस्त है!”

अर्जुन ने राधिका को घोड़ी बनाया और उसकी गाँड में लंड डाला। राधिका चीखी, “आह… फट गई!” मैंने अर्जुन का लंड चूसा, जो राधिका की गाँड से निकला था। उसका स्वाद गंदा लेकिन उत्तेजक था। फिर अर्जुन ने मुझे और राधिका को एक साथ बेड पर लिटाया। वो बारी-बारी से हमारी चूत चोद रहा था। “थप… थप…” की आवाज के साथ हमारी सिसकारियाँ गूँज रही थीं, “आह… ओह… फक!” मैं और राधिका एक-दूसरे की चूचियाँ मसल रहे थे। मैं तीन बार झड़ चुकी थी, और राधिका चार बार।

अर्जुन ने पूछा, “कहाँ निकालूँ?” राधिका बोली, “मेरी चूत में, बच्चा चाहिए!” मैंने कहा, “मेरे मुँह में!” उसने पहले राधिका की चूत में माल डाला, फिर मेरे मुँह में। मैंने सारा माल पी लिया। राधिका ने मेरे होंठ चूमे और बोली, “अनुजा, तू भी रंडी है!” मैं हँस पड़ी।

दो महीने की चुदाई के बाद राधिका गर्भवती हो गई। अर्जुन को प्रोमोशन मिल गया, और बच्चा होने के बाद 50 लाख रुपये कैश भी मिले। हमारी जिंदगी बदल गई। राधिका ने हमें फिर बुलाया, लेकिन मैंने मना कर दिया। अर्जुन हँसकर बोला, “अनुजा, तू भी मजे लेती थी!” मैंने कहा, “चुप, हरामी!” दोस्तों, ये थी मेरे पति और राधिका की चुदाई की कहानी। राधिका का हवसी किरदार और थ्रीसम कैसा लगा? क्या और गंदगी या बीडीएसएम चाहिए था? अपने विचार जरूर बताएँ।

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