Sali ke sath chudai नमस्कार दोस्तो, मैं निखिल हूँ। आज मैं अपनी साली के साथ हुए एक अनुभव को शेयर करने जा रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि आपको ये कहानी भी पसंद आएगी। तो बात २०१६ के दिसंबर की है, जब मेरी बीवी शीतल ९ महीने की प्रेग्नेंट थी। ऐसे हालात में सेक्स तो बहुत दूर की बात थी, मैं तो उसे छूने से भी डरता था कि कहीं बच्चे को तकलीफ न हो जाए। पिछले ३ महीनों से मैं सेक्स के लिए भूखा था। शादी से पहले तो कई लड़कियों को चोदा था, लेकिन शादी के बाद अपनी बीवी को चोदकर किसी और लड़की को हाथ भी नहीं लगाया था।
और सोच रहा था कि कब बच्चे की डिलीवरी हो और फिर अपनी प्यास बुझाऊँ। तभी मेरी छोटी साली बैंगलोर से एक महीने की छुट्टी लेकर हमारे साथ रहने आई। मेरी सास ने उसे अपनी बड़ी बहन यानी मेरी बीवी का खयाल रखने के लिए भेजा था, और साथ ही मेरे खाने-पीने का भी। शादी के बाद मैंने अपनी साली को नहीं देखा था, तो करीब ३ साल हो चुके थे। तब वो १८ साल की थी और १२वीं में पढ़ रही थी। शादी के बाद १२वीं पास करके मेरी बड़ी साली के साथ बैंगलोर में जाकर रहने लगी थी। वो वहाँ अपनी ग्रेजुएशन कर रही थी और साथ ही एक कॉल सेंटर में काम भी कर रही थी।
अपनी साली के बारे में बता दूँ। उसका नाम कोमल है, जो २१ साल की थी। मैंने उसे अपनी शादी में देखा था, तब वो छोटी-सी लग रही थी। अब वो पूरी तरह बदल चुकी थी। रंग दूध की तरह गोरा, लंबाई करीब ५ फुट ४ इंच, फिगर ३४-२८-३४ का, बड़े-बड़े बूब्स जो परफेक्ट राउंड शेप में थे, और बाल लंबे काले। शीतल ने मुझे बताया कि कोमल आ रही है हमारा खयाल रखने को। मैंने ज्यादा ध्यान न देते हुए कहा कि इसकी क्या जरूरत है, चलो फिर भी ठीक है, तुम्हें ऐसे हालात में एक सहारा मिल जाएगा।
शीतल ने बताया कि कल सुबह मुझे उसे स्टेशन लेने जाना होगा। मैंने ठीक है कहकर अपनी सास को थैंक बोल देना कहा। अगले दिन सुबह जब मैं तैयार होकर स्टेशन पहुँचा, तो ट्रेन पहले ही आ चुकी थी। मैं इधर-उधर कोमल को ढूँढने लगा, कहीं नहीं मिली। फिर मैंने देखा कि स्टेशन के दूसरे तरफ एक लड़की खड़ी है। जींस और टी-शर्ट पहने हुए, हाथ में लेडीज पर्स, सिर के ऊपर सन ग्लासेस रखे हुए, और उसके सामने एक ट्रॉली बैग भी रखा था।
मैंने सोचा कहीं यही तो नहीं। जैसे-जैसे मैं उसके पास जाने लगा, मैंने नोटिस किया कि ये लड़की तो बहुत सुंदर है। रंग दूध की तरह गोरा, थोड़ा-सा मेकअप किया हुआ, और उसके बूब्स बड़े-बड़े लेकिन परफेक्ट राउंड शेप में, जो झूल नहीं रहे थे। जैसे ही मैं थोड़ा करीब पहुँचा, वो लड़की खुद मेरी तरफ हाथ हिलाकर जीजू-जीजू चिल्लाने लगी।
मैंने सोचा ओह, तो ये ही है कोमल। लेकिन कितनी बदल चुकी थी, या शायद शादी के समय मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया होगा। जैसे ही मैं उसके सामने पहुँचा, वो दौड़कर आई और मुझे गले लगा लिया। बोली, “मैं कितनी देर से आपका इंतजार कर रही थी, कितना डर लग रहा था।” उसकी बातें मेरे कानों तक पहुँच रही थीं, लेकिन दिमाग तक नहीं। दिमाग तो जैसे बंद पड़ गया हो।
शादी के बाद पहली बार अपनी बीवी को छोड़कर कोई लड़की मुझे गले लगा रही थी, और वो भी इतनी सुंदर लड़की। सबसे बड़ी बात, उसके बड़े-बड़े बूब्स मेरी छाती में जैसे धँस रहे थे और मेरी छाती पर मसल रहे थे। मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था, और मैं इस एहसास का मजा ले रहा था। तभी जैसे अचानक मैं नींद से जागा, जब कोमल ने मुझे छोड़ा और कहा, “क्या हुआ जीजू, कुछ बोल क्यों नहीं रहे?”
मैं हक्का-बक्का रह गया कि क्या कहूँ। ऊपर से मेरा लंड जो मेरे पैंट में टेंट बना रहा था, उसे कैसे छुपाता। फिर मैंने खुद को संभाला और कहा, “कुछ नहीं, कुछ नहीं। कोमल, तुम तो कितनी बड़ी हो गई हो।” और मैं उसका बैग उठाने लगा। तो कोमल हँसते हुए बोली, “आप भी न जीजू, कितने हैंडसम हो गए हैं, हाहाहा।” मैंने कहा, “मतलब पहले मैं हैंडसम नहीं था?”
कोमल: “नहीं-नहीं, पहले भी आप बहुत हैंडसम थे, पर अब कुछ ज्यादा ही माल लग रहे हो।” ये सुनकर मैं जैसे अंदर ही अंदर खुश होने लगा। और उसके बैग को अपने आगे लगाकर अपने लंड के टेंट को छुपाने की कोशिश कर रहा था। तभी कोमल बोली, “जीजू, क्या हुआ? कमर में दर्द है क्या आपके?” मैंने कहा, “नहीं-नहीं, बस थोड़ा-सा दर्द है।”
फिर मैंने डिक्की में उसका बैग डाला और हम अपनी गाड़ी में बैठकर घर की तरफ चल दिए। रास्ते भर वो बात करती रही, और मैं उसके बड़े-बड़े गोल-गोल बूब्स देखता रहा। जैसे ही हम घर पहुँचे, मेरी बीवी और उसकी बहन की लड़कियों वाली बातचीत शुरू हो गई। तो मैं ऑफिस के लिए तैयार होने लगा। तभी कोमल ने कहा, “जीजू, आज तो ऑफिस से छुट्टी ले लो। आपकी प्यारी साली आई है न।” शीतल भी बोलने लगी, तो मैंने सोचा ठीक है, आज आराम कर लेते हैं। और ठीक है कहा। जैसे ही मैंने ठीक है कहा, कोमल दौड़कर आई और मेरे गाल पर एक किस कर दिया। और थैंक यू जीजू, आप कितने अच्छे हैं, बोलने लगी। शीतल वहीं खड़ी थी, पर शायद उसे लगता था कि उसकी बहन अब भी छोटी बच्ची है।
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ब्रेकफास्ट के बाद मैंने उन दोनों से कहा कि आप बहनें बेडरूम में जाकर आराम कर लो, और मैं गेस्ट रूम में टीवी देखता हूँ। मैंने गेस्ट रूम का दरवाजा बंद किया और कोमल की फेसबुक प्रोफाइल चेक करने लगा। कोमल ने बहुत सारे फोटोज शॉर्ट ड्रेसेस में खींचे थे और अपलोड किए हुए थे।
मैं उन्हें देखकर अपना लंड बाहर निकाला और हिलाने लगा। फोटो चेक करते-करते मुझे कोमल की एक फोटो बिकिनी में भी मिली। तो मैं उसे देखकर और मस्त हो गया और अपनी लंड जोर-जोर से हिलाने लगा। बस अब मेरे लंड का पानी निकलने ही वाला था कि दरवाजे पर एक नॉक सुनाई दी और कोमल मुझे बुला रही थी।
कोमल: “जीजू, जीजू।” मैं: “ह्ह्म्म्म हाँ कोमल ह्म्म्म।” हाफते-हाफते मैंने जवाब दिया। तो वो पूछने लगी कि आप ठीक हैं न जीजू। मैंने अपने लंड को अंडरवियर के अंदर दबा दिया और दरवाजा खोला, तो कोमल हाथ में चाय लेकर खड़ी थी। कोमल: “क्या हुआ जीजू, आप हाँफ क्यों रहे थे? आप ठीक हैं न?”
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, तो मैंने बहाना बनाते हुए बोला, “अरे कुछ नहीं, वो कमर में थोड़ा-सा दर्द है, तो मैं खुद ही थोड़ा मालिश कर रहा था। अब तुम्हारी दीदी को परेशान करना अच्छा नहीं लगता न।”
कोमल: “दीदी नहीं कर सकती तो क्या हुआ, मैं हूँ न। आप चाय पी लो, मैं तेल गर्म करके लाती हूँ।” मैं बैठकर चाय पीने लगा और सोचने लगा कि शादी के बाद अब तक मैंने किसी लड़की को बुरी नजर से भी नहीं देखा, तो ये कोमल को देखकर मुझे क्या हो रहा है। शायद ये इसलिए हो रहा था कि मैंने पिछले ३ महीनों से सेक्स नहीं किया था।
चाय खत्म होते-होते कोमल भी एक कटोरे में गर्म तेल लेकर आ गई। कोमल: “जीजू, आप चिंता मत करो। मैं आपकी ऐसी मसाज करूँगी कि आपकी कमर की सारी दर्द गायब हो जाएगी।” मैंने पूछा शीतल कहाँ है, तो वो बोली कि दीदी तो सो गई है। अब मैं भी बोर हो जाऊँगी, इसलिए आपकी मालिश ही कर देती हूँ। मैं ठीक है कहकर बिस्तर पर लेट गया। तो कोमल बोली, “अरे ऐसे नहीं, कभी मसाज नहीं करवाई है क्या जीजू?”
और मुझे खड़े होने को कहा। मैं जैसे ही बिस्तर से उठा, कोमल ने एक पुराना चादर बिस्तर पर फैला दिया और कहा, “तेल से बेडशीट गंदी नहीं होगी।” फिर मुझे कहा कि आप अपने कपड़े उतारकर लेट जाओ। मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और लेटने लगा, तो कोमल बोली, “जीजू आप भी न, आपको दर्द कहाँ है?” मैं: “कमर में।” कोमल: “तो जब तक आप अपनी पैंट नहीं उतारोगे, मैं कमर पर कैसे मालिश कर सकती हूँ?”
मुझे कुछ समझ नहीं आया, तो कोमल ने मुझे एक टॉवल दिया और कहा, “अपने सारे कपड़े उतार दो और इस टॉवल को पहन लो।” मैं गेस्ट रूम के बाथरूम में गया और जैसे कि कोमल ने कहा था, अपने सारे कपड़े उतार दिए और टॉवल पहनकर बाहर आया। तो कोमल बोली, “वाह जीजू, आपकी बॉडी तो बहुत अच्छी है।” मैं मुस्कुराते हुए बोला, “ठीक है, अब मैं लेट जाऊँ?”
कोमल ने मुझे बिस्तर पर लेटने का इशारा किया और अब वो तेल का कटोरा लेकर मेरे सामने आ गई। उसने धीरे से मेरे टॉवल को नीचे करने की कोशिश की, पर नहीं कर पाई, तो बोली, “जीजू, अपने टॉवल के गाँठ को खोल दीजिए, वरना मसाज अच्छे से नहीं होगा।” मैंने जैसे ही टॉवल के गाँठ को खोला, कोमल ने मेरे टॉवल को थोड़ा नीचे किया। मैं उल्टा लेटा हुआ था और कोमल मेरे सामने खड़ी थी।
उसने अपने हाथ में थोड़ा तेल लिया और मेरी कमर पर रगड़ना शुरू किया। तेल की गर्मी और कोमल की मालिश से दर्द तो छूटते ही गायब हो गया था, पर मैं बस लेटे रहा और इंतजार करने लगा कि आगे क्या होगा। कोमल ने मेरी पूरी कमर पर अच्छे से मालिश की, और फिर मेरे पैरों को मसाज करने लगी। तो मैंने उसे कहा कि पैरों में दर्द नहीं है। कोमल बोली, “कोई बात नहीं, आपको आराम मिलेगा।” मैं उल्टा ही लेटा हुआ था।
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और कोमल मेरे पैरों को पीछे से मालिश करने लगी। मालिश करते-करते वो मेरी जाँघों तक आ गई। उसने और तेल हाथों में लिया और मेरी जाँघों में मालिश करने लगी। वो मेरी जाँघों के जितना ऊपर जाती, मुझे लगता कि जैसे मेरे सारे शरीर में करंट दौड़ गया हो। और मेरा सोया हुआ शेर अब फिर खड़ा होना लगा था। जाँघों को अच्छे से मसल-मसलकर मालिश करने लगी और मुझे इतना मजा आने लगा कि मैंने अपनी दोनों आँखें बंद कर लीं।
शायद कोमल ने देख लिया, इसलिए पूछने लगी, “जीजू, मजा आ रहा है?” मुझे लगा कि शायद उसे पता चल गया कि मेरा लंड खड़ा है। तो मैं थोड़ा हिला और लंड को सीधा करके लेटा और बोला, “हाँ, बहुत अच्छा लग रहा है।” कोमल ने अब मुझे सीधा होने को कहा। पर मेरा ७ इंच का लंड पूरा खड़ा हो चुका था।
और मैंने अंडरवियर भी नहीं पहनी थी। ऐसे में अगर मैं सीधा हुआ तो मेरा लंड जरूर टॉवल में एक टेंट बना देता। तो मैंने कोमल को कहा, “नहीं-नहीं, काफी हो गया, अब मैं ठीक हूँ।” कोमल: “नहीं-नहीं, अभी तो मैं आपके आगे भी मसाज करूँगी। नहीं तो अच्छा नहीं लगेगा।”
मैं: “नहीं-नहीं, बस आज के लिए हो गया।” कोमल: “तो ठीक है फिर, आप उठ जाइए, मैं ये चादर हटा देती हूँ।” मैं भला कैसे उठ सकता था। तो मैंने कहा, “नहीं, मैं कर दूँगा। तुम अपनी दीदी के पास जाओ, देखो उसे कुछ चाहिए क्या।” कोमल ठीक है बोलकर चली गई और मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मारी।
उस दिन बहुत सारा पानी निकला मेरे लंड से। रात को जब सोने को तैयार हुए, तो शीतल बोली कि आज आप दोनों मेरे साथ ही सोना। मेरे मन में तो जैसे लड्डू फूटने लगे और वासना के कीड़े दौड़ लगाने लगे। फिर शीतल ने कहा कि आप कोने में सो जाइए, मैं बीच में सोती हूँ और कोमल साइड में सोएगी। मेरे सारे अरमान मिट्टी में मिल गए, लेकिन फिर सोचा कि चलो कोई बात नहीं, और भी मौके मिलेंगे।
रात को बात करते-करते दोनों बहनें सो गईं, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी। तो मैंने शीतल के ऊपर अपना हाथ डाला। थोड़ी देर बाद जब मैंने हाथ दूसरी तरफ घुमाया, तो मैंने कोमल को टच किया। फिर सोते-सोते मैंने अपना हाथ हिलाना शुरू किया। तो कोमल के पेट पर मेरी हाथ लगी। थोड़ी देर कोमल के पेट पर हाथ रखा और धीरे-धीरे उसके बूब्स तक पहुँचे।
वाह, क्या मुलायम थे उसके बूब्स। बड़े-बड़े लेकिन परफेक्ट थे, कितने टाइट थे दोनों बूब्स। मैंने धीरे-धीरे दबाना शुरू किया, तो पता चला कि उसके टॉप के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी। मैंने अपना हाथ उसके टॉप के अंदर डाल दिया और उसके बूब्स दबाने लगा। उसके निप्पल्स अपनी उँगलियों के बीच लेकर मसलने लगा। कुछ देर ऐसे ही बूब्स मसलने के बाद मैंने अपना हाथ उसके नाइटी पैंट्स के अंदर डाला और देखा कि कोमल की चूत पूरी शेव की हुई थी।
मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी चूत पर मसलना शुरू किया। और फिर एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाल दिया। मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था, और मैं कोमल की चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था। अचानक तभी शीतल ने करवट बदली और वो उठ गई। मैंने झट से अपना हाथ शीतल के पेट पर रखा। शीतल ने मुझे किस किया और फिर वो सो गई। उस रात मैंने और कुछ नहीं किया।
सुबह उठकर मैं जब बाथरूम में था, तो शीतल को दर्द होना शुरू हुआ। मैंने और कोमल ने जल्दी से शीतल को हॉस्पिटल ले गया। हॉस्पिटल पहुँचते ही डॉक्टर ने चेकअप करके कहा कि ऑपरेशन करना पड़ेगा। शीतल ने एक सुंदर लड़के को जन्म दिया। अब मैं एक हेल्दी सुंदर लड़के का बाप था। दिन भर हम इधर-उधर लगे रहे, और शाम होते-होते मेरी माँ और सास भी पहुँच गईं।
वो हमारे लिए खाना लेकर आई थीं। तो रात को खाना खाने के बाद मेरी माँ बोली कि मैं और कोमल घर जाएँ और आराम करें। पहले तो हम दोनों नहीं माने, बाद में उनके फोर्स करने पर हम मान गए और कोमल और मैं घर के लिए निकल गए।
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रास्ते में कोमल बोली, “जीजू, अब तो आप बाप बन गए, पार्टी नहीं दोगे?” मैं: “जरूर, बोलो कहाँ चलें?” कोमल: “नहीं-नहीं, घर पर ही पार्टी कर लेते हैं।” मैं: “ओके ठीक है, तो बोलो तुम क्या पीओगी?” कोमल: “बीयर और वोडका ले लीजिए।” मैंने रास्ते में वाइन शॉप से ४ बॉटल बीयर और एक बॉटल वोडका लिया।
घर जाकर हमने चेंज किया और ग्लास लेकर पार्टी शुरू की। देखते ही देखते चारों बॉटल बीयर और हाफ बॉटल वोडका खत्म हो गया। फिर मजाक करते-करते हमने वोडका की पूरी बॉटल खाली कर दी। अब मैंने कहा, “चलो कोमल, अब सोते हैं, काफी देर हो चुकी है।” कोमल: “हाँ जीजू, चलिए।” मैं: “मैं गेस्ट रूम में सो जाता हूँ, तुम हमारे बेडरूम में सो जाओ।” कोमल: “अरे ऐसा क्यों?”
कल तो हम एक ही बिस्तर पर सो रहे थे न, तो आज भी एक साथ सोते हैं न। मैं भी थोड़े नशे में था, तो ठीक है बोलकर हम दोनों हमारे बेडरूम में चले गए। कोमल कोने में चली गई और मैं साइड पर सो गया। थोड़ी देर हम दोनों के बीच कुछ बात नहीं हुई। हम दोनों चुपचाप लेटे हुए थे। फिर कोमल मेरी तरफ मुड़ी और उसने जो कहा, वो सुनकर मैं थोड़ा डरा लेकिन मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया।
कोमल: “क्या बात है जीजू, कल रात की तरह आज मुझे नहीं छुएँगे आप?” मैंने कुछ नहीं कहा, तो कोमल मेरे सामने आ गई और मेरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर लगा दिया और बोली, “मुझे पता है कि दीदी की प्रेग्नेंसी की वजह से आप दोनों ने काफी दिनों से सेक्स नहीं किया है। कोई बात नहीं, आखिर साली भी तो आधी घरवाली होती है। आज रात के लिए मुझे ही दीदी समझ लो।” मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई। बिना कुछ कहे मैंने सीधा कोमल को किस किया और उसके बूब्स दबाने लगा।
कोमल मेरा पूरा साथ देने लगी। किस करते-करते हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे, मेरी जीभ उसकी जीभ से लड़ रही थी। मैंने उसके टॉप को ऊपर किया और उसके बूब्स को बाहर निकाला। वे इतने टाइट और गोल थे कि मेरे हाथों में ठीक से आ नहीं रहे थे। मैंने उसके निप्पल्स को मुँह में लिया और चूसने लगा, “ओह्ह्ह… जीजू… आह्ह्ह…” कोमल सिसकारियाँ भरने लगी। उसने कहा, “जीजू, कितने दिनों से तरस रही थी मैं आपके जैसे मर्द के लिए। मेरी चूत गीली हो गई है।”
मैंने उसके पैंट्स को नीचे सरकाया और देखा उसकी चूत पूरी गीली थी, शेव्ड और चिकनी। मैंने अपनी उँगली से उसकी क्लिट को रगड़ा, “आह्ह्ह… उफ्फ्फ… जीजू, मत तड़पाओ… डालो न अपनी उंगली अंदर।” मैंने एक उंगली अंदर डाली और अंदर-बाहर करने लगा। कोमल की साँसें तेज हो गईं, “ओह्ह्ह… हाँ… ऐसे ही… आह्ह्ह… और तेज।” मैंने दो उँगलियाँ डालीं और जोर-जोर से चोदने लगा उसकी चूत को उँगलियों से। वो कमर उछालने लगी, “जीजू… मैं झड़ने वाली हूँ… आह्ह्ह… उईईई… हाँ… आ रहा है।”
कुछ सेकंड्स में वो झड़ गई, उसकी चूत से पानी निकल आया। अब मैंने अपना लंड बाहर निकाला, जो ७ इंच का खड़ा था। कोमल ने उसे हाथ में लिया और हिलाने लगी, “वाह जीजू, कितना मोटा और लंबा है आपका लंड। मेरी चूत फाड़ दोगे क्या?” मैंने कहा, “हाँ साली, आज तेरी चूत को चोद-चोदकर सूजा दूँगा।” उसने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी, “म्म्म्म… उम्म्म… कितना टेस्टी है जीजू।” वो जोर-जोर से चूस रही थी, मैं उसके बाल पकड़कर मुँह में धक्के मारने लगा।
फिर मैंने उसे लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रगड़ा, “ओह्ह्ह… जीजू… डालो न अंदर… मत तड़पाओ।” मैंने छेद पर मिलाकर एक धक्का दिया, तो मेरे लंड का सुपारा अंदर चला गया। कोमल के मुँह से “आह्ह्ह्ह…” की आवाज आई। मैंने पूछा, “पहले किया है?” कोमल: “हाँ एक बार किया है, चिंता मत करो… आह्ह्ह… आह्ह्ह।” मैंने धीरे-धीरे अंदर-बाहर करते-करते अपना आधा लंड उसकी चूत में डाल दिया।
कोमल ने मुझे कसकर पकड़ लिया और मैं अब जोर-जोर से धक्के मारने लगा। थोड़ी ही देर में मेरा ७ इंच का पूरा खड़ा लंड कोमल की चूत में घुस गया। अब मैं पूरी फोर्स के साथ अपना लंड कोमल की चूत में अंदर-बाहर करने लगा। “फच… फच… फच…” की आवाजें आने लगीं। कोमल “आह्ह्ह… उफ्फ्फ… जीजू… चोदो मुझे… हाँ… और जोर से… ओह्ह्ह…” चिल्ला रही थी। मैं उसके बूब्स दबाते हुए चोद रहा था, उसके निप्पल्स को काट रहा था।
कोमल ने मुझे अपने दोनों पैरों से कसकर पकड़ लिया और अपनी हाथों के नाखून मेरी पीठ पर चुभाने लगी। मुझे और जोश आया और मैं और जोर-जोर से चोदने लगा। थोड़ी ही देर में कोमल काँपते हुए कहने लगी, “प्लीज डॉन्ट स्टॉप… डॉन्ट स्टॉप… आह्ह्ह… मैं झड़ रही हूँ… ओह्ह्ह… उईईई…” मैं पूरी जोर से उसे चोदने लगा और कोमल झड़ गई। उसका पूरा बदन ढीला हो गया लेकिन मैं नहीं रुका और उसे चोदता रहा।
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थोड़ी देर चोदने के बाद मैं उठकर अपने घुटने मोड़कर कोमल की चूत के सामने बैठ गया। अपने लंड को कोमल की चूत पर मिलाया और धक्के मारने लगा। पूरा लंड बाहर निकाल देता और फिर एक ही झटके में पूरा लंड अंदर तक डाल देता। कोमल “आह्ह्ह… आह्ह्ह…” चीखने लगी। मैं ऐसे ही उसे चोदने लगा। करीब १५ मिनट ऐसे चोदने के बाद अब मेरा लंड पानी निकालने वाला था।
तो मैंने पूछा कि मेरा निकलने वाला है, कहाँ निकालूँ। कोमल: “अंदर ही निकाल दो, आज रात मैं आपकी बीवी हूँ न। कल दवाई ले लूँगी।” फिर मैं कोमल के ऊपर लेट गया और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। वो “आह… आह… हार्डर… हार्डर…” कहने लगी और मैंने जोर-जोर से धक्के मारते-मारते निकालने लगा। जैसे ही मेरे लंड का पानी निकलने लगा, कोमल “आह्ह्ह… आह्ह्ह… ओह्ह्ह…” करने लगी और मैं अंदर-बाहर करते हुए पूरा जोर-जोर से उसे चोदता रहा। पूरा पानी उसके अंदर ही डाल दिया।
पूरा पानी निकलने के बाद भी मैंने अपना लंड हिलाना बंद नहीं किया। तो कोमल बोली, “चिंता मत करो जीजू, आज रात भर है हमारे पास। थोड़ी देर रेस्ट कर लेते हैं, फिर चोदेंगे।” मैंने सीधा होकर साइड पर लेट गया और कोमल को थैंक यू बोला। कोमल ने मुझे किस किया और यहाँ-वहाँ की बातें करने लगी। थोड़ी देर बाद हमने फिर से चोदना शुरू किया। उस रात हमने ५ बार चुदाई की।
पहले मैंने उसे उल्टा करके पीछे से चोदा। उसकी गांड उठाई और लंड उसकी चूत में पीछे से डाला। “फच… फच…” की आवाजें गूँज रही थीं। कोमल “आह्ह्ह… जीजू… पीछे से कितना गहरा लगता है… चोदो… हाँ… ओह्ह्ह…” फिर डॉगी स्टाइल में चोदा, वो घुटनों पर थी और मैं पीछे से जोर-जोर से पेल रहा था। उसके बूब्स हिल रहे थे, मैंने उन्हें पकड़कर दबाया। फिर वो मेरे ऊपर आई और चुदाई की, मेरा लंड उसकी चूत में लेकर ऊपर-नीचे हो रही थी, “ओह्ह्ह… जीजू… कितना मजा आ रहा है… आह्ह्ह…” और हमने बैठे-बैठे भी चोदा, वो मेरी गोद में बैठी और मैं नीचे से धक्के मार रहा था।
अगले दिन सुबह हम देर से उठे लेकिन जल्दी-जल्दी खाना बनाकर हम हॉस्पिटल पहुँचे। उस दिन हम हॉस्पिटल पर रुके। रात को हॉस्पिटल के बाथरूम में खड़े-खड़े पीछे से कोमल को बड़े मजे से चोदा। वो हमारी आखिरी चुदाई थी। अब मेरी सास या मेरी माँ रात को घर रहने आती थीं, और फिर थोड़े दिनों में कोमल वापस चली गई।
कोमल ने कहा है कि वो जुलाई को कुछ दिनों के लिए हमारे यहाँ आएगी। तो देखते हैं कि जुलाई को कुछ होता है या नहीं।
क्या आपको लगता है कि जुलाई में फिर से कुछ होगा? कमेंट में बताइए।