बाइक पर लंड हाथों में आ गया देवर का

ये हसीन और गर्मागर्म वाकया मेरे साथ पिछले 15 दिन पहले हुआ, जब मैंने अपने मुंहबोले देवर राजन के साथ अपनी दूसरी सुहागरात मनाई। मेरे पति ऋषभ के साथ तो मैं पहले चुदाई के मजे ले चुकी थी, लेकिन इस बार राजन के साथ जो चुदाई का तूफान आया, वो मैं अब तुम सबको बताने जा रही हूँ। दोस्तों, मेरे घर में मैं, ऋषभ और मेरी सहेली हिना साथ रहते हैं। हमारे घर के पास एक परिवार रहता है, जो मध्य प्रदेश से है। उस परिवार में एक बुजुर्ग जोड़ा और उनका 30 साल का बेटा राजन है।

राजन एक इंजीनियर है, नौकरी करता है, और दिखने में इतना हसीन कि बस दिल धड़क जाए। वो अभी तक कुंवारा है, और उसकी मुस्कान ऐसी कि किसी का भी दिल लुट ले। हमारे दोनों परिवार अब इतने घुलमिल गए हैं कि लगता है हम एक ही घर के हैं। राजन मेरे और हिना के साथ खुलकर बात करता है, लेकिन मेरे साथ उसकी बातें थोड़ी ज्यादा खुली और नजदीकी होती हैं। एक दिन मैं नहाकर बाथरूम से निकली, सिर्फ तौलिया लपेटे हुए। मेरे गीले बाल और भीगता बदन देखकर राजन की आँखें चमक उठीं। उसने मजाक में कहा, “भाभी, आज तो आप किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही हो!” मैंने हंसते हुए पूछा, “अच्छा, ऐसा क्या है मुझमें जो इतना सुंदर लग रहा है?” वो बोला, “भाभी, अगर आपकी शादी न हुई होती, तो मैं तो आपसे अभी शादी कर लेता!”

मैंने मन ही मन सोचा, ये तो मजाक में भी कितना प्यार जताता है। वैसे, मैं भी राजन को बहुत पसंद करती थी। उसका हट्टा-कट्टा बदन, गहरी आँखें, और वो शरारती मुस्कान मुझे हमेशा अपनी ओर खींचती थी। मैं जानना चाहती थी कि वो मुझे कितना चाहता है। धीरे-धीरे हमारी बातें हंसी-मजाक से आगे बढ़ने लगीं। दोस्तों, तुम तो जानते हो, मेरी चूत हमेशा लंड की प्यासी रहती है। जब भी मुझे कोई मोटा-तगड़ा लंड दिखता है, मैं उस पर टूट पड़ती हूँ।

एक दिन शाम को मैं अकेली मार्केट गई थी। सामान लेकर लौट रही थी कि अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। मेरे कपड़े भीग गए, और मैं पूरी तरह तरबतर हो चुकी थी। मैंने ऋषभ को फोन किया, “यार, बारिश हो रही है, मुझे लेने आ जाओ।” ऋषभ बोला, “पूर्वी, मैं अभी ऑफिस में हूँ, थोड़ा लेट हो जाऊँगा। तुम ऑटो पकड़कर घर आ जाओ।” मैं ऑटो की तलाश में सड़क पर खड़ी थी कि तभी राजन अपनी बाइक पर ऑफिस से लौटता हुआ दिखा। मुझे देखते ही वो रुक गया और बोला, “भाभी, आप यहाँ क्या कर रही हो?” मैंने कहा, “मार्केट आई थी, अब घर जा रही हूँ, लेकिन ये बारिश!”

राजन ने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे भाभी, बाइक पर बैठ जाओ, हम साथ चलते हैं। बारिश में गीले होकर जाने का मजा ही कुछ और है, ऑटो में क्या रखा है?” मैंने थोड़ा नखरा किया, “यार, बारिश में कैसे जाएँगे?” लेकिन मन ही मन मुझे उसका साथ चाहिए था। मैं बाइक पर उसके पीछे बैठ गई। जैसे ही बाइक चली, बारिश की बूंदें मेरे जिस्म पर गिरने लगीं। मेरा ब्लाउज मेरे बदन से चिपक गया, और मेरे बूब्स का उभार साफ दिखने लगा। हर बार जब राजन ब्रेक मारता, मेरा जिस्म उसकी पीठ से टकराता। मेरी चूत में आग सी लगने लगी थी।

वो बोला, “भाभी, थोड़ा और पास आकर मुझे पकड़ लो, नहीं तो गिर जाओगी।” मैंने उसकी बात मान ली और उससे और चिपक गई। मेरे बूब्स उसकी पीठ पर रगड़ रहे थे, और मैं जानबूझकर उन्हें और दबा रही थी। ठंड की वजह से मेरा जिस्म कांप रहा था, लेकिन मेरे अंदर की गर्मी कुछ और ही कहानी कह रही थी। तभी राजन ने अचानक ब्रेक मारा, और मेरा हाथ फिसलकर उसकी जांघों पर चला गया। वहाँ मैंने महसूस किया कि उसका लंड पूरा तनकर खड़ा था। कम से कम 8 इंच का मोटा-तगड़ा लंड! मेरी चूत एकदम गीली हो गई। मैंने सोचा, ये तो मौका है।

मैं और चिपक गई, और जानबूझकर उसकी जांघों को छूने लगी। उसका लंड और सख्त होता जा रहा था। हम दोनों पूरी तरह भीग चुके थे, लेकिन घर पहुंचने की जल्दी किसी को नहीं थी। घर पहुंचकर राजन अपने घर चला गया, और मैं अपने घर आकर गीले कपड़े बदलने लगी। मैंने एक पतली सी मेक्सी पहनी, लेकिन नीचे ब्रा और पैंटी नहीं पहनी। मेरा जिस्म अभी भी गर्म था। मैं आंटी (राजन की माँ) के पास गई। आंटी ने मुझे चाय दी और बोली, “पूर्वी, तू बैठ, मैं राजन को चाय देकर आती हूँ।”

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मैंने तुरंत कहा, “आंटी, आप क्यों जाएँगी? मुझे दे दीजिए, मैं दे आती हूँ। वैसे भी मुझे राजन से कुछ सीडी लेनी हैं।” ये बहाना था। मैं चाय का कप लेकर राजन के रूम में पहुंची। दरवाजा खोलते ही मैंने देखा कि राजन बाथरूम में था, और वहाँ से “आहहह… भाभी… आहहह…” की आवाजें आ रही थीं। मैं समझ गई कि वो मेरे नाम की मुठ मार रहा है। मैंने पास जाकर आवाज दी, “राजन!” वो घबराकर सिर्फ तौलिया लपेटे बाहर आ गया। उसका लंड अभी भी तना हुआ था, और तौलिये से साफ दिख रहा था।

मैंने शरारत से पूछा, “ये क्या था? तू बाथरूम में भाभी-भाभी क्यों चिल्ला रहा था?” वो शर्मा गया और बोला, “भाभी, आपने आज बाइक पर जो आग लगाई, उसकी वजह से ये हाल है।” मैंने हंसते हुए कहा, “क्यों, आग ठंडी हुई क्या?” वो बोला, “कहाँ ठंडी हुई, बीच में तो आप आ गईं!” मैंने उसकी आँखों में देखकर कहा, “जो तू सोचकर कर रहा था, चाहे तो हकीकत में कर ले।” ये सुनते ही राजन किसी भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर कूद पड़ा।

मैं भी तो कम नहीं थी। मेरी चूत लंड के लिए तड़प रही थी। ऋषभ के आने का इंतजार मैं नहीं कर सकती थी। राजन ने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और पागलों की तरह मेरे होंठ चूसने लगा। मैं भी भूखी शेरनी की तरह उसका साथ देने लगी। उसने मेरी मेक्सी के अंदर हाथ डाला और मेरे बूब्स को जोर-जोर से दबाने लगा। मैंने एक झटके में उसका तौलिया खींचकर उसे नंगा कर दिया। उसका 8 इंच का मोटा लंड मेरे सामने तनकर खड़ा था। मैंने उसे मुट्ठी में लिया और जोर-जोर से हिलाने लगी।

राजन ने मेरी मेक्सी उतार दी। मेरे नंगे जिस्म को देखकर उसकी आँखें चमक उठीं। उसने मुझे बाहों में उठाकर बेड पर लिटाया और मेरी चूत में अपनी जीभ डाल दी। वो मेरी चूत को ऐसे चाट रहा था जैसे कोई भूखा शख्स सालों बाद खाना खा रहा हो। मेरी चूत से पानी की नदी बहने लगी। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “आहहह… राजन… और चाट… आहहह…” हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उसके लंड को चूस रही थी, और वो मेरी चूत को। उसका लंड मेरे मुँह में पूरा नहीं समा रहा था, लेकिन मैं उसे गले तक लेने की कोशिश कर रही थी।

मैं पूरी तरह आउट ऑफ कंट्रोल थी। मैं चिल्ला रही थी, “राजन, चोद मुझे… और जोर से… मुझसे अब रहा नहीं जाता… आहहह…” उसने मुझे कुतिया की तरह बैठाया और मेरी गांड को चाटने लगा। उसकी जीभ मेरी गांड के छेद में अंदर-बाहर हो रही थी। फिर वो मेरी चूत में जीभ डालकर चोदने लगा। मैं पागल हो रही थी, “आहहह… राजन… अब लंड डाल दे… मेरी चूत फट रही है…” वो जोश में आकर गालियाँ देने लगा, “साली रंडी, इतनी उतावली क्यों हो रही है? आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा।”

मैं भी जोश में थी, “हाँ मादरचोद, चोद मुझे… रंडी की तरह चोद… मैं तेरी कुतिया हूँ…” उसने अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया और एक जोरदार धक्का मारा। उसका मोटा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया। मैं दर्द और मजे में चीख पड़ी, “आहहह… मर गई…” लेकिन वो रुका नहीं। वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा। मेरी चूत गीली थी, लेकिन उसका लंड इतना मोटा था कि हर धक्के में दर्द और मजा दोनों मिल रहे थे।

तीन मिनट में ही उसका माल निकल गया। मैं गुस्से में चिल्लाई, “साले हिजड़े, दो मिनट में ठंडा पड़ गया? मेरा तो एक बार भी नहीं निकला!” वो हँसते हुए बोला, “अरे भाभी, मैंने जानबूझकर निकाला, ताकि तुझे और तरसाऊँ।” मैं तड़प रही थी, “चोद ना मुझे… मैं मर रही हूँ…” वो बोला, “पहले मेरी रांड बन, तब चोदूँगा।” मैंने कहा, “जो तू कहेगा, मैं करूँगी… बस चोद दे।”

उसने मेरे बाल पकड़े और मुझे बाथरूम में ले गया। वहाँ उसने मेरे मुँह में मूतना शुरू कर दिया और बोला, “एक बूँद भी नीचे नहीं गिरनी चाहिए, वरना नहीं चोदूँगा।” मैं मजबूर थी। मैंने उसका मूत पिया और फिर उसके लंड को चूस-चूसकर दोबारा खड़ा किया। जैसे ही उसका लंड तन गया, मैंने उसे धक्का देकर बेड पर गिराया और उसके लंड पर बैठ गई। मैं ऊपर-नीचे हो रही थी, और मेरा माल 5 मिनट में निकल गया। उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड में लंड डाल दिया। मेरी गांड टाइट थी, लेकिन उसने बिना रुके धक्के मारने शुरू कर दिए। 15 मिनट तक वो मेरी गांड मारता रहा, और फिर सारा वीर्य मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने उसका रस चाट लिया, क्योंकि मुझे उसकी भूख थी।

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चुदाई के बाद मैंने उससे कहा, “जब तक हम यहाँ हैं, मैं तेरी रखेल बनकर रहूँगी।” फिर मैं अपने रूम में आ गई। उस दिन के बाद, जब भी हमें मौका मिलता, हम चुदाई में डूब जाते। लेकिन हम कभी बेफिक्र होकर सेक्स नहीं कर पाए थे। हम सही मौके की तलाश में थे। तभी भगवान ने हमारी सुन ली। एक दिन हिना को उसकी सहेली का फोन आया, जो देहरादून में शादी कर रही थी। उसने हिना को शादी में बुलाया। हिना ने मुझसे कहा, “पूर्वी, तू भी चल।” मैंने तुरंत हाँ कर दी।

हमने एक हफ्ते का प्लान बनाया। ऋषभ को टाइम नहीं था, तो उसने हमें जाने को कहा और ट्रेन की टिकट बुक कर दी। अगले दिन मैंने राजन को सारी बात बताई। वो बोला, “ठीक है, मैं भी ऑफिस से छुट्टी ले लेता हूँ और देहरादून चला जाता हूँ। तुम वहाँ मुझे मिलना, फिर प्लान बनाएँगे।” 30 जून को हम देहरादून के लिए निकल गए। रास्ते में मैंने हिना को राजन की बात बताई। वो बोली, “मैं भी तुम लोगों के साथ शामिल हो जाऊँगी।” मैंने कहा, “ठीक है, तू 4 जुलाई को शादी के बाद हमारे पास आ जाना। अगर ऋषभ फोन करे, तो कहना कि हम शादी में हैं।”

देहरादून पहुंचने से पहले राजन फ्लाइट से वहाँ पहुंच गया और स्टेशन पर मेरा इंतजार करने लगा। मैंने कहा, “हम पहले हिना की सहेली के घर जाएँगे, फिर मिलते हैं।” हिना अपनी सहेली के साथ चली गई, और मैं फूड प्लाजा पहुंची, जहाँ राजन इंतजार कर रहा था। वहाँ से हम एक होटल में गए, जो राजन ने पहले बुक किया था। हम दोनों अकेले थे, और अब कोई डर नहीं था। मैंने सोचा, अब जो मन चाहे, वो करूँगी।

रात को राजन बोला, “यार, कुछ ड्रिंक्स हो जाएँ?” मैंने कहा, “ठीक है, वैसे भी मैंने बहुत दिन से नहीं पी।” उसने एक बोतल और स्नैक्स मंगवाए। मैंने बोतल देखकर कहा, “ये क्या, हम मजे करने आए हैं या दारू पीकर सोने?” वो बोला, “रानी, चिंता मत कर, आज तुझे जन्नत की सैर करवाऊँगा।” तभी उसका फोन बजा, और 15 मिनट बाद एक लंबा-चौड़ा आदमी रूम में आया। वो राजन से भी ज्यादा हसीन था। मैंने पूछा, “ये कौन है?” राजन बोला, “ये मेरा दोस्त कुनाल है। हम दोनों साथ आए हैं। तू चिंता मत कर, तुझे सिर्फ मजा मिलेगा।”

मैं थोड़ा चुप रही, लेकिन मन ही मन उत्साहित थी। राजन ने हमारा परिचय करवाया। कुनाल ने मुझे देखते ही कहा, “पूर्वी, तू तो मस्त माल है! राजन ने जितना बताया था, तू उससे कहीं ज्यादा सेक्सी है।” मैंने हंसकर कहा, “धन्यवाद।” फिर हम दारू पीने लगे। राजन मेरे बूब्स दबाने लगा और कुनाल से बोला, “यार, दारू के साथ कुछ और न हो, तो मजा नहीं आता।” कुनाल बोला, “पूर्वी, एक डांस कर दे।” मैं नशे में थी, बोली, “मुझे डांस नहीं आता।” कुनाल बोला, “तो मुजरा कर दे।”

मैं मदमस्त थी। मैंने मुजरा शुरू किया। कुनाल बोला, “मुजरे के कपड़े पहन ले।” मैंने कहा, “वो कहाँ से लाऊँ?” राजन ने मेरे नाइट गाउन को उतार दिया। अब मैं सिर्फ गुलाबी ब्रा और पैंटी में थी। कुनाल ने मेरा ये रूप देखा और अपनी ड्रेस उतारकर सिर्फ अंडरवियर में बैठ गया। मैंने राजन से कहा, “जब हम दोनों नंगे हो गए, तू दूल्हे की तरह क्यों बैठा है? तू भी नंगा हो।” मैंने राजन को भी अंडरवियर में कर दिया।

मैं मुजरा कर रही थी, और दोनों को दारू पिलाती रही। वो मुझे अपनी दारू से घूँट पिलाने लगे। दारू खत्म होते ही कुनाल ने आखिरी ग्लास मेरे जिस्म पर डाल दिया और मेरे बदन को चाटने लगा। राजन ने मेरे पैर फैलाए और मेरी चूत में जीभ डालकर चोदने लगा। मैंने कुनाल का लंड अंडरवियर से निकाला और चूसने लगी। फिर हम तीनों नंगे हो गए। मैं दोनों के लंड बारी-बारी चूस रही थी। राजन मेरी चूत चाट रहा था, और कुनाल मेरे बूब्स को चूस रहा था।

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मुझे जन्नत का मजा आ रहा था। मैं चिल्लाई, “यारो, अब चोदो… मुझसे और सहन नहीं होता…” कुनाल ने मुझे कुतिया बनाया और मेरी गांड चाटने लगा। दोनों मेरी चूत और गांड को चाट रहे थे। मैं झड़ गई, और मेरा रस राजन के मुँह में चला गया। वो दोनों उसे चाटने लगे। फिर वो मेरे जिस्म पर मूतने लगे। हम बाथटब में नहाए और बेड पर आए। राजन नीचे लेट गया, और मैं उसका लंड अपनी चूत में लेकर चुदने लगी। कुनाल मेरे मुँह को चोद रहा था। फिर कुनाल नीचे आया, और राजन मेरे मुँह को चोदने लगा।

40 मिनट तक चुदाई के बाद दोनों का वीर्य निकलने वाला था। वो मेरे मुँह के पास खड़े हो गए, और मैं उनके लंड चूसने लगी। उनका रस मेरे मुँह पर गिरा, और मेरी गर्दन से बूब्स तक बहने लगा। राजन ने उस रस को मेरे बूब्स पर मल दिया। मैंने मुँह में जो रस था, उसे चाट लिया। उस रात हमने कई बार चुदाई की। सुबह तक मेरी चूत सूज गई थी। राजन ने दर्द की गोली लाकर दी, जिससे राहत मिली।

रात को हम फिर लग गए। दोनों ने बारी-बारी मेरी चूत और गांड का भोसड़ा बना दिया। दो दिन ऐसे ही गुजर गए। तभी हिना ने फोन किया।

हिना: “हैलो, भाभी।”
मैं: “हाँ, हिना, बोल।”
हिना: “आप कहाँ हो?”
मैं: “देहरादून में ही हूँ।”
हिना: “क्या हो रहा है? राजन भैया से मजे ले रही हो?”
मैं: “हाँ यार, मेरी चूत और गांड फट गई। वैसे, शादी खत्म हुई? कब आ रही है?”
हिना: “आज शाम को आ रही हूँ।”
मैं: “ठीक है, हम होटल में हैं, रूम नंबर 603। वहीं आ जाना।”

मैंने राजन को बताया कि हिना आ रही है। वो बोला, “यार, आज रात तो मजा आ जाएगा।” मैंने कहा, “हाँ, दो लंड और दो चूत, बराबर हो जाएगा।” शाम को हिना होटल पहुंची। वो बोली, “भाभी, तुमने तो दो दिन मजे लिए। अब मेरी बारी।” मैंने कहा, “रानी, चिंता मत कर। दो लंड हैं, तू एक ले ले।” हिना ने पूछा, “यहाँ और कौन है?” मैंने बताया, “राजन का दोस्त कुनाल।”

थोड़ी देर बाद राजन और कुनाल रूम में आए। हमें देखकर बोले, “आज तो मजे ही मजे हैं। दो रंडियाँ मिली हैं।” मैंने कहा, “हाँ, मदारचोद, आज हम तुम्हें निचोड़ देंगे।” रात को राजन ने वाइन और खाना ऑर्डर किया। वेटर को 500 रुपये देकर कहा, “बाहर बोर्ड लगा दो, कोई परेशान न करे।” हमारी ड्रिंक शुरू हुई। कुनाल बोला, “चलो, एक गेम खेलते हैं। जो जीतेगा, वो जो बोले, बाकी तीनों को करना पड़ेगा।”

हम बेड पर बैठ गए। कुनाल ने मोबाइल से छोटे-छोटे ऑडियो प्ले किए। हम एक तकिया लेकर गेम खेलने लगे। गाना खत्म होने पर जिसके हाथ में तकिया हो, वही जीतेगा। पहला राउंड हिना जीती। वो बोली, “भाभी, एक हाथ से राजन को नंगा करो।” मैंने राजन को नंगा कर दिया। दूसरे राउंड में कुनाल जीता। वो बोला, “हिना, पूर्वी को नंगा कर।” हिना ने मेरी मेक्सी, ब्रा, और पैंटी उतार दी। फिर हिना जीती, तो बोली, “कुनाल, राजन का लंड पकड़कर चूमो।” कुनाल ने मना किया, लेकिन नियम के चलते उसने ऐसा किया।

मैं अगले राउंड में जीती। मैंने कहा, “कुनाल, हिना को नंगा करके उसकी गांड चाटो।” कुनाल ने वैसा किया। खेलते-खेलते दारू खत्म हो गई। हम दोनों नंगे बेड पर लेट गए। वो दोनों हमें उल्टा करके चोदने लगे। कभी राजन मुझे चोदता, तो कभी कुनाल। कभी हिना को राजन, तो कभी कुनाल। चूत चुदाई के बाद उन्होंने हमारी गांड भी मारी। रात भर चुदाई चली। सुबह हम चारों नंगे एक-दूसरे के ऊपर सो गए। अगले दिन सुबह चाय पीकर हमने घर आने का प्लान बनाया।

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