मेरा नाम विकास नाग है, पंजाब का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 23 साल है, और मैं एक साधारण सा लड़का हूँ, जो कॉलेज में पढ़ता है और अपने छोटे से परिवार के साथ रहता है। मेरा शरीर फिट है, क्योंकि मैं रोज जिम जाता हूँ, और मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है। मेरी बहन मीना, जो मुझसे तीन साल छोटी यानी 20 साल की है, दिखने में इतनी खूबसूरत है कि कोई भी उसकी एक झलक देखकर पागल हो जाए। उसकी गोरी चमड़ी, लंबे काले बाल, और 32 इंच के मम्मे किसी का भी दिल धड़का सकते हैं। उसकी गांड तो इतनी गोल और रसीली है कि बस देखते ही लौड़ा खड़ा हो जाए। उसका फिगर 32-28-34 है, और वो हमेशा टाइट कपड़े पहनती है, जो उसके कर्व्स को और उभारते हैं। लेकिन मैंने कभी उसे गलत नजर से नहीं देखा था, कम से कम उस दिन तक नहीं, जब सब कुछ बदल गया।
ये कहानी मेरे और मेरी बहन मीना के बीच हुए एक हादसे की है, जो धीरे-धीरे हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गया। मैं आज आपको वो पूरी घटना बताने जा रहा हूँ, जो मेरे दिल और दिमाग में हमेशा के लिए बस गई।
उस दिन घर में कोई नहीं था। मम्मी-पापा किसी रिश्तेदार के यहाँ गए थे, और मैं कॉलेज के लिए निकला था। मेरा कॉलेज जल्दी छूट गया, तो मैं दोपहर में ही घर वापस आ गया। घर सूना था, और मुझे लगा कि मीना भी कहीं बाहर गई होगी। लेकिन जब मैंने बाथरूम की तरफ देखा, तो वहाँ से पानी की आवाज आ रही थी। दरवाजा हल्का सा खुला था, क्योंकि मीना को यकीन था कि घर में कोई नहीं है। मैंने सोचा, शायद ये मौका है उसे करीब से देखने का। मेरे मन में पहले कभी ऐसा ख्याल नहीं आया था, लेकिन उसकी खूबसूरती और उसका बदन मेरे दिमाग में बार-बार घूम रहा था।
मैंने चुपके से बाथरूम का दरवाजा हल्का सा और खोला। अंदर का नजारा देखकर मेरी साँसें थम गईं। मीना पूरी नंगी खड़ी थी, उसके गीले बदन पर पानी की बूँदें मोतियों की तरह चमक रही थीं। उसका गोरा बदन, गोल-गोल मम्मे, और पतली कमर देखकर मेरा लौड़ा तुरंत खड़ा हो गया। उसके गुलाबी चुचूक पानी में भीगे हुए और सख्त हो चुके थे। उसकी चूत पूरी साफ थी, जैसे उसने अभी-अभी शेव किया हो। मैं उसे देखता ही रह गया। तभी उसकी नजर मुझ पर पड़ी, और वो चौंक गई। उसने जल्दी से अपने हाथों से अपनी चूत और मम्मों को ढकने की कोशिश की।
“भैया! ये क्या कर रहे हो? निकलो यहाँ से!” वो चिल्लाई, उसकी आवाज में शर्म और गुस्सा दोनों थे।
मैंने जल्दी से सॉरी बोला, “अरे, मुझे नहीं पता था तू यहाँ है… गलती से आ गया!” और मैं बाहर निकल आया। लेकिन मेरे दिमाग में उसका नंगा बदन बार-बार घूम रहा था। मेरा लौड़ा पैंट में तंबू बना रहा था, और मैं उसे शांत करने की कोशिश कर रहा था। मैंने सोचा, ये गलत है, वो मेरी बहन है। लेकिन उसका बदन, उसकी चूत, और वो गीले मम्मे मेरे दिमाग से निकल ही नहीं रहे थे।
रात को खाना खाने के बाद हम दोनों अपने कमरे में टीवी देखने बैठे। मीना ने एक टाइट टी-शर्ट और लोअर पहना था, जो उसके फिगर को और उभार रहा था। हम दोनों में कोई बात नहीं हो रही थी, शायद वो अभी भी बाथरूम वाली बात को लेकर नाराज थी। थोड़ी देर बाद वो बोली, “भैया, मैं सोने जा रही हूँ।” और वो बिस्तर पर चली गई। हम दोनों एक ही बिस्तर पर सोते थे, क्योंकि हमारा घर छोटा था और कमरे कम थे। मैंने टीवी बंद किया और उसके बगल में लेट गया।
रात के करीब 11 बज रहे थे। मीना गहरी नींद में थी, उसकी साँसें धीरे-धीरे चल रही थीं। मैं उसे देख रहा था। उसकी टी-शर्ट थोड़ी ऊपर उठी हुई थी, और उसकी पतली कमर दिख रही थी। मेरा लौड़ा फिर से तन गया। मैंने उसे धीरे से आवाज दी, “मीना… मीना…” कोई जवाब नहीं आया। मैं समझ गया कि वो गहरी नींद में है।
मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी टी-शर्ट पर रखा और उसके मम्मों को सहलाने लगा। उसके मम्मे इतने नरम थे कि मेरा लौड़ा और सख्त हो गया। मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठाया, और उसकी पीठ नंगी कर दी। मैं उसके और करीब सरक गया, और अपना 7 इंच का लौड़ा निकालकर उसके लोअर के ऊपर उसकी गांड पर रगड़ने लगा। “आह्ह… क्या मुलायम गांड है साली की,” मैंने मन में सोचा। डर भी लग रहा था कि कहीं वो जाग न जाए, लेकिन मजा इतना आ रहा था कि मैं रुक नहीं पा रहा था।
थोड़ी देर बाद मीना हल्की सी हिली और पीठ के बल लेट गई। अब उसके मम्मे मेरे सामने थे, बस टी-शर्ट के नीचे छुपे हुए। मैंने धीरे-धीरे उसकी टी-शर्ट को और ऊपर किया, इतना कि उसके गुलाबी चुचूक मेरे सामने आ गए। मैंने अपनी दो उंगलियों से एक चुचूक को पकड़ा और हल्के से मसला। “उफ्फ… क्या माल है मेरी बहन,” मैंने सोचा। फिर मैंने झुककर एक चुचूक को अपने मुँह में लिया और धीरे-धीरे चूसने लगा। उसका स्वाद नमकीन और गर्म था, और मैं पागल हो रहा था। “आह्ह… ओह्ह…” मैंने धीरे से सिसकारी ली।
तभी मुझे लगा कि मीना की साँसें तेज हो रही हैं। मैंने ऊपर देखा, और वो जाग चुकी थी। उसकी आँखें खुली थीं, और वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थी। “भैया… ये क्या कर रहे हो?” उसकी आवाज में शर्म थी, लेकिन गुस्सा नहीं।
मैं रुक गया, लेकिन मेरे अंदर का जानवर जाग चुका था। मैंने उसकी टी-शर्ट को पूरी तरह उतार दिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मैंने उसके मम्मों को जोर-जोर से दबाना शुरू किया, और वो हल्के से सिसक रही थी। “आह्ह… भैया… धीरे…” उसने कहा, लेकिन उसकी आवाज में मना करने की ताकत नहीं थी।
मैंने उसका एक हाथ पकड़ा और अपने लौड़े पर रख दिया। “सहला इसे, मीना,” मैंने कहा। वो हिचकिचाई, लेकिन फिर धीरे-धीरे मेरे लौड़े को सहलाने लगी। उसका नरम हाथ मेरे सख्त लौड़े पर चल रहा था, और मैं सातवें आसमान पर था। “आह्ह… साली, तू तो जादू कर रही है,” मैंने कहा।
अब मैंने उससे कहा, “मेरी रांड बहना, तैयार हो जा। आज तुझे चोदने का वक्त आ गया है।” वो चौंकी और बोली, “भैया, ये क्या बोल रहे हो? मैं तुम्हारी बहन हूँ!”
मैंने कहा, “साली, आज तू मेरी बहन नहीं, मेरी रंडी है। आज तुझे चोदकर औरत बनाऊँगा!” मैंने उसका लोअर पकड़ा और नीचे खींचने लगा। उसने मेरा हाथ रोकने की कोशिश की, लेकिन मैंने कहा, “रोक मत, कुतिया! आज तुझे चोदना ही है!” उसने कुछ नहीं कहा और चुप हो गई।
मैंने उसका लोअर और पैंटी उतार दी। अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। उसकी चूत इतनी मुलायम और गुलाबी थी कि मेरा लौड़ा फटने को तैयार था। मैंने अपना लौड़ा उसके मुँह के पास ले गया और कहा, “चूस इसे, साली!” उसने हिचकते हुए मेरे लौड़े को अपने मुँह में लिया और धीरे-धीरे चूसने लगी। “आह्ह… ओह्ह… साली, तू तो रंडी बनने के लिए पैदा हुई है,” मैंने कहा। मैंने उसका सिर पकड़ा और अपना लौड़ा उसके गले तक ठूंस दिया। वो खाँसने लगी, लेकिन मैंने 5 सेकंड तक अपना लौड़ा उसके मुँह में रखा।
जब मैंने लौड़ा बाहर निकाला, तो वो बोली, “भैया, आराम से करो ना… मैं मना थोड़े ही कर रही हूँ!” मैंने हँसते हुए कहा, “साली, मैं तुझे रंडी की तरह चोदना चाहता हूँ। आज तू मेरी गश्ती है!”
फिर मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया। उसकी चूत का स्वाद इतना नशीला था कि मैं पागल हो रहा था। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाली और चूसने लगा। “आह्ह… भैया… उफ्फ… ओह्ह…” वो सिसक रही थी। उसकी चूत गीली हो चुकी थी, और मैं समझ गया कि अब वो तैयार है।
मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा। “आह्ह… क्या गर्म चूत है साली की,” मैंने सोचा। मैंने धीरे से एक झटका मारा, और मेरे लौड़े का सुपारा उसकी चूत में घुस गया। वो जोर से चिल्लाई, “आह्ह… भैया… दर्द हो रहा है!” मैंने कहा, “चुप कर, कुतिया! अभी तो बस शुरुआत है!”
मैंने एक और जोरदार झटका मारा, और मेरा 5 इंच लौड़ा उसकी चूत में घुस गया। वो तड़पने लगी, और उसकी आँखों में आँसू आ गए। मैंने उसकी चूत देखी, तो वहाँ खून की बूँदें थीं। लेकिन मेरा जानवर रुकने को तैयार नहीं था। मैंने एक और झटका मारा, और मेरा पूरा 7 इंच का लौड़ा उसकी चूत में समा गया। “आह्ह… ओह्ह… भैया… मैं मर गई!” वो चिल्ला रही थी।
“चिल्ला ले, साली! आज कोई नहीं सुनेगा!” मैंने कहा और धीरे-धीरे झटके मारने लगा। “फच… फच… फच…” मेरे लौड़े और उसकी चूत के टकराने की आवाज कमरे में गूँज रही थी। वो दर्द से कराह रही थी, लेकिन थोड़ी देर बाद उसकी सिसकियाँ मजे में बदल गईं। “आह्ह… भैया… अब अच्छा लग रहा है…” उसने कहा।
मैंने कहा, “साली, अब तुझे मजा आएगा। ले अपने भाई का लौड़ा!” मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी। वो चिल्ला रही थी, “आह्ह… ओह्ह… भैया… और तेज… चोदो अपनी रांड बहन को!” उसकी बातें सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया। मैंने उसके मम्मों को जोर-जोर से दबाया और उसकी चूत को ठोकने लगा। “फच… फच… फच…” कमरे में सिर्फ हमारी सिसकियाँ और चुदाई की आवाजें थीं।
“आह्ह… भैया… मैं झड़ रही हूँ… ओह्ह… और तेज!” वो चिल्लाई। मैंने कहा, “साली, ले अपने भाई का लौड़ा! मैं भी झड़ने वाला हूँ!” और तभी मेरे लौड़े से वीर्य की धार निकली और उसकी चूत में भर गई। उसकी गर्म चूत ने मेरे वीर्य को सोख लिया, और वो भी जोर से झड़ गई। “आह्ह… ओह्ह… भैया… मैं मर गई!” वो सिसकते हुए बोली।
मैं उसके ऊपर ही गिर गया और उसके होंठ चूसने लगा। वो बोली, “भैया, कोई भाई ऐसा करता है?” मैंने हँसते हुए कहा, “साली, चूत और लौड़े का कोई रिश्ता नहीं होता!”
थोड़ी देर बाद हम दोनों शांत हुए। मैंने उसे कुछ इन्सेस्ट कहानियाँ दिखाईं, जिन्हें पढ़कर उसे यकीन हुआ कि दुनिया में और भी भाई अपनी बहनों को चोदते हैं। मैंने कहा, “साली, मैं तुझे ऐसी रंडी बनाऊँगा कि तू तीन-तीन लौड़े एक साथ लेगी! चूत, गांड, और मुँह में!” वो हँसते हुए बोली, “सच भैया? मैं भी यही चाहती हूँ! अब आप मेरे दलाल भाई हो, जो मर्जी करो मेरे साथ!”
उसके बाद तो हमारी रातें रंगीन हो गईं। हर रात मीना मेरे साथ सोती थी, और मैं उसे चोदता था। वो मेरी रांड बन चुकी थी, और हम दोनों इस नए रिश्ते में खो गए थे।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी? क्या आपने भी कभी ऐसा कुछ अनुभव किया? कमेंट में जरूर बताएँ!