बहन की फटी चुत की चुदाई- 2

Brother Sister Sex Story: दोस्तो, मैं अवी एक बार फिर से आपको अपनी सगी बहन की चुदी हुई चुत की चुदाई की कहानी में स्वागत करता हूँ.
मेरी बहेन की चुदाई की कहानी के पहले भाग
बहन को बाथरूम में नंगी नहाती देखा
में अब तक आपने पढ़ा कि मेरी बहेन ने सोते हुए में ही मेरे लंड को खूब मसला था और मैंने भी उसकी चुचियों को मसल कर मजा ले लिया था.
फिर हम दोनों सो गए थे.

अब आगे मेरी बहेन की चुदाई की कहानी:

सुबह सब रोज की तरह ही नॉर्मल था, मेरी बहेन ने मुझे रात की किसी भी बात के लिए कुछ नहीं कहा.
इससे मेरी हिम्मत काफी बढ़ गई.

अब तक कुछ अनजाने में ही चलने जैसा हो रहा था.
हम दोनों को भी अभी एकदम से खुलने का मूड नहीं बन सका था.

रात को जब हम दोनों सोने लगे तो उस रात बहेन ने बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं की.
वो खाना खाकर जल्दी से बिस्तर पर लेट गई.

उसे देखकर मैं भी थोड़ी देर में उसके बाजू में लेट गया.

मैंने देखा कि रोज की तरह बहेन सो चुकी है इसलिए मैंने भी अपना लौड़ा निकाला और सोने लगा.

थोड़ी ही देर में उसका हाथ मेरे लंड पर आ गया और उसने लंड मसलना शुरू कर दिया.

मेरी बहेन को मेरा लौड़ा पकड़ने में ज्यादा देर नहीं लगी.
वो मेरे लंड पर हाथ से रख कर सीधे ही लंड मसलने लगी.

मैंने भी देर न करते हुए उसकी चुचियां मसलना शुरू कर दीं.

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अपनी सगी बहेन की चुचियां मसलते हुए मैं अपने हाथ को उसके पेट पर फेरते हुए नीचे ले गया.

मैंने देखा कि आज उसने अपनी सलवार का नाड़ा खोल रखा था और अन्दर पैंटी भी नहीं पहनी है.

ये देखकर मेरा लंड अब और ज्यादा फड़ाफड़ाने लगा.

मैंने अपना हाथ उसकी चुत पर रख दिया और चुत को मसलने लगा.
इससे बहेन की सांसें तेज हो गईं और उसने मेरे लंड को तेज़ी से मसलना शुरू कर दिया.

काफी देर तक लंड मसलने के बाद मैंने एक हाथ से उसका हाथ रोका और अपना निक्कर निकाल कर अपना लंड उसे दोबारा पकड़ा दिया जिसे वो दोबारा मसलने लगी.
इसके साथ ही मैंने उसकी भी सलवार नीचे तक निकाल दी.

थोड़ी देर उसकी चुत मसलने के बाद उसने मेरी तरफ़ अपनी पीठ करके करवट ले ली.
जिससे मैं समझ गया कि अब चुदाई का टाइम आ गया है.

मैं देर ना करते हुए उससे चिपक गया और उसके मम्मों को मसलने लगा.

फिर मैंने धीरे से उसके एक टांग को अपनी तरफ करके उठा सा लिया जिससे उसकी चुत में लंड डालने के लिए जगह बन गई.

मैंने लंड के सुपारे से चुत की फांकों को घिसा तो उसकी चुत के गीले होने का मस्त अहसास हुआ.

देर ना करते हुए मैंने अपना लंड उसकी चुत में दाखिल कर दिया.
लंड का सुपारा ही अभी बहेन की चुत में घुस सका था.

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मैंने एक तेज शॉट मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चुत में बिना किसी अवरोध अन्दर घुसता चला गया.

मैं समझ गया कि मेरी बहेन ऑलरेडी लंड का मजा ले चुकी है. उसकी चुत फटी हुई है.

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लेकिन मैंने इन सब बातों पर ध्यान ना देते हुए उसकी चुदाई शुरू कर दी.
लंड तेजी से चुत में चलने लगा और मैं उसके दूध मसलता रहा.

उसकी सांसें भी बहुत तेज़ हो गई थीं.
मैं आज मानो सागर की गहराई नाप रहा था.
मेरी बहेन की चुत की गहराई खत्म ही नहीं हो रही थी.

बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं झड़ गया.
मैंने अपना पानी उसकी चुत में ही निकाल दिया.

लंड झड़ा तो मैंने अपना लंड अपनी बहेन की चुत में ही पड़ा रहने दिया और यूं ही उससे चिपक कर सो गया.
वो भी लंड चुत में लिए सो गई.

मैंने जानबूझ कर ऐसा किया था ताकि कल से हम दोनों खुल्लम खुल्ला सेक्स कर सकें.
अभी हमें एक दूसरे से कहने में शर्म आ रही थी लेकिन सेक्स कर चुके थे.

सुबह मेरी बहेन जल्दी उठ गई और मैं देर से उठा.

जब मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि मैं बिस्तर पर लेटा हूँ और वो नहा कर आ रही है.

मुझे जगा हुआ देख कर मेरी बहेन बोली- जल्दी उठो और तैयार हो जाओ. कब तक सोओगे.

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उसका रिएक्श्न ऐसा था कि मानो रात को कुछ हुआ ही ना हो.

मैं बहुत चक्कर में पड़ गया कि ये सब क्या हो रहा है. फिर मैंने महसूस किया कि मैं तो अभी भी चादर ओढ़कर नंगा पड़ा हूँ. तभी मेरे दिमाग़ में आइडिया आया.

मैंने कहा- दीदी मेरे नीचे गोली दर्द कर रही है … तो मैं अभी आराम करूंगा.
उसने कहा कि ठीक है, लेकिन अगर दर्द ज्यादा हो रहा है, तो दवा लगा लो.

मैंने कहा कि नहीं वो ठीक हो जाएगा क्योंकि रात को दुख गया था, इसलिए दर्द हो रहा है.
बहेन ने कहा- अगर निक्कर में गोली दबने से दर्द हो जाता है, तो कोई बात नहीं, तुम बिना निक्कर के सिर्फ चड्डी में ही सो जाओ.

मैंने कहा- दीदी में तो केवल निक्कर ही पहनता हूँ. चड्डी के बिना ही लेटता हूँ मेरी निक्कर फटी होने की वजह से वो रात को बाहर निकल गया होगा. मुझे पता ही नहीं चला कि कहां टकरा गया. शायद उसी से थोड़ा दर्द होने लगा.

मेरा इतना कहते ही दीदी की शर्म खत्म हो गई और वो बोली- बता मैं देखूं कि तुझे दर्द होता कहां पर है.
इतना कहते ही उसने मेरी चादर खींच कर हटा दी.

मेरा लंबा और मोटा लंड उसकी आंखों के सामने लहरा रहा था.

खड़ा लंड देखकर बहेन चौंक गई और उसने तुरंत चादर वापस लंड पर डालते हुए कहा- मैंने थोड़ा देखने को कहा था … पूरा नहीं.

वो बाहर चली गई. इसके बाद मैं भी थोड़ा शर्मा गया था.

दीदी के जाने के बाद मैं उठा और तैयार होकर कोचिंग चला गया.

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पूरा दिन नॉर्मल निकल गया.

आज रात को भी मेरी बहेन मुझसे जल्दी सो गई. मैं भी मौका ना गंवाते हुए तुरंत बिस्तर में घुस गया. आज मैंने अपना निक्कर पहले ही निकाल दिया था. दीदी का हाथ लंड पर आते ही उसको समझ आ गया था कि आज मैं पूरी तरह तैयार हूँ.

मैंने भी अपना हाथ सीधे उसकी चुत की तरफ बढ़ा दिया. मैंने देखा कि आज भी बहेन की सलवार का नाड़ा खुला हुआ था.

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मैंने उसकी चुत मसलने में ज़रा भी देर नहीं की. मैं उसकी चुत में उंगली करने लगा.
जब वो गर्म हो गई, तो उसकी चुत पूरी गीली हो गई, जिससे वो मेरी तरफ पीठ करके लेट गई.

मैंने तुरन्त उसकी सलवार उतारने की कोशिश की तो उसने हल्के से अपनी गांड ऊपर उठा दी. मैंने आसानी से बहेन की सलवार बाहर निकाल कर फेंक दी और चुत मसलने लगा.

बहेन की चुत मसलते हुए मैंने उसे चुदाई की मुद्रा में ला दिया.
अगले ही पल बहेन की साइड से अपना लंड उसकी चुत में पेल डाला और चुदाई शुरू कर दी.

काफ़ी देर की चुदाई के बाद जब हम दोनों झड़ गए तो नॉर्मल हो गए. उसकी चुत में मैंने अपना लंड डाले रखा, जिससे कुछ टाइम बाद मेरा और उसका मन फिर से चुदाई का होने लगा.

मैंने उसकी चुत में पीछे से ही लंड पेला और आगे पीछे करने लगा.

जब उसकी दोबारा सांसें तेज हुईं, तो मैंने उसके कान में धीरे से कहा- दीदी सीधी होकर चित लेट जाओ.

वो बिना कुछ बोले चुपचाप सीधी लेट गई.
मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी टांगों को फैलाकर चुदाई शुरू कर दी.

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मैंने उस रात अपनी बहेन को तीन बार हचक कर चोदा और उसके खूब दूध चूसे.

इसके बाद मैंने उसको धीरे धीरे ऊपर से भी पूरी नंगी कर दिया. पूरी रात हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.

सुबह मैं अपनी बहेन से पहले उठ गया था. उसकी नंगी जवानी देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसके ऊपर चढ़ कर उसकी चुत में लंड रगड़ने लगा.

तभी वो भी जाग गई और चुपचाप टांगें खोल कर लेट गई.
मैंने लंड चुत में पेला और उसकी फिर से चुदाई शुरू कर दी.

इस समय हम दोनों एक दूसरे की आंखों से आंखें मिला कर चुदाई का मजा ले रहे थे लेकिन मौन थे.

चुदाई के बाद मैं बाथरूम में चला गया.

बाथरूम से आकर मैं दोबारा उसके ऊपर चढ़ गया और फिर से बहेन की चुदाई करने लगा.
लंड झाड़ कर मैं अपनी नंगी बहेन की चुत में साइड से लंड लगाए लेटा रहा ताकि अब वो खुल सके.

थोड़ी देर के बाद जब वो उठने लगी, तो उस समय लंड उसकी चुत के अन्दर ही था. उसने लंड चुत से बाहर निकालने के लिए कोशिश की. मैंने उसी वक्त उसे पकड़कर दोबारा लिटा लिया.

मैंने कहा- दीदी अभी थोड़ी देर रुक जाओ. एक बार अभी और करेंगे, फिर उठ जाना.
वो हंस कर बोली- पूरी रात करने के बाद भी मन नहीं भरा क्या?

मैंने कहा- दीदी तुम्हारी चुत इतनी मस्त है कि किसी का मन ही नहीं भर सकता.
ये कहते हुए मैंने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

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लंड देख कर दीदी भी लेट गईं. मैंने आराम से उसकी चुत में लंड पेला और इस बार हम दोनों ने पूरे होशोहवास में आवाज करते हुए चुदाई का मजा लिया.
इस बार ज्यादा मजा आया.

चुदाई के बाद कुछ समय लेटने के बाद दीदी ने मेरे गाल पर किस किया और कहा- अब जाऊं मैं?
मैंने कहा- नहीं, अभी और मन हो रहा है.

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वो बोली- यार दिन में रहने दो, अब रात पूरी पड़ी है, तब चोद लेना.
ये कह कर दीदी नहाने चली गई और मैं सो गया.

दोपहर के समय हम दोनों बिस्तर पर लेटे हुए आराम कर रहे थे. मैं दीदी से चिपक गया और उनसे बात करने लगा.

मैंने पूछा- दीदी मैं कैसा लगा?
दीदी ने मेरे गाल चूमे और बोली- मस्त.

मैंने कहा- कितना मस्त!
दीदी बोली- एकदम सांड जैसा है तू … तेरा वो बहुत बड़ा है. मेरे अन्दर तक जाकर खलबली मचा देता है.

मैंने मजाक करते हुए पूछा- मेरा वो क्या दीदी?
वो मेरे गाल पर चिकोटी काटती हुई बोली- अब इतना भी शैतान न बन.

मैंने कहा- बताओ न दीदी, मुझे अच्छा लगेगा.
दीदी ने मेरा लंड पकड़ा और कहा- ये तेरा लंड मेरी चुत में अन्दर तक जाकर मेरा नशा फाड़ देता है.

मैंने दीदी की चूची दबाई और कहा- मजा आ गया दीदी. आप कितनी मस्ती से मेरा लंड अपनी चुत में लेती हो.
बस हम दोनों में छेड़खानी शुरू हो गई और कब हमारे कपड़े उतर कर अलग हो गए, मालूम ही न चला.

मैंने दीदी को पूरी नंगी करके उनकी चूचियों को पीना शुरू कर दिया. दीदी ने भी मुझे बड़े प्यार से अपना दूध पिलाया.

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इसके बाद चुदाई का खेल शुरू हो गया. मैंने उन्हें दिन में मिशनरी पोज में और अपने लंड पर कुदाया. बाद को पीछे से उनकी चुत में लंड पेला.

उस दिन हम दोनों ने दिन में तीन बार और रात को दो बार सेक्स किया.

तभी से मैं और मेरी बहेन दोनों रोज रात को खुल कर चुदाई करते हैं.

अभी भी हमारे बीच चुदाई होती है लेकिन अब उसकी शादी हो गई है, तो अब वो जब घर आती है, तभी मेरे लंड से चुदती है.

अगर जीजा कहीं बाहर जाने वाले होते हैं तो मैं उसके घर चला जाता हूँ और खूब चुदाई करता हूँ.

मैंने बाद में अपनी बहेन से ये भी पूछा था कि उसने अपनी सील किससे तुड़वाई थी.
उसने बताया था कि उसकी सील पड़ोस के लड़के ने तोड़ी थी.

अगली सेक्स कहानी में मैं ये भी बताऊंगा कि दीदी ने अपनी सील कैसे तुड़वाई थी.

एक बात मैं फिर से कहूँगा कि अपनी ही बहेन की चुत चोदने का मजा सबसे निराला होता है. जितना मजा बहेन की चुत चुदाई से ही मिलता है, उतना तो गर्लफ्रेंड की चुत चोदने में भी नहीं मिलता है.

दोस्तो, अगर आपको मेरी बहेन की चुदाई की कहानी अच्छी लगी हो, तो प्लीज़ मेल अवश्य करें.

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