बड़ी बहन की बड़ी गांड में मेरा लंबा लंड

मेरा नाम अरुण है। मैं 19 साल का हूँ, कोयंबटूर के एक छोटे से गांव में रहता हूँ। मेरा कद 5 फीट 8 इंच है, रंग गोरा, और शरीर पतला पर ताकतवर। मैं थोड़ा शर्मीला हूँ, पर जब बात औरतों की आती है, तो मेरे अंदर का जानवर जाग जाता है। मेरी बड़ी बहन, अनन्या, 23 साल की है। उसका फिगर 34-30-36 है, और उसकी सांवली चमड़ी पर उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां और भारी गांड ऐसा जलवा बिखेरती हैं कि कोई भी उसे देखकर पागल हो जाए। अनन्या की आँखें कजरारी हैं, और उसकी चाल में एक अजीब सा नशा है। वो हमेशा टाइट सलवार-कमीज या साड़ी पहनती है, जिसमें उसका बदन और भी कामुक लगता है। वो थोड़ी चुलबुली है, लेकिन घर में सबकी लाड़ली है। हमारी बूढ़ी माँ, लक्ष्मी, 60 साल की हैं, रंग गेहुंआ, और अब कमजोर हो चुकी हैं। वो ज्यादातर अपने कमरे में आराम करती हैं।

उस रात हमारे गांव के घर में सन्नाटा छाया था। चांदनी की हल्की रोशनी खिड़की से कमरे में आ रही थी, जो अनन्या के गोरे-सांवले बदन पर पड़कर उसे और हसीन बना रही थी। मम्मी-पापा मामा के घर गए थे, क्योंकि उनके घर कोई रिश्तेदार गुजर गया था। वो 3-4 दिन तक वापस नहीं आने वाले थे। जाते वक्त मम्मी ने कहा था, “अरुण, तू अनन्या के साथ उनके घर रात को सोने जाना।” मैंने हां कर दी। अनन्या के घर में सिर्फ वो और माँ थीं। माँ अपने कमरे में सो रही थीं, और मैं अनन्या के साथ एक ही कमरे में सोने गया।

अनन्या ने उस रात एक टाइट गुलाबी चूड़ीदार पहना था, जिसमें उसकी चूचियां और गांड साफ उभर रही थीं। उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने कई बार उसे अपनी बिया में उंगली करते देखा था, और उसकी चड्डी को सूंघकर मुठ मार लिया करता था। पर आज रात मौका कुछ और ही था। हम दोनों एक ही खाट पर लेटे थे। रात के साढ़े बारह बजे मेरी नींद खुली। अनन्या गहरी नींद में थी। उसका चूड़ीदार थोड़ा ऊपर खिसक गया था, और उसकी गोरी जांघें चमक रही थीं। मैंने देखा कि उसने ब्रा नहीं पहनी थी, सिर्फ एक काली चड्डी थी, जो उसकी बिया को ढक रही थी। मेरा लंड पैंट में तन गया, जैसे लोहे की रॉड।

मैंने धीरे से उसकी चूचियों को चूड़ीदार के ऊपर से सहलाया। वो गहरी नींद में थी, और कुछ नहीं बोली। मेरी हिम्मत बढ़ी। मैंने उसकी पैंट को जांघों तक खींच दिया। उसकी काली चड्डी साफ दिख रही थी, जो उसकी बिया के उभार को और सेक्सी बना रही थी। मैंने चड्डी को भी नीचे सरकाया। उसकी बिया पर घने काले बाल थे, और उसकी खुशबू ने मुझे दीवाना कर दिया। मैंने अपना 7 इंच का लंड पैंट से निकाला और उसकी बिया पर रगड़ने लगा। उसकी चूचियां इतनी मुलायम थीं कि मैंने उन्हें जोर से दबाया। मैंने लंड को और तेजी से हिलाया, और अचानक मेरा बिज निकल गया, जो गलती से अनन्या के चेहरे पर गिर गया।

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तभी अनन्या की नींद खुल गई। उसने सब देख लिया। मैं डर गया, सोचा अब तो वो मम्मी-पापा को बता देगी। मेरी गांड फट रही थी। लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। वो चुपचाप अपनी चड्डी और पैंट ऊपर खींचकर फिर से लेट गई, जैसे कुछ हुआ ही न हो। मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने पास पड़ी उसकी ब्रा उठाई और उसके चेहरे से बिज पोंछ दिया। कुछ बिज उसके होंठों पर लग गया, और वो उसे चाट गई। मैंने फिर से उसका चूड़ीदार ऊपर उठाया और उसकी नंगी चूचियों को दबाने लगा। वो इतनी मुलायम थीं कि मैं पागल हो गया। रात के 1:30 बजे मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैं कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। तभी अनन्या ने आँखें खोलीं और बोली, “क्या हुआ?”

मैं: “कुछ नहीं।”

अनन्या: “ऐसे बेचैन क्यों हो रहा है?”

मैं: “बस, कुछ नहीं।”

अनन्या: “बता ना, क्या हुआ है?”

मैं: “तू बुरा नहीं मानेगी ना?”

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अनन्या: “बुरा क्यों मानूंगी?”

मैंने हिम्मत करके अपना लंड पैंट से निकाला और बोला, “थोड़ी मदद कर दे, मेरा लंड हिलाकर बिज निकाल दे।”

अनन्या का चेहरा लाल हो गया। मैं समझ गया कि आज चुदाई का मौका मिल सकता है। उसने पहले मना किया, बोली, “नहीं, ये गलत है। मैं नहीं करूंगी। तू इसे अंदर डाल और सो जा।”

मैंने गिड़गिड़ाया, “प्लीज दी, मेरे सामने हाथ जोड़ता हूँ, थोड़ी सी मदद कर दे।”

आखिरकार अनन्या मान गई। बोली, “ये पहली और आखिरी बार है।” मैंने हां में सिर हिलाया। उसने मेरा लंड पकड़ा और बोली, “इतना मोटा और लंबा लंड है तेरा!” वो धीरे-धीरे उसे हिलाने लगी। मैंने कहा, “थोड़ा और जोर से आगे-पीछे कर।” दस मिनट तक वो मेरा लंड हिलाती रही, फिर बोली, “तेरा बिज निकल क्यों नहीं रहा?” मैंने कहा, “थोड़ा मुंह में ले ले, जल्दी निकल जाएगा।” वो बोली, “छी, मैं मुंह में नहीं लूंगी।” मैं खड़ा हो गया, और वो खाट पर बैठी थी। मैंने जबरदस्ती उसका मुंह खोला और अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया। पहले उसने मना किया, फिर वो भी मजा लेने लगी। मैं समझ गया कि उसकी भी चुदाई की इच्छा जाग चुकी थी। उसने मेरे लंड को पूरे जोश में चूसा। उसकी गर्म जीभ मेरे लंड के टोपे पर घूम रही थी, और वो उसे पूरा गले तक ले रही थी। मेरा बिज निकला, और वो सारा बिज पी गई।

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अब अनन्या पूरी तरह गरम हो चुकी थी। मैंने उसकी चूचियों को और जोर से दबाया, उनके निप्पल्स को मसलने लगा। उसने मेरी पैंट और शर्ट उतार दी, और मैंने उसका चूड़ीदार और पैंट खींचकर उतार दिया। वो सिर्फ काली चड्डी में थी। मैंने कमरे की लाइट जलाई। अनन्या की चूचियां दूध से भरे घड़ों जैसी थीं, और उसकी गांड इतनी बड़ी थी कि मेरा लंड फिर से तन गया। मैंने उसकी चड्डी उतारी और उसकी चूचियों पर टूट पड़ा। एक चूची को दबाया, दूसरी को मुंह में लेकर चूसने लगा। उसके निप्पल्स सख्त हो गए थे, और मैं उन्हें दांतों से हल्के से काट रहा था। वो सिसकारियां भर रही थी, “आह… उह…!” दस मिनट तक मैंने उसकी चूचियों को चूसा और दबाया, फिर उसके रसीले होंठों पर किस किया। अनन्या ने भी मुझे पूरा साथ दिया, मेरे होंठों को चूसने लगी।

फिर मैंने उसकी बिया के घने बालों को हटाया और उंगली डाल दी। वो जोर से चिल्लाई, “आह… ओह… उह…!” उसकी बिया गीली हो चुकी थी। मैंने उसकी बिया को जीभ से चाटा, उसके क्लिट को चूसा। वो पागल हो रही थी, उसकी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं। दस मिनट बाद उसका पानी निकल गया, और उसने मेरे चेहरे को अपनी बिया पर दबा लिया। मैंने फिर से उसका पानी चाटा।

अनन्या ने मेरा लंड फिर से मुंह में लिया और चूसकर उसे खड़ा कर दिया। वो बोली, “अब और कंट्रोल नहीं होता। मेरी बिया में तेरा लंड डाल दे।” मैंने उसे लिटाया, उसकी टांगें ऊपर उठाईं, और उसकी बिया पर लंड रगड़ने लगा। उसने थूक लिया और मेरे लंड पर लगाया। मैंने एक जोरदार धक्का मारा, मेरा लंड एक इंच अंदर गया। अनन्या ने पहली बार चुदाई नहीं की थी, तो उसे दर्द हुआ। वो चिल्लाई, “मर गई… ओह मां… आह… उह…!” मैंने दूसरा धक्का मारा, मेरा लंड 3 इंच अंदर गया। वो फिर चिल्लाई, “आह… उह… मर गई!” मैंने तीसरा धक्का मारा, और मेरा 7 इंच का लंड उसकी बिया में पूरा समा गया। वो दर्द से सिसक रही थी। मैं रुका, उसे थोड़ा आराम मिला। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। अनन्या चिल्लाती रही, “आह… ओह… उह… मर गई!” लेकिन अब उसे मजा भी आने लगा था। मैं उसकी चूचियों को दबाता और उसके होंठों को चूसता रहा। उसका पानी फिर निकला।

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फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में किया। उसकी बड़ी गांड को देखकर मैं पागल हो गया। मैंने उसकी गांड पर लंड रगड़ा। वो जोर-जोर से सांस ले रही थी, “आह… और कर…!” मैंने पास पड़ी तेल की बोतल ली, उसकी गांड में तेल लगाया, और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी गांड में पूरा घुस गया। वो चिल्लाई, “मर गई… मेरी गांड फट गई!” मैंने धीरे-धीरे उसकी गांड में धक्के मारे, और वो अब मजा लेने लगी। मैंने उसे खड़े-खड़े चोदा, फिर अलग-अलग पोजीशन में 30 मिनट तक चुदाई की। आखिर में मैंने उसकी बिया में बिज छोड़ दिया। हम दोनों पसीने से तर थे। हमने धोया और एक-दूसरे को बाहों में लेकर सो गए। मैंने उसकी चूचियां पकड़ीं, और उसने मेरा लंड पकड़कर सोई। रात में मैंने उसे एक बार फिर चोदा।

अगले दो दिन हमने जमकर चुदाई की। अब जब भी मौका मिलता है, मैं अनन्या को चोदता हूँ।

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