बाप की नजर बेटी की जवान चूत पर – 4

Daughter became fathers slut sex story – Father daughter sex story – Papa ne beti ko choda sex story: “अच्छा इधर आ, मुझे अपनी गलती की सजा भुगतने दे,” राजेश ने स्वीटी को पास खींचा और होंठों पर गहरा चुंबन जड़ दिया। फिर उसे अपने सामने खड़ा किया, पीछे घुमाया, अब स्वीटी की गोल गोल मादा गांड उनके मुँह के ठीक सामने थी।

कहानी का पिछला भाग: बाप की नजर बेटी की जवान चूत पर – 3

राजेश ने शॉर्ट्स का बटन खोला, धीरे से जाँघों तक सरकाया और फेंक दिया। अब उनकी कल्पना की रानी, उनकी अपनी बेटी, पूरी नंगी खड़ी थी। लंड फिर खड़ा होने लगा, पर अभी उनका इरादा कुछ और था।

पीछे से ही चूतड़ फैलाए और जीभ गांड के छेद पर रख दी, “च्ट्ट… च्ट्ट… च्ल्लप…” दो मिनट तक जीभ से छेद कुरेदा, फिर बोले, “थोड़ा झुक जा मेरी जान…”

स्वीटी ने दीवार का सहारा लिया, पैर फैलाए, गांड बाहर निकाल दी। राजेश ने चूत पर होंठ सटा दिए, नन्ही चूत पूरी तरह उनके मुँह में समा गई। दाने पर जीभ रगड़ते ही स्वीटी चीखी, “आआह्ह्ह पापा… ओह्ह्ह्ह…” सिर दीवार से टकराया।

राजेश ने मुँह हटाया, “ठीक तो है ना गुड़िया?” “चुप… चाटो पापा… मत रुको… आह्ह्ह…” स्वीटी ने खुद अपने चूचे मसलने शुरू कर दिए।

राजेश फिर झुक गए, चूतड़ फैलाकर बारी-बारी चूत और गांड चाटने लगे, “च्ल्लप… च्ट्ट… आह्ह्ह मेरी राजकुमारी…” स्वीटी की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह्ह ह ह ह… पापा… ओह्ह्ह… मम्मी…”

उसने कभी विकास से ऐसा मजा नहीं लिया था। विकास तो बच्चा था, पापा असली मर्द थे।

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राजेश ने दाहिना पैर बेड पर रखवाया, सिर आगे से घुसाया और चूत चाटते रहे। स्वीटी उनके सिर पर हाथ फेर रही थी, निप्पल मसल रही थी। कभी दाने को दाँतों से काटते, कभी जीभ पूरी अंदर घुसेड़ते। अंगूठा गांड के छेद पर रगड़ने लगे।

दोहरे हमले से स्वीटी काँपने लगी, “पापा… आह्ह्ह… नहीं सह पाऊँगी…” राजेश ने चूतड़ों के बल पर उसे उठाया और बेड पर पटक दिया। मुँह अभी भी चूत पर, अंगूठा गांड में घुस गया।

स्वीटी ने बाल पकड़कर पापा का सिर चूत में दबा दिया, “आह्ह्ह्ह… बस… आह्ह्ह…” एक के बाद एक पिचकारी छोड़ी, राजेश का चेहरा, गला, छाती पूरी तरह भिगो दिया। जो पी सके पी गए, बाकी चूता रहा।

साँसें जुड़ीं तो स्वीटी शरमा गई। राजेश मुस्कुराए, “इतना रस इन छोटे संतरों में? और इतनी आग इस पटाखे में?”

स्वीटी हँस दी, “आपका ही खून जो है पापा… और चिंगारी भी आपने ही लगाई,” कहकर लिपट गई, अपने ही रस चाट-चाटकर पापा का चेहरा साफ करने लगी।

राजेश का लंड फिर फौलाद हो चुका था। स्वीटी की गांड पर टप्पे मार रहा था। स्वीटी उछली, फिर गांड की दरार में सेट करके बैठ गई और पापा को चूमने लगी।

“तैयार है बेटी?” “हमेशा आपके लिए पापा…”

राजेश ने हल्का सा उठाया, लंड का मोटा सुपारा चूत पर सेट किया और दबाया। आधा लंड फटाक से अंदर घुस गया। स्वीटी चीखी, “आआआह्ह्ह्ह… पापा… दर्द…”

राजेश रुक गए, कंधों से पकड़कर जाम कर दिया। स्वीटी रोने लगी। राजेश ने चूचे सहलाए, कान की लौ चूसने लगे, “च्ल्लप… च्ल्लप…” गुदगुदी हुई तो दर्द कम हुआ। मौका देखकर एक और जोरदार धक्का लगाया, पूरा लंड बच्चेदानी से टकराया।

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स्वीटी को बेड पर लिटाया, ऊपर चढ़ गए। दो मिनट बाद हल्के धक्के शुरू किए। स्वीटी भी नीचे से कमर उछालने लगी।

“अब ठीक है ना मेरी जान?” “हाँ पापा… अब मजा आ रहा है… आह्ह्ह…”

स्वीटी ने टाँगें पापा की कमर पर लपेट दीं। राजेश जीभ चूसते हुए हर धक्के में बच्चेदानी हिला रहे थे। कमरा चटचट… च्प्प… च्प्प… और स्वीटी की चीखों से भर गया।

स्वीटी फिर झड़ने लगी, नाखून पापा की कमर में गड़ गए। राजेश नहीं रुके, बेटी की चूत से फव्वारा चलता रहा और वो धकापेल चोदते रहे।

फिर राजेश रुके। अभी उनका माल नहीं निकला था। लंड चूत में ही रॉड सा खड़ा था।

“बेटी, तू अपने बॉयफ्रेंड से चुदती है न?” स्वीटी चौंकी, फिर शरमाई।

“तेरी सील तो पहले से टूटी थी… थोड़ा बुरा लगा था,” राजेश उदास हुए।

स्वीटी ने गाल सहलाए, “आपके लिए बचा लेती अगर पता होता… पर एक और रास्ता है ना?”

राजेश की आँखें चमकीं, “गांड मरवाई है कभी?”

स्वीटी का चेहरा सफेद पड़ गया। इतने मोटे लंड को गांड में सोचकर ही डर गई।

“आज नहीं मेरी रानी… बस वादा कर कि पहली बार गांड भी पापा से ही मरवाएगी,” राजेश ने माथा चूमा।

स्वीटी मुस्कुराई, पापा को चूमते हुए पलटकर ऊपर आ गई। अब वो लंड पर उछल रही थी, चूचे लहरा रहे थे। राजेश ने चूचे पकड़कर ऐंठने लगे।

फिर राजेश ने झटके में घोड़ी बना दिया। एक जोरदार तमाचा चूतड़ पर मारा और पूरा लंड एक ही झटके में पेल दिया। स्वीटी का बैलेंस बिगड़ा, मुँह के बल गिर गई, बस गांड ऊपर उठी रही।

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राजेश ने चांटे मारते हुए, चूचे खींचते हुए धकापेल शुरू की। च्ट्ट… च्ट्ट… च्प्प… च्प्प… गोटियाँ जाँघों से टकरा रही थीं।

राजेश का लंड फूलने लगा। झट से स्वीटी को पलटा, नीचे दबाया, चूचे पूरी ताकत से मसल दिए और गहरे गहरे धक्के लगाने लगे। स्वीटी फिर झड़ी, चूत ने लंड को निचोड़ लिया। राजेश ने लंबा धक्का लगाते हुए बच्चेदानी में गर्म वीर्य की बौछार कर दी।

दोनों आँखें बंद कर लिपटे रहे। लंड सिकुड़कर खुद बाहर सरका।

“प्यार से क्या बुलाऊँ तुझे मेरी जान?” “जो मन करे पापा… बस बुलाते रहिए… दूर मत करना,”

“शादी कर ले मुझसे?”

स्वीटी उठने की कोशिश की पर चूत सूजकर पाव बन चुकी थी। “पापा… बाथरूम जाना है… उठा नहीं जा रहा…”

राजेश ने गोद में उठाया, बाथरूम ले गए, कमोड पर बिठाया। वापस लाकर बेड पर लिटाया।

“शादी करेगी?” “नहीं पापा… बाहर मैं आपकी बेटी हूँ… घर के अंदर आपकी रखैल,” कहते हुए उसने पापा का सिर चूचों में घुसा दिया।

राजेश बेटी के चूचे चूसने लगे और नया राउंड शुरू हो गया।

प्यारे पाठकों, अब बेटी सचमुच पापा की रखैल बन चुकी है। अगले भाग में देखिए गांड मारने का दिन कब आता है।

कहानी का अगला भाग: चूत में कॉपर टी लगाने वाले डॉक्टर से चुदी- 1

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