अब तू आराम से सो रमेश, तेरी बीवी की प्यास कोई और बुझाएगा
रात का सन्नाटा था, लेकिन मेरे मन और शरीर में एक तूफान सा मचा हुआ था। रमेश के पास लेटे हुए मैंने छत की ओर देखा और गहरी सांस ली। आज फिर वही हुआ था – रमेश चुदाई के बीच में ही जल्दी झड़ गया, और मैं अधूरी रह गई। ये कोई नई बात नहीं …