सर जी ने जोर से घुसा दिया लौड़ा मेरे बूर में (Sir ji ne mujhe jor se chod diya)
मेरा नाम कविता है। मैंने देर से पढ़ाई शुरू की थी, इसलिए जब मैं हाई स्कूल में थी, तब मेरी उम्र बाकी लड़कियों से ज्यादा थी। मेरी जवानी पूरी तरह खिल चुकी थी—चूचियां भारी, गोल-मटोल, और मेरी चाल में एक अदा थी, जो गाँव के स्कूल में सबका ध्यान खींचती थी। ये कहानी उसी वक्त …