अंशिका और आंटी दोनों को चोदा शादी में

दोस्तों, मेरा नाम अनमोल है। मैं छत्तीसगढ़ के रायपुर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 24 साल है, हाइट 6 फीट, और रंग थोड़ा सांवला है। मैं जिम जाता हूँ, तो बॉडी फिट है, और मेरा लंड 8.5 इंच का है, जो मुझे हमेशा गर्व देता है। ये कहानी मेरे दोस्त विशाल की शादी के वक्त की है। विशाल मेरा बचपन का दोस्त है, 25 साल का, गोरा, और 5 फीट 10 इंच का दुबला-पतला लड़का। उसकी बहन अंशिका, जिसके साथ मेरा चक्कर था, 23 साल की है। अंशिका का गोरा रंग, 5 फीट 5 इंच की हाइट, और भरा हुआ जिस्म उसे किसी हीरोइन से कम नहीं बनाता। उसके बूब्स 34C और कसी हुई गांड उसे और भी हॉट बनाती है। उसकी शादी शरद से हुई है, जो 28 साल का है, एवरेज हाइट और रंग का, और थोड़ा गंभीर स्वभाव का है। फिर आती हैं अंशिका की सगी आंटी, रीता, जो 40 साल की हैं, लेकिन उनकी मस्त बॉडी देखकर कोई कह नहीं सकता। रीता का रंग गोरा, हाइट 5 फीट 6 इंच, और 36D के बूब्स और भारी गांड उन्हें एकदम माल बनाती हैं।

मेरे और अंशिका का चक्कर कॉलेज के दिनों से शुरू हुआ था। हम दोनों ने कई बार होटल, पार्क, और यहाँ तक कि मेरे फ्लैट में चुदाई के मज़े लिए। उसकी शादी के बाद हम सिर्फ़ एक बार मिले थे, लेकिन शरद की मौजूदगी ने मौका नहीं दिया। अंशिका फोन पर मुझसे कहती, “अनमोल, कब आएगा? मेरी चूत तड़प रही है!” लेकिन मेरे पास टाइम नहीं था। हम फोन पर गंदी बातें करके मज़े लेते। फिर विशाल की शादी तय हुई, और अंशिका ने बताया कि वो 15 दिन के लिए आ रही है। उसने कहा, “इस बार जमकर चुदाई करेंगे!” मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।

जब अंशिका और शरद आए, तो मैं उन्हें देखकर पागल हो गया। अंशिका ने टाइट जीन्स और लाल टॉप पहना था, जिससे उसके बूब्स उभर रहे थे। शादी के बाद उसका जिस्म और मस्त हो गया था। मैं दिनभर विशाल के घर पर रहता, कुछ काम करता, लेकिन मौका ढूंढता कि अंशिका को अकेले पकड़ लूँ। पर शरद, वो मादरचोद, उसे अकेला छोड़ता ही नहीं था। अंशिका भी चिढ़ रही थी। वो मुझे साइड में ले जाकर बोली, “अनमोल, ये साला मुझे चैन से बात भी नहीं करने देता। मेरी चूत तेरे लंड के लिए तरस रही है।” मैंने कहा, “सब्र कर, मौका मिलेगा।” लेकिन घर मेहमानों से भरा था, और मौका मिलना मुश्किल था।

शादी का दिन नज़दीक आया। एक दिन पहले तिलक की रस्म थी, जो दोपहर 2 बजे होटल में शुरू होने वाली थी। मैंने काला ब्लेज़र, सफ़ेद शर्ट, और जीन्स पहनी। होटल पहुँचते ही मैंने अंशिका को देखा। वो हरे रंग के लहंगा-चोली में थी। चोली इतनी टाइट थी कि उसके बूब्स बाहर आने को तैयार थे। उसका गोरा पेट और गहरी नाभि देखकर मेरा लंड पैंट में तन गया। उसने भारी मेकअप किया था—लाल लिपस्टिक, काजल, और गालों पर हल्का ब्लश। वो मुझे कातिल नज़रों से देख रही थी। मैंने उसे इशारा किया और कोने में बुलाया। सबसे छुपकर वो आई और बोली, “क्या हुआ, अनमोल?” मैंने कहा, “यार, तुझे देखकर मेरा लंड बेकाबू हो रहा है। कुछ कर, नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगा।” वो हँसी और बोली, “अच्छा, तो इतना मूड है?” मैंने कहा, “हाँ, प्लीज़ कुछ जुगाड़ कर।” उसने कहा, “रुक, मैं कुछ सोचती हूँ।”

इसे भी पढ़ें   कंडोम पहन कर चोद लो मुझे

मेरी हालत खराब थी। तभी अंशिका ने मुझे फोन किया और बोली, “होटल के बाहर मिल।” मैं झट से बाहर गया। वो अकेली खड़ी थी, उसी लहंगे में। बोली, “चल, घर चलते हैं। समारोह दो घंटे बाद शुरू होगा।” मैंने कार निकाली, और हम विशाल के घर की ओर चल दिए। रास्ते में वो मेरी जांघ पर हाथ फेर रही थी। बोली, “अनमोल, आज तेरे लंड की सवारी करूँगी।” मैंने कहा, “बस, घर पहुँचने दे।” घर पहुँचते ही मैंने दरवाज़ा लॉक किया, और हम विशाल के बेडरूम में घुस गए।

मैंने अंशिका की कमर पकड़ी और उसे अपनी ओर खींचा। बोला, “तू आज जान ले लेगी। क्या माल लग रही है!” मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। वो भी मूड में थी, मेरी जीभ को चूस रही थी। मैंने उसकी गांड को टाइट साड़ी के ऊपर से दबाया। वो सिसकारी, “आह्ह… अनमोल, धीरे!” मैंने उसका लहंगा ऊपर उठाया और उसकी पैंटी के ऊपर से चूत को सहलाया। वो गीली हो चुकी थी। मैंने उसकी चोली खोली। उसके 34C बूब्स बाहर आ गए। मैंने उन्हें मसलना शुरू किया। वो बोली, “आह्ह… ज़ोर से दबा, अनमोल!” मैंने एक निप्पल मुँह में लिया और चूसने लगा, दूसरा हाथ उसकी चूत पर था। वो सिसकार रही थी, “ऊह्ह… अनमोल, चूस ले… आह्ह!”

मैंने उसकी पैंटी उतारी। उसकी चूत पूरी गीली थी। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूत पर टूट पड़ा। मेरी जीभ उसकी चूत के दाने को चाट रही थी। वो चिल्ला रही थी, “आह्ह… उफ्फ… अनमोल, और ज़ोर से चाट… ऊह्ह!” मैंने जीभ अंदर डाली और चूसने लगा। उसका स्वाद नमकीन और नशीला था। वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी। 10 मिनट बाद वो झड़ गई। बोली, “अब मेरी बारी!” उसने मुझे लिटाया और मेरी जीन्स उतारी। मेरा 8.5 इंच का लंड देखकर बोली, “ये अभी भी वैसा ही शैतान है!” उसने लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड के टोपे पर घूम रही थी। मैं सिसकार रहा था, “आह्ह… अंशिका, चूस ले… ऊह्ह!” वो गले तक लंड ले रही थी। 10 मिनट चूसने के बाद मैंने कहा, “बस, अब लेट जा।”

वो लेट गई। मैंने उसकी टांगें फैलाईं और लंड उसकी चूत पर सेट किया। धीरे-धीरे लंड अंदर गया। वो चिल्लाई, “आह्ह… धीरे, अनमोल!” मैंने धक्के शुरू किए। हर धक्के के साथ उसकी चूत टाइट होती जा रही थी। वो बोली, “आह्ह… चोद, अनमोल… और ज़ोर से… ऊह्ह!” मैंने स्पीड बढ़ाई। कमरे में थप-थप की आवाज़ गूँज रही थी। 15 मिनट बाद वो बोली, “ज़ोर से… मेरा होने वाला है… आह्ह!” वो झड़ गई। मैंने और तेज़ धक्के मारे। वो चिल्ला रही थी, “आह्ह… उफ्फ… चोद दे… मेरी चूत फाड़ दे!” चार मिनट बाद मैं भी उसकी चूत में झड़ गया। हम दोनों हाँफ रहे थे।

इसे भी पढ़ें   आगे और पीछे- दोनों तरफ से

तभी डोरबेल बजी। हम दोनों डर गए। मैंने कहा, “ये कौन है?” अंशिका बोली, “पता नहीं, जल्दी कपड़े पहन!” हमने झटपट कपड़े पहने। मैंने शर्ट और जीन्स डाली, अंशिका ने चोली और लहंगा ठीक किया। वो दरवाज़ा खोलने गई। बाहर शरद और रीता आंटी थे। शरद ने गुस्से में कहा, “इतनी देर क्यों लगाई? यहाँ क्या कर रही हो?” अंशिका ने कहा, “मैं फ्रेश होने आई थी।” शरद ने पूछा, “यहाँ तक किसने छोड़ा?” वो बोली, “अनमोल।” रीता ने कहा, “मुझे कुछ सामान लेना है।” शरद ने अंशिका से कहा, “चलो, मुझे काम है।” रीता उस कमरे में आईं जहाँ मैं था। मैं बाथरूम में घुस गया।

रीता सामान लेने लगीं। मैं साँस रोके खड़ा था। वो सामान लेकर जाने लगीं, लेकिन फिर वापस आईं और बाथरूम की ओर बढ़ीं। मेरी साँस अटक गई। उन्होंने दरवाज़ा खोला। मैं दरवाज़े के पीछे छुपा था। अंधेरे की वजह से वो मुझे देख नहीं पाईं। वो मूतने बैठीं और चली गईं। लेकिन फिर हाथ धोने के लिए लाइट जलाई। मुझे देख लिया। वो चीखने वाली थीं, लेकिन मैंने उनका मुँह दबाया। उन्होंने मेरा हाथ झटका और बोली, “तू यहाँ क्या कर रहा है?” मैं घबराकर बोला, “आंटी, कुछ नहीं, बस ऐसे ही।” वो बोली, “सच बता!” मेरा चेहरा देखकर वो समझ गईं। बोली, “तो अंशिका के साथ…” मैंने उनके पैर पकड़े और कहा, “आंटी, प्लीज़ किसी को मत बताना।”

वो गुस्से में बोली, “विशाल की शादी है, और तू उसकी बहन के साथ सुहागरात मना रहा है? अभी बताती हूँ!” मैंने कहा, “आंटी, जो कहेंगी, करूँगा, लेकिन प्लीज़ चुप रहें।” वो नहीं मानीं। बोली, “नहीं, ये तो सबको बताना पड़ेगा।” मैंने कहा, “आंटी, अंशिका की भी बदनामी होगी।” वो रुक गईं और बोली, “अंशिका को बुलाती हूँ।” वो अंशिका को लेकर आईं। अंशिका रोने लगी। रीता ने डाँटा, “नाटक मत कर! शर्म नहीं आई?” शरद बाथरूम में थे, वरना बवाल हो जाता।

रीता ने अंशिका से पूछा, “शरद कुछ नहीं करते क्या, जो तू ये सब कर रही है?” अंशिका चुप रही। मैंने कहा, “आंटी, गलती हो गई।” रीता ने पूछा, “कब से है ये सब?” अंशिका ने कहा, “दो साल।” तभी शरद ने आवाज़ दी। रीता ने अंशिका से कहा, “शरद को ले जा।” मुझसे बोली, “रुक यहाँ।” वो शरद और उनके पति के साथ चली गईं।

वो अकेली लौटीं और बोली, “बता, कितनी देर से मज़े ले रहे हो?” मैंने कहा, “आंटी, थोड़ी देर।” वो मेरे पास आईं और मेरे लंड को पैंट के ऊपर से पकड़कर दबाया। बोली, “तेरा लंड बहुत मचल रहा है।” मैंने कहा, “आह्ह… आंटी, छोड़ो!” वो मेरे और पास आईं। उनकी साड़ी का पल्लू सरक गया था। उनके 36D बूब्स ब्लाउज़ में उभर रहे थे। उनकी खुशबू मुझे पागल कर रही थी। वो बोली, “क्या, अभी भी हवस बाकी है?” मैं उनके बूब्स को घूर रहा था। तभी उन्होंने मुझे थप्पड़ मार दिया। बोली, “तेरे पापा को बताऊँगी।”

इसे भी पढ़ें   पहली बार लंड लिया नेहा ने

मुझे गुस्सा आ गया। मैंने सोचा, अब तो मरना ही है। मैंने उनकी कमर पकड़ी और बिस्तर पर गिरा दिया। वो चिल्लाई, “ये क्या कर रहा है?” मैंने कहा, “चुप कर, अब तेरी बारी है।” वो बोली, “प्लीज़, मैं शादीशुदा हूँ।” मैंने कहा, “मुझे थप्पड़ मारा, अब देख!” मैंने उनकी साड़ी खींची। उनका ब्लाउज़ फट गया। उनकी काली ब्रा में बूब्स देखकर मेरा लंड और तन गया। मैंने ब्रा के ऊपर से बूब्स मसलने शुरू किए। वो बोली, “अनमोल, छोड़ दे!” मैंने कहा, “नहीं, आज तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊँगा।”

वो सोचने लगीं और बोली, “ठीक है, बस आज।” मैंने उनकी ब्रा और पेटीकोट उतारा। वो पूरी नंगी थीं। मैंने अपनी शर्ट और जीन्स उतारी। वो मेरे लंड को देखकर बोली, “तभी अंशिका तुझसे चुदती है।” मैंने कहा, “आंटी, इसे चूसो।” उन्होंने लंड मुँह में लिया और चूसने लगीं। मैं उनके बूब्स दबा रहा था। फिर मैंने कहा, “69 करें?” वो मान गईं। मैंने उनकी चूत चाटी, जो बालों से भरी थी। वो मेरे लंड को चूस रही थीं। वो बोली, “अनमोल, तूने तो मस्त कर दिया।” मैंने कहा, “अभी बाकी है।”

मैंने उनकी टांगें फैलाईं और लंड उनकी चूत में डाला। वो चिल्लाई, “आह्ह… धीरे!” मैंने धक्के शुरू किए। थप-थप की आवाज़ गूँज रही थी। वो बोली, “आह्ह… चोद, अनमोल… और ज़ोर से… ऊह्ह!” 20 मिनट बाद वो झड़ गई। मैंने कहा, “आंटी, आपकी गांड मारूँ?” वो बोली, “नहीं, आज तक नहीं डलवाया।” मैंने क्रीम लगाई और उनकी गांड में लंड डाला। वो चीखी, “आह्ह… दर्द हो रहा है!” मैंने ज़ोर से धक्का मारा। उनकी गांड से खून निकला। वो रोते हुए बोली, “कुत्ते, निकाल!” मैंने पूरा लंड डाला और धक्के मारे। 20 मिनट बाद मैं उनकी चूत में झड़ गया।

हम हाँफते हुए लेट गए। वो बोली, “तू एक्सपर्ट है।” मैंने उन्हें बाथरूम ले जाकर तैयार किया। होटल लौटे तो अंशिका ने पूछा, “आंटी, आप लंगड़ा क्यों रही हैं?” रीता हँसी। मैंने अंशिका को रात में पूरी बात बताई। वो बोली, “तूने आंटी को भी चोद दिया?”

दोस्तों, आपको ये कहानी कैसी लगी? कमेंट में बताएँ।

Terms related to this sex story: Double Chudai, Anshika, Aunty, Shaadi, Hotel, Chudai Story, Sexy Kahani, Hinglish Sex Story, Adult Story, Erotic Tale, Indian Sex Story, Wedding Affair, Explicit Narrative, Hindi Erotica

Related Posts

Report this post

Leave a Comment