मौसी ने अपनी चूत में तेल लगवाया मुझसे

मैं कई सालों से इंटरनेट पर सेक्स स्टोरीज पढ़ रहा हूँ। मेरी उम्र 22 साल है, हाइट 5 फीट है, और मैं दिखने में काफ़ी अच्छा हूँ। मेरा लंड 6 इंच लंबा और 1.5 इंच मोटा है, जो किसी भी औरत को पागल कर सकता है। आज मैं ये कहानी लिख रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी मौसी के साथ चुदाई की। मेरी मौसी की उम्र लगभग 36 साल है, और वो अपनी फैमिली के साथ रहती हैं। उनका एक लड़का है, और मौसी दिखने में इतनी सुंदर हैं कि कोई भी उनकी जवानी का दीवाना हो जाए। उनका फिगर 34-38-32 है, और मैं उनकी चूचियों का बहुत बड़ा दीवाना हूँ। मैंने कई बार मौसी को सोचकर अपना लंड हिलाया, खासकर तब जब मैं क्लास में था। उस वक्त मैंने एक बार उनकी गांड के बीच में हाथ डाला था, और उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा था।

वो पल मेरे दिमाग में बार-बार घूमता था। जब भी मैं उनके घर जाता, मैं मौका देखकर उनकी गांड को छू लेता था। उनकी मुलायम, गोल-मटोल गांड को छूने में जो मज़ा आता था, वो मैं बयान नहीं कर सकता। लेकिन वो मुझे कुछ नहीं बोलती थीं, शायद उन्हें भी ये सब अच्छा लगता था। फिर भी, मैं कभी इससे आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं कर पाया। धीरे-धीरे मेरा उनके घर आना-जाना कम हो गया, और हम सिर्फ़ कभी-कभी मिलते थे। मैंने उनके साथ वो छूने-छपाने वाली हरकतें बंद कर दी थीं, लेकिन मेरे दिल में उनकी जवानी का जुनून अभी भी बरकरार था।

पिछले साल दिसंबर में मेरे एग्जाम खत्म हुए, और मुझे मौसी के घर के पास वाली एक फैक्ट्री में प्रोजेक्ट के काम से जाना था। मैंने मौसी को फोन करके बता दिया कि मैं उनके घर रुकूँगा। मेरी बात सुनकर वो खुश हो गईं, और बोलीं, “आ जा बेटा, कब से तुझे देखा नहीं।” उस दिन मैं उनके घर गया, लेकिन कुछ खास हुआ नहीं। मौसी ने मेरे लिए खाना बनाया, हमने थोड़ी बातें कीं, और मैं वापस आ गया। लेकिन उस मुलाकात में मैंने देखा कि मौसी अब भी उतनी ही हॉट थीं। उनकी साड़ी में लिपटी हुई गांड और चूचियाँ देखकर मेरा लंड फिर से बेकाबू होने लगा था।

कुछ दिन बाद मुझे फिर से उसी फैक्ट्री में जाना था, लेकिन उस दिन मैनेजर नहीं था, तो मेरा काम नहीं हुआ। मैंने सोचा, क्यों ना मौसी के घर चला जाऊँ। सुबह के 10 बजे मैं अपनी कार में उनके घर पहुँच गया। मौसी घर पर अकेली थीं। मौसाजी जॉब के सिलसिले में बाहर गए थे, और उनका बेटा स्कूल के प्रोजेक्ट के लिए किसी नेशनल पार्क में गया था, जो उस दिन घर नहीं आने वाला था। मुझे देखकर मौसी की आँखों में चमक आ गई। वो बोलीं, “अरे, तू आ गया! आ, बैठ, मैं तेरे लिए कुछ खाने को लाती हूँ।”

मैं ड्राइंग रूम में बैठ गया और टीवी देखने लगा। मौसी उस दिन गुलाबी साड़ी में थीं, और उनकी साड़ी इतनी टाइट थी कि उनकी चूचियाँ और गांड का उभार साफ दिख रहा था। उनकी कमर पर साड़ी का पल्लू बार-बार सरक रहा था, और मैं बस उनकी जवानी को घूर रहा था। मेरा लंड पैंट में तन गया था, और मैं उसे छुपाने की कोशिश कर रहा था। थोड़ी देर बाद मौसी नाश्ता लेकर आईं। हम दोनों बातें करने लगे, और मैंने नाश्ता खत्म कर लिया।

नाश्ता करने के बाद मैं बर्तन किचन में रखने के बहाने उनके पीछे गया। किचन में मौसी बर्तन धो रही थीं, और उनकी गांड साड़ी में और भी मस्त लग रही थी। मैंने मौका देखकर उनकी गांड के बीच में अपनी उंगली डाल दी। मौसी के मुँह से हल्की सी सिसकी निकली, “आह…”। मैंने वो सिसकी सुन ली, और मेरा लंड और सख्त हो गया। लेकिन मैं फटाक से बाहर आ गया, और सोफे पर बैठकर टीवी देखने का नाटक करने लगा। मैं चुपके-चुपके मौसी को देख रहा था। वो किचन में अपनी चूचियों को सहला रही थीं, और उनकी साँसें तेज चल रही थीं। मुझे लगा, शायद वो भी गरम हो रही हैं।

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थोड़ी देर बाद मौसी बाहर आईं और मेरे पास सोफे पर बैठ गईं। वो बोलीं, “बेटा, तुझे कोई अच्छा सा बैक पेन का डॉक्टर पता है? मुझे कई दिनों से कमर में दर्द है।” मैंने कहा, “मौसी, मुझे तो अभी कोई अच्छा डॉक्टर नहीं पता। लेकिन अगर आप चाहें, तो मैं आपकी कमर पर तेल से मालिश कर सकता हूँ।” मौसी ने थोड़ा सोचा और बोलीं, “ठीक है, चल मेरे रूम में।”

हम दोनों उनके बेडरूम में गए। मौसी ने मुझे तेल की बोतल दी और अपनी साड़ी खोल दी। अब वो सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं। उनकी चिकनी, गोरी कमर और भारी-भरकम चूचियाँ देखकर मेरा लंड पैंट में उछलने लगा। वो बेड पर पेट के बल लेट गईं, और मैंने उनकी पीठ पर तेल लगाना शुरू किया। उनकी मुलायम स्किन को छूते ही मेरे पूरे बदन में करंट दौड़ गया। मैं धीरे-धीरे उनकी कमर पर तेल मलने लगा, और मेरा लंड अब पूरी तरह तन चुका था। उनकी गोरी, चिकनी पीठ को देखकर मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था।

थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “मौसी, आप अपना ब्लाउज निकाल दो, नहीं तो ये तेल से खराब हो जाएगा।” मौसी ने हँसते हुए कहा, “ठीक है, तू भी अपनी पैंट और शर्ट उतार दे, कहीं वो भी खराब ना हो जाए।” मैंने थोड़ा शरमाते हुए कहा, “मौसी, मैंने नीचे अंडरवियर नहीं पहना है।” वो बोलीं, “कोई बात नहीं, निकाल दे, मैं तुझे नहीं देखूँगी।” उनकी बात सुनकर मेरे दिल की धड़कन और तेज हो गई।

मैंने मौसी के ब्लाउज के हुक खोल दिए। उन्होंने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी, और उनकी नंगी पीठ मेरे सामने थी। मैंने भी अपनी शर्ट और पैंट उतार दी, और अब मैं सिर्फ़ बनियान में था। मेरा लंड इतना तन गया था कि बनियान के नीचे से साफ दिख रहा था। मैं फिर से उनकी मालिश करने लगा। उनका पेटीकोट का नाड़ा ढीला था, और मैं मौका देखकर अपना हाथ उनकी गांड तक ले जा रहा था। उनकी गांड इतनी मुलायम और मोटी थी कि मैं पागल हो रहा था। धीरे-धीरे मैंने उनका पेटीकोट थोड़ा नीचे सरका दिया। उन्होंने नीचे पैंटी भी नहीं पहनी थी, और उनकी नंगी, गोरी गांड मेरे सामने थी। मैं साइड से उनकी चूचियों को छू रहा था, और वो हल्की-हल्की सिसकियाँ ले रही थीं।

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मौसी बोलीं, “बेटा, तू ऐसे ही छूता रह, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।” उनकी बात सुनकर मैं और जोश में आ गया। मैंने अपना लंड उनकी गांड पर रगड़ना शुरू कर दिया। मेरा लंड उनकी गांड के बीच में सेट हो गया, और मैं धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा। उनकी सिसकियाँ और तेज हो गईं, “आह… आह… बेटा, क्या कर रहा है?” मैंने उनके एक चूचे को साइड से पकड़ लिया और धीरे-धीरे दबाने लगा। उनकी चूचियाँ इतनी बड़ी और मुलायम थीं कि मेरा लंड और सख्त हो गया।

मैंने मौसी का पेटीकोट पूरी तरह उतार दिया। अब वो बेड पर पूरी नंगी थीं। मैंने उनकी पूरी बॉडी पर तेल लगाना शुरू किया। उनकी गांड के छेद को मैं उंगली से सहला रहा था, और वो “आह… आह…” की आवाजें निकाल रही थीं। मैंने धीरे से अपनी एक उंगली उनकी गांड के छेद में डाल दी। उनकी गांड इतनी टाइट थी कि मेरी उंगली अंदर जाते ही मुझे मज़ा आने लगा। मैं उंगली को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा, और मौसी की सिसकियाँ और तेज हो गईं।

मौसी बोलीं, “बेटा, तेरा लंड तो बहुत मोटा और लंबा है। मुझे इसमें बहुत मज़ा आ रहा है।” उनकी बात सुनकर मैं और गरम हो गया। मैंने उनकी गांड को और जोर से मलना शुरू किया। फिर मैंने उनकी टाँगें थोड़ी खोलीं, और उनकी चूत को हल्के-हल्के छूने लगा। उनकी चूत पूरी तरह गीली थी, और जैसे ही मैंने अपनी उंगली उनकी चूत के होंठों पर रखी, वो जोर से सिसक पड़ीं, “आह… बेटा, क्या कर रहा है? और कर… और कर…”

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मैंने उनकी चूत में एक उंगली डाल दी और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। उनकी चूत इतनी गर्म और रसीली थी कि मेरा लंड फटने को तैयार था। मैंने उनकी क्लिट को उंगली से रगड़ना शुरू किया, और वो अपनी गांड हिलाने लगीं। उनकी सिसकियाँ अब चीखों में बदल गई थीं, “आह… आह… बेटा, बहुत मज़ा आ रहा है… और जोर से कर…”

थोड़ी देर बाद मौसी पलट गईं। जैसे ही मैंने उनकी चूचियों को देखा, मेरा मुँह खुला रह गया। उनकी चूचियाँ इतनी बड़ी और गोल थीं कि मैं पागल हो गया। मौसी ने मुझे खींचकर अपने ऊपर लेटा लिया और मेरे होंठों पर चूमने लगीं। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और वो मेरी गर्दन पर बेतहाशा चुम्बन कर रही थीं। मैंने उनकी चूचियों को जोर-जोर से दबाना शुरू किया। उनके निप्पल इतने सख्त हो गए थे कि मैं उन्हें मसलने लगा। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा। मौसी की सिसकियाँ और तेज हो गईं, “आह… बेटा, चूस ले मेरी चूचियाँ… और जोर से चूस…”

मैंने उनकी चूत को भी चूसना शुरू किया। उनकी चूत का नमकीन स्वाद मुझे दीवाना बना रहा था। मैंने उनकी चूत के होंठों को अपने होंठों में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा। मौसी अपनी गांड हिलाकर मेरे मुँह को अपनी चूत में दबा रही थीं। वो मेरे बालों में हाथ फेर रही थीं और चीख रही थीं, “आह… बेटा, चाट ले मेरी चूत… पूरा रस पी जा…”

मैं उनकी चूत का क्लिट रगड़ रहा था, और अपनी जीभ को उनकी चूत में डाल रहा था। जब मैं जीभ बाहर निकालता, तो उंगली डाल देता। मौसी अब पूरी तरह बेकाबू हो चुकी थीं। वो मेरे सिर को पकड़कर अपनी चूत में दबा रही थीं। मैंने उनकी गांड के छेद में भी उंगली डाल दी और उसे अंदर-बाहर करने लगा। उनकी चूत का रस मेरे मुँह में आ रहा था, और मैं उसे पूरा चाट रहा था।

फिर मैंने मौसी को कुतिया की तरह घुमा दिया। उनकी मोटी, गोल गांड मेरे सामने थी। मैंने उनकी गांड के छेद को चाटना शुरू किया। मैंने उनके छेद को उंगलियों से खोला और अपनी जीभ अंदर डाल दी। मौसी चीख पड़ीं, “आह… बेटा, आराम से चूस मेरी गांड… तेरे मौसाजी ने कभी इतना मज़ा नहीं दिया। अब मुझे तेरा लंड चूसना है, जितना रस है, सब पी जाऊँगी।”

मैंने उनकी गांड में उंगली डाल दी और उसे चोदने लगा। मौसी बोलीं, “चल, अब 69 की पोजीशन में आते हैं।” हम दोनों 69 में आ गए। मौसी ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगीं। उनका मुँह मेरे लंड पर इतना गर्म था कि मुझे लग रहा था मैं अभी झड़ जाऊँगा। वो मेरे टट्टों से भी खेल रही थीं और बोलीं, “वाह बेटा, तेरे टट्टे तो बहुत मस्त हैं। तेरा लंड का प्रीकम आज मैं पूरा पी जाऊँगी।”

मैं भी उनकी चूत को चूस रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने अपना सारा माल उनके मुँह में निकाल दिया। उन्होंने मेरा पूरा रस पी लिया। मैं उनकी चूत को चाटता रहा, और वो भी अपना रस निकालने लगीं। मैंने उनका सारा रस पी लिया और बेड पर लेट गया। मौसी मेरी छाती पर चूमने लगीं। वो अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ रही थीं, ताकि मेरा लंड फिर से खड़ा हो जाए।

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थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से तन गया। मौसी बोलीं, “अब तेरा लंड मेरी चूत में डाल दे, मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा।” मैंने उनके पैर खोले और उनकी चूत के छेद पर अपना लंड सेट किया। मौसी ने मेरे लंड पर तेल लगाया, और मैंने धीरे से लंड उनकी चूत में डालना शुरू किया। पहले धक्के में ही मैंने आधा लंड उनकी चूत में डाल दिया।

मौसी चिल्लाईं, “आह… आह… मर गई… बेटा, आराम से…” मैं थोड़ा रुका, और फिर अगले धक्के में मैंने पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया। मौसी चीखीं, “तेरा लंड तो मुझे मार ही डालेगा… इतना बड़ा और मोटा लंड तूने मेरी चूत में डाल दिया।” मैंने धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया। उनकी चूत इतनी गर्म और टाइट थी कि मेरा लंड पूरा गरम हो गया था।

मैंने अपनी गांड हिलाकर स्पीड बढ़ा दी। मौसी चिल्ला रही थीं, “आह… और जोर से… और जोर से… आज मेरी चूत को फाड़ दे…” मैं पूरी ताकत से उनकी चूत को चोद रहा था। उनकी चूचियाँ उछल रही थीं, और मैं उन्हें जोर-जोर से दबा रहा था। उनकी चूत का रस मेरे लंड को और चिकना कर रहा था।

थोड़ी देर बाद मौसी का पानी निकल गया। वो बोलीं, “आह… बेटा, बहुत मज़ा आ रहा है… और जोर से चोद… और गहरा…” मेरा भी पानी निकलने वाला था। मैंने पूछा, “मौसी, मैं कहाँ निकालूँ?” वो बोलीं, “अंदर ही निकाल दे।” मैंने पूरी ताकत से कुछ और धक्के मारे, और मेरा सारा माल उनकी चूत में निकल गया। मैं उनके ऊपर लेट गया, और मेरा लंड अभी भी उनकी चूत में था।

मौसी बोलीं, “बेटा, जिंदगी में पहली बार मुझे इतना मज़ा आया है। तेरा स्टैमिना और तेरा लंड दोनों कमाल के हैं।” मैंने हँसते हुए कहा, “मौसी, अब मैं तेरा लंड तेरी गांड में डालूँगा।” मौसी ने मेरा लंड फिर से मुँह में लिया और उसे चूसकर और सख्त कर दिया।

मैंने मौसी को फिर से कुतिया बनाया। उनकी गांड का छेद तेल से चिकना था। मैंने अपना लंड उनकी गांड के छेद पर सेट किया और धीरे-धीरे अंदर डालना शुरू किया। उनकी गांड इतनी टाइट थी कि मेरा लंड अंदर जाते ही मुझे स्वर्ग का मज़ा आने लगा। मौसी चिल्लाईं, “आह… बेटा, आराम से… तेरे लंड ने मेरी गांड को फाड़ दिया…” मैंने धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाई और उनकी गांड को चोदने लगा। उनकी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आह… और जोर से… मेरी गांड को चोद दे…”

मैं उनकी चूचियों को दबाते हुए उनकी गांड को चोद रहा था। थोड़ी देर बाद मेरा फिर से पानी निकल गया, और मैं उनकी गांड में ही झड़ गया। हम दोनों थककर बेड पर लेट गए। मौसी मेरे सीने पर सर रखकर बोलीं, “बेटा, तूने मुझे आज वो मज़ा दिया जो मैंने कभी नहीं लिया। अब जब भी तू यहाँ आएगा, मेरी चूत और गांड तेरे लिए तैयार रहेंगी।”

हम दोनों ने एक-दूसरे को चूमा, और उस दिन हमने कई बार चुदाई की। हर बार मौसी और मैं एक-दूसरे को नए-नए तरीकों से मज़ा देते रहे। ये पल मेरे लिए जिंदगी का सबसे हसीन अनुभव था, और मैं जानता हूँ कि मौसी भी इसे कभी नहीं भूलेंगी।

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