मेरा नाम रणवीर है ये कहनी मेरी और मेरी भाभी की है जो सर्दी में गर्मी का मजा दे गई।
दिसंबर का महीना चल रहा है कड़ाके की ठंड चल रही है और सर्दी के मारे गांड जमी जा रही है। और उस रात तो सारे ही रिकॉर्ड टूट गए थे ठंड के मारे सच में गांड जमी जा रही थी और मैंने 2-2 चद्दर हो रखी थी हीटर भी चल रहा था लेकिन फिर भी गर्मी नहीं मिल रही थी।
भाभी भाभी अपने कमरे में लेटी हुई थी और मैं यही सोच रहा था कि ठंड में उनका क्या हाल हो रहा होगा वह पहले उस कमरे में लेटी हुई है।
वैसे तो मैं उनका देवर हूं लेकिन मेरी भाभी का फिगर बहुत ही ज्यादा हॉट और सेक्सी था। उनकी लचक मारती हुई कमल उनके बड़े-बड़े बूब्ज़ और उनकी गोल-गोल कांड देखकर किसी भी आदमी का लंड खड़ा हो जाएगा उस से पानी टपकने लग जाए।
कुछ ऐसा ही फिगर था मेरी भाभी का जिस्म देखकर मेरा मन भी डोलने लग जाता था। मैं यही सोच रहा था – काश इस ठंड में भाभी और मैं एक ही बिस्तर पर सो पाते और एक दूसरे को अपनी गर्मी दे पाते।
भाभी मेरे कमरे के अंदर आ गई और बोलने लगी – देवर जी आप सो रहे हो?!! मैंने ठंड से कांपते हुए कहा – नहीं भाभी… नहीं सो रहा हूं इतनी ज्यादा ठंड जो लग रही है
भाभी बोली मेरा भी यही हाल हो रहा है मुझे भी ठंड के मारे नींद नहीं आ रही है और तुम्हारे भैया भी नहीं है, मैं अकेली पड़ी हुई हूं!!! तो मैंने यूं ही मजाक में बोल दिया – तो भाभी मेरी चद्दर के अंदर आ जाओ बहुत गर्म हो रखी है!!
और माधर्चोद पता नहीं मेरी किस्मत उस दिन क्या चल रही थी!! भाभी ने कहा – हां अच्छा आईडिया है!! अब मैं तुम्हारी चद्दर के अंदर तुम्हारे साथ ही सो जाती हूं, एक दूसरे की गर्माहट से ठंड कम लगेगी!!!
और वह मेरी चद्दर के अंदर आ गई मैंने शर्म के मारे अपना मुंह उधर कर रखा था और भाभी दूसरी तरफ मुंह कर कर सो गई।
अब भैया मेरा लंड बिल्कुल डंडे की तरह खड़ा हो रहा था क्योंकि जिस औरत को मैं चोदना चाहता था वह औरत मेरे बगल में ही अपनी गांड मेरी तरफ करे सो रही थी।
अब भले ही हम दोनों में देवर भाभी का रिश्ता हो लेकिन हम दोनों थे तो आदमी औरत ही हमारी भी शारीरिक जरूरतें होती हैं। और मेरा बहुत मन कर रहा था, सर्दी में भाभी की गरम-गरम चुदाई करने का।
हम दोनों की गर्मी से ठंड तो भाग गई लेकिन अंदर की वासना गर्मी और ज्यादा बढ़ गई। भाभी अपनी जांघों को आपस में मसलने लगी और वह इधर-उधर हिल रही थी।
मैंने मन में ही सोचा – लगता है भाभी गरम हो गई है और कुछ ज्यादा ही गर्म हो गई है।। मैंने बोला – भाभी क्या हुआ आप इतना करवटें क्यों ले रही हो??!!
वह बोली – देवर जी मुझे अभी भी ठंड लग रही है और वह मेरे चिपक गई और कहने लगी – मुझे अपनी बाहों में ले लो ताकि मुझे गर्मी मिल सके!!!!
पहले तो मैं बहुत ही ज्यादा हैरान था और बाद में सिचुएशन समझ में आ गई और मैंने सोचा – मौके का फायदा उठाना चाहिए
मैंने भाभी को अपनी मजबूत बाहों में भर लिया और हम दोनों एक दूसरे के साथ चिपक कर सोने लगे। भाभी बहुत ज्यादा गरम हो रही थी और धीरे-धीरे वह गर्म गर्म सांसे छोड़ने लगी।
वह बहुत ही जल्दी गर्म हो गई क्योंकि 1 महीने से उन्हें भैया का लैंड नहीं मिला है और भाई उनकी भी तो शारीरिक जरूरत है।
मैंने भाभी को और कस के दबा लिया और उनकी आंखों में देखने लगा, वह मेरी आंखों में देखने लगी। और हम दोनों का अचानक एक चुंबन हो गया।
हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे वह मेरी गरम जबान को अपने गरम गरम होठों से चूम रही थी। उनके मुंह की गरमाहट को महसूस कर कर मेरी वासना आग में जल रही थी।
फिर मैंने अपनी उंगली भाभी की साड़ी के अंदर घुसा दिखाओ उनकी चूत तक ले गया। मेरी उंगली भाभी की चूत में थी भाभी की चूत बहुत ही ज्यादा गर्व महसूस हो रही थी।
फिर मैंने बाबू के ब्लाउज के बटन खोल दिया और उनके बड़े-बड़े स्तन को अपने चेहरे से रगड़ने लगा। भाभी के बूब्स इतने ज्यादा नरम और गड्ढे जैसे थे कि उनके चुँचो में अपना चेहरा रगड़ने में मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।
फिर मैंने भाभी की साड़ी पूरी की पूरी ऊपर कर दी और लेटे-लेटे अपना खड़ा लंड भाभी की चूत में घुसा दिया। और मैं जबरदस्त तरीके से भाभी की चुदाई करने लगा जिसमें बहुत ही ज्यादा कामुकता का एहसास मिल रहा था।
मैं भाभी को घचाघच घचाघच चोद रहा था। आखिर मेरा लंड उन्हें कई दिनों से चोदना चाहता था जिस का मौका मुझे आज मिल रहा था भाभी को भी खूब मजा आ रहा था
भाभी – आ आ आ अहह अम्म अम्म आ आ आ
उनकी प्यारी-प्यारी आवाजों को सुनकर मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो रहा था फिर मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी और जोर से चुम्मा चाटी करने लगा।
मैंने उनकी दोनों टांगों को अपने कंधों के ऊपर रख लिया और उनकी चूत पूरी खुल चुकी थी और उस खुली चूत में मैंने अपना भरा हुआ लंड डाल दिया।
और मैं भाभी की चुदाई करने लगा, मैं दबा दबा कर भाभी को चोद रहा था। और उनके बूब्स को भी दबा रहा था और उनके होठो को भी चूम रहा था।
भाभी – आ आ अच्छा लग रहा है देवर जी ऐसे तो तुम्हारे भैया भी मुझे नहीं चोद पाए आह अम्म अम्म ऊह आ आ आ आ आ आ
मैंने कहा – भाभी मैं भी आपसे बहुत प्यार करता हूं मुझे आपके साथ करने में बहुत ही मजा आ रहा है
भाभी बोली – जब तुम्हारे भैया गए थे उसी के बाद में तुम्हारे पास आ जाती, मुझे भी 1 महीने वासना में तड़पना तो नहीं पड़ता!!!
मैंने कहा – भैया को आने में अभी 2 महीना और है!! भाभी – हां हां हां में जानती हूं !!! आ आ आ ऊह आ आ आह अम्म आ!!!
और बस हम दोनों का कुछ ही देर में झड़ने वाला था भाभी को भी वासना नदी मिलने वाला था और मुझे भी। तो मैंने अपनी चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी और मैं भाभी की चूत की चुदाई और जोर जोर से करने लगा साथ ही उनकी चूत के ऊपर खुजली भी करने लगा।
भाभी को बहुत ही ज्यादा चरमसुख और वासना आनंद मिल रहा था फिर जैसे ही मेरा झड़ने वाला था मैंने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी के पेट पर अपना सारा माल झाड़ दिया।
मैं और भाभी हम दोनों बहुत ज्यादा थक गए थे मैं भाभी के ऊपर गिरी और भाभी ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया। वह मेरे सिर को अपने नरम हाथों से सोरहने लगी मेरी गांड के ऊपर अपने हाथ फेरने लगी और कहने लगी – तुमने मुझे असली प्यार दिया है
मैंने कहा – अभी 2 महीने और है भाभी जी क्यों परेशान हो रही हो, और फिर हम दोनों हंसने लगे और मैं भाभी की बाहों में ही सो गया।