भानजी की गदराई जवानी देख मेरी लार टपक गई

मैं जवान लड़का हूँ. मैंने अपनी बहन की बेटी यानि भानजी को कैसे चोदा, उसकी चुदाई की कहानी का मजा लें.

मैं कई सालों के बाद अपनी दीदी के यहाँ एक शादी में गया गया था, तो जैसे ही मैंने अपनी भानजी को देखा.. मेरी लार टपक गई, मेरी भानजी कविता का पूरा गदराया बदन था, उसका यौवन शरीर से फूट रहा था।
जल्दी ही मैंने कविता से दोस्ती कर ली। अब हम दोनों आपस में खूब बात करते थे.. हम दोनों में खूब पटती थी।

मैंने कभी किसी लड़की को किस नहीं किया था.. लेकिन मेरा लंड चूत मांगता था।

शादी में मैंने एक लड़की को लाइन मारी.. जिससे बवाल हो गया और मेरी बहनजी मुझसे बहुत नाराज हुईं।

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दूसरे दिन मैंने चुदास के चलते अकेले में अपनी भानजी कविता का हाथ पकड़ लिया.. तो वो कुछ नहीं बोली। इस तरह हम दोनों में कुछ पकड़ा-धकड़ी भी चलने शुरू हो गई थी। मैं उस पर फ़िदा था.. उसको चोदना चाहता था, उसकी जवानी को लूटना चाहता था।
कुछ दिन बाद मैं अपने घर वापस आ गया।

दो महीने बाद माँ ने बोला- जाओ कविता को ले आओ।
मैंने पूछा- क्यों?
तो माँ ने कहा- वो अब यहीं पढ़ेगी।

यह सुन कर मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई… मैं उसे लेने दीदी के घर तुरंत चला गया। उधर पहुँचते ही वो भी फट से तैयार हो गई.. और मैं उसे लेकर अपने घर आ गया।
उस समय मेरी छुट्टियां चल रही थीं। मेरे घर में मैं, मेरा छोटा सा भतीजा और मेरी भानजी हम तीनों मिलकर खेलते।

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मैं खेल-खेल में अपनी भानजी को पकड़ लेता.. उसके शरीर पर हर जगह खूब हाथ लगाता.. वो भी कुछ न कहती। कभी-कभी तो खेल खेल में मैं उसे गिरा कर उसके ऊपर चढ़ जाता और उसे इधर-उधर मसल देता।

ऐसे ही हम दस-बारह रोज मजा लेते रहे। फिर एक दिन जब हम तीनों यही सब खेल रहे थे.. तब मैंने उसे बिस्तर पर गिरा दिया। मेरा भतीजा भी मेरे ऊपर गिर गया। इस उठा-पटक में मेरे होंठ कविता के गाल से जा टकराए.. मैंने उसे किस कर लिया।
उसने कुछ नहीं कहा, उल्टे मुस्कुरा दी।

अब मैंने उसे अकेले में बुलाया और कहा- मैंने चूमा तो क्या तुम्हें बुरा नहीं लगा?
उसने कहा- नहीं मामा.. मुझे तो मजा आया।

अब हम रोज खूब किस करने लगे। दो-तीन दिन बाद मैंने सोचा इसके दूध देखे जाएं.. तब मैंने उसे अकेले में बुलाया। उस वक्त उसने सलवार-कुरता पहन रखा था। मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और उसके दूध सहलाने शुरू किए। मुझे तो मजा आ गया उसके दूध खूब बड़े हो चले थे.. मेरे हाथ में ही नहीं आ रहे थे।

मैंने उसकी तरफ देखा तो वो चुदासी सी हो रही थी। मैंने उसका कुरता ऊपर कर दिया और उसकी शमीज भी ऊपर कर दी। उसकी शमीज बहुत टाइट थी।

अब दोनों दूध मेरे हाथ में थे। मैंने दोनों दूध पर खूब किस किए।
मैंने किसी लड़की के दूध पहली बार देखे थे.. मैं तो टूट पड़ा.. मैंने उसके निप्पल खूब चूसे। वो सिसकारियां भरती रही.. मैं दूध चूसता रहा।
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अगले दिन मैंने रात में उसे बुलाया.. वो उस वक्त मैक्सी पहने थी.. अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था।

मैंने उसे नंगी कर दिया और उसके दूध पकड़े और निप्पलों को अपने होंठों में दबा कर उसे प्यार करने लगा। वो गर्म होने लगी.. फिर मैंने उसके पेट में किस किया। मैंने कई मिनट तक खूब दूध चूसे.. अब वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी।

फिर मैंने उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया.. तो वो कमर को इधर-उधर करने लगी। मैं समझ गया कि अब वो पूरी तरह चुदने के लिए तैयार है। मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया.. वो सहलाने लगी।
मैंने उससे लंड चूसने को कहा.. तो वो तैयार हो गई।

वो मेरा लंड बड़े मजे से चूसने लगी.. कुछ ही देर में मेरा माल उसके मुँह में छूट गया.. पर वो गर्म थी तो वो उदास हो गई।
मैंने कहा- उदास मत हो.. लंड को और चूसो।
उसने फिर से लंड चूसना शुरू कर दिया, मेरा लंड फिर से तैयार हो गया।

उसकी चूत गीली थी.. मैंने चूत पर लंड लगा कर हल्का सा धक्का लगाया। पैर पूरे फैले होने से और चुत की भूख के कारण मेरा लंड सट से अन्दर घुस गया।
वो जोर से चिल्लाई- उईईईईईई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैंने घबरा कर उसके मुँह पर हाथ रख कर फिर से धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया।
अबकी बार मैंने हाथ रखा हुआ था.. इसलिए वो चिल्ला नहीं सकी, उसकी आँखों से आंसू गिरने लगे।

थोड़ी देर बाद उसका दर्द शांत हुआ.. तो वो भी कमर हिलाने लगी। अब मैं उसको हचक कर चोदने लगा। आज मेरी तमन्ना पूरी हो रही थी, मैं उसे बहुत जोर-जोर से चोद रहा था।
मैंने उसे बताया कि मैं उसे कितना पसंद करता हूँ और कब से उसे चोदने के लिए तड़प रहा था।
उसने भी कहा- तुम भी मुझे बहुत पसंद थे.. मैं भी तुम्हें बहुत चाहती हूँ.. पर तुम मेरे मामा थे.. इसलिए ज्यादा कुछ न कर सकी।

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फिर हम दोनों ने निश्चय किया कि हम लोग ऐसे ही चुदाई करेंगे।

मैंने उसे रात में दो बार चोदा.. उसने भी दिल खोल कर चुदवाया। फिर हम लोग पति-पत्नी की तरह रहने लगे और एक ही कमरे में लेटते.. क्योंकि हमारी पढ़ाई का कमरा एक ही था। हम दोनों रोज ऐसे ही चुदाई करते। वो मेरा पति की तरह ख़्याल रखती.. मैं भी उसे पत्नी की तरह चोदता।

ये मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी.. लिखिएगा

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