Uncle niece sex story – khet me sex story – mama bhanji chudai sex story: मेरा नाम पूजा है और मेरी उम्र 20 साल की है. मैं देखने में बिलकुल बवाल लगती हूँ, मेरे बूब्स का साइज़ 32 है और गांड 45 की, मेरी जवानी से भरी हुई बॉडी हर किसी को ललचा देती है. हर कोई मुझे चोदने की सोचता है, मुझे देखकर उसका लंड खड़ा हो जाता है और पानी निकलने लगता है. मैं अभी तक किसी से चुदी नहीं थी, मेरी चूत सील पैक थी.
मेरा ऐसा कोई विचार नहीं था, लेकिन मेरी दोस्त एक दिन अपने बॉयफ्रेंड से मिलने गई, मैं भी उसके साथ चली गई. जैसे ही दोनों मिले, उसके बॉयफ्रेंड ने मेरी दोस्त को नंगी करके घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया. मैं छुपकर उन दोनों को देखने लगी, उनकी चुदाई देखकर मेरी चूत में खुजली होने लगी, चूत गीली हो गई और मैंने उंगली से सहलाना शुरू कर दिया. उस दिन मैंने सोच लिया कि अब अपनी चूत की इस आग को बुझाकर ही रहूंगी, किसी मोटे लंड से चुदवाकर ही दम लूंगी.
अगले दिन मेरी नानी की तबीयत खराब हो गई. मामा जी की अभी शादी नहीं हुई, उनकी उम्र 30 साल की है, इसलिए माँ ने मुझे नानी के घर भेज दिया, नानी का ध्यान रखने के लिए. मैं 5 साल बाद नानी के घर गई थी.
मैं नानी के घर पहुंची, घर में मेरे मामा जी थे, नानी जी हॉस्पिटल गई हुई थीं. मैंने मामा जी को गले लगाया, तो मुझे अजीब सा लगा, उनकी बॉडी की गर्मी महसूस हुई. मामा जी मुझे देखते रह गए, मेरी जवानी देखकर उनकी नजरें मेरे बूब्स पर अटक गईं. जैसे ही मेरे बूब्स उनके शरीर से लगे, मामा जी के मन में गंदे विचार आने लगे, उनका लंड पैंट में तनने लगा.
मैं मामा की वासना भरी आँखों को समझ गई थी, मैं भी चूत की खुजली मिटाना चाहती थी, लेकिन शुरुआत नहीं करना चाहती थी. इसलिए मैं मामा जी को उकसाने लगी, बहाने से अपनी मोटी गांड दिखाती, झुककर बूब्स की क्लीवेज दिखाती. मामा जी चूत के प्यासे थे, मेरी हरकतों से उनका लंड तड़पने लगा.
मैं मामा को बहाने से अपनी मोटी गांड दिखाने लगी और मामा के लंड को तड़पाने लगी. मामा जी मेरी चूत के लिए मरने लगे, फिर मामा जी ने मुझे कहा, पूजा चल खेत में चलते हैं घास लाने के लिए. मैं मामा के पीछे बाइक पर बैठ गई.
गाँव की सड़कें ख़राब थीं, इसलिए मामा बार-बार ब्रेक मार रहे थे, मैं बार-बार अपने बूब्स को उनके पीठ से टकराती. फिर मैंने मामा को कसकर पकड़ लिया और चिपक गई, मेरे निप्पल उनकी पीठ में चुभ रहे थे, मामा अपना कंट्रोल खो बैठे थे, मैं यही चाहती थी, उनकी सांसें तेज हो गईं.
हम दोनों खेत में पहुंच गए. मैं बोली, मामा मैं घास काट देती हूं. जैसे ही मैं नीचे बैठी घास काटने के लिए, मेरे बूब्स मेरी कमीज से बाहर आ गए, गोरे-गोरे बूब्स हिलने लगे. मामा जी के मुंह में पानी आ गया, उनकी आँखें चमक उठीं.
मैं जान बूझकर अपने बूब्स को हिलाने लगी, मामा जी अपना आपा खो बैठे और मेरे साथ नीचे बैठ गए, मेरे बूब्स को बार-बार देख रहे थे, उनका लंड पैंट में उभर आया.
मैं बोली, मामा जी इतना ध्यान से क्या देख रहे हो.
मामा जी बोले, कुछ नहीं.
मैंने जान बूझकर मामा से पूछा, अभी तक कोई मामी मिली या नहीं.
मामा जी बोले, इतनी किस्मत कहां हमारी.
मैंने कहा, मामा जी आप इतने स्मार्ट हो, अगर आप मेरे मामा जी ना होते तो मैं आपसे ही सेटिंग कर लेती.
मामा जी बोले, अब कर लो अब क्या दिक्कत है.
मैंने कहा, मैं मजाक कर रही थी.
मामा जी बोले, मैं बच्चा नहीं हूं, जैसे तू आज हरकत कर रही है मुझे सब समझ आ रहा है. मामा जी सीधे बोले, मुझे पता है तुझे क्या चाहिए, यह कहते ही मामा जी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे गालों को चूम लिया, उनकी गर्म सांसें मेरे चेहरे पर लगीं.
मैंने कहा, मामा जी यह क्या कर रहे हो आप.
मामा जी बोले, मैं तुझसे प्यार करता हूं पूजा, मैं सिर्फ तेरे रिश्ते में मामा लगता हूं, बाकी उम्र में तो तेरे जैसा ही हूं, तेरी चूत की खुशबू मुझे पागल कर रही है.
मामा बोले, मैं तुझे अच्छा नहीं लगता.
मैं बोली, नहीं, ऐसी तो कोई बात नहीं है.
मेरी यह बात सुनते ही मामा जी मेरे होठों को चूमने लगे, उनकी जीभ मेरे मुंह में घुस गई, मैं भी उनकी जीभ चूसने लगी, हमारी लार मिल गई.
मैंने कहा, मुझे ऐसे मत करो, कल को किसी को पता चल गया तो लोग क्या बोलेंगे.
मामा जी बोले, बताएगा कौन, यहां कोई नहीं है, सिर्फ तू और मैं, तेरी चूत मेरे लंड के लिए बनी है. मामा जी ने मुझे घास में ही लिटा लिया और मेरे जिस्म को कुत्तों की तरह नोचने लगे, लेकिन मुझे मजा आ रहा था, मेरी चूत और गीली हो गई.
मामा जी मेरी कमीज के ऊपर से मेरी ब्रा को मसल रहे थे, मेरे निप्पल सख्त हो गए, आह.. ह्ह.. मामा जी.. धीरे.. मैं सिसकारियां लेने लगी.
फिर मैं भी मामा पर हावी होने लगी और मामा के होठों को जोर-जोर से चूसने लगी, हम वासना में इतने डूब गए थे कि आसपास कुछ मालूम नहीं पड़ रहा था, खेत की हवा में हमारी गर्म सांसें घुल रही थीं.
मामा जी ने मेरी कमीज उतार दी और मेरी ब्रा को भी उतार दिया, जोर-जोर से मेरे बूब्स को खींचने लगे, खींचते-खींचते 2 इंच बड़े कर दिए, मेरे बूब्स लाल हो गए, आह्ह.. मामा.. दर्द हो रहा है.. लेकिन मजा भी आ रहा है.
मामा जी का लंड भी बाहर आ गया, मैं मामा जी के लंड से खेलने लगी, उसे मुट्ठी में लेकर हिलाने लगी, उनका लंड गर्म और मोटा था, प्रीकम निकल रहा था.
फिर मामा जी ने मुझे नीचे लिटा दिया, मेरी पजामी को खोल दिया और मेरी पैंटी को भी उतार दिया, मेरी गोरी गोरी और लाल लाल सी चूत देखकर बोले, घर में ही तो इतनी बढ़िया चूत थी, मैं ऐसे ही बाहर नजर मार रहा था, तेरी चूत की महक मुझे दीवाना बना रही है.
मामा ने टाइम बर्बाद नहीं किया, मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगे, मैं तड़प उठी, आह.. मामा.. डालो ना.. चूत फट रही है खुजली से.
मामा जी ने झटका मारा और मेरी चूत को फाड़ते हुए पूरा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया, मैं भयंकर तरीके से चिल्लाई, आह आह मर गई मम्मी.. मामा जी बाहर निकालो.. फट गई चूत मेरी.. जोर-जोर से चिल्लाने लगी, मामा जी ने मेरे मुंह पर हाथ रखकर आवाज बंद कर दी.
मैं दर्द से रोने लगी, आंसू निकल आए, लेकिन मामा जी अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे, धीरे-धीरे दर्द मजा में बदल गया, आह्ह.. ह्ह.. मामा.. जोर से.. चोदो मुझे.
फिर धीरे-धीरे मामा जी मुझे जोर-जोर से पेलने लगे, उनका लंड मेरी चूत की दीवारों को रगड़ रहा था, चूत का रस बह रहा था, चपचप की आवाज आ रही थी, आह्ह.. ऊउइ.. मामा.. और जोर से.. मैं सिसकारियां ले रही थी.
थोड़ी देर बाद मामा जी का मजा निकल गया, मेरी चूत के अंदर गर्म वीर्य छोड़ दिया, मामा जी का लंड ढीला पड़ गया.
फिर वही नानी जी का मामा जी के पास फोन आ गया, कहां है तू घर पर आजा. मामा जी ने मुझे छोड़ा और हम दोनों ने अपने कपड़े पहने, घास लेकर घर की तरफ चले गए.
मैं रास्ते में मामा से बोली, मामा जी आपका लंड बहुत मोटा है, आज तो मार ही डाला था मुझे. मामा जी बोले, पूजा तेरी चूत लेने में मुझे बहुत मजा आया. मैंने कहा, मामा जी मेरी सील पैक चूत को आपने ही पहली बार फाड़ा है.
फिर रात हुई और मामा जी ने मुझे फिर से चोदा, ऐसे करते-करते मैं अपनी नानी जी के घर 10 दिन रही और मामा जी मुझे 10 दिन लगातार दो-तीन बार दिन में चोदते ही थे.
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