Papa ne beti ko choda sex story – daddy daughter sex story – father daughter fucking incest sex story: हाथों से शॉपिंग ट्रॉली धकेलते हुए कर्नल राजेश को पता ही नहीं चला कि कब वो लेडीज अंडरगारमेंट्स सेक्शन में पहुँच गए।
सामने की रैक पर ब्रा के डिब्बों पर छपी सेक्सी टीन मॉडल के उभरे हुए चूचे देखते ही उनकी नजर जैसे चिपक गई। उस मॉडल का फिगर बिल्कुल उनकी बेटी स्वीटी जैसा था। लाल जालीदार ब्रा में सफेद चूचे देखकर राजेश के दिमाग में स्वीटी का चेहरा घूमने लगा।
उन्होंने दो डिब्बे उठाए और आँखें मॉडल के चूचों पर गड़ाए रहे। पैंट में लंड कड़क होने लगा। एक हाथ से उन्होंने अपना लौड़ा एडजस्ट किया, दूसरा हाथ डिब्बों को पकड़े रहा।
तभी चार औरतें वहाँ आ गईं। एक पतली मधुर आवाज में “एक्सक्यूज़ मी” सुनकर कर्नल हड़बड़ाए, डिब्बे ट्रॉली में फेंके और आगे बढ़ गए। कैश काउंटर पर भीड़ थी, ब्रा के डिब्बे निकाल नहीं पाए, बिल कटवाया और गाड़ी में आकर बैठ गए।
पार्किंग लॉट खाली था, रात का समय। राजेश ने डिब्बे खोले, ब्रा निकाली, पैंट से अपना मोटा लंड बाहर निकाला और मुठ मारने लगे। ख्यालों में स्वीटी को उसी लाल ब्रा में देखते हुए उनका हाथ सटासट चलने लगा। कुछ ही मिनट में गाड़ी के सेल्फ पर वीर्य की बौछार हो गई। संतुष्ट होकर वो घर की ओर चल दिए।
राजेश अमीर और मॉडर्न परिवार से थे। एनडीए पास कर अफसर बने। उनकी बीवी डॉली भी बेहद खूबसूरत और मॉडर्न थी। दोनों ने जमकर जिंदगी एंजॉय की। एक बेटी स्वीटी के बाद कोई बच्चा नहीं किया। कोरोना में डॉली चल बसीं तो राजेश वॉलंटरी रिटायरमेंट लेकर घर लौट आए।
स्वीटी अब उन्नीस साल की हो चुकी थी। स्कूल खत्म हो चुका था, कॉलेज में एडमिशन की तैयारी कर रही थी। खाली समय में पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्लासेस जॉइन की थीं। मिनी स्कर्ट और हॉट शॉर्ट्स में उसके आधे चूतड़ झांकते थे, हर कोई देखता रह जाता। उसका जिस्म माँ से इतना मिलता था कि राजेश भी तिरछी नजरों से बेटी की चूचियों और गाँठ की बनावट नाप लेते थे।
जब राजेश मॉल गए थे, स्वीटी घर पर नहीं थी। वो सोच रहे थे कि दोस्तों के साथ कहीं होगी, जल्दी आएगी। गाड़ी स्टार्ट की, हेडलाइट जली तो सामने वाली कार के शीशों पर सीधी पड़ी।
अंदर एक लड़का और लड़की होंठ चूस रहे थे। लड़की का गुलाबी टॉप छाती से ऊपर था, दोनों चूचे लड़के के हाथों में थे। रोशनी पड़ते ही दोनों हड़बड़ाए, लड़की तुरंत सीट पर लेट गई।
राजेश ने सब देख लिया। वो समझ गए कि लड़की कोई और नहीं, उनकी अपनी बेटी स्वीटी थी। सेकंड के सौवें हिस्से में भी स्वीटी के गोल चूचे उनकी आँखों में कैद हो गए। उसी झपकी ने उन्हें ब्रा के डिब्बों तक खींच लिया था।
राजेश वहाँ से निकल गए, लेकिन स्वीटी घबरा गई। कार से उतरकर सीधे घर में घुसी। मन में सवाल था, पापा ने देखा या नहीं। देखा भी तो कुछ बोले क्यों नहीं।
उसने पापा का आईपैड उठाया, लोकेशन चेक की। मॉल में थे। राहत की साँस ली, यूट्यूब खोलकर गाने लगाए। तभी नोटिफिकेशन आया। ईमेल खोला तो बाप-बेटी की चुदाई की कहानी थी। पहले तो हैरान हुई, फिर पढ़ने लगी।
कहानी पढ़ते-पढ़ते उसकी टाँगें अपने आप खुल गईं। पैंटी नीचे सरका दी। दोनों पैर काँच की टेबल पर टिकाए, सिर पीछे टिकाया और एक हाथ से चूत सहलाने लगी। चार कहानियाँ पढ़ डालीं। बाप-बेटी सेक्स में मजा आने लगा।
उसे पता चल गया कि पापा को भी बेटी चोदने की चाहत है। इंटरनेट हिस्ट्री खंगाली, और कहानियाँ पढ़ती रही, चूत मसलती रही।
इधर राजेश मुठ मारकर घर पहुँचे। घंटी बजाते ही स्वीटी ने दरवाजा खोला। गुलाबी टॉप देखते ही राजेश का लंड फिर खड़ा होने लगा। स्वीटी भी अब पापा को अलग नजरों से देख रही थी।
खाने की टेबल पर अजीब सी खामोशी थी। राजेश चोरी-छिपे स्वीटी की छाती में झाँकने की कोशिश कर रहे थे। स्वीटी जानबूझकर सीधी तनी बैठी थी ताकि उसके चूचे अच्छे से उभरें।
खाना खत्म हुआ। रोज की तरह स्वीटी ने पापा को होंठों पर हल्की सी किस की और गुड नाइट बोला। आज उसने गाल पर हाथ भी फेरा। नजदीक आते वक्त उसने पापा के पैंट का उभार साफ महसूस कर लिया।
राजेश अपने कमरे में पहुँचे, लोअर नीचे किया, मोटा लंड बाहर निकाला, खाल पीछे खींचकर टोपे को हवा लगने दी। आँखें बंद कीं और स्वीटी को अपनी फेवरिट बाप-बेटी कहानी की हीरोइन बनाकर मुठ मारने लगे, “आह्ह स्वीटी… मेरी जान… तेरी टाइट चूत…”
हॉल में खड़ी स्वीटी समझ गई कि पापा कमरे में क्या कर रहे होंगे। जिज्ञासा ने उसे खींच लिया। घर में दरवाजे लॉक करने की आदत नहीं थी। उसने हल्के से धक्का दिया, दरवाजा खुल गया।
अंदर का नजारा देखकर उसकी साँस रुक गई। पापा बिस्तर पर लेटे, मोटा लंड हाथ में लिए तेजी से हिला रहे थे। सिसकारियाँ आ रही थीं, “हाँ बेटा… ले मेरा लंड… आह्ह्ह…”
स्वीटी की चूत में आग लग गई। पैंटी नहीं पहनी थी, रस जाँघों पर लहराने लगा। उसने स्कर्ट में हाथ डाला और दाना मसलने लगी, “ओह्ह पापा…”
राजेश झड़ने वाले थे, रुके। हाथ हटाया तो स्वीटी ने पहली बार असली मर्द का लंड देखा। विकास का तो बच्चा लग रहा था। पापा का लंड मोटा, नसें फूली हुईं, सुपारा लाल चमक रहा था।
दोनों तरफ मुठ चल रही थी। अंदर बाप बेटी को चोदने के खयाल में, बाहर बेटी पापा के लंड को निहारते हुए। स्वीटी की साँसें तेज हो गईं, “आह्ह… पापा… कितना बड़ा है…” वो झड़ने वाली थी, झटके से अपने कमरे में भागी।
बेड पर गिरी, दो उंगलियाँ चूत में ठूँसीं और कमर धनुष की तरह मोड़कर अंदर-बाहर करने लगी, “आह्ह्ह पापा… ओह्ह्ह… तुम्हारा लंड… आह्ह्ह…” तीस सेकंड में झड़ गई, बेदम होकर सो गई।
राजेश ने अपना माल निकाला, साँसें संभालीं और हॉल में आ गए। टीवी ऑन किया, सिगरेट जलाई। नजर सोफे के नीचे गई। वहाँ स्वीटी की पैंटी पड़ी थी, पूरी गीली।
राजेश ने उठाई, सूंघा। बेटी की चूत की तेज महक फेफड़ों में भर गई, “आह्ह्ह स्वीटी… तू भी गर्म है…” सिगरेट के हर कश के साथ पैंटी सूंघते रहे, लंड फिर खड़ा हो गया।
प्यारे पाठकों, अब तो आप भी इंतजार कर रहे होंगे कि कर्नल राजेश अपनी जवान बेटी को कब दबोचेंगे। अगला भाग जल्दी आएगा।
कहानी का अगला भाग: बाप की नजर बेटी की जवान चूत पर – 2
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