Shared cock sex story – Threesome with friend sex story – Slutty bestie sex story: दोस्तों, मैं सोनम फिर से अपनी सबसे गंदी वाली सेक्स कहानी लेकर आई हूँ, जिसमें मैंने अपनी रंडी सहेली सविता को अपने पति मयंक का मोटा-लंबा लंड खूब चटवाया और चुदवाया। पिछले भाग में तुमने पढ़ा था कि सविता ने मयंक का लौड़ा देखकर चूत में आग लगा ली थी, अब आगे की पूरी रासलीला।
कहानी का पिछला भाग: पक्की सहेली ने मेरे पति का मोटा लंड देखा और ललचा गई
एक दिन मैंने सविता को फोन लगाया, बोली, “चल साली मार्केट चल, कुछ ऐसी चूत फाड़ने वाली ब्रा-पैंटी लेते हैं, तेरी चूत को तो मयंक का लंड फाड़ने वाला है, कुछ हॉट पहनकर आएँगी तो सीधे लंड खड़ा हो जाएगा।” सविता हँसते हुए बोली, “सेक्स के टाइम क्या ब्रा-पैंटी चाहिए रंडी? नंगी ही तो लंड खाना है, पर चल, तेरे साथ मज़ा आएगा।”
दोपहर में मार्केट पहुँचे, दुकान में घुसीं तो मैंने दुकानदार से बोला, “भैया, सबसे गंदी वाली चीजें दिखाओ, ऐसी जो देखते ही लंड खड़ा कर दे, मेरी सहेली की हनीमून है।” सविता मेरी गांड पर चिकोटी काटकर बोली, “वाह कुत्ती, सही बोल रही है तू।”
ट्रायल रूम में घुसीं, मैंने सविता को पूरा नंगा कर दिया, उसके भारी-भारी दूध और मोटी गांड देखकर बोली, “आज तो तेरी चूत-गांड दोनों फटेंगी साली।” उसने भी मुझे नंगा किया और बोली, “तेरी चूत भी तो आज फिर माल खाएगी ना रंडी।” हमने डबल पैंटी पहनी और चोरी-चोरी बाहर निकल आईं।
अगले दिन सविता सुबह-सुबह आ गई, मयंक ने दारू पी रखी थी, मैं उसे चूम ही रही थी कि सविता अंदर घुसी, बोली, “वाह चुदक्कड़, पहले से शुरू हो गई?” मैंने कहा, “आ जा कुत्तिया, आज तेरी चूत की बारी है, मयंक का लौड़ा तैयार है।”
सविता अपनी मटकती गांड हिलाते हुए आई, ट्रांसपेरेंट ब्रा में उसके काले निप्पल साफ दिख रहे थे, मयंक का लंड देखते ही खड़ा हो गया। वो बोला, “आजा मेरी रंडी नंबर दो।” सविता मयंक की गोद में बैठ गई और बोली, “आज मेरी चूत फाड़ दो साहब, पूरा लंड अंदर चाहिए।”
मैंने पूछा, “जानू, पहले किसकी चूत लोगे?” मयंक ने लंड पकड़कर हिलाते हुए कहा, “जिसकी चूत पहले गीली हो जाए।” सविता बोली, “दोनों की चूत एक साथ लो ना, दोनों रंडियाँ तैयार हैं।”
कपड़े उतारते देर न लगी, मयंक ने हम दोनों को नंगा कर दिया, हमने भी उसका मोटा लौड़ा बाहर निकाला। मैं और सविता दोनों ने मिलकर लंड पकड़ा, सविता बोली, “वाह सोनम, कितना मोटा है, आज मेरी चूत फट जाएगी।” मयंक आह्ह्ह्ह भरा और बोला, “दोनों रंडियों के हाथ एक साथ, मज़ा आ गया।”
मयंक ने सविता को लिटाया और उसके दूध चूसने लगा, चट-चट की आवाज़ करते हुए, सविता चिल्लाई, “आह्ह्ह चूसो साहब, पूरा दूध निचोड़ दो, ओह्ह्ह्ह्ह मज़ा आ रहा है।” मैं नीचे बैठकर सविता की चूत में दो उंगलियाँ पेल दीं, फच्च-फच्च आवाज़ आई, सविता तड़पी, “आह्ह्ह सोनम रंडी, कितनी जोर से उंगली कर रही है, मेरी चूत फाड़ देगी।”
फिर मयंक ने अपना दस इंच का लौड़ा सविता की चूत पर रखा और एक झटके में आधा अंदर कर दिया, सविता चीखी, “आअह्ह्ह्ह्ह माँ मर गई, कितना मोटा है, धीरे साहब, चूत फट जाएगी आह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैं हँसते हुए बोली, “ले साली, आज तेरी चूत का भोसड़ा बनना है।” कुछ देर बाद सविता खुद कमर उचकाने लगी, “चोदो मयंक, पूरा लंड पेलो, आह्ह्ह्ह्ह फाड़ दो मेरी चूत।”
मयंक बोला, “आह्ह्ह्ह इस रंडी की चूत में तो अलग मज़ा है सोनम, कितनी टाइट और रसीली है।” मैंने कहा, “हाँ हाँ, आज से ये तेरी दूसरी रखैल है, रोज़ चोदना इसे।”
फिर मयंक ने मुझे सविता के ऊपर लिटाया, पहले मेरी चूत में लंड पेला, दस-पंद्रह जोरदार धक्के, फिर निकालकर सविता की चूत में, इस तरह हम दोनों की चूत बारी-बारी से चुद रही थीं। सविता चिल्ला रही थी, “हाँ ऐसे ही, दोनों रंडियों को एक साथ चोदो।”
अचानक मयंक ने सविता की गांड में लंड सटा दिया, सविता बोली, “नईइइइइइ, गांड मत मारो,” पर मयंक ने झटके से पूरा लंड गांड में उतार दिया, सविता की चीख निकली, “ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह माँआआआ फट गई मेरी गांड, आह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत मोटा है, फिर भी चोदो साहब, गांड फाड़ दो आज।” थप्प्प्प-थप्प्प्प की आवाज़ से कमरा गूँज उठा।
फिर मेरी गांड में भी लंड घुसा, दोनों सहेलियों की गांड एक ही दिन में फट गई। मयंक ने आखिर में सविता की चूत में झड़ दिया, सविता काँपते हुए बोली, “ऊईईईई माँआआ, पूरा माल मेरी चूत में, झड़ गई मैं भी।”
मैं अभी तक नहीं झड़ी थी, सविता को बाथरूम ले गई और बोली, “साली, अभी और लंड चाहिए क्या?” वो बोली, “हाँ रंडी, तेरे पति का लौड़ा छोड़ूँगी नहीं आज।” बाहर आते ही सविता ने मयंक का लंड मुँह में लिया, ग्ग्ग्ग्ग्ग-गी-गी-गी करते हुए पूरा गले तक उतारा, फिर घोड़ी बनकर बोली, “चोदो साहब, फिर से चूत फाड़ दो।”
चुदाई के बाद मैं नंगी चाय बनाने गई, सविता बोली, “तेरा पति मत छीन लेना रे।” मैंने कहा, “नहीं साली, तू तो बस रखैल बनकर चुदवाती रह।” चाय पीते-पीते फिर सविता ने एक और चुदाई करवा ली, बोली, “तेरा पति का लंड नहीं छोड़ूँगी कभी।”
एक दिन मैं रोटी बना रही थी, सविता सिर्फ़ मैक्सी में आई, आते ही मयंक को किस करने लगी, बोली, “साहब जल्दी लंड पेलो, चूत में आग लगी है।” मयंक ने उसे स्लैब पर घोड़ी बनाया और मेरे सामने लंड पेल दिया, सविता चिल्लाई, “आह्ह्ह्ह सोनम देख, तेरे पति मेरी चूत फाड़ रहे हैं, कितना मज़ा आ रहा है।” मैं रोटी सेंकते हुए बोली, “चुद साली, खूब चुद।”
फिर फर्श पर मयंक लेट गया, सविता उसकी गोद में लंड गांड में लेकर उछलने लगी, बोली, “आज गांड भी फाड़ दो साहब।” मैंने उसकी गांड दबाई और बोली, “कितनी मोटी गांड हो गई है तेरी रंडी।” वो हँसकर बोली, “अंकित भी रोज़ गांड मारते हैं, मज़ा बहुत आता है।”
मैं भी नंगी हो गई, मयंक के मुँह में चूत देकर बैठ गई, वो चाटते हुए बोला, “दोनों रंडियों की चूत एक साथ खा रहा हूँ।” सविता झड़ गई तो मैं बेडरूम ले गई और खूब चुदवाई, सविता दरवाजे पर खड़ी देखती रही और बोली, “जल्दी खत्म करो, मेरी बारी है फिर।”
अब तो सविता को लत लग गई, कभी भी आ जाती और मयंक से चुदवा लेती, कभी अपने घर भी बुला लेती। हम तीनों बहुत खुश हैं, अंकित से मेरी चुदाई की कहानी जल्दी लिखूँगी।