Girlfriend First Time Sex Story: हेलो दोस्तों, मेरा नाम राज है, मैं जयपुर का रहने वाला 27 साल का लड़का हूँ और मेरी गर्लफ्रेंड तन्या 24 साल की है। हमारी मुलाकात ऑनलाइन चैटिंग से हुई थी, जब उसे पता चला कि मैं भी जयपुर का हूँ तो उसने खुद मिलने का प्रस्ताव रखा। हमने सेंट्रल पार्क में पहली मीटिंग फिक्स की। वो दिन मुझे आज भी याद है, तन्या ने सफेद कुर्ती और नीली जींस पहनी थी, उसकी स्माइल देखते ही मेरा दिल धक से रह गया और मुझे लगा कि वो भी मुझे पसंद कर रही है। उस दिन हम घंटों बैठे रहे, फिर धीरे-धीरे सेंट्रल पार्क हमारा रोज़ का अड्डा बन गया।
दो महीने तक हम सिर्फ़ बातें करते, हाथ पकड़ते और हल्का-फुल्का किस करते रहे, मैंने कभी ज़बरदस्ती नहीं की। एक दिन पार्क में मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया तो वो भड़क गई, तीन-चार दिन तक मुझसे बात तक नहीं की। बड़ी मुश्किल से मना कर कहा कि ठीक है, जो तुम्हें अच्छा नहीं लगता वो नहीं करेंगे। उसके बाद फिर वही किस तक सीमित रहता, लेकिन अब मेरे अंदर आग लगी हुई थी, मैं उसे पूरा चोदना चाहता था।
एक दिन मैं उसके घर गया तो वो बोली, “आज ऑफिस मत जाओ, छुट्टी कर लो, घर पर कोई नहीं है, आराम से बैठेंगे।” मैंने ऑफिस फोन किया और छुट्टी ले ली। फिर हम सेंट्रल पार्क चले गए, लेकिन दोपहर के बारह बज रहे थे, गर्मी ज़ोरों पर थी, सिनेमा के शो खत्म हो चुके थे, पार्क में भी देर तक बैठना मुश्किल था। मैंने कहा, “चलो मेरे रूम पर चलते हैं।” वो पहले तो डरने लगी, बोली, “नहीं राज, मुझे डर लगता है, कहीं कुछ हो गया तो?” मैंने उसे प्यार से मनाया और कहा, “अगर मुझसे सच में प्यार है तो चल, वरना मैं ऑफिस जा रहा हूँ।” ये सुनकर उसने सलवार के ऊपर से अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए कहा, “पहले कसम खाओ कि मेरे पूछे बिना कुछ नहीं करोगे।” मुझे तुरंत समझ आ गया कि आज गेम हो जाएगा, मैंने कसम खा ली और वो तैयार हो गई।
रास्ते भर मैं सोचता रहा कि कसम तो खा ली, पर चोदने का प्लान कैसे बनाऊँ। जैसे ही रूम में घुसे, मैंने दरवाज़ा अंदर से बंद किया। वो बोली, “दरवाज़ा क्यों बंद कर रहे हो?” मैंने कहा, “कोई देख लेगा तो क्या कहेगा।” फिर मैं उसके बगल में बेड पर बैठ गया। बातें करते-करते मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और धीरे से उसके रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए। इस बार किस पंद्रह मिनट तक चला, मेरी जीभ उसके मुँह में घूम रही थी, उसकी साँसें तेज़ हो गई थीं। मैंने धीरे से उसकी कमीज के ऊपर से उसके मुलायम बूब्स दबाने शुरू कर दिए, इस बार उसने कोई विरोध नहीं किया, बल्कि उसकी आँखें बंद हो गईं।
मैंने एक हाथ कमीज के अंदर डाला और ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स मसलने लगा। वो सिसकारी लेने लगी, आह्ह.. राज.. फिर मैंने उसकी कमीज ऊपर उठाई और उतार दी। उसने सेक्सी काली लेस वाली ब्रा पहनी थी, उसके गोरे बूब्स ब्रा में से फटने को थे। वो शरमाते हुए हाथों से छुपाने लगी, लेकिन मैंने उसके हाथ हटा दिए और ब्रा का हुक खोल दिया। अब वो मेरे सामने पूरी टॉपलेस थी। मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके गुलाबी निप्पल्स को मुँह में लेकर चूसने लगा, कभी एक को, कभी दूसरे को, बीस मिनट तक लगातार चूसता रहा, वो बेकाबू होकर सिसकारियाँ ले रही थी, आह्ह्ह.. इह्ह्ह.. राज.. ओह्ह्ह.. कितना मज़ा दे रहे हो।
फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला और बूब्स चूसते हुए ही सलवार नीचे सरका दी। अब सिर्फ़ काली पैंटी बाकी थी। मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही चूत पर जीभ फेरनी शुरू की, वो काँपने लगी, आह्ह्ह.. राज.. क्या कर रहे हो.. फिर मैंने पैंटी भी उतार दी। उसकी एकदम चिकनी गुलाबी चूत मेरे सामने थी। मैंने उसकी दोनों टाँगें चौड़ी कीं और जीभ से चूत चाटने लगा, कभी लिप्स चूसता, कभी क्लिट पर जीभ घुमाता, कभी जीभ अंदर डाल देता। दस मिनट में वो झड़ने वाली थी, तभी मैंने जानबूझकर रुक गया। वो तड़प उठी, खुद अपनी चूत में उँगलियाँ डालने लगी, मैंने उसके हाथ पकड़ लिए। वो गिड़गिड़ाने लगी, “राज प्लीज़.. चाटो ना.. सहन नहीं हो रहा.. आह्ह्ह..”
मैंने कहा, “पहले तुम मेरे लण्ड को चूसो।” वो तुरंत मान गई। उसने मेरे सारे कपड़े उतारे, मेरा 7 इंच लंबा और 4.5 इंच मोटा लण्ड देखकर डर गई, बोली, “ये मुँह में कैसे आएगा?” मैंने कहा, “खोल मुँह।” पहले सिर्फ़ सुपारा डाला, फिर धीरे-धीरे वो खुद पूरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी, ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गों.. गों.. गोग.. उसका लार मेरे लण्ड पर टपक रहा था, एक हाथ से बॉल्स मसल रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “चलो 69 करतें हैं।” उसने पूछा, “69 क्या होती है?” मैंने पोजीशन बनाई, मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरा लण्ड, बीच-बीच में मैं दो उँगलियाँ उसकी चूत में डाल देता, वो चिल्लाती, “आह्ह्ह.. दर्द होता है.. लेकिन मत निकालो..”
दस मिनट बाद उसका पहला ऑर्गेज़्म आया, उसने इतना पानी छोड़ा कि मैंने सारा पी लिया। वो फिर गरम हो गई, लेकिन मैंने फिर रुक गया। वो फिर गिड़गिड़ाने लगी। मैंने कहा, “अब लण्ड अंदर जाएगा।” वो डर गई, बोली, “इतना बड़ा कैसे जाएगा, उंगली से ही दर्द होता है।” मैंने समझाया कि चूत बहुत लचीली होती है, बच्चा भी निकल जाता है, मेरा तो आराम से आ-जा जाएगा। फिर मैंने ऑयल लिया, अपने लण्ड पर मला और उसकी चूत की लिप्स हटाकर अच्छे से लगाया। पहले सिर्फ़ टिप रगड़ता रहा, वो पागल हो गई, “राज प्लीज़ अंदर करो.. मार डालो मुझे..”
मैंने धीरे से सुपारा अंदर किया, वो दर्द से चीखी, आह्ह्ह्ह.. मर गई.. मैंने उसके होंठ बंद कर दिए और धीरे-धीरे हिलाने लगा। जब वो मज़े में आने लगी तो एक ज़ोर का झटका मारा, पूरा लण्ड उसकी चूत में समा गया। वो दर्द से तड़प उठी, लेकिन मैं रुका नहीं, ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। पाँच-सात मिनट बाद वो भी मज़े में आ गई और खुद कमर उछालने लगी, “आह्ह्ह.. ओह्ह्ह.. राज और ज़ोर से.. फाड़ दो मेरी चूत.. ऊईईई.. ह्ह्ह.. कितना मज़ा आ रहा है..” मैंने मज़ाक में कहा, “साली पहले कितने नखरे करती थी, अब लण्ड का स्वाद चख रही है ना।” पंद्रह मिनट की ज़ोरदार चुदाई में वो दो बार झड़ चुकी थी, आखिर में मैंने पूछा, “अंदर छोड़ूँ?” वो बोली, “नहीं.. बाहर.. प्रेग्नेंट नहीं होना।” मैंने लण्ड निकाला और उसके मुँह में डालकर मुँह चोदने लगा, कुछ ही पलों में सारा माल उसके मुँह में छोड़ दिया। कुछ निगल गई, बाकी उसके होंठ, गाल और गर्दन पर बह गया।
फिर हम दोनों नंगे ही लेटे रहे, मैं उसके बूब्स पर अपना वीर्य मलता रहा और उसे किस करता रहा। पंद्रह मिनट बाद शाम हो रही थी, हम फ्रेश हुए, मैंने उसे घर के पास छोड़ा और आकर बेडशीट धो दी। उसके बाद तो जब भी मौका मिलता, वो खुद फोन करके कहती, “राज आज रूम पर आऊँगी।”