Sasur ne bahu ko patak kar pela sex story: अब छोड़ दीजिए पिताजी, अब मैं आपका लंड बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी क्योंकि मेरी चूत में बहुत तेज दर्द हो रहा है और हर धक्के से लगता है कि फट जाएगी। अब बस करिए ना, बाद में आप जितना चाहें आराम से चूत ले लीजिएगा, आज तो मेरा ससुराल में पहला दिन है और मैं इतना दर्द सह नहीं पा रही। मैं अब आपको कभी मना नहीं करूंगी, आप ही मुझे खुश किया कीजिएगा लेकिन आज के लिए बस कर दीजिए क्योंकि मेरी चूत जल रही है। खुद देख लीजिए ना, मेरी चूत कितनी लाल हो गई है और चुचियों पर आपके नाखूनों के गहरे निशान भी साफ दिख रहे हैं। जी हां दोस्तों, मेरी बहू मुझे यही सब कह रही थी जब मैं उसकी चूत में अपना मोटा लंड पेल रहा था, आज मैं आपको पूरी कहानी विस्तार से लिखने जा रहा हूं। मैंने कोई जबरदस्ती नहीं की थी और ना ही मैंने खुद से कुछ शुरू किया था, बस हालात ऐसे बन गए थे कि मेरी बहू ने मुझे मजबूर कर दिया था यह सब करने के लिए।
मेरा नाम नकुल है और मैं 52 साल का हूं, मेरी बीवी दस साल पहले गुजर गई थी। मेरा एक ही बेटा है जिसकी शादी मैंने जल्दी करवा दी थी ताकि घर में एक औरत आ जाए और घर फिर से घर जैसा लगने लगे, क्योंकि बिना औरत के घर सूना सा लगता है और आपको भी पता है कि घर में औरत का होना कितना जरूरी होता है। इसी वजह से मैंने अपने बेटे दिव्यांश की शादी प्रिया नाम की लड़की से करवा दी थी। प्रिया को मैंने इसलिए पसंद किया था क्योंकि वह बहुत खूबसूरत थी, अच्छे खानदान की थी, लंबी चौड़ी, गठीला बदन वाली, जबरदस्त हॉट और सेक्सी लड़की थी, उसकी चौड़ी कमर, भरी हुई चुचियां और गोल गोल गांड देखकर ही मेरा मन डोल गया था। मुझे ऐसी ही बहू चाहिए थी और प्रिया मेरे घर में नई नवेली बहू बनकर आ गई थी, लाल साड़ी में लिपटी हुई, शादी का मेकअप लगाए, शरमाती हुई आंखें नीची करके।
मेरा बेटा फौज में है, शादी के लिए एक महीना पहले ही छुट्टी लेकर घर आ गया था। शादी में ज्यादा मेहमान नहीं आए थे क्योंकि यह कोर्ट मैरिज थी, इसलिए सबको मैंने एक होटल में बुलाया था, कोर्ट के बाद दूल्हा दुल्हन सीधे होटल पहुंचे और वहीं शादी के रस्में पूरी हो गईं, फिर मेहमान विदा हो गए। दूसरे दिन हम सब अपने घर आ गए। मैंने अपने बेटे की सुहागरात के लिए फूल वाले को बुलवाया था ताकि बेड को फूलों से अच्छे से सजा दे, मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी थी अपने बेटे की खुशियों के लिए, बेड पर लाल गुलाब की पंखुड़ियां बिछवाईं, खुशबूदार अगरबत्ती जलाई।
घर में मैं अकेला ही रहता था, मेरा बेटा और बहू बाहर से खाना मंगवा कर लाए थे, हम तीनों ने साथ बैठकर खा लिया था। मैं जल्दी सोने चला गया था क्योंकि मुझे पता था कि आज का दिन मेरे बेटे और बहू के लिए खास है, इसलिए मुझे अच्छा नहीं लगा कि मैं देर रात तक जागता रहूं और उनकी प्राइवेसी में खलल डालूं। मैं बेड पर लेटकर सेक्स कहानियां पढ़ते पढ़ते सो गया था। जब नींद खुली तो देखा कि मेरे बेटे और बहू में जोरदार लड़ाई हो रही थी, मैं हैरान रह गया कि शादी के पहले ही दिन लड़ाई। मामला काफी बिगड़ चुका था, मैं बीच बचाव करने नहीं गया था, मुझे लगा कि दोनों खुद ही ठीक कर लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, दोनों लड़ते लड़ते मेरे कमरे तक आ गए थे।
मेरा बेटा गुस्से में चिल्लाया कि आपने मेरे लिए कैसी लड़की ढूंढकर लाए हो पापा, इसको दूल्हा नहीं चाहिए था, इसको तो एक सांड चाहिए था। यह कहती है कि तेरा औजार बहुत छोटा है, मेरी जिंदगी खराब हो गई। यह कहती है कि मुझे कुछ महसूस ही नहीं हो रहा, मैं तुम्हारे साथ नहीं रहूंगी, मैं वापस चली जाऊंगी, उस इंसान के साथ मैं कैसे रहूंगी जो मुझे खुश नहीं कर सकता। जब तुम पहली रात में ही मुझे खुश नहीं कर पा रहे हो तो पूरी जिंदगी क्या करोगे। मैं हैरान रह गया, समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या बोलूं। मेरा बेटा बहुत गुस्से में था, दोनों एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे थे। मैं समझ नहीं पा रहा था कि एक नई लड़की जो पहली बार बहू बनकर आई है, उसका यह रूप देखकर मुझे बहुत गुस्सा आने लगा था।
मैंने अपने बेटे को समझाया कि सब ठीक हो जाएगा, बहू को भी बोला कि सब ठीक हो जाएगा, आज का दिन लड़ाई करने का नहीं है। तुम दोनों एक दूसरे के लिए नए हो, इसी वजह से ऐसी दिक्कत हो रही है, आगे जाकर शायद ऐसी दिक्कत नहीं होगी। मेरी बहू चिढ़कर बोली कि दिक्कत कैसे नहीं होगी, इसका तो खड़ा भी नहीं होता है। मैंने अपने बेटे से पूछा कि क्या बात है बेटा, उसने शरमाते हुए बोला कि पापा मैं मानता हूं कि मुझे दिक्कत है, फौज में चोट लग गई थी, इसी वजह से अभी खड़ा नहीं हो पा रहा, डॉक्टर ने कहा है कि कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा।
इतना सुनते ही मेरी बहू और ज्यादा आग बबूला हो गई और चिल्लाई कि जब तेरे में दम ही नहीं था तो मेरे साथ शादी क्यों की। इतना सुनते ही मेरा बेटा तुरंत घर छोड़कर चला गया। मुझे लगा कि मेरा एकलौता बेटा भी मुझे छोड़कर चला गया, मैं बहुत गुस्से में आ गया, जाकर मेन दरवाजा बंद किया, वापस आकर देखा तो बहू बेड पर बैठी हुई थी, साड़ी का पल्लू सरका हुआ था, चुचियां हल्की हल्की उभरी हुई दिख रही थीं। मैं गुस्से में लाल पीला हो गया, उसको जाकर गालियां देते हुए बोला कि क्यों तेरी चूत में इतनी गर्मी भरी हुई है। वह मुस्कुराकर बोली कि अगर है तो क्या करोगे, तुम बुझाओगे। इतना सुनते ही मैंने कह दिया कि हां मैं बुझाऊंगा, आज मैं देखता हूं तेरी चूत में कितनी गर्मी है और कितना सह सकती है तू।
और मैंने तुरंत उसको पकड़ा, दोनों बाजू पकड़कर उठाया और बेड पर जोर से पटक दिया, उसकी साड़ी का पल्लू सरका हुआ था, मैंने साड़ी को धीरे धीरे ऊपर सरकाना शुरू किया, उसकी गोरी जांघें दिखने लगीं, फिर पेटीकोट के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा, वह सिहर गई। फिर पेंटी को दोनों हाथों से पकड़कर जोर से खींचा और बाहर निकाल दिया, उसकी गोरी चिकनी चूत पर हल्के हल्के बाल थे, गुलाबी दरार चमक रही थी। मैंने अपना शर्ट उतारा, पैंट की जिप खोली, अपना मोटा लंड बाहर निकाला जो सालों बाद आजादी मिलने पर और मोटा हो गया था। उसकी ब्लाउज की बटन एक एक करके खोलीं, ब्रा को ऊपर से खींचकर निकाल दिया, उसकी बड़ी बड़ी चुचियां बाहर आ गईं, गुलाबी निप्पल तने हुए थे। मैंने उन चुचियों को दोनों हाथों से मसलना शुरू किया, निप्पल को उंगलियों से मरोड़ते हुए गालियां देनी शुरू की कि ले रंडी, आज तेरी चूत फाड़ दूंगा। वह हरामजादी चुप थी, बस सांसें तेज तेज ले रही थी, शायद मेरे मोटे लंड का इंतजार कर रही थी, उसकी आंखें लंड पर टिकी हुई थीं। मैंने उसकी दोनों टांगें चौड़ी करके अलग कीं, घुटनों के नीचे से पकड़कर ऊपर उठाया, उसकी चूत का छेद साफ दिख रहा था, मैंने अपना मोटा लंड उसकी चूत की दरार पर रगड़ना शुरू किया, ऊपर नीचे, उसकी चूत गीली हो गई थी, चिपचिपा रस बह रहा था। फिर मैंने कमर आगे झुकाई और जोर से लंड का सुपारा उसकी चूत के छेद पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा, आधा लंड अंदर घुस गया।
मेरा मोटा लंड जब उसकी चूत की दरार को चीरते हुए अंदर घुसा तो वह दर्द से चीख पड़ी, आआआह्ह्ह, पिताजी धीरे, फट गई मेरी चूत। लेकिन मैं कहां रुकने वाला था, मैंने उसकी चुचियों को जोर जोर से मसलते हुए लंड को आगे पीछे करना शुरू किया, पहले धीरे धीरे ताकि उसकी चूत ढीली पड़े, फिर तेज, चप चप की आवाज आने लगी, उसकी चूत से रस की बू आ रही थी। मैं गालियां देते रहा कि ले मेरा लंड, आज देखता हूं तेरी चूत कितने मर्द सह सकती है। मेरा लंड और मोटा हो गया था, करीब नौ इंच का, सालों से इस्तेमाल ना होने से आज पूरी ताकत से खड़ा था। मैंने उसके होंठों को अपने दांतों से काटना शुरू किया, जीभ अंदर डालकर चूसने लगा, और कमर जोर जोर से हिलाकर लंड को उसकी चूत में पूरा घुसाने लगा, हर धक्के पर थप थप की आवाज, उसकी चुचियां उछल रही थीं, मैंने एक चुची मुंह में लेकर चूसने लगा, निप्पल को दांतों से काटा।
मेरा लंड जैसे जैसे और मोटा होता गया, मैं जोर जोर से अपनी बहू को चोदने लगा, उसकी आंखों से आंसू बहने लगे, अब वह मना करने लगी कि पिताजी बस करो, मुझसे गलती हो गई, अब ऐसा नहीं होगा, आआआह्ह्ह, बहुत दर्द हो रहा है। मेरी बहू को बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मैं कहां मानने वाला था, मेरा बेटा घर में नहीं था, मैंने उसका मैसेज पढ़ लिया था कि वह दोस्त के यहां चला गया है। मुझे पूरी रात नई बहू को चोदने का मौका मिल गया था, मैंने बेटे को मैसेज कर दिया कि कोई बात नहीं, सुबह आना, मैं बहू से बात कर रहा हूं।
और मैं जोर जोर से धक्के देकर उसको चोदने लगा, पहले उसे घोड़ी बनाया, उसकी गांड ऊपर उठाकर पीछे से लंड घुसाया, उसकी कमर पकड़कर थपथप थपथप की आवाज के साथ पेलता रहा, उसकी गांड पर लाल निशान पड़ गए, फिर उसे कुत्तिया स्टाइल में घुटनों पर खड़ा किया, बाल पकड़कर पीछे खींचा और लंड गांठ तक घुसाया, वह चीखती रही उउफ्फ्फ, आआह्ह्ह, मार डाला पिताजी। फिर उसे खड़ा करके दीवार से सटाकर पैर उठवाया, एक टांग कंधे पर रखकर चोदा, उसकी चुचियां मेरे सीने से रगड़ रही थीं, पसीना बह रहा था, फिर लिटाकर पैर फैलाए, मिशनरी में घुसाया, उसके हाथ बांध लिए तकिए से, जोर जोर से थोकता रहा। उसकी चुचियों पर मेरे दांतों के निशान साफ दिखने लगे थे, चूत लाल होकर सूज गई थी, होंठ कटे हुए थे, जगह जगह काट लिया था मैंने। करीब एक घंटे की लगातार चुदाई के बाद उसकी कमर में दर्द होने लगा, वह मुझसे वादा करने लगी कि ऐसा कुछ नहीं होगा, मैं अपने पति को खुद डॉक्टर के पास ले जाऊंगी, आज के बाद ऐसा नहीं होगा, पता नहीं मुझे क्या हो गया था।
तब जाकर मैंने अपना सारा गाढ़ा माल अपनी बहू की चूत में छोड़ा, लंड अंदर ही रखकर झटके दिए, उसकी चूत में गर्म वीर्य भर दिया। सुबह मेरा बेटा घर आया, सब कुछ बदल चुका था, मेरी बहू बेटे से सॉरी बोली और हम तीनों खुशी खुशी रहने लगे। एक दिन मैंने बहू को मुस्कुराकर पूछा कि कैसा चल रहा है, वह बोली कि सब ठीक तो नहीं है पर हां ठीक हो जाएगा। इनकी छुट्टी अब छह दिन और है, उसके बाद देखते हैं क्या होता है, यानी वह इंतजार में है कि जब मेरा बेटा फौज वापस जाएगा तो वह मेरे साथ ही सोया करेगी।