देसी गर्लफ्रेंड की चुदाई दोस्त के हॉस्टल वाले रूम में

Desi College Girlfriend First sex story – Hostel room chudai sex story: हेल्लो दोस्तों, मैं विनय आप सभी का स्वागत करता हूँ। मैं झांसी का रहने वाला हूँ, उम्र 23 साल, गठीला बदन, 5 फीट 10 इंच का कद, और चेहरा ऐसा कि लड़कियाँ बार-बार पलटकर देखें। कॉलेज का दूसरा साल था जब मेरी जिंदगी में कृतिका आई। कृतिका, 21 साल की, सांवली सी, लेकिन जिस्म ऐसा कि आग लगा दे। 36 इंच के मम्मे, पतली कमर, और 34 इंच की गांड, जो जींस में उभरकर हर किसी का ध्यान खींचती थी। उसके काले, घने, खुले बाल उसे और भी हॉट बनाते थे। हमारी मुलाकात कॉलेज के कैंटीन में हुई थी, जहाँ उसकी एक हंसी ने मुझे घायल कर दिया। धीरे-धीरे बातें बढ़ीं, और वो मेरी गर्लफ्रेंड बन गई। लेकिन बात जब चुदाई की आई, तो वो शादी की रट लगाने लगी।

“यार कृतिका, हम बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड बने इतने दिन हो गए। अब तो हमें चुदाई करनी चाहिए, क्या कहती हो?” मैंने एक दिन उससे पूछा, जब हम कॉलेज के पीछे वाले पार्क में बैठे थे। हल्की हवा चल रही थी, और उसकी खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी।

“हाँ, चुदाई भी करेंगे, लेकिन पहले मेरे मामा से शादी की बात करो। माला डालो मेरे गले में, फिर जो करना है कर लेना!” कृतिका ने पुराने जमाने की लड़की की तरह जवाब दिया। उसकी आँखों में शरारत थी, लेकिन बातों में सख्ती।

“अरे यार, आजकल कौन शादी के पीछे भागता है? देख ना, बाकी जोड़े तो चुदाई के मजे ले रहे हैं। लड़कियाँ पहले कुछ बनना चाहती हैं, फिर शादी सोचती हैं। चल ना, जान, चुदाई करते हैं!” मैंने उसे मनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वो टस से मस न हुई। उसकी चूत मारने की मेरी इच्छा दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी, लेकिन वो शादी की बात पर अड़ी थी।

आखिरकार, मेरे दोस्तों ने मुझे एक आइडिया दिया। “विनय, उसे एक मोबाइल गिफ्ट कर दे, और उसमें ढेर सारी ब्लू फिल्में डाल दे। कुछ दिन में वो खुद तुझसे चुदवाने को मरेगी।” मैंने सोचा, यही सही तरीका है। मैंने कृतिका को एक चमकदार स्मार्टफोन गिफ्ट किया, जिसमें 30-40 ब्लू फिल्में डाल दीं। हर तरह की वीडियो थी—लंड चूसने वाली, चूत चाटने वाली, गांड मारने वाली, और क्या-क्या नहीं। मैंने उसे फोन दे दिया, और कुछ ही दिनों में कृतिका ने सारी वीडियो देख डाली।

एक दिन, कॉलेज के बाद, उसने मुझे कॉल किया। “विनय, चलो चुदाई करते हैं!” उसकी आवाज में एक अजीब सी उत्तेजना थी।

“अरे, तू तो कह रही थी कि अच्छे घर की लड़कियाँ शादी के बाद ही चुदाई करती हैं। अब क्या हो गया?” मैंने मजाक में पूछा, लेकिन अंदर से खुशी से उछल रहा था।

“बस, ये सब छोड़! चल, चुदाई करते हैं!” कृतिका ने कहा, और उसकी आवाज में वो शर्म अब गायब थी।

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मैंने तुरंत अपने दोस्तों से बात की और कॉलेज के हॉस्टल में एक कमरे का जुगाड़ कर लिया। मेरे दोस्त वहाँ रहते थे, और एक पार्टी के बदले उन्होंने मुझे कमरा दे दिया। कमरा बड़ा, हवादार, और एकदम मस्त था। खिड़की से ठंडी हवा आ रही थी, और बिस्तर पर साफ चादर बिछी थी। मैं कृतिका को लेकर वहाँ पहुँच गया।

कमरे में घुसते ही मैंने कृतिका को अपनी बाहों में भर लिया। उसने गुलाबी टॉप और टाइट जींस पहनी थी, जिसमें उसकी गांड और मम्मे उभरकर आ रहे थे। मैंने उसे दीवार से सटा लिया और उसके रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसकी सांसें गर्म थीं, और उसकी खुशबू मुझे पागल कर रही थी। “विनय, धीरे…” उसने शरमाते हुए कहा, लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था।

“कृतिका, तू कितनी हॉट है, यार,” मैंने कहा और उसके होंठ चूसने लगा। उसका टॉप कसके उसकी कमर से चिपका था, और मैंने धीरे-धीरे उसे ऊपर उठाया। उसकी चिकनी, पतली कमर मेरे हाथों में थी। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे, जैसे प्यासे हों। उसकी जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी, और हम दोनों की सांसें एक-दूसरे में मिल रही थीं। “उम्म… विनय…” उसने सिसकारी भरी, और मेरे लंड में करंट दौड़ गया।

मैंने उसके टॉप को और ऊपर किया, और उसकी नाभि दिखने लगी। उसकी कमर इतनी सेक्सी थी कि मैं खुद को रोक न सका। मैंने उसकी कमर पर हाथ फेरा, और वो सिहर उठी। “आह… विनय, ये क्या कर रहा है?” उसने शरमाते हुए पूछा, लेकिन उसकी आँखों में वासना साफ दिख रही थी। मैंने उसके टॉप को पूरा खींचकर निकाल दिया। उसने गुलाबी जालीदार ब्रा पहनी थी, जिसमें से उसके 36 इंच के मम्मे उभर रहे थे। “क्या माल है तू, कृतिका,” मैंने कहा और उसे फिर से अपनी बाहों में जकड़ लिया।

मैंने उसके गले पर किस करना शुरू किया, और वो सिसकने लगी। “आह… विनय… धीरे ना…” उसकी आवाज में शरम और उत्तेजना का मिक्स था। मैंने उसके कंधों को चूमा, फिर उसकी ठुड्डी को हल्के से काटा। वो मचल उठी। मैंने उसे पलट दिया, और उसकी चिकनी पीठ मेरे सामने थी। मैंने उसकी पीठ पर किस किए, और हल्के से दाँत गड़ाए। “उई… विनय, ये क्या?” उसने कहा, लेकिन उसकी सिसकारियों से साफ था कि उसे मजा आ रहा था।

मैंने उसकी ब्रा की हुक खोल दी और उसे निकालकर साइड में फेंक दिया। फिर उसे पलटकर अपनी ओर किया। उसके बड़े, गोल, गोरे मम्मे मेरे सामने थे। उनके निपल्स के आसपास लाल-लाल घेरे थे, जो इतने सेक्सी थे कि मेरा लंड तनकर जींस में दर्द करने लगा। “कृतिका, तेरे मम्मे तो कयामत हैं,” मैंने कहा और उसके एक मम्मे को हाथ में लिया। वो मुलायम, गर्म, और भारी था। मैंने उसे दबाया, और कृतिका ने आँखें बंद कर लीं। “आह… विनय… धीरे…” उसने कहा, लेकिन मैं अब रुकने के मूड में नहीं था।

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मैंने उसके मम्मों को दोनों हाथों से दबाना शुरू किया। वो सिसक रही थी, “उई… आह… विनय… ओह…” मैंने उसके निपल्स को उंगलियों से मसला, और वो मचल उठी। फिर मैंने अपना मुँह उसके एक मम्मे पर रख दिया और उसे चूसने लगा। उसका निपल मेरे मुँह में था, और मैं उसे किसी आम की तरह चूस रहा था। “आआह… विनय… उई… मम्मी…” वो चीख रही थी, और उसका जिस्म कांप रहा था। मैंने उसके दूसरे मम्मे को हाथ से दबाया, और उसका निपल उंगलियों से मसला। उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।

मैंने करीब 20 मिनट तक उसके मम्मों को चूसा और दबाया। फिर मैंने अपनी टी-शर्ट और जींस उतार दी। मेरा 9 इंच का लंड, जो मोटा और तना हुआ था, अब आजाद था। मैं कृतिका के पेट पर बैठ गया और उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया। “ये ले, कृतिका, इसे पकड़,” मैंने कहा। वो शरमाई, लेकिन उसने मेरे लंड को पकड़ लिया। उसने धीरे-धीरे उसे सहलाना शुरू किया, और फिर तेजी से फेटने लगी। “विनय, ये कितना बड़ा है…” उसने शरमाते हुए कहा।

“हाँ, जान, ये तेरा ही इंतजार कर रहा था,” मैंने कहा और उसकी आँखों में देखा। वो मेरे लंड को तेजी से फेट रही थी, और मुझे ऐसा मजा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता। 15 मिनट तक उसने मेरे लंड को फेटा, और वो अब पूरी तरह से कड़क हो चुका था। मैंने उसके मम्मों के बीच में अपना लंड रख दिया और दोनों मम्मों को कसकर पकड़ लिया। फिर मैंने कमर हिलाकर उसके मम्मों को चोदना शुरू किया। “आह… विनय… उई… मम्मी…” वो सिसक रही थी, और उसकी आवाजें मुझे और जोश दिला रही थीं। मैंने करीब 25 मिनट तक उसके मम्मों को अपने लंड से चोदा, और वो मस्ती में डूब गई थी।

फिर मैंने उसकी जींस की बटन खोली और उसे नीचे खींच दिया। उसकी गुलाबी तिकोनी पैंटी मेरे सामने थी। मैंने अपना मुँह उसकी पैंटी पर रखा और उसकी चूत की खुशबू ली। एक गीली, नमकीन सी महक मेरी नाक में गई, और मेरा लंड और तन गया। “कृतिका, तेरी चूत की खुशबू तो पागल कर देगी,” मैंने कहा। उसने शरमाकर अपनी आँखें बंद कर लीं। मैंने उसकी पैंटी उतार दी, और उसकी साफ, चिकनी चूत मेरे सामने थी।

“तू रोज अपनी झांटें बनाती है?” मैंने हैरानी से पूछा।

“रोज नहीं… खास मौके पर,” उसने शरमाते हुए कहा।

“खास मौका?” मैंने पूछा।

“हाँ, मैं आज पूरी तरह से चुदने के मूड में थी। सुबह ही चूत को साफ कर लिया,” उसने कहा, और उसकी बात सुनकर मेरा जोश दोगुना हो गया।

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मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया और उसे चाटना शुरू किया। उसकी चूत नमकीन और हल्की कसैली थी, जैसे कोई नशा। मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत के दाने को छुआ, और वो मचल उठी। “उई… विनय… आह… माँ…” वो चीख रही थी। मैंने उसकी जाँघें और चौड़ी कीं, और उसकी चूत को गहराई से चाटने लगा। मेरी जीभ उसकी चूत के अंदर तक जा रही थी, और वो अपने हाथों से मेरे बाल नोच रही थी। “आह… विनय… ओह… ये क्या कर रहा है… उई…” उसकी सिसकारियाँ मुझे और उत्तेजित कर रही थीं।

मैंने उसकी चूत को करीब 50 मिनट तक चाटा। उसका जिस्म कांप रहा था, और उसकी चूत गीली हो चुकी थी। मैंने अपनी उंगलियाँ उसकी चूत में डालीं और उसे और उत्तेजित किया। “विनय… अब बस… मुझे चोद दे…” उसने कराहते हुए कहा।

मैंने कंडोम निकाला और अपने लंड पर चढ़ाया। फिर मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और धीरे से अंदर डाला। “आआह… विनय… धीरे… उई…” वो चीखी, लेकिन मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया। उसकी चूत टाइट थी, और मेरा मोटा लंड उसे पूरा भर रहा था। “फच… फच… फच…” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। मैंने उसकी कमर पकड़ी और तेज-तेज धक्के मारने लगा। “आह… विनय… ओह… मम्मी… उई…” वो सिसक रही थी, और उसकी सिसकारियाँ मुझे और जोश दे रही थीं।

मैंने उसे मिशनरी पोजीशन में करीब 30 मिनट तक चोदा। फिर मैंने उसे पलट दिया और उसे घोड़ी बनाया। उसकी गांड मेरे सामने थी, और मैंने अपना लंड उसकी चूत में फिर से डाल दिया। “आह… विनय… ये क्या… उई… माँ…” वो चीख रही थी। मैंने उसकी गांड पर हल्के से चपत मारी और तेज-तेज धक्के मारने लगा। “फच… फच… फच…” की आवाजें तेज हो रही थीं। उसकी चूत गीली थी, और मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था।

फिर मैंने उसे बिस्तर के किनारे पर लिटाया और उसकी टांगें अपने कंधों पर रखीं। इस पोजीशन में मैंने उसे और गहराई से चोदा। “आह… विनय… बस… मैं मर जाऊँगी… ओह…” वो चिल्ला रही थी। मैंने करीब 40 मिनट तक उसे अलग-अलग पोजीशन में चोदा—मिशनरी, घोड़ी, और फिर खड़े-खड़े। आखिर में मैंने कंडोम हटाया और उसकी चूत में ही माल गिरा दिया। वो थककर बिस्तर पर पड़ी थी, और उसकी सांसें तेज चल रही थीं।

मैंने उसे एक गर्भनिरोधक गोली दी, और हम दोनों एक-दूसरे की बाहों में लिपट गए। “विनय, ये तो जिंदगी का सबसे बड़ा मजा था,” उसने शरमाते हुए कहा।

“हाँ, जान, और ये तो बस शुरुआत है,” मैंने कहा और उसे फिर से चूम लिया।

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