नशे में बहन की बुर चाटी

Sharab ke nashe me chudai sex story – Drunk Sex Story: मेरे घर में हम चार लोग हैं। मैं, शैलेश गर्ग, उम्र 24 साल, गेहुंआ रंग, जिम में वक्त बिताने की वजह से बॉडी फिट और कसी हुई है। मेरी बहन प्रियंका दीदी, 25 साल की, एकदम माल, गोरी, लंबे काले बाल, और फिगर 32-36-40, जो किसी का भी लंड खड़ा कर दे। उनकी चूचियां इतनी भरी-भरी कि टाइट कपड़ों में उभरकर बाहर आती हैं, और गांड का तो कहना ही क्या, चलते वक्त लचकती है, देखकर किसी का भी पानी निकल जाए। मम्मी, सुनीता, 45 साल की, स्लिम और सलीके से रहने वाली, और पापा, रमेश, 48 साल के, बिजनेसमैन, जो ज्यादातर टूर पर रहते हैं। हमारी फैमिली बहुत फ्रैंक और खुली सोच वाली है। हर शनिवार रात घर में पार्टी होती है, ड्रिंक्स, स्नैक्स, म्यूजिक, सब कुछ। प्रियंका दीदी एक MNC में कॉल सेंटर की जॉब करती हैं, तो उनका लाइफस्टाइल भी काफी मॉडर्न है।

ये बात अगस्त की है, जब पापा ऑफिस के काम से दिल्ली गए थे। उस रविवार घर में सिर्फ मैं, प्रियंका दीदी और मम्मी थे। शाम को ऑफिस से लौटते वक्त मैंने और दीदी ने मिलकर वोडका, व्हिस्की और कुछ स्नैक्स लिए। मैं जल्दी घर पहुंचा, क्योंकि मुझे जोर की पेशाब लगी थी। मैं सीधे बाथरूम में घुस गया, जल्दबाजी में गेट खुला छोड़ दिया। जैसे ही मैंने अपना लंड बाहर निकाला और पेशाब शुरू किया, तभी प्रियंका दीदी अचानक बाथरूम में आ गईं। उन्हें नहीं पता था कि मैं अंदर हूँ। दो-तीन सेकंड तक वो मेरे लंड से निकलते पेशाब को देखती रहीं, फिर हंसते हुए बाहर चली गईं। मुझे गुस्सा आया, मैं बाहर निकला और बोला, “तुझे देखकर आना चाहिए था!” दीदी ने तपाक से जवाब दिया, “तुझे गेट लॉक करना चाहिए था, शैलेश!” उनके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी, जैसे वो मजाक में कुछ और कहना चाह रही हों। मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन उनकी वो मुस्कान मेरे दिमाग में अटक गई।

रात 9 बजे हम तीनों ड्रॉइंग रूम में बैठे थे। टीवी पर कोई बॉलीवुड मूवी चल रही थी, और हम ड्रिंक्स ले रहे थे। प्रियंका दीदी ने रेड टी-शर्ट और टाइट ब्लू जींस पहनी थी, जो उनकी फिगर को और उभार रही थी। टी-शर्ट इतनी टाइट थी कि उनकी चूचियों की शेप साफ दिख रही थी, और जींस में उनकी गांड इतनी मस्त लग रही थी कि मेरा लंड बार-बार सलामी देने लगता था। मम्मी ने हल्का सा पेग लिया, वो ज्यादा नहीं पीतीं। मैं और दीदी ने दो-दो पेग चढ़ाए, और नशा हल्का-हल्का चढ़ने लगा। मैंने नोटिस किया कि दीदी मुझे बार-बार देख रही थीं। उनकी आंखों में नशे के साथ कुछ और भी था, शायद एक शरारत, शायद कुछ और। हम दोनों बहुत फ्रैंक हैं, सब कुछ शेयर करते हैं, लेकिन उस रात उनकी नजरों में कुछ अलग सा था, जो मेरे दिल को बेचैन कर रहा था।

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ड्रिंक खत्म करके मैं छत पर गया, सिगरेट पीने। मैंने सिगरेट जलाई, दो कश लिए ही थे कि दीदी वहां आ गईं। वो जानती थीं कि मैं स्मोक करता हूँ, तो मुझे कोई टेंशन नहीं थी। अचानक दीदी ने मेरे हाथ से सिगरेट छीन ली और खुद पीने लगीं। मैं हैरान था, लेकिन उनके पीने का ढंग देखकर लग रहा था कि ये उनका पहली बार नहीं था। कॉल सेंटर में ये सब आम है, सो मैंने कुछ कहा नहीं। हमने सिगरेट शेयर की, हल्की-फुल्की बातें कीं, और फिर नीचे आए। मम्मी किचन में खाना गर्म कर रही थीं। तभी दीदी ने कहा, “शैलेश, आज थोड़ा और पीते हैं, कल संडे है, कोई जल्दी नहीं।” मैंने हामी भर दी। दीदी ने दो ग्लास लाए, मैंने वोडका निकाली, और हमने पेग बनाए। एक-एक करके हम पीते गए, माहौल गर्म हो रहा था, और नशा भी चढ़ रहा था।

दीदी की आंखें लाल हो गई थीं, उन्होंने मुझसे ज्यादा पी लिया था। उनकी हंसी अब खुली-खुली थी, और वो बार-बार मेरे कंधे पर हाथ रखकर हंस रही थीं। हमने खाना खाया, और फिर मैं अपने रूम में चला गया। मम्मी और दीदी दूसरे रूम में थीं। मैंने लैपटॉप खोला और कुछ देसी सेक्स स्टोरीज पढ़ने लगा। रात के करीब 1:30 बजे किसी ने मेरे रूम का दरवाजा खटखटाया। मुझे लगा मम्मी होंगी, पानी देने आई होंगी। मैंने लैपटॉप का पेज मिनिमाइज किया और दरवाजा खोला। बाहर प्रियंका दीदी खड़ी थीं, काले रंग की पतली सी नाइटी में, जो इतनी ट्रांसपेरेंट थी कि उनकी काली ब्रा और पैंटी की शेप साफ दिख रही थी। वो अंदर आईं और बोलीं, “मम्मी सो गई हैं, मुझे नींद नहीं आ रही, अकेले बोर हो रही हूँ।”

वो मेरे बेड पर बैठ गईं और बातें करने लगीं। बातों-बातों में उन्होंने लैपटॉप अपनी तरफ खींचा और स्टोरी वाला पेज खोल लिया। मैं घबरा गया, झट से लैपटॉप छीना और पेज बंद कर दिया। दीदी ने हंसते हुए पूछा, “क्या पढ़ रहा था, शैलेश?” मैंने कहा, “कुछ नहीं, बस टाइमपास।” बात करते-करते वो मेरे बेड पर ही लेट गईं, और थोड़ी देर में सो गईं। मैं भी उनके पास लेट गया, लेकिन नींद नहीं आ रही थी। करीब आधा घंटा बाद मेरा हाथ गलती से उनकी कमर पर चला गया। मैंने सोचा वो सो रही हैं, लेकिन अचानक दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चूचियों पर रख दिया। उनकी सांसें तेज थीं, आंखें बंद, लेकिन वो जाग रही थीं। शराब का नशा हमें दोनों को गलत रास्ते पर ले जा रहा था।

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मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने हिम्मत की और अपना हाथ उनकी चूचियों पर फिराने लगा। उनकी नाइटी इतनी पतली थी कि मैं उनकी ब्रा की लाइन और निप्पल की सख्ती महसूस कर सकता था। मैंने धीरे-धीरे उनकी चूचियां दबाईं, वो हल्का सा सिसक उठीं, “उम्म… आह…” उनकी सांसें और तेज हो गईं। मैं और करीब गया, उनकी गर्दन पर किस किया, फिर उनके कान के पास। वो मचल रही थीं, जैसे बेकाबू हो रही हों। मैंने उनकी नाइटी को धीरे-धीरे ऊपर किया, उनकी काली पैंटी दिखी, जो गीली हो चुकी थी। मैंने पैंटी को सूंघा, उसकी खुशबू से मेरा लंड और सख्त हो गया। मैंने उनकी नाइटी पूरी ऊपर कर दी और उतार दी। अब वो सिर्फ काली ब्रा और पैंटी में थीं। मैंने उनकी ब्रा के हुक खोले, और उनकी चूचियां उछलकर बाहर आ गईं। गोल, भरी-भरी, निप्पल गुलाबी और सख्त। मैं पागलों की तरह उनकी चूचियों को चूसने और काटने लगा। दीदी के मूंह से सिसकारियां निकल रही थीं, “आह… शैलेश… चूसो… और जोर से…”

वो अब पूरी तरह बेकाबू थीं। उन्होंने मुझे जोर से किस किया, उनका सलाइवा गर्म और मीठा था। वो मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगीं, मेरी जींस के ऊपर से ही उसे दबाने लगीं। मैंने उनकी पैंटी उतारी, उनकी बुर पूरी गीली थी, सफेद पानी से पैंटी भीग चुकी थी। मैंने अपनी जीभ उनकी बुर पर रखी, वो एकदम उछल पड़ीं, “आह्ह… शैलेश… ये क्या कर रहा है…” मैंने उनकी बुर को चाटना शुरू किया, जीभ को अंदर-बाहर करने लगा। उनकी बुर की खुशबू और स्वाद मुझे पागल कर रहे थे। दीदी मेरे बाल पकड़कर अपनी बुर पर दबाने लगीं, “चाट… और चाट… मेरी बुर को खा जा…” मैंने उनके क्लिट को जीभ से रगड़ा, फिर हल्के से दांतों से काटा। वो चीख पड़ीं, “उह्ह… आह… चोद दे मुझे…”

करीब 15 मिनट तक मैं उनकी बुर चाटता रहा, कभी जीभ अंदर डालता, कभी क्लिट को चूसता। दीदी की सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं, “आह… शैलेश… और चाट… हाय…” फिर दीदी ने मुझे खींचकर अपने ऊपर लिया और मेरी टी-शर्ट उतार दी। मैंने अपनी जींस और अंडरवियर उतारा, मेरा 7 इंच का लंड पूरा सख्त था। दीदी बेड से नीचे बैठ गईं और मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगीं। फिर उन्होंने उसे मूंह में लिया और चूसने लगीं, जैसे कोई चॉकलेट बार खा रही हों। “उम्म… कितना सख्त है… आह…” वो मेरे लंड को चूस रही थीं, और मैं उनके बाल पकड़कर उनके मूंह में धक्के दे रहा था। वो कभी लंड को पूरा मूंह में लेतीं, कभी जीभ से टिप को चाटतीं। करीब 10 मिनट तक वो चूसती रहीं, और मैं सातवें आसमान पर था।

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मैंने उन्हें बेड पर लिटाया, उनकी गांड के नीचे तकिया रखा, और उनके पैर फैलाए। उनकी बुर मेरे सामने थी, गीली और गुलाबी। मैंने फिर से उनकी बुर को चाटना शुरू किया, वो सिसक रही थीं, “शैलेश… अब डाल दे… प्लीज…” मैंने अपने लंड को उनकी बुर के मूंह पर रगड़ा, वो तड़प रही थीं, “फाड़ दे मेरी बुर… डाल ना…” मैंने एक जोरदार धक्का मारा, मेरा लंड उनकी बुर में पूरा घुस गया। वो चीख पड़ीं, “आह… मर गई… निकाल… दर्द हो रहा है…” मैं रुक गया, उनके ऊपर लेटा और उनकी चूचियां दबाने लगा, उन्हें किस करने लगा। धीरे-धीरे मैंने लंड को आगे-पीछे करना शुरू किया, उनकी बुर अब चिकनी हो चुकी थी।

अब दीदी को भी मजा आने लगा, वो अपनी कमर हिलाने लगीं, “आह… शैलेश… चोद… और जोर से…” मैंने स्पीड बढ़ा दी, हर धक्के के साथ उनकी चूचियां उछल रही थीं। “चटाक… चटाक…” की आवाज कमरे में गूंज रही थी। दीदी की सिसकारियां तेज हो रही थीं, “उह्ह… आह… चोद… मेरी बुर को फाड़ दे…” मैंने उन्हें घोड़ी बनाया, उनकी गांड को थपथपाया, और पीछे से लंड डाला। उनकी बुर इतनी टाइट थी कि हर धक्के में मजा दोगुना हो रहा था। वो चीख रही थीं, “हाय… शैलेश… और गहरा… फाड़ दे मेरी बुर…”

करीब 20 मिनट तक मैं उन्हें अलग-अलग पोजीशन में चोदता रहा। पहले घोड़ी, फिर उनकी टांगें उठाकर, फिर उन्हें मेरे ऊपर बिठाकर। वो मेरे लंड पर उछल रही थीं, उनकी चूचियां मेरे सामने नाच रही थीं। मैंने उनकी चूचियों को चूसा, उनके निप्पल काटे। वो झड़ चुकी थीं, उनकी बुर से पानी टपक रहा था, लेकिन मैं नहीं रुका। मैंने फिर से उन्हें लिटाया और जोर-जोर से धक्के मारे। दीदी बोलीं, “शैलेश… तेरा लंड कितना मस्त है… चोद मुझे… बना ले अपनी रंडी…”

अचानक मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने पूछा, “अंदर डाल दूं?” दीदी बोलीं, “नहीं… मूंह में…” मैंने लंड बाहर निकाला और उनके मूंह के पास ले गया। मैंने जोर-जोर से हिलाया, और मेरा सारा पानी उनके मूंह, नाक, और चेहरे पर गिर गया। वो हंसते हुए बोलीं, “कितना गर्म है तेरा माल…” हम दोनों थककर लेट गए। आधे घंटे बाद दीदी उठीं, मुझे किस किया, और बोलीं, “थैंक यू, शैलेश…” फिर वो अपनी नाइटी पहनकर मम्मी के रूम में चली गईं।

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