भाभी को कार में लंड चुसाया

Bhabhi ki car me chudai sex story: हेलो दोस्तों, मेरा नाम यश है। मैं आज आपको अपनी एक सच्ची और मसालेदार कहानी सुनाने जा रहा हूँ। ये कहानी मेरी और मेरे दूर के भाई सुमित की बीवी नितिशा के बीच की है। नितिशा, यार क्या माल है! उसकी उम्र कोई 28 साल की होगी, गोरी-चिट्टी, लंबे काले बाल, और वो कातिलाना फिगर – 34-28-36। उसकी चाल में एक अजीब सी मस्ती थी, जैसे वो जानबूझकर दिलों को धड़काती फिरती हो। सुमित, मेरा भाई, 32 साल का है, एवरेज लुक्स, थोड़ा सा गंजा हो रहा है, लेकिन अच्छा इंसान है। उसकी शादी नितिशा से चार महीने पहले हुई थी।

बात शुरू होती है मेरी शादी के रिश्ते से। नितिशा को पहले मेरे लिए देखा गया था। मैंने उसकी तस्वीर देखी, और यार, मुझे वो बिल्कुल देसी लगी। मैंने सोचा, मुझे तो कोई हॉट और मॉडर्न लड़की चाहिए। बस, मैंने उसे रिजेक्ट कर दिया। दो दिन बाद सुमित ने उसे देखा, उसे पसंद आ गई, और दोनों की शादी पक्की हो गई। शादी के बाद मैंने नितिशा को देखा भी नहीं था। लेकिन चार महीने बाद जब मैं सुमित की सोसाइटी में अपने दोस्तों से मिलने गया, तो एक दोस्त ने मुझसे कहा, “यार, तूने अपनी सोसाइटी का नया माल देखा?” मैंने पूछा, “कौन?” उसने हंसते हुए कहा, “अरे, तेरे भाई की बीवी, नितिशा! तूने उसे रिजेक्ट किया था ना? अब देखेगा तो पछताएगा, क्या आइटम बन गई है!”

मैंने हंसकर टाल दिया, लेकिन मन में एक चुलबुली सी फीलिंग जागी। मैंने सोचा, चलो, एक बार देख ही लेता हूँ। मैं सुमित के घर गया, लेकिन उस दिन कोई घर पर नहीं था। मैं खाली हाथ लौट आया। फिर एक महीने बाद सुमित का कॉल आया। रात को बोला, “यश, चल ना, बाहर डिनर करने चलते हैं। मैं, तू, और नितिशा।” मैंने सोचा, ये तो मौका है नितिशा को देखने का। मैं तुरंत तैयार हो गया और सुमित के घर के नीचे उसका इंतज़ार करने लगा।

थोड़ी देर बाद नितिशा नीचे आई। यार, क्या कहूँ! वो एक टाइट ब्लैक वन-पीस ड्रेस में थी, जो उसके कर्व्स को पूरी तरह से हाइलाइट कर रही थी। उसकी चूचियाँ इतनी भरी-भरी थीं कि ड्रेस के ऊपर से ही उभर रही थीं, और उसकी गांड? हाय, वो तो बाहर निकली हुई थी, जैसे बोल रही हो, “मुझे देख!” उसका लिप्स्टिक लगा चेहरा, काजल भरी आँखें, और वो हल्की सी स्माइल – मेरा तो लंड खड़ा हो गया उसे देखते ही। मैंने मन में सोचा, “यश, तूने इसे रिजेक्ट कर दिया? क्या बेवकूफी की!”

हम तीनों कार में बैठे। सुमित ड्राइव कर रहा था, नितिशा आगे की सीट पर थी, और मैं पीछे। कार चलते-चलते मैंने गौर किया कि नितिशा की ड्रेस का गला थोड़ा नीचे खिसक गया था, और उसकी लाल ब्रा की स्ट्रैप साफ दिख रही थी। मेरा दिमाग खराब हो गया। मैंने मौका देखकर उसे मैसेज किया, “भाभी, आपका कुछ दिख रहा है।” उसने फटाक से मेरी तरफ देखा, शर्म से लाल हो गई, और बोली, “क्या दिख रहा है, यश?” मैंने हंसते हुए कहा, “लाल रंग का कुछ, आज तो आपने कमाल पहन रखा है!” उसने जल्दी से अपनी ड्रेस ठीक की और मुझे थैंक्स कहा। फिर बोली, “घर से जल्दी में निकली थी, चेक नहीं किया।”

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हम रात को डिनर करने गए। खाना खाते-खाते हमारी बातें होने लगीं। नितिशा की स्माइल और उसकी वो हंसी, यार, मेरे दिल को चैन नहीं दे रही थी। डिनर के बाद हम घर लौट आए, लेकिन मेरा दिमाग उसी लाल ब्रा और उसकी टाइट ड्रेस में अटक गया था। अगले दिन सुमित ऑफिस चला गया। मैंने मौका देखकर नितिशा को मैसेज किया, “हाय, क्या कर रही हो?” उसने जवाब दिया, “बस, घर पर हूँ। तू क्या कर रहा है?” बस, यहीं से हमारी चैट शुरू हो गई।

बातों-बातों में नितिशा ने मुझसे पूछा, “यश, तूने मुझे शादी के लिए क्यों रिजेक्ट किया था?” मैंने हंसते हुए कहा, “यार, मेरी सबसे बड़ी गलती थी। मुझे लगा था तू देसी है, मुझे कोई हॉट लड़की चाहिए थी।” वो हंस पड़ी और बोली, “तो इस वजह से रिजेक्ट किया? एक बार मुझसे बात तो कर लेता। घरवाले जो दिखाते हैं, उस हिसाब से तो कपड़े पहनने पड़ते हैं ना!” मैंने कहा, “हाँ, अब तो तुझे देखकर पछतावा हो रहा है।” वो फिर हंसने लगी।

हमारी बातें अब थोड़ी फ्लर्टी हो गई थीं। मैंने पूछा, “नितिशा, सच बता, मैं तुझे पहले पसंद था?” उसने शरमाते हुए कहा, “हाँ, था तो।” मैंने तुरंत पूछा, “और अब?” वो बोली, “अब भी पसंद है।” बस, ये सुनते ही मेरा दिमाग चला गया। मैंने सोचा, ये तो मौका है। इसे पटा लूँ तो चुदाई का मज़ा ले लूँगा। मैंने बात को और आगे बढ़ाया। पूछा, “सुमित दिन में कितनी बार करता है?” वो शरमा गई और बोली, “यश, ऐसी बातें मत कर। अच्छा नहीं लगता।” मैंने हंसकर कहा, “अरे, करने के बाद तो मज़ा आता है ना!” वो हंस पड़ी।

थोड़ा जोर देने पर उसने बताया, “हफ्ते में एक बार करता है।” मैंने चौंकते हुए कहा, “बस एक बार? तुझे नहीं चाहिए?” वो बोली, “मुझे भी चाहिए, लेकिन जबरदस्ती तो नहीं कर सकती ना।” मैंने बात को और गर्म किया। पूछा, “नितिशा, तेरी ब्रा का साइज़ क्या है?” वो शरमाई, लेकिन बोली, “क्यों जानना है?” मैंने कहा, “अरे, उस दिन डिनर पर तेरे बूब्स देखे, इतने बड़े थे, सोच रहा हूँ 34 तो होंगे!” वो हंस पड़ी और बोली, “नहीं, 32 की ब्रा पहनती हूँ।” मैंने मज़ाक में कहा, “नहीं, तू गलत बता रही है। चल, मैं आकर चेक कर लूँ?” वो गुस्से में बोली, “आके चेक कर ले!” फिर हंसकर बोली, “मज़ाक कर रही हूँ।”

मैंने कहा, “मैं मज़ाक नहीं कर रहा। सच में आ जाऊँ?” वो बोली, “अभी नहीं, टाइम आएगा तो बता दूँगी।” फिर उसने कहा, “अच्छा, एक काम कर।” मैंने पूछा, “क्या?” वो बोली, “मेरे बूब्स की एक फोटो माँग रहा है ना?” मैंने कहा, “हाँ, भेज ना, प्लीज़!” वो बोली, “नहीं, पागल हो क्या? बाद में प्रॉब्लम होगी।” मैंने कसम खाई कि डिलीट कर दूँगा। आखिरकार उसने हामी भरी और थोड़ी देर बाद एक फोटो भेज दी। यार, क्या बूब्स थे! गुलाबी निप्पल्स, भरे हुए, जैसे जन्नत का फल। मैंने मैसेज किया, “नितिशा, इन्हें एक बार दबाने का मन है।” वो हंसकर बोली, “मिलेंगे तब दबा लेना, जी भरके।”

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दो दिन बाद उसका मैसेज आया, “चल, मिलते हैं।” मैं तो खुशी से उछल पड़ा। मैंने कहा, “मैं तुझे लेने आता हूँ। लेकिन पहले वो ब्लैक ब्रा और ब्लैक चड्डी पहन ले।” उसने हँसते हुए कहा, “ठीक है, जो तू कहे।” मैंने उसे एक सुनसान जगह पर बुलाया। वो आई, ब्लैक ड्रेस में, टाइट ब्रा और चड्डी के साथ। जैसे ही वो कार में बैठी, मैंने उसे देखा और बस, कंट्रोल खो दिया। मैंने उसे बाहों में खींच लिया और होंठों पर किस करना शुरू कर दिया। उसके होंठ इतने नरम थे, जैसे रस भरी मलाई। वो भी मेरा साथ देने लगी, लेकिन थोड़ा हिचक रही थी। बोली, “यश, लोग देख रहे होंगे।”

मैंने कहा, “कोई नहीं देख रहा।” मैंने उसकी ड्रेस के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए। वो सिसकने लगी, “आह्ह, यश, धीरे!” मैंने उसकी ड्रेस का गला नीचे खींचा, और उसकी ब्लैक ब्रा साफ दिखने लगी। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके निप्पल्स को चूमा। वो कराह उठी, “उम्म, यश, ये क्या कर रहा है?” मैंने कहा, “बस, तेरा मज़ा ले रहा हूँ।” मैंने कार चलानी शुरू की, लेकिन मेरा एक हाथ उसकी जांघों पर था, धीरे-धीरे उसकी चड्डी की तरफ बढ़ रहा था। वो शरमाते हुए बोली, “कंडोम लाया है ना?” मैंने कहा, “नहीं, लेकिन बाहर निकाल लूँगा।” वो गुस्से में बोली, “अगर अंदर निकाला तो तू मरेगा!”

हम एक होटल में गए। रूम में घुसते ही मैंने नितिशा को बाहों में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया। मैंने उसकी ड्रेस उतार दी। अब वो सिर्फ ब्लैक ब्रा और चड्डी में थी। उसका गोरा बदन, वो भरे हुए बूब्स, और उसकी चिकनी जांघें – मैं पागल हो गया। मैंने उसकी ब्रा खोल दी, और उसके गुलाबी निप्पल्स मेरे सामने थे। मैंने एक निप्पल मुँह में लिया और चूसने लगा। वो सिसक रही थी, “आह्ह, यश, धीरे… उम्म्म!” मैंने दूसरा बूब दबाया, और वो कराहने लगी। उसका एक हाथ मेरे लंड पर गया, और वो उसे पैंट के ऊपर से सहलाने लगी।

मैंने अपनी पैंट उतारी, और मेरा 8 इंच का लंड बाहर आ गया। वो उसे देखकर बोली, “यश, ये तो बहुत बड़ा है!” मैंने हंसकर कहा, “अब तुझे पता चलेगा असली मज़ा।” मैंने उसे नीचे बिठाया और अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया। वो थोड़ा हिचकी, लेकिन फिर उसने मेरे लंड को मुँह में लिया। यार, क्या चूस रही थी! उसकी जीभ मेरे लंड के टॉप पर घूम रही थी, और वो धीरे-धीरे उसे अंदर-बाहर कर रही थी। मैंने उसके बाल पकड़े और उसे और तेज चूसने को कहा। वो “उम्म… उम्म…” की आवाज़ें निकाल रही थी। करीब 15 मिनट तक उसने मेरा लंड चूसा, और मैं जोश में आ गया।

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फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चड्डी उतार दी। उसकी चूत पूरी तरह गीली थी, जैसे शहद टपक रहा हो। मैंने उसकी चूत पर जीभ रखी और चाटना शुरू किया। वो चिल्ला उठी, “आह्ह, यश… ये क्या… उम्म्म… और कर!” मैंने उसकी चूत के दाने को चूसा, और वो पागल हो गई। उसने मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाया और बोली, “हाय, यश… और चाट… आह्ह!” मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाली, और वो उछल पड़ी।

थोड़ी देर बाद मैंने उसे उल्टा किया। उसकी गांड मेरे सामने थी, गोल, चिकनी, जैसे कोई मखमली तकिया। मैंने उसकी गांड पर एक ज़ोर का थप्पड़ मारा। वो चिल्लाई, “आउच, यश, धीरे!” मैंने हंसकर कहा, “अब तो तुझे पूरा मज़ा दूँगा।” मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और धीरे से अंदर डाला। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा आधा लंड ही अंदर गया। वो चिल्लाई, “आह्ह, यश… धीरे… दुख रहा है!” मैंने कहा, “बस, मेरी जान, पहली बार है ना, थोड़ा दर्द होगा।”

मैंने धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर डाला और धक्के मारने शुरू किए। वो कराह रही थी, “आह्ह… उम्म्म… यश, और ज़ोर से!” मैंने स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत से “पच-पच” की आवाज़ें आ रही थीं। मैंने उसके बूब्स पकड़े और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। वो चिल्ला रही थी, “हाय… यश… और ज़ोर से… आह्ह!” फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। उसकी गांड मेरे हर धक्के के साथ हिल रही थी। मैंने उसकी कमर पकड़ी और ज़ोर-ज़ोर से ठोका।

थोड़ी देर बाद वो मेरे ऊपर चढ़ गई। उसने मेरा लंड अपनी चूत में लिया और उछलने लगी। उसके बूब्स मेरे सामने हिल रहे थे। मैंने उन्हें पकड़ा और चूसने लगा। वो चिल्ला रही थी, “आह्ह… यश… तू सुमित से कहीं बेहतर है… और ज़ोर से… उम्म्म!” मैंने उसे नीचे लिटाया और मिशनरी स्टाइल में चोदना शुरू किया। उसकी चूत अब पूरी तरह खुल चुकी थी, और मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था।

करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद मैंने कहा, “नितिशा, अब झड़ने वाला हूँ।” वो बोली, “बाहर निकाल, यश!” लेकिन मैं जोश में था। मैंने उसकी चूत में ही सारा माल निकाल दिया। वो गुस्से में चिल्लाई, “यश, मैंने कहा था ना!” मैंने हंसकर कहा, “सॉरी, मेरी जान, मज़ा इतना था कि कंट्रोल नहीं हुआ।” फिर हम दोनों थककर बेड पर लेट गए और एक-दूसरे की बाहों में सो गए।

दोस्तों, आपको मेरी और नितिशा की ये चुदाई की कहानी कैसी लगी? क्या आपको भी ऐसी भाभी के साथ मज़ा लेने का मन करता है? नीचे कमेंट में बताइए!

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