सीमा को पापा ने चोद डाला

Papa Beti ki chudai erotic story: मैं आपको अपनी गर्लफ्रेंड सीमा की एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो आज से पाँच साल पहले घटी। ये कहानी इतनी गर्म और वास्तविक है कि आप इसे पढ़कर हर पल को महसूस करेंगे। सीमा उस वक्त 18 साल की थी, एकदम जवान, गोरी, और हसीन। उसकी फिगर थी 34-28-36, मम्मे भरे हुए, कमर पतली, और गाण्ड गोल-मटोल, जो उसकी नीली नाइटी में और भी उभरकर दिखती थी। उसके लंबे, काले, रेशमी बाल उसकी कमर तक लहराते थे, और उसकी आँखों में एक मासूमियत थी, जो किसी को भी दीवाना बना दे। उसके पापा, रमेश, 40 साल के थे, मज़बूत कद-काठी के मालिक, चेहरा थोड़ा सख्त लेकिन आकर्षक। रमेश का बदन मेहनतकश था, और वो अपनी बेटी सीमा को अकेले पाल रहे थे, क्योंकि सीमा की माँ की मौत उसके जन्म के वक्त ही हो गई थी। रमेश ने कभी दूसरी शादी नहीं की, अपनी सारी ज़िंदगी सीमा को समर्पित कर दी।

ये जून का महीना था, गर्मी अपने चरम पर थी। दोपहर के 2 बजे सूरज आग उगल रहा था, और हवा में गर्म लपटें तैर रही थीं। सीमा कॉलेज से थक-हारकर घर लौटी। उसने एक पतली, नीली नाइटी पहनी थी, जो पसीने से चिपककर उसके बदन की हर गोलाइयों को उभार रही थी। उसकी नाइटी इतनी हल्की थी कि उसकी गुलाबी पैंटी की हल्की-सी झलक दिख रही थी। गर्मी और थकान ने उसे इतना परेशान किया कि उसने बिना कुछ खाए-पिए अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर लेट गई। कमरे में पुराना सा पंखा चल रहा था, लेकिन गर्मी इतनी थी कि उसकी साँसें भारी थीं। थकान ने उसे जल्दी ही नींद की आगोश में ले लिया।

नींद में सीमा की नाइटी घुटनों से ऊपर खिसक गई थी। उसकी गोरी, चिकनी जांघें खुली पड़ी थीं, और उसकी पैंटी का किनारा हल्का-सा दिख रहा था। उसका बदन इस तरह लेटा था कि कोई भी उसे देखकर बेकाबू हो जाए। उसी वक्त रमेश, जो घर पर ही थे, बाथरूम जाने के लिए सीमा के कमरे के पास से गुज़रे। उनकी नज़र अपनी बेटी पर पड़ी, और वो एकदम रुक गए। सीमा की खुली जांघें, उसकी नाइटी का ऊपर खिसकना, और उसकी गुलाबी पैंटी की झलक ने रमेश के दिल में आग लगा दी। 18 साल से दबी उनकी वासना अचानक जाग उठी। उनकी साँसें तेज़ हो गईं, और उनकी लुंगी के नीचे उनका 8 इंच लंबा, 3 इंच मोटा लंड सख्त होने लगा।

रमेश पहले बाथरूम गए, ठंडा पानी अपने चेहरे पर मारा, लेकिन उनका दिमाग़ उसी दृश्य में अटक गया था। वो वापस लौटे और चुपके से सीमा के बिस्तर के पास बैठ गए। उनकी साँसें तेज़ थीं, और उनका लंड अब लुंगी में सलामी दे रहा था। उन्होंने धीरे-धीरे अपनी उंगलियाँ सीमा की चिकनी जांघों पर फेरनी शुरू कीं। उसकी मुलायम त्वचा को छूते ही उनकी उत्तेजना और बढ़ गई। वो धीरे-धीरे उसकी जांघों को सहलाने लगे, और उनकी उंगलियाँ उसकी पैंटी के किनारे तक पहुँच गईं। सीमा की साँसें नींद में भी थोड़ी भारी होने लगीं, मानो उसका शरीर रमेश के स्पर्श को महसूस कर रहा हो।

रमेश का दिल अब और बेकाबू हो रहा था। उन्होंने अपना चेहरा सीमा के चेहरे के पास लाया और धीरे से उसके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उनका एक हाथ अब सीमा के 34 साइज़ के मम्मों पर था, और वो हल्के-हल्के उन्हें दबाने लगे। सीमा की नींद अचानक टूट गई। वो चौंककर उठ बैठी और घबराते हुए बोली, “पापा, ये आप क्या कर रहे हैं? ये गलत है, पापा! ये पाप है!” उसकी आवाज़ में डर था, लेकिन साथ ही एक अजीब सी उलझन भी।

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रमेश अब पूरी तरह वासना में डूब चुके थे। उनकी आँखों में जुनून की चमक थी। उन्होंने सीमा को अपनी मज़बूत बाहों में कस लिया और उसके होंठों को ज़ोर से चूमने लगे। सीमा ने खुद को छुड़ाने की कोशिश की, “पापा, छोड़ो मुझे… ये गलत है!” लेकिन रमेश की पकड़ इतनी मज़बूत थी कि वो हिल भी नहीं पाई। रमेश का एक हाथ अब भी उसके मम्मों को दबा रहा था, और दूसरा हाथ उसकी नाइटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा। सीमा का शरीर धीरे-धीरे गर्म होने लगा। उसका विरोध कमज़ोर पड़ने लगा, और उसकी साँसें तेज़ होने लगीं। वो अब भी कह रही थी, “पापा, ये गलत है…” लेकिन उसकी आवाज़ में अब डर कम और उत्तेजना ज़्यादा थी।

रमेश ने सीमा को बिस्तर पर लिटा दिया। वो अब उसके मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहे थे, और उनकी उंगलियाँ उसकी नाइटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ रही थीं। सीमा की साँसें अब पूरी तरह उखड़ रही थीं। उसने धीरे-धीरे रमेश के होंठों पर चूमना शुरू कर दिया। रमेश ने उसकी नाइटी को धीरे-धीरे ऊपर उठाया, और अब उनकी उंगलियाँ सीमा की गुलाबी पैंटी के ऊपर से उसकी चिकनी, गीली चूत को सहला रही थीं। सीमा की साँसें और तेज़ हो गईं, और वो हल्के-हल्के सिसकारियाँ ले रही थी, “उम्म्म… आह्ह्ह… पापा…”

रमेश ने अपनी लुंगी उतार दी। उनका 8 इंच का लंड अब पूरी तरह तनकर लोहे की तरह सख्त हो चुका था। सीमा ने उसे देखा और एक पल के लिए डर गई। उसने पहले कभी इतना बड़ा लंड नहीं देखा था। रमेश ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड पर रख दिया। सीमा ने पहले हिचकिचाते हुए, फिर धीरे-धीरे उसे सहलाना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ उनके सुपारे पर चक्कर काट रही थीं, और वो अब पूरी तरह खुल चुकी थी। उसने कहा, “पापा, ये तो बहुत बड़ा है… मैं डर रही हूँ…”

रमेश ने मुस्कुराते हुए कहा, “डर मत, मेरी जान… तुझे बहुत मज़ा आएगा।” उन्होंने सीमा की नाइटी पूरी तरह उतार दी। अब वो सिर्फ़ गुलाबी पैंटी और ब्रा में थी। उसका गोरा बदन, भरे हुए मम्मे, और पतली कमर रमेश को पागल कर रहे थे। उन्होंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए, और उसके 34 साइज़ के मम्मे आज़ाद हो गए। रमेश ने एक मम्मा अपने मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगे। उनकी जीभ उसके निप्पल पर चक्कर काट रही थी, और वो उसे हल्के-हल्के काट भी रहे थे। सीमा के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं, “आह्ह्ह… पापा… ओह्ह्ह… और चूसो…”

रमेश ने अब उसकी पैंटी भी उतार दी। सीमा की चिकनी, गुलाबी चूत उनके सामने थी, हल्के-हल्के बालों के साथ, जो गीली हो चुकी थी। रमेश ने अपनी उंगलियों से उसकी चूत को सहलाया, और सीमा का शरीर सिहर उठा। वो अब पूरी तरह उनके साथ थी। उसने भी रमेश के लंड को अपने हाथ में लिया और उसे ज़ोर-ज़ोर से सहलाने लगी। उसकी उंगलियाँ उनके सुपारे पर खेल रही थीं, और वो उसे हल्के-हल्के मसल रही थी। रमेश ने कहा, “वाह, मेरी रानी… तू तो कमाल है… और ज़ोर से सहला…”

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सीमा की चूत में अब खुलजी होने लगी थी। उसने कहा, “पापा, अब मेरी चूत को चाटो ना… मुझसे रहा नहीं जा रहा…” रमेश ने अपनी पोज़ीशन बदली और 69 में आ गए। उनका मोटा, तना हुआ लंड अब सीमा के मुँह के पास था, और उनकी जीभ सीमा की चूत को चाट रही थी। सीमा ने उनके लंड को अपने मुँह में लिया और धीरे-धीरे चूसने लगी। उसकी जीभ उनके सुपारे पर चक्कर काट रही थी, और वो उसे गले तक ले रही थी। रमेश की जीभ उसकी चूत के दाने को चाट रही थी, और वो उसे अंदर-बाहर कर रहे थे। सीमा के मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं, “उम्म्म… आह्ह्ह… पापा… और चाटो… बहुत मज़ा आ रहा है…”

रमेश ने अपनी जीभ को और तेज़ी से चलाना शुरू किया। वो सीमा की चूत के दाने को चूस रहे थे, और उनकी उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर-बाहर हो रही थीं। सीमा भी अब उनके लंड को ज़ोर-ज़ोर से चूस रही थी। उसने उनके लंड को गले तक ले लिया, और उसकी जीभ उनके सुपारे पर चक्कर काट रही थी। रमेश ने पूछा, “मज़ा आ रहा है, बेटी?” सीमा ने सिसकारी लेते हुए कहा, “हाँ, पापा… बहुत मज़ा आ रहा है… और चाटो ना… मेरी चूत प्यासी है…”

दोनों अब पूरी तरह एक-दूसरे में खो चुके थे। रमेश ने सीमा की चूत को और ज़ोर से चाटा, और उनकी उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर गहराई तक जा रही थीं। सीमा ने भी उनके लंड को और तेज़ी से चूसा। अचानक रमेश ने कहा, “सीमा, मेरा निकलने वाला है!” सीमा ने जवाब दिया, “पापा, मेरी चूत भी झड़ने वाली है… और ज़ोर से चाटो!” दोनों ने एक-दूसरे को और ज़ोर से पकड़ लिया। रमेश ने अपना सारा पानी सीमा के मुँह में छोड़ दिया, और सीमा ने उसे पूरा गटक लिया। उसी वक्त सीमा की चूत ने भी पानी छोड़ दिया, और रमेश ने उसे चाट-चाटकर साफ़ कर दिया।

दोनों थोड़ी देर के लिए शांत हुए। सीमा उठी और रमेश के ऊपर चढ़ गई। वो उनके होंठों को चूमने लगी, और रमेश का लंड फिर से सख्त होने लगा। सीमा ने उनके लंड को अपने हाथ में लिया और उसे फिर से चूसना शुरू किया। उसकी जीभ उनके सुपारे पर खेल रही थी, और वो उसे हल्के-हल्के काट भी रही थी। रमेश एक मम्मा चूस रहे थे और दूसरे के निप्पल को अपनी उंगलियों से मसल रहे थे। सीमा की सिसकारियाँ फिर से शुरू हो गईं, “आह्ह्ह… पापा… और चूसो… ओह्ह्ह… मेरी चूत फिर से गीली हो रही है…”

सीमा की चूत में अब फिर से खुलजी होने लगी थी। उसने कहा, “पापा, अब मेरी चूत की प्यास बुझाओ… अब मुझसे रहा नहीं जा रहा!” रमेश ने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी टाँगों के बीच जगह बनाकर बैठ गए। उनका लंड अब सीमा की चूत के मुँह पर था। जैसे ही उन्होंने अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रगड़ा, सीमा के मुँह से एक ज़ोरदार सिसकारी निकली, “आह्ह्ह… पापा… कितना गर्म है ये!” रमेश ने धीरे से एक धक्का मारा, और उनका आधा लंड सीमा की चूत में समा गया। सीमा के मुँह से एक चीख निकली, “आह्ह्ह… पापा… दर्द हो रहा है!”

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रमेश ने धक्के रोक दिए और सीमा के होंठों को चूमने लगे। वो उसके मम्मों को सहलाने लगे, और धीरे-धीरे उसका दर्द कम होने लगा। सीमा ने कहा, “पापा, अब ठीक है… धीरे-धीरे करो…” रमेश ने फिर से धक्के शुरू किए, लेकिन इस बार धीरे-धीरे। उनका लंड अब सीमा की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था, और हर धक्के के साथ एक फच-फच की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। सीमा की चूत अब गीली हो चुकी थी, और वो हर धक्के के साथ सिसकारियाँ ले रही थी, “आह्ह्ह… पापा… और ज़ोर से… ओह्ह्ह… कितना मज़ा आ रहा है…”

रमेश ने अब अपनी रफ्तार बढ़ा दी। वो सीमा को ज़ोर-ज़ोर से चोद रहे थे, और सीमा भी नीचे से अपनी गाण्ड उछाल-उछालकर उनका साथ दे रही थी। उसकी चूत अब पूरी तरह गीली थी, और हर धक्के के साथ फच-फच की आवाज़ और तेज़ हो रही थी। सीमा चिल्ला रही थी, “पापा… और ज़ोर से… मेरी चूत को फाड़ दो… आह्ह्ह… ओह्ह्ह…” रमेश ने अब पोज़ीशन बदली। उन्होंने सीमा को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। इस पोज़ीशन में उनका लंड और गहराई तक जा रहा था, और सीमा की सिसकारियाँ अब चीखों में बदल गई थीं, “आह्ह्ह… पापा… ये तो बहुत गहरा जा रहा है… ओह्ह्ह… और ज़ोर से…”

रमेश ने सीमा की गाण्ड को थपथपाया और कहा, “मेरी रानी, तेरी चूत तो बहुत टाइट है… कितना मज़ा दे रही है तू…” वो अब ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहे थे, और सीमा की चूत से पानी टपक रहा था। कमरे में फच-फच और आह्ह्ह-ओह्ह्ह की आवाज़ें गूँज रही थीं। अचानक सीमा ने कहा, “पापा, मैं झड़ने वाली हूँ… और ज़ोर से चोदो!” रमेश ने अपनी पूरी ताकत लगा दी, और दोनों एक साथ झड़ गए। रमेश ने अपना सारा पानी सीमा की चूत में छोड़ दिया, और सीमा ने भी उनकी बाहों में कसकर अपनी चूत का पानी छोड़ दिया।

दोनों कुछ देर तक एक-दूसरे की बाहों में पड़े रहे। फिर वो उठे और बाथरूम गए। वहाँ उन्होंने एक-दूसरे को साफ किया, और फिर अपने-अपने कपड़े पहन लिए। सीमा को चलने में थोड़ी तकलीफ हो रही थी। उसकी चूत में हल्का-हल्का दर्द था, और वो टाँगें खोल-खोलकर चल रही थी। लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी संतुष्टि थी। रमेश ने उसे गले लगाया और कहा, “मेरी जान, तूने मुझे आज स्वर्ग दिखा दिया…” सीमा ने शरमाते हुए कहा, “पापा, ये हमारा रिश्ता अब और गहरा हो गया है…”

अब ये उनका रोज़ का रुटीन बन गया था। सीमा और रमेश इस नए रिश्ते से खुश थे, और हर दिन एक-दूसरे के साथ नए-नए तरीकों से मज़े लेते थे।

दोस्तों, आपको ये कहानी कैसी लगी? अपनी राय ज़रूर देना।

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