देवर को पिलाया अपना मीठा गाढ़ा दूध

Indian bhabhi boobs – Doodh chusai – Chuchi chusna sex story : दोस्तो, मेरा नाम लावण्या सिंह है। मैं मुंबई की रहने वाली हूँ, उम्र 28 साल, रंग गोरा, और फिगर 36-28-38। मेरे बाल लंबे और रेशमी हैं, जो कमर तक लहराते हैं। मेरी शादी को दो साल हो चुके हैं, और मेरा एक प्यारा सा बेटा, प्रसाद, अब एक साल का है। मेरा पति, राजेश, 32 साल का, एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर है, कद 5 फीट 11 इंच, और दिखने में स्मार्ट। मेरा देवर, राहुल, 25 साल का, जिम जाता है, कद 5 फीट 10 इंच, गठीला शरीर, और चेहरे पर एक शरारती मुस्कान हमेशा रहती है। मेरे सास-ससुर, दोनों 50 के आसपास, रिटायर्ड हैं, और घर में ही रहते हैं। हमारा परिवार छोटा है, लेकिन प्यार और हंसी-मजाक से भरा हुआ। ये मेरी सच्ची कहानी है, जो मैं आज पहली बार आपके साथ शेयर कर रही हूँ।

मेरा बेटा प्रसाद अब मेरा दूध ज्यादा नहीं पीता। वो बस थोड़ा-सा चूसता है और फिर मुँह फेर लेता है। मेरे 36D साइज के मम्मे दूध से भरे रहते हैं, और जब दूध नहीं निकलता, तो उनमें भारीपन और दर्द होने लगता है। मेरे पति राजेश को मेरा दूध बहुत पसंद है। रात को वो मेरे मम्मों को चूस-चूस कर खाली कर देते, और मुझे राहत मिलती। उनकी जीभ मेरे निप्पलों को ऐसे सहलाती कि मेरी चूत में आग सी लग जाती। लेकिन ये कहानी तब की है, जब राजेश को कुछ जरूरी काम से बाहर जाना पड़ा।

बात कुछ महीने पहले की है। हमारे रिश्तेदार की शादी लखनऊ में थी। पूरा परिवार जाने की तैयारी में था। मेरे सास-ससुर, राहुल, मैं, और प्रसाद, सबने रात 8 बजे की ट्रेन पकड़ने का प्लान बनाया। राजेश को अगले दिन आना था, क्योंकि उनका ऑफिस का काम बाकी था। हम सब समय पर स्टेशन पहुँच गए। मैंने एक टाइट सलवार-कमीज पहनी थी, गहरे नीले रंग की, जिसके साथ लाल दुपट्टा था। मेरी ब्रा दूध की वजह से थोड़ी गीली थी, क्योंकि प्रसाद ने दिन में ज्यादा दूध नहीं पिया था। राहुल ने कैजुअल टी-शर्ट और नाइट पैंट पहनी थी, जिसमें वो कूल लग रहा था। सास-ससुर ने साधारण कुर्ता-पायजामा और साड़ी पहनी थी।

ट्रेन आई, और हम अपनी बर्थ पर चढ़ गए। सास-ससुर की बर्थ दूसरी बोगी में थी, जबकि मैं, राहुल, और प्रसाद एक ही बोगी में थे। मेरी बर्थ लोअर थी, और राहुल की सामने वाली मिडिल बर्थ। प्रसाद मेरी गोद में खेल रहा था। ट्रेन चल पड़ी, और धीरे-धीरे रात गहराने लगी। मैंने प्रसाद को अपनी गोद में सुलाया, और राहुल के साथ बातें करने लगी। वो हमेशा की तरह मजाक कर रहा था। “भाभी, आप तो दिन-ब-दिन और हॉट होती जा रही हो,” उसने हँसते हुए कहा। मैंने उसे हल्का सा कोहनी मारी और बोली, “चल, बदमाशी मत कर।” उसकी बातें मुझे हंसी दे रही थीं, लेकिन कहीं न कहीं मेरे मन में एक अजीब सा रोमांच भी जाग रहा था।

रात के 11 बजे तक हम बातें करते रहे, फिर प्रसाद को नींद आ गई। वो राहुल की गोद में सो गया, और मैंने अपनी बर्थ पर लेटकर आँखें बंद कर लीं। मेरे मम्मों में हल्का दर्द शुरू हो रहा था, क्योंकि दूध जमा हो रहा था। मैंने सोचा कि सुबह तक शायद ठीक हो जाएगा। लेकिन रात के करीब 1 बजे प्रसाद अचानक रोने लगा। उसकी आवाज से मेरी और राहुल की नींद खुल गई। राहुल ने उसे तुरंत मेरी गोद में दे दिया। मैंने अपनी कमीज के नीचे के दो बटन खोले, ब्रा को थोड़ा नीचे सरकाया, और एक चूची निकालकर प्रसाद के मुँह में दे दी। वो चुप हो गया और हल्का-हल्का चूसने लगा, लेकिन ज्यादा नहीं पिया।

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मैंने नजर उठाकर देखा तो राहुल की आँखें मेरे नंगे मम्मे पर टिकी थीं। उसकी नजरों में वासना साफ झलक रही थी। मैंने गौर किया कि उसकी नाइट पैंट में तंबू बना हुआ था। उसका लंड, शायद 7 इंच का, पूरा खड़ा था, और पैंट में साफ दिख रहा था। मुझे उसकी हालत देखकर हंसी भी आई और एक अजीब सी गुदगुदी भी हुई। मेरी चूत में हल्की सी सनसनी होने लगी। मैंने जानबूझकर दूसरा मम्मा भी बाहर निकाला और प्रसाद को उससे लगाया। पहला मम्मा, जो अब खाली था, हवा में लटक रहा था, और उससे दूध की बूँदें टपक रही थीं। मैंने दुपट्टा थोड़ा सा सरकाया, ताकि राहुल को और साफ दिखे।

बोगी में सन्नाटा था। बाकी सब सो रहे थे। राहुल की साँसें तेज हो रही थीं। मैंने देखा कि उसकी पैंट में एक गीला दाग बन गया था। शायद उसका वीर्य निकल चुका था। ऐसा लग रहा था जैसे उसने अंदर कुछ नहीं पहना था। वो अचानक होश में आया और मेरी तरफ देखने लगा। मैंने तुरंत आँखें बंद कर लीं, जैसे कुछ देखा ही न हो। वो उठकर वॉशरूम की तरफ चला गया, शायद अपनी पैंट साफ करने।

उसके जाने के बाद मैं अकेली थी। प्रसाद मेरी गोद में सो चुका था। मैंने अपने दोनों मम्मों को दुपट्टे से ढक लिया, लेकिन राहुल की हालत सोचकर मेरी हंसी नहीं रुक रही थी। मेरी चूत में अब आग सी लग रही थी। उसका खड़ा लंड बार-बार मेरे दिमाग में घूम रहा था। मैंने मन ही मन ठान लिया कि एक दिन राहुल से जरूर चुदवाऊँगी। वो वापस आया और सोने का नाटक करने लगा। मैंने भी आँखें बंद कर लीं, लेकिन नींद नहीं आ रही थी।

कुछ देर बाद, मुझे अपने एक मम्मे पर गर्माहट महसूस हुई। मैंने चुपके से आँखें खोलीं तो देखा कि राहुल ने मेरा दुपट्टा हल्का सा हटाया था और मेरा एक मम्मा अपने मुँह में ले लिया था। वो बड़े प्यार से मेरा दूध चूस रहा था। उसकी जीभ मेरे निप्पल को सहला रही थी, और दूध की बूँदें उसके मुँह में जा रही थीं। “आह्ह…” मेरे मुँह से हल्की सी सिसकारी निकल गई। मैंने जानबूझकर कुछ नहीं कहा, बस कुनमुनाने का नाटक किया।

मुझे जागता देख वो तुरंत अपनी बर्थ पर लौट गया और सोने का नाटक करने लगा। मैंने उसे घूरा, तो वो थोड़ा घबरा गया। उसका चेहरा लाल हो रहा था। मैंने हल्का सा मुस्कुराकर कहा, “क्या बात है, राहुल? नींद नहीं आ रही?” वो हड़बड़ा गया और बोला, “नहीं भाभी, बस ऐसे ही…” मैंने उसकी शरम देखकर हंसी रोक ली और सोने की कोशिश करने लगी। लेकिन मेरी चूत में अब गुदगुदी बढ़ रही थी। मैंने अपने पैरों को आपस में रगड़ा, लेकिन वो आग बुझ नहीं रही थी।

करीब तीन घंटे बाद, रात के 4 बजे, मेरे मम्मों में फिर से दर्द शुरू हो गया। दूध जमा होने की वजह से मेरे स्तन भारी और कड़क हो गए थे। मैंने प्रसाद को जगाने की कोशिश की, लेकिन वो गहरी नींद में था। मेरी कमीज के सामने गीले दाग बन गए थे, क्योंकि दूध अपने आप टपक रहा था। मैंने वॉशरूम जाकर दूध निकालने का सोचा, लेकिन वहाँ कुछ आवारा लड़के बैठे थे, जो मुझे घूर रहे थे। मैं डर के मारे वापस अपनी सीट पर आ गई।

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मेरी हलचल से राहुल की नींद खुल गई। उसने मुझे परेशान देखा और पूछा, “भाभी, क्या हुआ? आपको कुछ चाहिए?” मैंने ना में सिर हिलाया, लेकिन मेरी हालत देखकर उसे कुछ समझ आ गया। उसने फिर पूछा, “भाभी, बिंदास बोलो न, क्या बात है?” मैं हिचकिचा रही थी, लेकिन दर्द इतना बढ़ गया था कि मैंने हिम्मत जुटाई।

“राहुल, मेरे मम्मों में बहुत दर्द हो रहा है। दूध ज्यादा जमा हो गया है, और प्रसाद पी नहीं रहा। मैं वॉशरूम भी नहीं जा सकती, वहाँ कुछ बदमाश लड़के हैं। मेरे पास खाली बोतल भी नहीं है। अगर राजेश होते, तो वो मेरा दूध पीकर मुझे राहत दे देते। लेकिन तुम मेरे देवर हो… क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो?” मैंने शर्माते हुए कहा। मेरी आवाज में हल्की सी कँपकँपी थी।

राहुल ने एक पल के लिए मेरी आँखों में देखा, फिर बोला, “भाभी, आप मुझे पराया मत समझो। मैं आपकी मदद करूँगा। आप कमीज उतार दो, वरना दाग और बढ़ जाएँगे। शादी में भी जाना है, जल्दी करो।” मैंने हल्की सी शरम के साथ कहा, “राहुल, पहले लाइट ऑफ कर दो।” उसने तुरंत लाइट बंद कर दी।

अंधेरे में मैंने अपनी कमीज पूरा उतार दिया। मेरी ब्रा भी गीली हो चुकी थी, तो मैंने उसे भी नीचे सरका दिया। मेरे भारी, दूध से भरे मम्मे अब पूरी तरह नंगे थे। राहुल मेरी गोद में सिर रखकर लेट गया। उसने एक मम्मा अपने हाथ में लिया और दूसरे को मुँह में डाल लिया। जैसे ही उसने चूसना शुरू किया, मेरे मम्मे से दूध की धार निकली। “आह्ह… राहुल… धीरे…” मेरे मुँह से सिसकारी निकल गई। उसका गर्म मुँह मेरे निप्पल पर था, और उसकी जीभ मेरे कड़क निप्पल को सहला रही थी।

“भाभी, आपका दूध तो बहुत मीठा है,” राहुल ने चूसते हुए कहा। उसकी आवाज में मस्ती थी। “रोज पिलाओगी न?” मैंने हँसते हुए कहा, “चल बदमाश, पहले आज तो पी ले। रोज की बात बाद में करेंगे।” वो हँसा और फिर मेरे मम्मे को चूसने में जुट गया। उसका एक हाथ मेरे दूसरे मम्मे को दबा रहा था, और दूध की बूँदें उसकी उंगलियों से टपक रही थीं। “उम्म… आह्ह…” मैं सिसकार रही थी। उसका चूसना इतना जोरदार था कि मेरे पूरे शरीर में करंट सा दौड़ रहा था।

मैंने उसके बालों में उंगलियाँ फिराईं, जैसे वो मेरा बच्चा हो। लेकिन मेरी चूत अब पूरी तरह गीली थी। उसका खड़ा लंड मैं उसकी पैंट में साफ देख सकती थी। करीब 15 मिनट तक उसने मेरा एक मम्मा चूस-चूस कर खाली कर दिया। मेरे दर्द में थोड़ी राहत मिली। फिर वो रुका और मेरी तरफ देखने लगा। मैं समझ गई कि वो दूसरा मम्मा भी चूसना चाहता है। मैंने बिना कुछ कहे अपना दूसरा मम्मा उसके मुँह में दे दिया।

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“आह्ह… राहुल… ओह्ह… धीरे कर ना…” मैं सिसकार रही थी। उसका चूसना अब और जोरदार हो गया था। वो मेरे निप्पल को हल्के से काट रहा था, जिससे मेरी चूत में आग सी लग रही थी। मैंने अपने पैरों को आपस में रगड़ा, क्योंकि मेरी चूत अब पूरी तरह गीली थी। उसका लंड भी पैंट में तनकर और बड़ा लग रहा था। “राहुल… तू तो बहुत बदमाश है… आह्ह… ऐसे चूस रहा है जैसे भूखा हो,” मैंने शरारत से कहा। वो हँसा और बोला, “भाभी, तुम्हारी चूचियाँ इतनी मस्त हैं कि भूख अपने आप लग जाती है।”

मैंने उसकी पैंट की तरफ देखा और बोली, “ये क्या हाल बना रखा है? तेरा लंड तो पूरा तन गया है।” वो शरमाते हुए बोला, “भाभी, तुम्हारी चूचियों का जादू है।” मैंने हल्का सा हँसकर कहा, “चल, पहले मेरा दर्द तो कम कर दे।” वो फिर मेरे मम्मे चूसने में जुट गया। उसकी जीभ मेरे निप्पल को चाट रही थी, और कभी-कभी वो हल्के से काट लेता। “आह्ह… उफ्फ… राहुल… तू तो मेरा दूध पूरा निकाल देगा…” मैं सिसकार रही थी। मेरी चूत अब इतनी गीली थी कि मेरी सलवार में भी दाग बनने लगा था।

करीब 20 मिनट बाद उसने मेरा दूसरा मम्मा भी खाली कर दिया। मैंने राहत की साँस ली। मेरे मम्मे अब हल्के हो गए थे, और दर्द भी कम हो गया था। “भाभी, तुम्हारा दूध पीकर पेट भर गया। इतना मीठा है… रोज पिलाओगी न?” राहुल ने मासूमियत से पूछा। मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ राहुल, लेकिन ये बात हमारे बीच ही रहनी चाहिए। किसी को मत बताना।” वो बोला, “पक्का भाभी, ये हमारा राज रहेगा।”

मैंने उसकी पैंट की तरफ इशारा करते हुए कहा, “राहुल, तेरा लंड अभी भी खड़ा है। क्या करूँ इसका?” वो हँसते हुए बोला, “भाभी, तुम्हारी चूचियाँ देखकर तो बूढ़े का लंड भी खड़ा हो जाए।” मैंने हल्का सा थप्पड़ उसके कंधे पर मारा और कहा, “चल झूठा!” वो मेरी गोद में लेट गया, और मेरे एक मम्मे को होंठों में दबाकर सो गया। मैंने भी आँखें बंद कर लीं, लेकिन मेरी चूत में अभी भी आग लगी थी। मैंने सोचा कि शादी के बाद राहुल से जरूर चुदवाऊँगी।

हम लखनऊ पहुँच गए। शादी की धूमधाम में दिन बीत गए, लेकिन राहुल अब मेरा दूध रोज पीने लगा। वो मेरे निप्पल को हल्के से खींचता, जिससे मेरी चूत में हर बार सनसनी दौड़ जाती। उसकी हरकतें मुझे और उत्तेजित कर रही थीं। अब मैं उससे चुदवाने की सोच रही हूँ। मेरी अगली कहानी में मैं आपको बताऊँगी कि कैसे राहुल ने मेरी चूत की प्यास बुझाई। आप इस कहानी पर अपने विचार जरूर बताएँ।

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